चाचा भतीजी की प्यार भरी चुदाई
नमस्कार दोस्तो, मैं आपको अपनी एक कहानी बताने जा रही हूं. मुझे ये कहानी बताने में थोड़ा अजीब लग रहा है लेकिन ये मेरी अपनी कहानी है इसलिए मैं आपको बता रही हूं.
नमस्कार दोस्तो, मैं आपको अपनी एक कहानी बताने जा रही हूं. मुझे ये कहानी बताने में थोड़ा अजीब लग रहा है लेकिन ये मेरी अपनी कहानी है इसलिए मैं आपको बता रही हूं.
नमस्कार, मेरा नाम सुनीता है. मैं एक हाउसवाइफ हूँ लेकिन दिखने में बहुत सेक्सी हूँ. मैं अपने घर का सारा काम करती हूँ. और जो गुण एक संस्कारी बहू में होनी चाहिए वो सारे गुण मेरे अन्दर हैं.
जैसे ही वो उठी तो उसकी गांड मेरी तरफ थी जो बहुत ही बड़ी थी. मुझसे रहा न गया और मैंने उसकी गांड पर एक जोर का थप्पड़ मार दिया.
जो कहानी मैं आप लोगों को सुनाने जा रहा हूं वह केवल एक कहानी नहीं है बल्कि एक सच्चाई है. मैं आज आपको अपनी बुआ की कहानी बताऊंगा जो मेरे ताऊ जी के साथ हुई एक सच्ची घटना है. आगे बढ़ने से पहले मैं आपको अपनी बुआ और ताऊ जी के बारे में कुछ बता देना चाहता हूँ.
फिर उसने मुझे अपने ऊपर ले लिया और मैं ऊपर नीचे होकर अपनी गांड चुदवाती रही.
मेरी गर्लफ्रैंड है पर हम चुम्मा चाटी के अलावा कुछ कर नहीं पाए। गाँव गया तो ताऊ की बहू यानि चचेरी भाभी से मेरी दोस्ती हो गयी. यह दोस्ती आगे भाभी की चूत चुदाई तक गयी.
उन्हें इस बात की खुशी थी की रोहन का रिश्ता हो जाएगा तो शायद रोहन भी अपनी जिम्मेदारियों को समझने लगेगा। मैंने जब मनमोहन जी और अपने मामा की मुलाकात करवाई तो वह लोग आपस में एक दूसरे से बात करने लगे। मामा जी ने रोहन के बारे में उन्हें सब कुछ बता दिया था और कुछ ही दिनों बाद मनमोहन जी ने काजल की मां को भी अपने पास बुला लिया। काजल से मैं पहली बार ही मिला था उसकी तस्वीर देख कर वह बहुत अच्छी लग रही थी और असल में भी वह बहुत सुंदर थी। उसके भाग्य की वजह से शायद उसकी शादी नहीं हो पाई थी परंतु अब मामा जी और काजल की मां के बीच पूरी बातचीत हो चुकी थी जिस वजह से वह काजल की शादी रोहन से करवाने को तैयार हो चुकी थी। मामा जी भी बहुत खुश थे मामा जी ने मुझे कहा कि यह सब तुम्हारी वजह से ही हो पाया है। मैंने मामा जी से कहा ऐसी कोई बात नहीं है मुझे भी रोहन की चिंता रहती है इसीलिए तो मैंने आपको काजल के बारे में बताया फिर काजल और रोहन की शादी बड़े धूमधाम से हुई। काजल और रोहन की शादी के बाद रोहन के चेहरे पर बड़ी मुस्कुराहट रहती। मैंने उससे पूछा तुम बड़े खुश रहते हो? वह मुझे शर्माते हुए कहने लगा भैया पूछिए मत बस मैं ही जान सकता हूं कि मैं कितना खुश हूं। मैंने उसे कहा लेकिन मुझे भी तो बताओ तुम्हारी खुशी का राज क्या है उसने मुझे कुछ नहीं बताया लेकिन मुझे उसकी खुशी का राज उस वक्त पता चला जब मेरे काजल के साथ अंतरंग संबंध बने। काजल और रोहन हमारे घर पर आए हुए थे वह लोग जब हमारे घर पर आए तो मैंने काजल की तरफ अपनी प्यासी नजरों से देखना शुरू किया तो काजल भी मचलने लगी।
हैलो… मेरा नाम माधवी है, मेरे घर के पास में एक फैमिली किराए से आकर रहने लगी. उनकी अभी अभी शादी हो कर आई थी, उनके पति ट्रक चलाते थे. वो हफ्ते पन्द्रह दिन में एक बार ही आ पाते थे. उनकी नई नई शादी हुई थी. भैया जी ने नए घर में शिफ्ट होते समय पूरा एक माह घर में बिताया था और आज काम पर निकल पड़े.
फिर उसने कराहते हुए बोला- देव आज मैं आपकी हो गई हूं … आज आप मुझे अपनी पत्नी बना कर प्यार करो.
फिर मैं शबाना से लिपट गया और उसको किस करने लगा. वो भी मेरा साथ देने लगी. मैं और शबाना बहुत गरम हो गए थे. मैंने उसकी शर्ट के बटन खोल दिए, उसने अन्दर लाल रंग की ब्रा पहनी हुई थी. क्या मस्त माल लग रही थी.
Kamukta, मैं उम्र के 63 वर्ष में प्रवेश कर चुका था मुझे रिटायर हुए अभी 3 वर्ष ही हुए थे रिटायर होने के बाद मैं अपनी पत्नी हेमा के साथ अपने घर पर कुछ फुर्सत के पल बिताया करता क्योंकि हम दोनों को एक दूसरे के लिए कभी समय ही नहीं मिल पाया। जब मेरी हेमा से शादी हुई थी उस वक्त मेरी उम्र 21 वर्ष थी और हेमा की उम्र 20 वर्ष थी हेमा मुझसे 1 वर्ष छोटी थी। जब हम दोनों की शादी हो गई तो उसके बाद हेमा ने सारी जिम्मेदारियों को अपने कंधों पर ले लिया कई बार वह मेरी मां की डांट भी खाया करती थी। उस वक्त हेमा समझदार ना थी और कहीं ना कहीं उसके अंदर बचपना तो था ही हेमा मुझे हमेशा कहती की आप घर का कितना ख्याल रखते हैं। घर में मैं ही एकलौता था इसलिए सारा दारोमदार मेरे ऊपर ही था मेरे पिताजी की मृत्यु बहुत ही जल्द हो गई थी।
मेरा नाम तरुण है, मैं अहमदाबाद का रहने वाला हूँ. मैं 23 साल का हूँ, अच्छा पढ़ा लिखा हूँ, और वेल सेटलड हूं. आप सभी ने मेरी कहानी पढ़ी है. आप सभी को मेरी कहानी
ये बात हमसे खुद विनय ने बताई | फिर एक दिन जब भैया कहीं बाहर गए थे विनय ने अपने भाभी को खूब चोदा विनय की भाभी तो उससे पट ही गई थी तो विनय अपनी भाभी को रोज चोदता था | ये बात विनय के भैया को पता नहीं थी | लेकिन एक दिन विनय के भैया काम से जल्दी घर आ गये तो उन्होंने विनय को अपनी पत्नी के साथ किस करते हुए पकड़ लिया | उसके बाद उसके भैया ने भी उसे खूब मारा और घर से बाहर निकाल दिया | फिर विनय अलग रहने लगा | उसके बाद विनय अपनी कम्पनी की मुरमुरे पैक करने वाली भौजी को लाइन मारने लगा और सबसे कहने लगा कि अब इस भौजी को पटा के चोदना है | और ये रोज उस भौजी को लाइन मारता था लेकिन इस बार कुछ नहीं हो रहा था तो विनय ने आ के हम लोग से बताया कि यार ये भौजी तो भाव ही नहीं दे रही है | मेरी तरफ देखती भी नहीं है | मैं उसे कितना देखता हूँ और सीटी भी मारता हूँ तब भी नहीं देखती है |
हम थोड़ी देर और चुंबन और मसाज़ का खेल खेलते रहे. फिर मैं दीदी के पज़ामे के नाड़े को खोल ही रहा था कि दीदी ने मना कर दिया.
इसके लिए मैंने मोहन से मिलने की बात कही तो रूपा तैयार हो गई और मैंने मोहन से कहा देखो मोहन मुझे तुमसे कोई भी परेशानी नहीं है लेकिन मैं चाहता हूं कि रूपा पहले अपनी जिंदगी में कुछ कर ले वह अपने पैरों पर खड़ी हो जाए उसके बाद तुम दोनों शादी कर लो मुझे तुम्हारे रिश्ते से कोई आपत्ति नहीं है। मोहन कहने लगा बाबूजी रूपा आपको बहुत ज्यादा मानती है और आपका बहुत सम्मान करती है इसलिए पहले वह कुछ कर ले उसके बाद हम लोग अपने रिश्ते के बारे में सोचेंगे। यह कहते हुए मोहन घर से चला गया जब मोहन चला गया तो उसके बाद रूपा मुझे कहने लगी बाबू जी आप मुझसे कितना प्यार करते हैं मैंने सब सुन लिया था। वह मेंरे गले लग कर के कहने लगी मैं आपको छोड़कर कभी नहीं जाऊंगी मेरी आंखों में आंसू आ चुके थे और मुझे इस बात का अंदाजा लग चुका था कि वह दोनों एक दूसरे से कितना प्यार करते हैं। मैं भी उन दोनों के रिश्ते के बीच में नहीं आना चाहता था रूपा भी पूरी मेहनत करने लगी और उसकी बीएड की पढ़ाई पूरी हो चुकी थी उसके बाद उसका सिलेक्शन एक अच्छे स्कूल में हो गया। रूपा इस बात से बहुत खुश थी और कुछ ही समय बाद मैंने मोहन के साथ रूपा की शादी कर दी मुझे कभी अकेलापन सा महसूस होता था लेकिन रूपा को तो जान ही था। मैं दिन रात सिर्फ इसी चिंता में लगा रहता की जब रूपा की शादी हो जाएगी तो उसके बाद मैं कैसे अपना जीवन अकेले व्यतीत करूगा शायद मेरी किस्मत में हमारे पड़ोस में रहने वाली कल्पना भाभी थी। वह मुझे तिरछी निगाहों से देखती रहती थी एक दिन मैंने उन्हें अपने पास बुलाया तो हम दोनो ने काफी देर तक बात की उनके पति का देहांत हो चुका था वह भी अकेलेपन से जूझ रही थी। मैं उनकी पीड़ा को समझ सकता था वह मेरी पीड़ा को समझ सकती थी हम दोनों एक दूसरे से जब भी बात करते तो बहुत अच्छा लगता।
नौकरानी की चुदाई की कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरे घर वालों ने एक आंटी को काम पर रखा. लेकिन मैंने उसे ही सेट कर लिया. अन्तर्वासना आंटी सेक्स स्टोरी का मजा लें.
hindi sex story गरिमा की शादी की पूरी तैयारियां हो चुकी थी उसके घर में रंग बिरंगी लड़ियाँ लगी हुई थी और घर पूरी तरीके से चमक रहा था हमारे घर से गरिमा का घर साफ दिखाई दे रहा था इसलिए मैं गरिमा के घर को देख पा रही थी। मुझे बहुत खुशी थी कि गरिमा की शादी होने जा रही है और उसके चेहरे पर भी कहीं ना कहीं इस बात की खुशी थी कि उसके मनपसंद का लड़का उसे मिलने जा रहा है। मैं जब गरिमा से मिलने के लिए गई तो गरिमा के घर में पकवानों की खुशबू और मसालेदार खाने से घर पूरी तरीके से महक चुका था और घर में खुशनुमा माहौल बना हुआ था। मैं जब गरिमा से मिली तो गरिमा कहने लगी काजल आखिरकार तुम्हे समय मिल गया मैं तुम्हारा इंतजार कब से कर रही थी और तुम अब जाकर आ रही हो। मैंने गरिमा से कहा यार सॉरी आने का समय नहीं मिल पाया, मैं भी उस वक्त क्या कहती मेरे पास कोई जवाब नहीं था।
हेलो फ्रेंड मेरा नाम अलीशा है और मैं पंजाब मे रहती हू मेरी एज 19 है और मेरा रंग बहुत ही सॉफ है बॉडी अभी इतनी अछी नही है तो मैं ज़्यादा टाइम ना लेते हुए स्टोरी पर आती हू ये मेरी पहली स्टोरी है उम्मीद हैं आप सबको पसंद आएगी
मैं एकदम से चौंक गया और उनसे पूछने लगा कि अरे आपने मुझे पहले बताया ही नहीं . अभी आप कहां हो?
antarvasna अपनी पत्नी के तानों से परेशान होकर उसे फिल्म ले जाने का वादा मुझे पूरा करना ही पड़ा काफी समय से वह मुझसे कह रही थी कि तुम मुझे मूवी दिखाने के लिए ले चलो। उसके पसंदीदा हीरो की फिल्म जो लगी थी और वह चाहती थी कि वह रिलीज के पहले ही दिन अपने पसंदीदा हीरो की पिक्चर देखने के लिए जाए लेकिन मैं उसे कई दिनों से टालने की कोशिश कर रहा था क्योंकि मुझे फिल्मों में बिल्कुल भी रुचि नहीं है। वह हो एक दिन मुझ पर बहुत गुस्सा हो गयी और कहने लगी आपको आज मुझे पिक्चर दिखाने के लिए लेकर जाना ही पड़ेगा। मैं भी उसे मना ना कर सका और आखिरकार उसकी बात को मुझे मानना ही पड़ा क्योंकि वह मुझसे बहुत गुस्सा हो गई थी।
मैंने उसके दोनों मम्मों को चूस चूस कर कड़क कर दिया. तभी उसने मेरे लंड को हाथ में ले लिया. मेरा लंड 7.5 इंच का है और मोटा भी खीरे जैसा है. उसने मेरे लंड को मुँह में ले लिया और चूसना चालू कर दिया. उसने क्या कमाल से मेरे लंड को चूसा था कि मन मस्त हो गया.
मेरा नाम सरला है और मेरी उम्र 38 साल की है. मूल रूप से मैं राजस्थान के बीकानेर में एक छोटे से गाँव की रहने वाली हूँ. मेरे परिवार में मेरे माता-पिता के अलावा मेरा एक छोटा भाई भी है.
अब मैं मधु से मिलना चाहता था मैंने उससे कहा मैं तुमसे मिलने के लिए चंडीगढ़ आ रहा हूं, वह मुझे कहने लगी कि लगता है आप मजाक कर रहे हैं। उसे मेरी बात मजाक ही लग रही थी परंतु मैं उससे मिलने के लिए बहुत सीरियस था और मैं उससे मिलने के लिए चंडीगढ़ चला गया, जब मैंने चंडीगढ़ पहुंच कर उसे फोन किया तो उसे तब भी यह बात मजाक ही लग रही थी उसे मुझ पर भरोसा नहीं हो रहा था, मैं जब मधु से मिला तो वह मुझसे मिलकर बहुत खुश हो गई, वह कहने लगी मुझे तो लगा ही नहीं था कि आप मुझसे मिलने आ जाएंगे, मेरे लिए तो यह एक सपने जैसा है। मैंने मिलते ही मधु को गले लगा लिया वह भी मुझसे गले लग गई हम दोनों कुछ देर तक साथ में बैठे रहे लेकिन मुझे मधु के साथ कहीं अकेले जाना था। मैने जिस होटल में रूम लिया था उसी होटल में मैं मधु को अपने साथ ले आया उसे मेरे साथ आने में कोई तकलीफ नहीं हुई वह मेरे साथ आई तो बहुत खुश नजर आ रही थी। मैंने मधु को बंद कमरे में किस किया तो उसकी नजरें झुक गई उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और वह भी मुझे किस करने लगी हम दोनों ने एक दूसरे को काफी देर तक किस किया।