पड़ोसन आंटी की गर्म चुदाई – Part 2
उसके बाद मैंने आंटी की नाइटी को उतार कर उनको नंगी कर दिया.
उसके बाद मैंने आंटी की नाइटी को उतार कर उनको नंगी कर दिया.
अंकल ने मेरे नाल पकड लिए और मुझे ऊपर की और खिंच लिया. और वो मुझे किस करने लगे और एक ही ज़टके में उन्होंने मेरी टी शर्ट को उतार दिया. मेरी ब्रा भी निचे कर के वो मेरे बूब्स को चूसने लगे सेक्सी आवाजों के साथ. वो निपल्स को पिंच करते हुए मेरे बूब्स को मजे से लिक कर रहै थे.
ऑफिस से छूटते ही मैंने कैब ले ली और घर आ पहुंची. मैंने किसी से लिफ्ट नहीं ली थी … क्योंकि मास्टर का आदेश था. एक घंटे पहले उसका मैसेज आया था.
मैंने उसकी पैंटी को उसकी चूत से अलग कर दिया. भाभी की चूत एकदम चिकनी और बला की खूबसूरत थी. चूत पर एक भी बाल नहीं था. भाभी की गोरी-गोरी जाँघों में उसकी चूत फड़क रही थी.
बीवी की सहेली की देसी सेक्स स्टोरी में पढ़े कि कैसे उसने मुझे रिझा कर अपनी चूत मारने के लिए मुझे उकसाया. मैंने उसे अपने घर लाकर कैसे उसकी चूत चुदाई की?
मैं बहुत ज्यादा खुश था और मेरी खुशी का ठिकाना ना था लेकिन सिमरन की सगाई हो चुकी थी और उसके बाद लड़के ने उसे ठुकरा दिया था जिस वजह से सिमरन ने मेरे साथ सगाई करने से मना कर दिया। मैंने उसके माता-पिता से भी बात की थी लेकिन वह कहने लगे बेटा हम बिना सिमरन के इजाजत के कैसे किसी के साथ उसकी शादी कर दें। मैंने जब यह बात बाबू जी को बताई तो वह कहने लगे कि बेटा जरूर सिमरन से तुम्हारी शादी हो जाएगी और मैं इसी आस में था कि मेरी शादी सिमरन से हो जाए और आखिरकार सिमरन मेरी बात मान गई। जब सिमरन मेरी बात मानी तो हम दोनों की सगाई हो चुकी थी अब हम दोनों जल्दी एक दूसरे से शादी करने वाले थे और जब हम दोनों की शादी हो गई तो मुझे बहुत खुशी हुई कि मेरी शादी सिमरन से हो चुकी है। शादी की पहली रात जब सिमरन के साथ मैं कमरे में था तो मै खुश था। मैने सिमरन से बात की मेरा लंड उसे देखकर हिलोरे मार रहा था मैं चाहता था कि उसे उसी वक्त चोदू लेकिन सिमरन के भी कुछ अरमान थे मैं उन्हें जानना चाहता था और पहली रात में यादगार बनाना चाहता था। इसके लिए मैंने पूरी तैयारी कर रखी थी मैंने अपनी जेब में सरसों की तेल की शीशी रखी हुई थी। जब मैंने उसके हाथ को पकड़ना शुरू किया तो वह भी समझ गई कि अब मेरी चूत मारी जाने वाली है और इसी के साथ उसने अपने आप को मेरे आगे समर्पित कर दिया। वह बिस्तर पर लेट गई थी मैं उसके लिपस्टिक लगे होठो का रसपान करें जा रहा था। मैंने काफी देर तक उसके लिपस्टिक लगे होठों को चूसना जारी रखा जिससे कि मैं पूरी तरीके से जोश में आ चुकी थी और काफी देर तक मैंने उसके साथ किस का आनंद लिया। मैंने अब धीरे धीरे उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिए वह पूरे लाल जोड़े में थी और उसने पेंटी ब्रा भी लाल रंग की पहनी हुई थी।
अब हम दोनों ही घर पर रह गए थे हम दोनों एक-दूसरे का पूरी तरीके से ख्याल रखा करते जब हेमा को कोई तकलीफ होती तो मैं उसे तुरंत अस्पताल लेकर चला जाया करता था। एक दिन मेरे पुराने मित्र घर पर आए हुए थे और वह हमसे बात कर रहे थे हम लोग अपने जीवन में बीते हुए पुराने दिनों को याद कर रहे थे उनसे बात करना मुझे अच्छा लगा काफी समय बाद मेरी उनसे मुलाकात हो रही थी क्योंकि अब वह भी घर से बाहर नहीं जाते हैं। वह मुझे कहने लगे कि हरीश मैं काफी दिनों से सोच रहा था कि तुमसे मिलने के लिए आऊं लेकिन मैं तुमसे मिलने के लिए आ ही नहीं पाया परंतु आज मैंने फैसला कर लिया था कि मैं तुमसे मिलने घर पर ही जाऊंगा। हम लोग आपस में बात कर रहे थे तभी मेरी पत्नी है आई और कहने लगी आप लोग क्या बात कर रहे हैं हम लोग अपने पुराने दिनों की बात कर रहे थे। वह मुझे कहने लगे आज भी पुराने दीन याद आते है वह चूत मारने के शौकिन थे। उन्होने जब मुझे एक हुस्न से लबरेज लडकी की फोटो दिखाई तो मजा आ गया मैंने पूछा इसका नाम क्या है तो वह कहने लगे इसका नाम कमला है। मैंने उन्हें कहा आप मुझे भी कमला के हुस्न को भोगने का मौका दिलवाइए। वह कहने लगे कैसी बात कर रहे हो यार क्यों नहीं आखिर हमारी इतनी पुरानी दोस्ती जो है मैं अभी कमला को फोन किए देता हूं और उसे कह देता हूं कि वह तुमसे मिलने के लिए आ जाए। तुम बस उसके रूप के अनुसार उसे पैसे दे देना। मैंने कहा क्यों नहीं मैं जरूर उसे पैसे दे दूंगा और मुझे मेरे दोस्त ने कमला का नंबर दे दिया था। मुझे जब कमला का नंबर मिला तो मुझे उससे बात करने में अच्छा लग रहा था काफी दिनों तक तो हम लोग आपस में बात करते रहे लेकिन जब मुझे मौका मिला तो मैंने एक दिन कमला को घर पर बुला लिया।
सभी को मेरा नमस्ते, मेरा नाम रॉकी है, मेरी उम्र चौबीस साल है और मैं महाराष्ट्र का रहने वाला हूँ.
मैं एकदम से चौंक गया और उनसे पूछने लगा कि अरे आपने मुझे पहले बताया ही नहीं . अभी आप कहां हो?
अब तक रात के 12 बज गए थे. मैंने बुआ से बोला- आप सो जाइए, मैं भी थोड़ी देर में सो जाऊंगा.
मुझसे रहा नहीं जा रहा था। इतने दिन बाद मैं सच में दी को चोदूंगा।
फिर उसने मुझे अपने ऊपर ले लिया और मैं ऊपर नीचे होकर अपनी गांड चुदवाती रही.
फिर मैंने अपने लंड को हाथ से पकड़ कर आतिशा की चुत के ऊपर सैट किया और सुपारे को चूत की फांकों में फंसा कर अन्दर पेल दिया. उसकी हल्की सी आह निकली लेकिन मैं रुका नहीं और इसके बाद मैंने अपने लंड को उसकी चुत में एक हल्के से झटके के साथ अपनी कमर को हिलाया. मेरे ऐसा करने पर वो जोर से चिल्ला दी.
जैसे ही वो उठी तो उसकी गांड मेरी तरफ थी जो बहुत ही बड़ी थी. मुझसे रहा न गया और मैंने उसकी गांड पर एक जोर का थप्पड़ मार दिया.
हम दोनों ने रास्ते में ही खाना खा लिया था. उसने रास्ते में अपनी बाइक रोकी तो मैंने पूछ लिया कि आपने बाइक क्यों रोक ली?
यह सिस्टर सेक्स स्टोरी मेरी पहली और सच्ची कहानी है, अगर कोई गलती हो तो माफ़ करना।
पर इतने में मैंने अपने होंठ उसकी गुलाबी चूत की पंखुड़ियों पर रख दिए. मैं उसकी चूत के दाने को जोर जोर से चाटने लगा और बीच बीच में दांत से हल्के से काट भी लिया. जिससे उसकी आआहह निकल जाती.
फिर उन्होंने अपने लंड को कोमल की गांड पर सटा कर एक जोर के झटका मारा और कोमल के मुख से एक जोर की आवाज निकली ‘आआह्हह … माँआआ …’
antarvasna, hindi sex story मैं एक बड़ा ही आलसी व्यक्ति हूं मुझे कोई भी काम करना बिल्कुल पसंद नहीं है इसी वजह से मेरी तबीयत खराब हो गई और मुझे डॉक्टर ने कहा कि आप सुबह शाम टहलने के लिए जाइये तभी आप ठीक हो पाएंगे, मेरी दवाइयां भी चल रही थी और अब मैं सुबह के वक्त टहलने जाने लगा, जब मैं सुबह टहलने जाता था तो उस वक्त मुझे एक लड़की हमेशा दिखाई देती थी मैं अपने घर के पास ही पार्क में जाया करता था वह भी हर सुबह वहां आया करती थी। मैं अकेला ही जाया करता था और मैं जब टहलने जाया करता था तो उस लड़की की नजरें सिर्फ मुझे ही देख रही होती थी मुझे ऐसा लगता कि जैसे वह मुझसे बात करना चाहती है लेकिन मैंने भी उससे कभी बात नहीं की, कुछ दिनों बाद मेरी तबीयत दोबारा से खराब हो गई और मैं कुछ दिनों तक सुबह जोगिंग पर नहीं गया मैं घर पर ही आराम कर रहा था मेरा काम मेरा भाई ही संभालता था, वह मुझसे छोटा है लेकिन उसकी शादी हो चुकी है, मैंने अभी तक शादी नहीं की है क्योंकि पहले मैं एक लड़की से प्रेम करता था परंतु उसकी शादी कहीं और हो गई उसके बाद से मैंने कभी किसी लड़की के बारे में नहीं सोचा और कुछ दिनों तक मैं घर पर ही था।
दोस्तो, मेरा नाम सविता सिंह है, मैं हरियाणा में रहती हूँ, 27 साल की शादीशुदा औरत हूँ। मेरी शादी हो गई है इसलिए अपने लिए औरत शब्द का इस्तेमाल कर रही हूँ, वरना लड़कपन तो मुझमें अभी भी बहुत है। आज भी मैं बच्चों जैसे चुलबुली हरकतें करती हूँ, इसी लिए अपने मायके और ससुराल में सबको प्यारी लगती हूँ।
दोपहर का एक बज चुका था, सौरभ ने मालिश कराने की इच्छा जताई, मालविका भी तैयार हो गयी। सोनाली उन लोगों से घुली मिली थी तो उसने सौरभ के कपड़े खुद उतार दिए। सौरभ सिर्फ चड्डी में लेटा हुआ था, बाकी हम तीनों ने अपने कपड़े खुद उतारे।
शुरू से जवान होने तक मेरी बहुत सारी ऐसी यादें हैं जिनके बारे में मुझे पता नहीं था कि मैं खेल खेल में ही, अनजाने में सेक्स सीख रही थी. वो सब खेल ही थे, जो हम सबको सेक्स का पाठ पढ़ाते हैं.
जब शादी में पहुँचा तो माँ अभी तक मार्किट से नहीं आई थी। मैंने मम्मी को फ़ोन किया तो उन्होंने बताया कि मेरी किसी दूर की बुआ के साथ अभी भी मार्किट में है, आधा घंटा लगेगा अभी।
हाय दोस्तो, मेरा नाम राज है और मैं पुणे महाराष्ट्र का रहने वाला हूँ. ये मेरी पहली कहानी है. मेरी उम्र 25 साल की है. इस कहानी को हुए 3 साल हो गए हैं. न जाने कब से मुझे अपनी कहानी आपसे साझा करनी थी, पर कर ही नहीं पाया.
मैं एक दिन विजय को फोन करता हूं विजय मेरे साथ पुणे में पढ़ाई करता था लेकिन अब हम दोनों की पढ़ाई पूरी हो चुकी है। मैंने तो पुणे में ही अपनी नौकरी ज्वाइन कर ली है लेकिन विजय अब चंडीगढ़ चला गया है जब मैंने विजय को फोन किया तो पहले किसी ने फोन नहीं उठाया लेकिन जब मैंने दूसरी बार कॉल किया तो सामने से किसी लड़की की आवाज आई मैंने उसे कहां आप कौन बोल रहे हैं। वह कहने लगी मैं विजय की बहन पायल बोल रही हूं मैंने पायल से कहा मुझे विजय से बात करनी थी तो पायल कहने लगी यह नंबर तो भैया ने मुझे दे दिया है और अब यह नंबर मेरे पास है। मैं आपको भैया का दूसरा नंबर दे देती हूं लेकिन अभी वह शायद आपसे बात नहीं कर पाएंगे क्योंकि आज उनके ऑफिस में कुछ जरूरी मीटिंग थी इसलिए उन्होंने आज मुझे भी फोन करने से मना किया था।