दोस्तो, मेरा नाम गुल्लू है।
मैं इलाहबाद में अपना स्टार्टअप चलाता हूँ और यहीं कटरा में रहता हूँ जहाँ कोई भी कभी भी आ जा सकता है। क्योंकि मेरा मकान मालिक इलाहाबाद के बाहरी साइड में नया घर बना कर रहता है।
जब मैं इलाहाबाद नया नया आया था तो मेरा पहला उद्देश्य ही केवल चुदाई के लिए एक लड़की देखना था क्योंकि मैं चुदाई का भूखा इंसान हूँ।
जल्दी ही एक प्राइवेट कंप्यूटर संस्थान में दाखिला लिया जहाँ मेरी मुलाक़ात एक लड़की से हुई जिसका नाम शिवानी था। जिसकी उम्र करीब 18-19 थी और फिगर भी मस्त था। देखने में तो सूंदर थी ही पर उसकी सबसे अच्छी बात यह थी कि उसके दूध बहुत बड़े बड़े थे। अब बस मेरा मन केवल अपने उद्देश्य पर टिका था… चुदाई।
धीरे धीरे कंप्यूटर कोचिंग में सब आपस में बात करने लगे थे, मैं भी सबसे बात करता था पर उससे बात करते समय काफी नर्वस हो जाता था।
एक दिन सबने मिल कर व्हॉट्सएप ग्रुप बनाने का सोचा और फिर सबके नम्बर एक दूसरे के पास पहुँच गए। ये तो ऐसा था जैसा मैंने सोचा कि कहीं से उसका नम्बर मिल जाये और नम्बर मिल गया।
पहले दिन सबने आपस में खूब बात की उसके दूसरे दिन मैंने उसको पर्सनल इनबॉक्स किया। आपस में ऐसे ही क्या करती को कहाँ पढ़ती हो वगैरह।
अभी तक सब मेरी तरह से चल रहा था, उसका उस तरह का रिस्पांस नहीं था कि चुदाई हो सके। अभी तक मैं ही सबसे पहले उसको मेसेज करता था वो सिर्फ मेरी बातों का जवाब भर देती थी। ऐसे ही करीब एक महीने तक चलता रहा।
अब मेरा दिमाग खराब होने लगा था क्योंकि मैं ये नहीं चाहता था कि मेरी इमेज क्लास में खराब हो या ऐसा कुछ हो इसलिए मैं उसे डायरेक्ट नहीं बोल सकता था कुछ!
एक दिन मैंने अपने दोस्त को सारी बात बताई और चुदाई का उद्देश्य भी। उसने मुझे 5 दिन के लिए गायब होने को बोला। मैंने मतलब पूछा तो उसने बोला कि मोबाइल, इंटरनेट, क्लास आना सब बन्द कर दे उसके बाद तुझे पता चल जायेगा कि उसके दिल में कुछ है या सिर्फ तेरे साथ टाइम पास करती है।
मैंने अगले दिन से कोचिंग जाना बन्द कर दिया। रात तक उसका कोई मेसेज नहीं आया। पर मैंने सोचा कि अब पक्का 5 दिन के लिए कहीं बाहर चला जाता हूँ वरना क्लास जाए बिना रहा नहीं जायेगा.
इसलिए मैं लखनऊ अपने दोस्त के यहाँ शादी में चला गया।
5 दिन बाद लौटा तो व्हाट्सएप वाला मोबाइल ऑन किया तो देखा कि ग्रुप के बहुत सारे मेसेज थे पर धीरे धीरे मेसेज दिन के हिसाब से बढ़ते जा रहे थे। जब तीसरे दिन के मेसेज आये तो मतलब मेरे कोचिंग जाने के बन्द करने के तीसरे दिन, उस दिन उसका ‘हेल्लो’ का मेसेज था। उसके बाद चौथे दिन में उसने लिखा कि ‘यार कहाँ गायब हो’ ये मेसेज देख के मैंने व्हाट्सएप ऑन कर दिया और जल्दी से उसका इनबॉक्स खोला तो उसके सारे मेसेज आ गए जिसमें ‘हाई हेल्लो’ यही सब भरा था बस इसके अलावा कोई खास मेसेज नहीं थे।
मुझे लगा शायद यहाँ मेरा मकसद पूरा नहीं होगा तो फिर मैंने फॉर्मल तरीके से उसके सारे मेसेज के रिप्लाई दिए।
अगले दिन जब कोचिंग गया तो मेरे दोस्त ने बताया कि वो सब से मेरे बारे में पूछ रही थी कि कहाँ है आज कल या बाहर कहीं गया है आज कल कोचिंग नहीं आता है।
ये सुन कर मेरे मन में एक उम्मीद की किरण जगी।
अब मैं रोज पहले की तरह बात करने लगा और अब मुझे पहले उसके मेसेज भी आने लगा तो लगने लगा कि काम बनेगा और चुदाई के अरमान पूरे होंगे। पर यह सोच सोच कर दिमाग खराब था कि इतने महीने हो गए अभी तक प्रपोजल तक भी बात नहीं पहुंची है आगे का पता नहीं क्या होगा पर मैं ये सोच सोच के संतोष कर लेता कि इंतज़ार का फल मीठा होता है।
न्यू इयर आने वाला था और मैंने सोच लिया था कि अब कुछ करना पड़ेगा और मैंने उस दिन कुछ न कुछ कदम उठाने की सोची।
नव वर्ष पर सब लोग आपस में एक दूसरे को विश कर रहे थे।
वो खुद मेरे पास आई और उसने मुझे विश किया तो मेरा तो पहले ही दिमाग खराब था मैंने उसको बोला कि मुझे तुमसे कुछ बात करनी है.
तो उसने बोला कि पहले विश का रिप्लाई तो दो।
मैंने उसे गुस्से में देखा और उसको बाथरूम साइड आने को बोला क्योंकि दोनों बाथरूम अगल बगल थे और दोनों का वाशबेसिन एक ही था।
मुझे पता नहीं उसने मेरे गुस्से का क्या मतलब समझ पर वो मेरे पीछे बाथरूम साइड आने लगी।
उसके आते ही मैंने उसे पकड़ के जोर जोर से किस करना शुरू कर दिया. यह देख वो एकदम घबरा गयी और मुझे उसने दूर झिड़क दिया और अपने होठों को हाथ से पोंछती हुए बोली- चूतिया हो का बे…
मैंने उसके मुख से ये सुना तो सच बोलूं तो मेरी गांड फट गयी. मैंने सोचा बेटा इज़्ज़त भी गयी और चूत भी।
उसने अपने होंठों को फिर से वाशबेसिन के सामने लगे शीशे के सामने सही करते हुए बोला कि जो चीजे प्यार करने के लिए होती है उनको प्यार से ही यूज़ करना चाहिए।
आहा! सच बोलूं तो यह सुनने के बाद मेरी जान में जान आई। अपने होंठों पर फिर से लिपिस्टिक लगाने के बाद वापस आते हुए उसने मेरे गाल खींचते हुए कहा कि शाम को बात करते हैं।
इतनी देर में मैं काफी कुछ समझ गया था, मुझे लगने लगा था कि ये पक्की खिलाड़िन है। तभी इतना नार्मल व्यवहार की कोई और होता था या तो चिपका ही रहता या शोर मचा देता।
उसके व्यवहार से ऐसा लगा कि वो मेरे से ज्यादा समझदार है… सबसे जरूरी कि चुदाई वो भी चाहती है।
अब मुझे बाकी सब फॉर्मेलिटी लग रहा था। इतना इशारा काफी था कि उसने कुछ हंगामा नहीं किया और बोली शाम को को बात करते हैं।
मैं ये सब सोच ही रहा था कि उसकी आवाज से मेरी सोच भंग हुई, बोली- तुम थोड़ी देर बाद बाहर आना, वरना किसी को शक हो सकता है।
मैं वापस पार्टी में आ गया पर अब मेरा मन पार्टी में नहीं था, शाम की बात में था। चुदाई दिमाग पर सवार थी इसलिए कोने में जाकर अकेले खड़े होके अन्तर्वासना की कहानियाँ पढ़ने लगा और उसके बाद पोर्न वीडियो डाउनलोडिंग में लगा कर पार्टी एन्जॉय करने लगा।
शाम को मैं उसका वेट कर रहा था। उसका मेसेज आया और बात होने लगी पहले तो ऐसे ही हुआ पार्टी दोस्ती वगैरह उसके बाद मैंने डायरेक्ट उससे पूछ लिया- क्या तुम मुझसे प्यार करती हो? उसने कहा- चूतिया तभी तो तुम मुझसे बात कर पा रहा है… वरना कोई और होता तो आज कोचिंग का आखिरी दिन होता।
उसका चूतिया बोलना मुझे खल रहा था, मैंने भी सोच लिया कि इसको अगर कुतिया न बनाया तो ज़िन्दगी झंड होगी।
इसके बाद मैंने उसको मिलने के लिए बोला तो उसने बोला कि सन्डे को या किसी दिन कोचिंग बंक करके आएगी मेरे फ्लैट पर।
सन्डे को फाइनल हुआ और वो मेरे साथ 2 बजे मेरे फ्लैट पर आ गयी। मैं तो आते ही शुरू होने वाला था पर उसने हाथ देकर रोक दिया।
थोड़ी देर में हम मेरे बेड पर बैठ कर बातें कर रहे थे और टीवी पर जो जो चल रहा था उसके बारे में डिसकस कर रहे थे। अब तक आधा घण्टा बेकार हो चुका था और ढाई बज चके थे।
मैं धीरे धीरे अपना एक हाथ उसके कन्धे पर ले जाने की कोशिश कर रहा था और एक उसके पेट पर वो भी अब धीरे धीरे मेरे कन्धे पर अपना सिर झुकाने लगी थी. अब हम दोनों इतना पास आ गए थे कि अगर एक दूसरे को देखे तो एक का दूसरे के गाल पर किश कर सकता था।
मैंने सोचा यही मौका है चौका मार जाए।