फिर मैं शबाना से लिपट गया और उसको किस करने लगा. वो भी मेरा साथ देने लगी. मैं और शबाना बहुत गरम हो गए थे. मैंने उसकी शर्ट के बटन खोल दिए, उसने अन्दर लाल रंग की ब्रा पहनी हुई थी. क्या मस्त माल लग रही थी.
मैंने ऊपर से ही उसके ब्रा को किस करना शुरू कर दिया, वो भी मेरा साथ दे रही थी. कुछ ही देर में मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया.
क्या मस्त मम्मे थे शबाना के.. लगता था जैसे कि 18 साल की कोई कच्ची कली हो, जिसकी कली अभी खिली ना हो.
मैंने उस कच्ची कली को चूसना शुरू कर दिया. कभी लेफ्ट बूब को तो कभी राईट बूब को चूसता. कुछ ही देर में शबाना बहुत ही गरम हो गई थी. उसकी बॉडी से आग सी निकल रही थी.
थोड़ी ही देर में मैंने अपना एक हाथ उसकी बुर में डाला ही था कि मानो उसको बिजली का करंट लग गया हो. मैंने अपनी एक उंगली उसकी बुर में डाल कर हिलाना शुरू कर दिया.
थोड़ी ही देर में उसने सिसकारी मारनी शुरू कर दी- आ आह.. आह.. आई आई.. मर गई.
फिर मैंने उसका जीन्स का पैंट नीचे किया और अपना लंड बाहर निकाला. मैंने उसको घोड़ी बन जाने के लिए कहा, वो बाथरूम की विंडो पकड़ कर घोड़ी बन गयी.. मुझे पता था कि लंड के अन्दर जाते ही ये आवाज़ करेगी. मैंने अपनी जेब से रुमाल निकाला और शबाना के मुँह में भर दिया, जिससे वो हल्ला ना कर सके.
अब मैंने अपना लंड सैट कर के उसकी चूत पर लगाया और एक ज़ोर का धक्का दे मारा. वो तो एकदम घोड़ी की तरह उछलने लगी, शायद उसका ये पहली बार था. पर मैंने भी उसको खड़े होने का मौका नहीं दिया. शबाना ने उठने की बड़ी कोशिश की, बार मेरे आगे नाकाम रही.
मैं उसकी कमर पकड़ कर उसको चोदता ही जा रहा था. करीब पांच मिनट की चुदाई करने के बाद शबाना भी मेरा साथ देने लगी. शायद अब उसे मज़ा आने लगा था. अब मैंने आगे हाथ बढ़ा कर उसके दूध थाम लिए और लंड की चोटें दनादन देने लगा. चुदाई का मंजर हम दोनों को ही अपार सुख दे रहा था.
चुदाई के बीच ही वो दो बार झड़ गयी थी. मैं भी अब झड़ने वाला था तो मैंने अपनी चुदाई की रफ़्तार और तेज कर दी. उसकी बुर से अब फ़च पच की आवाज़ आने लगी थी.
फिर कुछ देर चुदाई करने के बाद मेरा गरम गाढ़ा वीर्य उसकी चूत में समा गया. फिर मैंने शबाना को खड़ा करके उसके मुँह से रूमाल बाहर निकाला और उसके आँसू पोंछे. शायद चुदाई के कारण उसके बहुत पेन हो रहा था.
फिर हम दोनों ने एक दूसरे को किस किया.
शबाना ने अपने कपड़े ठीक करते हुए कहा- माँ ना आ जाए, अब मैं चलती हूँ. उसने मुझे अपना नंबर दिया और कहा कि दिल्ली पहुंच कर कॉल करना.
बाहर जाते समय हम दोनों ने फिर से किस किया. फिर वो चली गयी.
उसके बाद मैं उसके पास जाकर सीट पर बैठ गया. वो मुझे देख कर मुस्करा रही थी. उसने मेरे लंड के ऊपर अपना बैग रख लिया और लंड सहलाने लगी. मैंने भी बाजू से हाथ डाला और उसकी एक चूची मसलना शुरू कर दी.
फिर कुछ देर बाद हम दोनों एक दूसरे से मजा लेते हुए सो गए. सुबह जब मैं उठा तो दिल्ली स्टेशन आ गया था. वो जाने के लिए रेडी थी. वो और उसकी माँ उतर कर चल दिए. मैं भी कुछ दूर तक उसके पीछे पीछे गया. शबाना ने पलट कर मुझे एक फ्लाइंग किस दी और मैंने भी उसको दी.
फिर वो चली गई.
शबाना से कैसे बात हुई और कैसे उसको दोबारा अपने घर पर बुला कर चोदा, ये जानने के लिए मेरी दूसरी कहानी का इंतजार करें.
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