मेरा नाम तरुण है, मैं अहमदाबाद का रहने वाला हूँ. मैं 23 साल का हूँ, अच्छा पढ़ा लिखा हूँ, और वेल सेटलड हूं. आप सभी ने मेरी कहानी पढ़ी है. आप सभी को मेरी कहानी
दु:खी मकान मालकिन चुद गई
पसंद आयी. इस पर मुझे कई मेल मिले हैं, मैं आप सबका धन्यवाद करता हूँ.
अब यह मेरा रियल लाइफ सेक्स एक्स्पेरियंस है जो आप के साथ शेयर कर रहा हूं, प्लीज आप फिर बता जरूर देना कि कैसा लगा.
अब स्टोरी पर आता हूं.
दोस्तो, यह कहानी दो हफ्ते पहले की है. मैंने तीन महीने तक फील्डिंग लगाई थी और तब जाकर पूरी हुई है.
यह स्टोरी है एक गुजराती आंटी की है जिनका नाम है मिसेस मेहता. उनकी उम्र लगभग 37 साल है, उनके दो लड़के हैं. वह एकदम गोरी गोरी है, एकदम हाथ पकड़ लो तो लाल हो जाए, वैसी है. उनके पति बिजनेसमैन हैं और काम पर सुबह जाते हैं और रात को घर देर से आते हैं.
आंटी का फिगर 36-34-40 है. आंटी की गांड बहुत बड़ी है और बहुत नशीली भी. वैसे अगर आप उन्हें देखो तो छूने का मन करेगा और आप निश्चित तौर पर मुठ मारना चाहेंगे क्योंकि वे जैसी दीखती हैं वह शब्द में नहीं बयान कर सकता.
मैं आंटी के पीछे बहुत वक्त से लगा हुआ था और उन पर कुत्ते की तरह नजर रखता था कि कब तो मुझे मिले चांस उसे चोदने के लिए… लेकिन वक्त नहीं आ रहा था.
एक दिन की बात है, आंटी हमारे घर पर आ रही थी, वह हमारी ही बिल्डिंग में तीसरे माले पर रहती थी और मैं पहले माले पर रहता हूं. वह मेरे घर पर आ रही थी यह मैंने देखा था. मैंने मौका देख कर घर का मुख्य दरवाजा खुला रखा और घंटी का स्विच ओफ कर दिया ताकि वह दरवाजा खोल कर सीधे मुझे ढूंढने को आ जाये.
और वैसा ही हुआ.
मैं किचन में ऑमलेट बनाने का नाटक कर रहा था. तभी वह पीछे से एक स्वीट डिश लेकर आ गई और मुझे देखा.
दोस्तो, क्या बताऊं आपको… क्या लग रही थी!
आंटी आई और उन्होंने मुझे अंडरवियर में देखा और मैंने भी बहुत चतुरता से मेरा लंड खड़ा करके रखा था. आंटी ने मेरे लंड की देखा और स्वीट डिश रख कर फटाक से निकल गई. मुझे लगा कि शायद अब मुझे मौका मिलेगा लेकिन मेरे इरादों पर पानी फिर गया.
फिर मैं आंटी को टच करने और चोदने के बहाने के बारे में सोचने लगा था. एक बात सही है अगर आप किस बारे में सोचो तो वह चीज आप को मिल ही जाती है.
एक दिन अंकल मतलब मिस्टर मेहता ने मुझे कॉल किया. पहले तो मैं डर गया कि आंटी ने कुछ बताया क्या?
तो मैंने एक बार फोन नहीं उठाया. तो उन्होंने मुझे मेसेज किया- विकी कॉल मी अर्जेंट…
मैं तो डर गया कि क्या होगा?
फिर मैंने कॉल किया और कहा- कॉल किया था आपने मिस्टर मेहता?
उन्होने कहा- अरे विकी, कहाँ हो तुम?
मैं बोला- अंकल में बाइक चला रहा था तो फोन नहीं पिक कर सका.
तो उन्होंने बोला- चलो कोई बात नहीं…
मैं थोड़ा रिलेक्स हुआ कि अंकल शांति से बात कर रहे हैं.
मैंने पूछा- क्या हुआ अंकल? आपने काल क्यों किया?
तो उन्होंने कहा- विकी मैंने एक्टिवा बुक की है, आज उसकी डिलीवरी मिलने वाली है, और मुझे आने में थोड़ा लेट हो जाता है.. तो तुम चले जाओगे क्या डिलीवरी लेने अपनी आंटी के साथ? क्योंकि तुम्हारी आंटी को चलाना नहीं आती है.
तो मैं तैयार हो गया और बोला- ठीक है अंकल, मैं जाता हूँ.
शाम को आंटी मेरे घर आई और हम दोनों साथ साथ ऑटो पकड़ कर चले गए शोरूम पर. तकरीबन बारह दिन का गेप था जब मैंने आंटी के साथ अंडरवियर वाला काण्ड किया था. उसके बाद मैं पहली बार आंटी के सामने गया था. वह ऑटो में मेरी बाजु में बैठी थी और सेक्सी कपड़े पहनी थी, मेरा तो खड़ा हो गया था.
फिर हम शोरूम में पहुंच गए, मैंने एक्टिवा ले ली, सब डाक्यूमेंट्स चेक किये और सब फिटिंग वगैरा देखा और एक्टिवा की चाबी आंटी को दे दी.
तो आंटी बोली- मैं क्या अचार डालूं इस चाबी का? चलानी तुम्हें ही है…
मैं तो खुशी के मारे पागल हो गया, मैंने स्कूटी को सेल्फ मारी, आंटी मेरे पीछे बैठी और क्या बताऊं दोस्तों क्या फीलिंग थी? आंटी की गांड एक तो बड़ी है, और मैंने भी मस्ती किया, जितना पीछे हो सके उतना बैठा था. उसने अपना दायाँ हाथ मेरे कंधे पर रखा और एक हाथ से पीछे गार्ड पकड़ा था.
आंटी बहुत चतुर थी, अपने बूब्ज मेरी पीठ को टच करने नहीं दे रही थी. मैं ब्रेक मार रहा था पर कुछ नहीं हो रहा था.
तो उस दिन मैंने सिर्फ आंटी की गांड का मजा लिया.
फिर घर पर आकर आंटी ने पूजा की और मिठाई दी. फिर अंकल रात को आये और बोले- थेंक यू विकी, तुमने अपना टाइम मुझे दिया.
और बोले- एक रिक्वेस्ट और है प्लीज़… वह भी मना मत करना.
तो मैं बोला- बोलिए ना अंकल, क्या काम है?
वे बोले- देख विकी, मैं घर पर पूरा दिन रहता नहीं हूँ, और मेरे पास कार है.
मैं बोला- जी, यह तो मालूम है.
तो वे बोले- तुम अपनी आंटी को प्लीज स्कूटी चलाना सिखा दो.
मेरी आंख खुली की खुली रह गयी.
फिर मैंने कहा- अंकल, मुझे जैसे टाइम मिलेगा मैं सिखा दूंगा…
तो आंटी बोली- क्यों ना हम कल से स्टार्ट करें?
मैं बोला- ठीक है.
अगले दिन रात के नौ बजे थे, मेरी दरवाजे की बेल बजी, देखा तो आंटी सामने थी. उसने आज ब्लू टॉप और व्हाईट लेगी पहनी हुई थी. मैं उन्हें देख कर खुश हुआ.
वे बोली- चलो मास्टर जी, आज स्कूल का पहला दिन है.
मैं बोला- ओके, मैं आता हूं कपड़े बदल कर!
मैंने जींस पहनी और टीशर्ट पहन कर नीचे गया, एक्टिवा निकाली और सोसायटी से थोड़ा दूर जहाँ कोई भीड़ नहीं हो, ऐसी जगह ले गया आंटी को.
फिर उनको बोला- आप आ जाओ आगे!
तो वे बोली- मुझे कुछ नहीं आता विकी, प्लीज थोड़ा संभाल कर…
मैंने उनको हेलमेट पहनने को कहा और मैं स्कूटी की पिछली सीट पर बैठा. हैंडल मैंने और आंटी ने दोनों ने पकड़ा था.
क्या मजा आया? जो कितनी बार मैं सोचता रहा था वह आज सच में हो रहा था.
फिर मैं धीरे धीरे आगे बढ़ा और पीछे से मेरा लंड आंटी की गांड पर टच करने लगा, या कभी कभी ब्रेक लगाने के बहाने आंटी के बूब्स को प्रेस कर देता था.
यह सब एक हफ्ते तक चलता रहा और हम दोनों में अच्छी दोस्ती हो गई.
और फिर मैंने सोचा कि अभी सही मौका है हाथ डालने का.
एक दिन आंटी के नीचे आने से पहले मैं तैयार था. मैंने अपनी ट्रेक पैन्ट पहनी थी और अन्दर अंडरवीयर नहीं पहनी थी. तो मेरा लंड का आकार दिख रहा था.
इस बार में थोड़ा लेट निकला, रात के करीब 10:30 बजे हुए थे क्योंकि मैं जहां जाता हूं वहां भीड़ कम होती है.
फिर हमेशा की तरह आंटी आगे आई और मैं एकदम पीछे से चिपक कर बैठा उनकी गांड से… और वो तो हमेशा की भान्ति टाइट वाली लेगी पहनी थी.
मेरा लंड एकदम से खड़ा हुआ था. फिर से मैंने उनकी गांड को टच किया और यह चीज आंटी को समझ आई थी.