दोस्त की बहन की हवस पूरी की – Part 2
उसके बाद उसने खुद ही मेरा सिर पकड़ा और अपनी चूत पर रखवा दिया. मैं उसकी चूत को चाटने लगा. उसके मुंह से कामुक सिसकारियां निकलना शुरू हो गईं. वह आह्ह् … ओह्ह … ऊह्ह … करने लगी.
उसके बाद उसने खुद ही मेरा सिर पकड़ा और अपनी चूत पर रखवा दिया. मैं उसकी चूत को चाटने लगा. उसके मुंह से कामुक सिसकारियां निकलना शुरू हो गईं. वह आह्ह् … ओह्ह … ऊह्ह … करने लगी.
अजय भी शायद मुझे प्यार करने लगा था उसका प्यार एक तरफा ही था लेकिन मुझे इस बात की चिंता सता रही थी कि कहीं मेरे पिताजी और मां को इस बारे में पता ना चल जाए। गांव के माहौल में कभी भी इस बात की स्वीकार्यता नहीं थी इसलिए मैं काफी डरी हुई थी मैं और अजय ऐसे ही चोरी छुपे मिलने लगे थे। हम दोनों चलते चलते अपने गांव से थोड़ी दूरी पर निकल गए और वहां पर बैठकर हमने काफी देर तक एक दूसरे से बात की अजय के साथ बात कर के मुझे बहुत अच्छा लगा और मुझे ऐसा लगा कि जैसे अजय अपने जीवन में कुछ बड़ा करना चाहता है। मैंने अजय से कहा तुम काफी मेहनती हो तुम जरूर अपने जीवन में आगे बढ़ोगे। अजय कहने लगा मेरी मां भी हमेशा यही कहती है और जब मुझे तुमसे बात करने का मौका मिला तो मुझे ऐसा लगा कि जैसे तुम्हारे अंदर भी मेरी मां का कोई रूप छुपा हो तुम बिलकुल मेरी मां की तरह बात करती हो वह भी मुझे ऐसे ही समझाती रहती हैं और जिस प्रकार से तुम से मेरी मुलाकात हुई है वह भी किसी इत्तेफाक से कम नहीं है। मुझे भी अजय का साथ पाकर अच्छा लगा लेकिन जब अजय ने यह कहा कि मैं कल पटना लौट जाऊंगा तो मुझे यह बात हुई बुरी लगी। उस दिन मुझे अजय को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मै उसे अपनी बाहों में ले लू लेकिन मैं गांव की एक सीधी-सादी सी लड़की थी इसलिए मेरे अंदर इतनी हिम्मत ना थी परंतु अजय ने हिम्मत दिखाते हुए आखिरकार मुझे गले लगा लिया। जब अजय ने मुझे गले लगाया तो मेरे अंदर से उत्तेजना जागने लगी थी मेरे अंदर से एक करंट सा निकलने लगा। मैं अजय से गले मिलकर बहुत खुश थी जब अजय ने मेरे गुलाब जैसे होठों को अपने होठों से चुंबन किया तो मैं बिल्कुल रह ना सकी। मैंने अजय से कहा तुम मेरे होठों को बड़े अच्छे से चूम रहे हो मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। हम दोनों पास के एक खेत में चले गए वहां कुछ दिखाई नहीं दे रहा था इसलिए हम दोनों ने खेत में जाकर एक दूसरे को काफी देर तक चुंबन किया जिससे कि हम दोनों एक दूसरे के प्रति आकर्षित हो गए।
मैंने एक आंटी की मदद की उनका सामान उनके घर पहुंचाने में. उन्होंने मुझे अंदर बुला लिया. उनके घर में जाकर मैंने आंटी की चूत चुदाई की. ये सब कैसे हुआ? उनकी सहेली कैसे आयी?
उसने भी मेरे पेन्ट की बटन को खोल दिया और मेरे लंड को हिलाने लगी और बोली आपका औज़ार तो बहुत बड़ा है | मैंने इतना बड़ा सामान पहली बार देखा है और मेरे लंड को चूसने लगी और मै भी उसके ब्लाउज को उतार के उसके दूध को जम जम से चूसने लगा और उसकी साड़ी को भी उतार दिया | जब हम दोनी पूरे नंगे हो गये तो वो बोली कि आप अब से हरदम मेरी प्यास को बुझाओगे ना | मैंने बोल हां और वो मेरे पूरे अंग को चूमने लगी और मैं उसको टेबिल में बैठा के उसकी दोनों टांगो को आपने कंधे के ऊपर रख के उसकी अच्छी मोटी चौड़ी चूत को चाटने लगा और वो जम जम से सिसकारी ले रही थी | मैंने उसको घोड़ी बनाया और अपना मोटा लम्बा सा लंड उसकी चूत के उपर रख के घिसने लगा और धीरे से चूत के अन्दर डाल दिया और धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा | फिर मैंने अपनी तेजी को बढ़ाया और जब मैं उसको तरीके से चोदने लगा और वो जम जम से चुदवाने लगी तो वो बोली मुझे बहुत मजा आ रहा है | और जम जम से मुझे चोदो मैंने बोला आप आपनी टांगो को और थोडा सा चिप्कालो जब उसने आपनी टांगो को चिपका लिया तो मैंने उसे इस कदर का चोदा कि वो बोलने लगी बस करो और जोर जोर से चिल्लाने लगी |
उसके बाद उन्होंने शादी के लिए उनके माता-पिता से बात की वह लोग भी मान गए और फिर जब उन दोनों की शादी हुई तो अजय भैया और सुनैना भाभी की शादी के बाद सब कुछ अच्छा था लेकिन ना जाने कुछ समय से उन दोनों के बीच झगड़े होने शुरू हो गए। उन दोनों के झगड़े की वजह उनका एक दोस्त है भैया को लगता है कि सुनैना भाभी उससे बातें करती हैं लेकिन सुनैना भाभी का नेचर भी ऐसा नहीं है वह बहुत अच्छी है। पता नही भैया के दिमाग में यह बात कहां से बैठ गई उसके बाद से इसी बात को लेकर उन दोनों के बीच काफी बार झगड़े हो जाते हैं। जब भी उनके फोन में उनके दोस्त की कॉल आती है तो वह बहुत ज्यादा गुस्से में हो जाते हैं और अब तो वह छोटी-छोटी बातों पर भी सुनैना भाभी से झगड़े करने लग जाते हैं। इस बात को लेकर मम्मी पापा ने कई बार उन्हें समझाया लेकिन अजय भैया तो कुछ समझने को तैयार ही नहीं है वह हमेशा भाभी के साथ झगड़ते रहते हैं जिससे कि घर में सब लोग परेशान हो चुके हैं। मैंने कमलेश से कहा इस बारे में क्या तुमने कभी सुनैना भाभी से बात नहीं की। कमलेश कहने लगा मैंने तो बात की थी लेकिन अब उन दोनों के बीच में आय दिन इतने झगड़े होते हैं कि उन दोनों को समझाना ही मुश्किल है इसलिए उन्हें घर पर कोई कुछ नहीं कहता और वह दोनों आपस में झगड़ते ही रहते हैं। सुनैना भाभी को मैं अच्छा लगने लगा था और उन्हें मैं कई बार समझाया करता था जब एक दिन सुनैना भाभी ने मेरे फोन पर फोन किया तो उनसे मैने काफी देर तक बात की हम दोनों की बातें काफी देर तक हुई।
कुछ देर बाद मैं खड़ा हुआ और अंशिका को मेरा लण्ड चूसने के लिए कहा। कुछ देर तक तो उसने मना किया लेकिन मेरे बार बार कहने पर उसने मेरा 6″ लम्बा और 3″ मोटा लण्ड अपने मुँह में भर लिया और उसको चूसने लगी। मैं भी अब तेज तेज से उसके मुंह को चोदने लगा। उसके लण्ड चूसने से मुझे लग रहा था कि ये पहले भी कई बार लण्ड का स्वाद ले चुकी है।
hindi sex story मेरे और मेरे पति मोहन के बीच में हमारे गृहस्थ जीवन और हम दोनों के आपसी सहयोग से हमारा परिवार खुश था। हर रोज सुबह मैं अपने घर के छोटे से बगीचे में पानी डाला करती और मेरे पति मोहन अखबार पढ़ा करते थे हमारे आसपास का माहौल बड़ा ही शांत था। कुछ समय पहले हमारे पड़ोस में रहने के लिए एक नवविवाहित जोड़ा आया उन लोगों से हमारी ज्यादा बातचीत तो नहीं थी लेकिन उन्हें एक दो बार मैंने आते जाते देखा था। मेरे पति मोहन तो आस पड़ोस में किसी से भी ज्यादा बातचीत नहीं किया करते थे क्योंकि इनका स्वभाव बिल्कुल भी ऐसा नहीं है और वह काफी कम बात किया करते हैं। इसी बीच हमारे पड़ोस में रहने वाले नवविवाहित जोड़ा जो कि काफी मॉडर्न था उनके घर में सुबह से ही बड़ा शोर खराब होता रहता था जिस वजह से हमारे आसपास के सब लोग परेशान हो जाया करते थे।
दोस्तो, मेरा नाम पवन कुमार है, मेरा लंड 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है. मैं आज आप सभी को अपनी एक मजेदार सेक्सी कहानी सुनाने जा रहा हूँ. यह मेरे और मेरी चाची के बीच की सेक्स की कहानी है.
अब हम दोनों ही घर पर रह गए थे हम दोनों एक-दूसरे का पूरी तरीके से ख्याल रखा करते जब हेमा को कोई तकलीफ होती तो मैं उसे तुरंत अस्पताल लेकर चला जाया करता था। एक दिन मेरे पुराने मित्र घर पर आए हुए थे और वह हमसे बात कर रहे थे हम लोग अपने जीवन में बीते हुए पुराने दिनों को याद कर रहे थे उनसे बात करना मुझे अच्छा लगा काफी समय बाद मेरी उनसे मुलाकात हो रही थी क्योंकि अब वह भी घर से बाहर नहीं जाते हैं। वह मुझे कहने लगे कि हरीश मैं काफी दिनों से सोच रहा था कि तुमसे मिलने के लिए आऊं लेकिन मैं तुमसे मिलने के लिए आ ही नहीं पाया परंतु आज मैंने फैसला कर लिया था कि मैं तुमसे मिलने घर पर ही जाऊंगा। हम लोग आपस में बात कर रहे थे तभी मेरी पत्नी है आई और कहने लगी आप लोग क्या बात कर रहे हैं हम लोग अपने पुराने दिनों की बात कर रहे थे। वह मुझे कहने लगे आज भी पुराने दीन याद आते है वह चूत मारने के शौकिन थे। उन्होने जब मुझे एक हुस्न से लबरेज लडकी की फोटो दिखाई तो मजा आ गया मैंने पूछा इसका नाम क्या है तो वह कहने लगे इसका नाम कमला है। मैंने उन्हें कहा आप मुझे भी कमला के हुस्न को भोगने का मौका दिलवाइए। वह कहने लगे कैसी बात कर रहे हो यार क्यों नहीं आखिर हमारी इतनी पुरानी दोस्ती जो है मैं अभी कमला को फोन किए देता हूं और उसे कह देता हूं कि वह तुमसे मिलने के लिए आ जाए। तुम बस उसके रूप के अनुसार उसे पैसे दे देना। मैंने कहा क्यों नहीं मैं जरूर उसे पैसे दे दूंगा और मुझे मेरे दोस्त ने कमला का नंबर दे दिया था। मुझे जब कमला का नंबर मिला तो मुझे उससे बात करने में अच्छा लग रहा था काफी दिनों तक तो हम लोग आपस में बात करते रहे लेकिन जब मुझे मौका मिला तो मैंने एक दिन कमला को घर पर बुला लिया।
शाम को हम कभी कभी फिल्म या नेट्फ्लिक्स देख लिया करते थे. एक ही सोफे पर बैठकर बातें किया करते थे.
पर इतने में मैंने अपने होंठ उसकी गुलाबी चूत की पंखुड़ियों पर रख दिए. मैं उसकी चूत के दाने को जोर जोर से चाटने लगा और बीच बीच में दांत से हल्के से काट भी लिया. जिससे उसकी आआहह निकल जाती.
अब मैं मधु से मिलना चाहता था मैंने उससे कहा मैं तुमसे मिलने के लिए चंडीगढ़ आ रहा हूं, वह मुझे कहने लगी कि लगता है आप मजाक कर रहे हैं। उसे मेरी बात मजाक ही लग रही थी परंतु मैं उससे मिलने के लिए बहुत सीरियस था और मैं उससे मिलने के लिए चंडीगढ़ चला गया, जब मैंने चंडीगढ़ पहुंच कर उसे फोन किया तो उसे तब भी यह बात मजाक ही लग रही थी उसे मुझ पर भरोसा नहीं हो रहा था, मैं जब मधु से मिला तो वह मुझसे मिलकर बहुत खुश हो गई, वह कहने लगी मुझे तो लगा ही नहीं था कि आप मुझसे मिलने आ जाएंगे, मेरे लिए तो यह एक सपने जैसा है। मैंने मिलते ही मधु को गले लगा लिया वह भी मुझसे गले लग गई हम दोनों कुछ देर तक साथ में बैठे रहे लेकिन मुझे मधु के साथ कहीं अकेले जाना था। मैने जिस होटल में रूम लिया था उसी होटल में मैं मधु को अपने साथ ले आया उसे मेरे साथ आने में कोई तकलीफ नहीं हुई वह मेरे साथ आई तो बहुत खुश नजर आ रही थी। मैंने मधु को बंद कमरे में किस किया तो उसकी नजरें झुक गई उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और वह भी मुझे किस करने लगी हम दोनों ने एक दूसरे को काफी देर तक किस किया।
कॉलेज लाइफ में खूब लंड लिये. कॉलेज के बाद लंड नहीं मिला. मेरी सहेली ने सगे भाई बहन का सेक्स सुझाया. मैंने क्या किया? भाई बहन की चुदाई की कहानी में पढ़ें.
दोस्तो, मेरी बीवी ऋतु ने इनकम टैक्स ऑफीसर के साथ चुदाई करने के बाद मेरी सारी टेंशन खत्म कर दी थी. अब मुझे कोई प्राब्लम नहीं थी. ऋतु ने फिर से अपनी मॉडलिंग पे ध्यान देना शुरू कर दिया था और जिम भी जाने लगी थी. अब वो पहले से और भी ब्यूटिफुल हो गयी थी. उसने अपने जिम ट्रेनर को बोल कर अपनी गांड को बड़ी, गोल और सुडौल करने वाली एक्सर्साइज़ करनी शुरू कर दी थी.
मोहन भैया ने मुझे किस करते हुए मेरे सलवार सूट को निकाल दिया. मैं उनके सामने ब्रा और पैंटी में रह गई थी. मेरी ब्रा में से मेरे आधे से ज्यादा मम्मे दिखाई दे रहे थे. मेरी पैंटी मॉडर्न पैंटी थी, जिससे मेरी गांड तो पूरी बाहर ही दिखाई दे रही थी.
चयन बोला- ऐसा नहीं है … शायद तुम्हें पता नहीं है, लेकिन लड़के की गांड ज्यादा मज़ा देती है. चलो मैं तुम्हें बताता हूं.
में आपने पढ़ा कि कैसे मेरे मित्र अजय ने मुझसे इच्छा जाहिर की थी वो अपनी बीवी को मुझसे चुदते हुए देखना चाहता है. उस रात मैंने अजय और उसकी बीवी ने पहले दारू का मजा लिया, फिर डांस किया और उसके बाद चुदाई का खेल शुरू हो गया था. मैंने अजय की इच्छा को पूरा करते हुए उसकी बीवी मीना को चोद दिया था.
मैंने अंगड़ाई सी लेकर आंटी के सीने पर हाथ रख दिया और सीधे ही अपने होंठ उसके होंठों पर रख कर चूसने लगा.
शुरू में तो मुझे मजे मजे में पता ही नहीं चला.. पर थोड़ी देर बाद मैंने उससे कहा, तो बोला- कॉलेज में तो रोज ही जाते हैं.. चलो आज एक नया नजारा दिखाता हूँ।
इसके लिए मैंने मोहन से मिलने की बात कही तो रूपा तैयार हो गई और मैंने मोहन से कहा देखो मोहन मुझे तुमसे कोई भी परेशानी नहीं है लेकिन मैं चाहता हूं कि रूपा पहले अपनी जिंदगी में कुछ कर ले वह अपने पैरों पर खड़ी हो जाए उसके बाद तुम दोनों शादी कर लो मुझे तुम्हारे रिश्ते से कोई आपत्ति नहीं है। मोहन कहने लगा बाबूजी रूपा आपको बहुत ज्यादा मानती है और आपका बहुत सम्मान करती है इसलिए पहले वह कुछ कर ले उसके बाद हम लोग अपने रिश्ते के बारे में सोचेंगे। यह कहते हुए मोहन घर से चला गया जब मोहन चला गया तो उसके बाद रूपा मुझे कहने लगी बाबू जी आप मुझसे कितना प्यार करते हैं मैंने सब सुन लिया था। वह मेंरे गले लग कर के कहने लगी मैं आपको छोड़कर कभी नहीं जाऊंगी मेरी आंखों में आंसू आ चुके थे और मुझे इस बात का अंदाजा लग चुका था कि वह दोनों एक दूसरे से कितना प्यार करते हैं। मैं भी उन दोनों के रिश्ते के बीच में नहीं आना चाहता था रूपा भी पूरी मेहनत करने लगी और उसकी बीएड की पढ़ाई पूरी हो चुकी थी उसके बाद उसका सिलेक्शन एक अच्छे स्कूल में हो गया। रूपा इस बात से बहुत खुश थी और कुछ ही समय बाद मैंने मोहन के साथ रूपा की शादी कर दी मुझे कभी अकेलापन सा महसूस होता था लेकिन रूपा को तो जान ही था। मैं दिन रात सिर्फ इसी चिंता में लगा रहता की जब रूपा की शादी हो जाएगी तो उसके बाद मैं कैसे अपना जीवन अकेले व्यतीत करूगा शायद मेरी किस्मत में हमारे पड़ोस में रहने वाली कल्पना भाभी थी। वह मुझे तिरछी निगाहों से देखती रहती थी एक दिन मैंने उन्हें अपने पास बुलाया तो हम दोनो ने काफी देर तक बात की उनके पति का देहांत हो चुका था वह भी अकेलेपन से जूझ रही थी। मैं उनकी पीड़ा को समझ सकता था वह मेरी पीड़ा को समझ सकती थी हम दोनों एक दूसरे से जब भी बात करते तो बहुत अच्छा लगता।
जल्द ही मैंने अपनी चैन खोल कर उसके एक हाथ में अपना लंड पकड़ा दिया. वो भी लंड को सहलाने लगी. फिर मैंने उसकी नाइटी उतारी तो उसने भी मुझे नंगा कर दिया और जमीन पर बैठ कर मेरा लंड चूसने लगी.
ब्यूटी पार्लर की आड़ में मैं कालगर्ल का धंधा भी कर लेती थी. एक नयी पुलिस वाली की भारती हुई और वो मेरे काम में रुकावट बनने लगी. तो मैंने उसका इलाज कैसे किया?