बहन की ग़लती, मां का राज़-6
बहन से शादी के बाद एक दिन मां ने हम भाई-बहन की चुदाई होते हुए हमें रंगे हाथ पकड़ लिया. मगर मेरी बहन के पास माँ का एक ऐसा राज था जिससे मां का गुस्सा हवा हो गया.
बहन से शादी के बाद एक दिन मां ने हम भाई-बहन की चुदाई होते हुए हमें रंगे हाथ पकड़ लिया. मगर मेरी बहन के पास माँ का एक ऐसा राज था जिससे मां का गुस्सा हवा हो गया.
नौकरानी की चुदाई की कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरे घर वालों ने एक आंटी को काम पर रखा. लेकिन मैंने उसे ही सेट कर लिया. अन्तर्वासना आंटी सेक्स स्टोरी का मजा लें.
चूत की देवियों और लण्डधारी दोस्तों को मेरा सादर प्रणाम. मैं टोनी … मेरी पहली कहानी चाची संग सेक्स की आप लोगों के सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ, अगर लिखने में कोई गलती हो तो क्षमा चाहूंगा।
मेरा नाम दलजीत है. मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 28 साल है और अच्छी सेहत के साथ-साथ 6 इंच लम्बे और 2 इंच मोटे लंड का मालिक हूँ। यह मेरी सच्ची कहानी है जो 2 साल पहले एक भाभी के साथ घटित हुई थी। उस भाभी का नाम सायमा था.
यह एक सच्ची घटना है, जो मेरे साथ पाँच साल पहले घटी थी. जब मेरा पहला सेक्स चाची के साथ हुआ था. इस घटना में मैं आपके साथ अपना वो अनुभव साझा करना चाहता हूँ कि कैसे मेरी चाची ने मुझे चुदाई करना सिखाया और मेरी चढ़ती जवानी को निखार दिया.
फिर उसने मुझे अपने ऊपर ले लिया और मैं ऊपर नीचे होकर अपनी गांड चुदवाती रही.
अन्तर्वासना के सभी दोस्तो को मोहित का प्यार भरा नमस्कार, मैं नैनीताल का हूँ और दिल्ली यूनिवर्सिटी से से पढ़ाई कर रहा हूँ. मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ तो सोचा आज मैं भी अपनी एक रियल चुदाई की कहानी आपके सामने पेश कर दूँ.
मैंने एक बात नोटिस की है। जब एक औरत किसी दूसरी औरत के पति के साथ सेक्स करने जाती है, तो वो सारा ध्यान अपनी लुक्स पर देती है। कपड़े अच्छे हों, मेकअप अच्छा हो, अंडरगार्मेंट्स अच्छे हों, हेअर स्टाइल अच्छा हो।
फिर लवली ने अपने सारे कपड़े उतार दिये और पापा के लंड को मुंह में भर लिया. इतने में मैं भी पास में पहुंच गया. पापा ने अपने चेहरे को नीचे कर लिया.
मैं एकदम से चौंक गया और उनसे पूछने लगा कि अरे आपने मुझे पहले बताया ही नहीं . अभी आप कहां हो?
जैसा कि मैंने मेरी कहानी में बताया था कि अंशिका स्वाति की सबसे अच्छी दोस्त थी और हम पहली बार स्वाति के बर्थडे वाले दिन मिले थे। और उसके बाद मैं जब भी स्वाति से मिलने जाता तो ज्यादातर अंशिका उसके साथ ही होती थी। क्योंकि स्वाति की वजह से मैं अंशिका से कई बार मिल चुका था तो हम दोनों भी अच्छे दोस्त बन गए थे और हमने भी एक दूसरे के साथ नम्बर एक्सचेंज कर लिए थे और कभी कभी हमारी बातें भी हो जाया करती थी। कभी कभी जब मेरी और स्वाति की थोड़ी बहुत कहा सुनी हो जाती तो अंशिका ही हम दोनों की सुलह करवाती। स्वाति अंशिका को अपनी सगी बहन से भी ज्यादा मानती थी और अपनी सारी बातें उससे शेयर करती थी।
हैलो… मेरा नाम माधवी है, मेरे घर के पास में एक फैमिली किराए से आकर रहने लगी. उनकी अभी अभी शादी हो कर आई थी, उनके पति ट्रक चलाते थे. वो हफ्ते पन्द्रह दिन में एक बार ही आ पाते थे. उनकी नई नई शादी हुई थी. भैया जी ने नए घर में शिफ्ट होते समय पूरा एक माह घर में बिताया था और आज काम पर निकल पड़े.
कुछ देर बाद मैं खड़ा हुआ और अंशिका को मेरा लण्ड चूसने के लिए कहा। कुछ देर तक तो उसने मना किया लेकिन मेरे बार बार कहने पर उसने मेरा 6″ लम्बा और 3″ मोटा लण्ड अपने मुँह में भर लिया और उसको चूसने लगी। मैं भी अब तेज तेज से उसके मुंह को चोदने लगा। उसके लण्ड चूसने से मुझे लग रहा था कि ये पहले भी कई बार लण्ड का स्वाद ले चुकी है।
मैं उनके ऊपर चढ़ गया और अपना लौड़ा उनकी चुत के अन्दर डाल दिया और धीरे धीरे हिलाने लगा.
दोस्तो, मैं जो कहानी आप लोगों को सुनाने जा रहा हूँ वह आपको जरूर पसंद आएगी. यह कहानी मेरी अपनी कहानी है.
“आह … इस्ससस … बस ना रे … और कितना अन्दर डालेगा? साले मेरी फट गयी ना … हाय साले फाड़ डाली … आज चार साल बाद मिली हूँ … तो चोद दे मनमाफिक.
वह मुझसे जिद करने लगा और कहने लगा स्कूल में मेरे दोस्त भी डांस क्लास जाते हैं तो क्या आप मुझे नहीं भेज सकती। मैं अपने बेटे को मना ना कर सकी तभी मुझे उस वक्त सलूजा का ध्यान आया मैं अपने बेटे को लेकर सलूजा के पास गई मैंने सलूजा से इस बारे में पूछा क्या तुम मेरे बेटे को डांस सिखा सकती हो। वह कहने लगी दीदी क्यों नहीं आप इसे मेरे एकेडमी में भेज दिया कीजिए लेकिन मैंने सलूजा से कहा कि क्या तुम उसे घर पर डांस नहीं सिखा सकती हो। वह कहने लगी दीदी मैं देखती हूं मैं इस बारे में कुछ कह नहीं सकती लेकिन मैं कोशिश करूंगी। आखिरकार सलूजा मेरे बेटे को घर पर डांस सिखाने के लिए तैयार हो गई और वह घर पर ही उसे डांस सिखाया करती थी। मेरी सलूजा के साथ अब काफी अच्छी दोस्ती हो चुकी थी और उसका नेचर भी काफी अच्छा था। सलूजा और मेरी अच्छी दोस्ती हो चुकी थी लेकिन सलूजा के पति रजत की नियत मुझे कुछ ठीक नहीं लगती थी वह कई बार मुझ पर गंदी नजर मारता। मुझे बिल्कुल भी पता नहीं था कि सलूजा के पति के हमारे ही मोहल्ले में और भी महिलाओं से संबंध है। जब मुझे इस बारे में पता चला तो मैं पूरी तरीके से चौक गई लेकिन रजत के अंदर कोई तो बात थी जिसके लिए उसके और हमारे मोहल्ले की औरतें रजत के पीछे पागल थी। मैं चाहती थी राजत के साथ में एक रात बताऊ मैंने रजत पर डोरे डालने शुरू कर दिए। मैं जब भी सलूजा के पास जाती तो मेरी मुलाकात रजत से हो ही जाती थी और रजत भी मेरी तरफ ध्यान से देखा करते। मैंने रजत को अपना मोबाइल नंबर दे दिया एक दिन रजत और मेरी बात फोन पर हो रही थी उस वक्त सलूजा आ गई इसलिए हम दोनों ने मैसेज के माध्यम से बात की लेकिन अगले ही दिन मैंने रजत को अपने घर पर बुला लिया।
Antarvasna मैं हरियाणा के छोटे से गांव का रहने वाला हूं वहीं पर मेरी पैदाइश हुई और मेरे स्कूल की पढ़ाई भी वहीं हुई उसके बाद मेरे पिताजी रोहतक आ गए थे मैंने अपने कॉलेज की पढ़ाई रोहतक से ही की। कुछ समय तो हम लोग रोहतक रहे उसके बाद दोबारा मेरे पिताजी गांव चले गए और वह गांव में रहकर खेती का काम करते हैं मैंने भी सोचा कुछ समय तक मैं रोहतक में जॉब कर लेता हूं। करीब एक साल तक मैंने रोहतक में नौकरी की मैं एक छोटी सी कंपनी में काम करता था हमारा छोटा सा ऑफिस था और मुझे पता ही नहीं चला कि कब एक साल हो गया। फिर मुझे लगा कि मुझे कहीं बड़े शहर जाना चाहिए रोहतक में रहकर ना तो मेरी तनख्वाह बढ़ने वाली थी और ना ही मैं आगे कुछ काम सीखने वाला था इसलिए मैंने दिल्ली जाने की सोची।
माँ ने बिस्तर लगाया और मच्छरदानी लगा दी, ताकि हमें मच्छर ना काटें.
मेरे रहते पापा को मेरी चालू बीवी की चुदाई में दिक्कत हो रही थी तो उन्होंने मुझे ससुराल भेज दिया. वहां सास ने मेरी बीवी की शादी से पहले की जिन्दगी के बारे में बताया. जिसे सुन कर मैं हैरान रह गया.
दोस्तों आज मैं आप लोगों को एक ऐसी कहनी बताने जा रहा हूँ कि आप लोग हस हस के पागल हो जाओगे | उससे पहले मैं आप लोग को अपना परिचय दे देता हूँ उसके बाद मैं आप लोगों को उस कहानी के बारे में बताऊंगा | दोस्तों मेरा नाम अंकित ठाकुर है मैं जबलपुर का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 22 साल है और मैं भी पढाई कर रहा हूँ और जॉब भी करता हूँ |
मामा रोज़ ऐसे ही मेरे बदन से खेलता और मैं भी खुश रहने लगी. मेरी चूची जल्दी ही गोल आकार लेने लगी और सारे बदन पर कुछ अजीब सा नशा रहने लगा. मामा धीरे धीरे मेरी चूत में अपनी उंगली से गहराई बढ़ाता गया. रात को वह मुझे पूरी नंगी कर देता. बल्कि अब तो वो सिर्फ ये कहता कि चल आ जा. अब सोना है. बस मैं खुद ही उसके साथ अपने शरीर को मजा दिलाने के लिए पूरी नंगी होकर उसके साथ बिस्तर में आ जाती. मामा खुद भी पूरा नंगा ही मेरे साथ आ जाता.
सभी दोस्तों को मेरा नमस्कार, मैं आपको मेरी वाईफ से सेक्स की कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जिसमें किसी भी तरह के झूठ या शक की कोई गुंजाइश ही नहीं है.
मेरा नाम मोंटू है. फेसबुक पर सब मुझे आशीष के नाम से भी जानते हैं. मेरी उम्र 19 साल की है. यह मेरी पहली गांड की चुदाई सेक्स स्टोरी है, जो मैं आज आप सभी के साथ साझा कर रहा हूँ.
Hindi chudai kahani मैं अपने गांव में खेती का काम किया करता था मैंने शादी की थी लेकिन मेरी पत्नी मुझे छोड़ कर चली गई और उसके बाद मैंने कभी भी अपने मन में शादी का ख्याल नहीं आने दिया। मैं उस रात अपने खेतों में बैठकर अपने खेत की रखवाली कर रहा था तभी मुझे कुछ छूट की आवाज सुनाई दी। अंधेरा काफी ज्यादा था इसलिए आगे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था मेरे हाथ में एक बड़ा सा डंडा था मैं जब उसी को लेकर आगे बढ़ा तो मुझे वहां कोई दिखाई नहीं दिया लेकिन झाड़ी में मुझे कुछ हलचल सी होती दिखाई दी। मेरे हाथ में टॉर्च थी टॉर्च जलाते हुए मैंने जब उस तरफ देखा तो मेरी आंखें फटी की फटी रह गई मेरे सामने छोटी सी बच्ची थी मुझे समझ नहीं आया कि आखिरकार यह किसने किया होगा। मैंने उस बच्ची को अपनी गोद में उठाया मुझे ऐसा आभास हुआ कि जैसे वह मेरा ही कोई हो और मैंने उसे अपने पास ही रखने का फैसला कर लिया।