घरेलू नौकरानी की चुदाई की कहानी
नौकरानी की चुदाई की कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरे घर वालों ने एक आंटी को काम पर रखा. लेकिन मैंने उसे ही सेट कर लिया. अन्तर्वासना आंटी सेक्स स्टोरी का मजा लें.
नौकरानी की चुदाई की कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरे घर वालों ने एक आंटी को काम पर रखा. लेकिन मैंने उसे ही सेट कर लिया. अन्तर्वासना आंटी सेक्स स्टोरी का मजा लें.
Kamukta मुझे फ्लाइट से बेंगलुरु जाना था लेकिन किसी कारणवश मुझे ट्रेन से जाना पड़ा। मुझे ट्रेन के थर्ड एसी में सिटी मिल चुकी थी और थर्ड एसी के लिए भी बडी मेहनत करनी पड़ी लेकिन आखिरकार ट्रेन में टिकट मिली चुकी थी। मैं जब ट्रेन की सीट में बैठी तो कुछ देर मैंने एक लंबी गहरी सांस ली जिसके बाद मैं आराम से बैठी रही। मुझे काफी अच्छा लग रहा था क्योंकि मैं ही जानती हूं कि किस प्रकार से मुझे थर्ड एसी में टिकट मिल पाई थी। मेरे बगल की सीट में एक परिवार बैठा हुआ था वह लोग आपस में बात कर रहे थे लेकिन तभी एक नौजवान युवक आया।
भाई बहन की चुदाई का खेल चल रहा था. मैंने दीदी की मांग में सिंदूर भर कर शुरूआत कर दी थी मगर अब सच की शादी चाह रहे थे. उसके लिए हम भाई-बहन ने क्या किया?
मीनाक्षी ने उस वक्त मेरा बहुत साथ दिया और मुझे उस समय एहसास हुआ कि मीनाक्षी ही मेरा साथ दे सकती है और एक दिन मैंने मीनाक्षी से कहा मैं तुमसे मिलने के लिए आ रहा हूं। मीनाक्षी मुझे कहने लगी तुम मुझसे मिलकर क्या करोगे लेकिन मैंने तो जैसे ठान ली थी कि मैं मीनाक्षी से मिलकर ही रहूंगा और मैं मीनाक्षी से मिलने के लिए उसके गांव चला गया। उसका गांव राजस्थान में है उसका गांव जयपुर से कुछ ही दूरी पर है, मैं जब उसके गांव में पहुंचा तो वहां पर रहने की कोई व्यवस्था नहीं थी इसलिए मीनाक्षी ने मुझे अपने घर पर ही रुकवा दिया। मीनाक्षी ने यह कहकर मुझे रुकवाया की यह मेरा दोस्त है और कुछ काम के सिलसिले में यहां आया हुआ है लेकिन मेरा तो कोई काम नहीं था मैं सिर्फ मीनाक्षी से ही मिलने के लिए वहां गया हुआ था। मैं जब मीनाक्षी से मिला तो मुझे बहुत खुशी हुई मैंने मीनाक्षी से कहा मै तुमसे मिलना चाहता था और मुझे तुमसे मिलकर बहुत अच्छा लगा मीनाक्षी ने मुझे कहा मैं कुछ दिनों बाद दिल्ली आऊंगी तो तुमसे मुलाकात करूंगी। मैं अब दिल्ली वापस लौट आया और मैं मीनाक्षी का इंतजार करने लगा लेकिन मीनाक्षी दिल्ली आई ही नहीं मैंने उसे कहा तुम दिल्ली कब आओगी वह कहने लगी बस मैं जल्दी ही दिल्ली आने वाली हूं। कुछ दिनों बाद मीनाक्षी दिल्ली आ गई मुझे बहुत खुशी हुई मैं इतना खुश था कि मैंने मीनाक्षी को गले लगा लिया। मुझे समझ नहीं आया था कि महिमा ने ऐसा मेरे साथ क्यों किया लेकिन मैं अब मीनाक्षी के साथ अपना रिलेशन चलाना चाहता था। मैंने मीनाक्षी से अपने दिल की बात भी कह दी वह तो मुझे पहले से ही चाहती थी तो भला वह मुझे कैसे मना कर सकती थी। मीनाक्षी ने मुझे हां कह दिया था और उसका साथ मुझे मिल चुका था वह कुछ दिनों तक दिल्ली में ही रुकने वाली थी।
बहुत देर तक हम दोनों एक दूसरे को किस करते रहे. साना नंगी थी. उसके बदन को देख कर मैं पागल सा हो गया. उसके 36 के चूचे नंगे होने के बाद और भी ज्यादा मस्त लग रहे थे.
शुरू से जवान होने तक मेरी बहुत सारी ऐसी यादें हैं जिनके बारे में मुझे पता नहीं था कि मैं खेल खेल में ही, अनजाने में सेक्स सीख रही थी. वो सब खेल ही थे, जो हम सबको सेक्स का पाठ पढ़ाते हैं.
मैने फिर उसको किस किया और नींबू पानी पिलाया हम नंगे ही बैठे थे वो मेरे लंड को देख रही थी मैने पूछा क्या देख रही उसने कहा ये भी तो लंबा हैं और मोटा है जैसे की बैगान पर मेरी दोस्त कहती है जो बात इसमे है वो किसी और चीज़ मे नही मैने कहा एक किस करो इस पर वो बोली ऐसे भी कोई करता है मैने कहा मूह मे ले कर चूसो फिर नही पूछोगी ये सवाल वो चूसने लगी थोड़ी देर मैं ऐसे चूसने लगी मानो उस पर मलाई लगी हो और आवाज़ निकाल रही थी पुच पुच्छ की
अब मैं उठा और मैंने रूम के बाहर जाकर देखा, बाहर कोई नहीं था. मैंने रूम को अन्दर से लॉक कर दिया. फिर उसके पास जाकर उसके कपड़े उतारने लगा. वो मना करने जैसे इशारा भी किये जा रही थी और अपने हाथ उठा कर अपने कपड़े भी उतरवाती जा रही थी. मैंने उसका टॉप लोअर उतार दिया. अन्दर उसने रेड कलर की ब्रा और पिंक कॉलर की पेंटी पहन रखी थी. मैंने भी झट से अपने लोअर और टी-शर्ट को उतार दिया.
जो कहानी मैं आप लोगों को सुनाने जा रहा हूं वह केवल एक कहानी नहीं है बल्कि एक सच्चाई है. मैं आज आपको अपनी बुआ की कहानी बताऊंगा जो मेरे ताऊ जी के साथ हुई एक सच्ची घटना है. आगे बढ़ने से पहले मैं आपको अपनी बुआ और ताऊ जी के बारे में कुछ बता देना चाहता हूँ.
मेरा नाम मीरा है और मैं 24 साल की हूँ. मैं हैदराबाद की एक आईटी कम्पनी में काम करती हूँ. वैसे मैं पंजाब की रहनेवाली हूँ. मेरे परिवार में मम्मी पापा और मेरा छोटा भाई है जो पंजाब में ही रहते है.
हैलो… मेरा नाम माधवी है, मेरे घर के पास में एक फैमिली किराए से आकर रहने लगी. उनकी अभी अभी शादी हो कर आई थी, उनके पति ट्रक चलाते थे. वो हफ्ते पन्द्रह दिन में एक बार ही आ पाते थे. उनकी नई नई शादी हुई थी. भैया जी ने नए घर में शिफ्ट होते समय पूरा एक माह घर में बिताया था और आज काम पर निकल पड़े.
यह सिस्टर सेक्स स्टोरी मेरी पहली और सच्ची कहानी है, अगर कोई गलती हो तो माफ़ करना।
मेरा नाम करीम है, मैं कानपूर से हूँ, मैं कानपूर में अकेला रहता हूँ और गवर्नमेंट जॉब में हूँ। यह मेरी फर्स्ट सेक्स स्टोरी है। मुझे उम्मीद है कि यह कहानी आपको पसंद आएगी। दोस्तो, यह घटना आज से एक साल पहले की है।
कोई पांच मिनट लंड चुसवाने के बाद मैंने उससे कुतिया बनने को कहा. वो बेड पर कुतिया बन गई. मैंने अपने लंड और उसकी चूत के मुँह पर वैसलीन लगाई और लंड अन्दर डालने की कोशिश करने लगा. उसकी चूत अभी कसी हुई थी, तो मुझे थोड़ा दम लगाना पड़ा.
उन्हें इस बात की खुशी थी की रोहन का रिश्ता हो जाएगा तो शायद रोहन भी अपनी जिम्मेदारियों को समझने लगेगा। मैंने जब मनमोहन जी और अपने मामा की मुलाकात करवाई तो वह लोग आपस में एक दूसरे से बात करने लगे। मामा जी ने रोहन के बारे में उन्हें सब कुछ बता दिया था और कुछ ही दिनों बाद मनमोहन जी ने काजल की मां को भी अपने पास बुला लिया। काजल से मैं पहली बार ही मिला था उसकी तस्वीर देख कर वह बहुत अच्छी लग रही थी और असल में भी वह बहुत सुंदर थी। उसके भाग्य की वजह से शायद उसकी शादी नहीं हो पाई थी परंतु अब मामा जी और काजल की मां के बीच पूरी बातचीत हो चुकी थी जिस वजह से वह काजल की शादी रोहन से करवाने को तैयार हो चुकी थी। मामा जी भी बहुत खुश थे मामा जी ने मुझे कहा कि यह सब तुम्हारी वजह से ही हो पाया है। मैंने मामा जी से कहा ऐसी कोई बात नहीं है मुझे भी रोहन की चिंता रहती है इसीलिए तो मैंने आपको काजल के बारे में बताया फिर काजल और रोहन की शादी बड़े धूमधाम से हुई। काजल और रोहन की शादी के बाद रोहन के चेहरे पर बड़ी मुस्कुराहट रहती। मैंने उससे पूछा तुम बड़े खुश रहते हो? वह मुझे शर्माते हुए कहने लगा भैया पूछिए मत बस मैं ही जान सकता हूं कि मैं कितना खुश हूं। मैंने उसे कहा लेकिन मुझे भी तो बताओ तुम्हारी खुशी का राज क्या है उसने मुझे कुछ नहीं बताया लेकिन मुझे उसकी खुशी का राज उस वक्त पता चला जब मेरे काजल के साथ अंतरंग संबंध बने। काजल और रोहन हमारे घर पर आए हुए थे वह लोग जब हमारे घर पर आए तो मैंने काजल की तरफ अपनी प्यासी नजरों से देखना शुरू किया तो काजल भी मचलने लगी।
मैंने भाभी से वैसे ही झूठ कह दिया जबकि मैं अपने ब्वॉय फ्रेंड से कई बार चुदवा चुकी थी.
मैं अपनी पड़ोसन को चोद चुका था और खूब चोदता था. अब मेरी नजर उसकी बड़ी बेटी पर थी लेकिन कोई जुगाड़ नहीं बन पा रहा था. फिर कैसे मैंने पड़ोसन की बेटियों को चोदा?
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्रणाम. मैं लम्बे समय से अन्तर्वासना का पाठक हूँ और मैंने इस साइट पर बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं. कहानियों को पढ़कर मैंने खूब आनंद लिया है. इसलिए सोचा कि क्यों न मैं भी आपको अपने जीवन की एक ऐसी ही घटना से रूबरू करवाऊं. आज जो मैं कहानी आप लोगों को बताने जा रहा हूँ वह मेरे जीवन की पहली चुदाई की घटना है. मैं आशा करता हूं कि यह कहानी आप सभी को पसंद आएगी. अंतर्वासना की दुनिया एक ऐसी दुनिया है कि यहां बूढ़े भी अपना मनोरंजन कर सकते हैं. तो चलिए फिर हम अपनी कहानी की शुरूआत करते हैं.
मैंने भी उसके पैरों पर अपने हाथ को रख दिया, उसने भी जब मेरे हाथों को अपने हाथों में लिया तो मुझे बहुत अच्छा महसूस होने लगा। हम दोनों मन ही मन एक दूसरे से बात कर रहे थे, हम दोनों को एक दूसरे के साथ समय बिताने मे काफी अच्छा महसूस हो रहा था। हम दोनों उस सीट से खड़े उठकर टहलने लगे हम दोनों एक दूसरे का हाथ पकड़ते हुए काफी आगे तक निकाला आए वहां पर काफी घनी झाड़ियां थी। उन झाड़ियों के बीच में काफी कपल बैठे हुए थे वह एक दूसरे को किस कर रहे थे मेरे अंदर से भी रोहित को किस करने की भावना जागने लगी। मैंने रोहित के होठों को किस कर लिया जब हम दोनों ने एक दूसरे को स्मूच किया तो मुझे बहुत अच्छा लगा शायद रोहित के अंदर से भी एक आग पैदा हो गई थी। हम दोनों उन्ही झाड़ियों मे चल गए, हम दोनों एक साथ बैठ गए जब हम दोनों वहां बैठे तो हम दोनों के शरीर से गर्मी निकलने लगी थी। मेरी गर्मी इतनी अधिक हो गई मैंने रोहित को गले लगा लिया। रोहित ने जब मेरे स्तनों को दबाना शुरू किया तो मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था वह काफी देर तक मेरे स्तनों को अपने हाथों से दबाता रहा।
दोस्तो, मेरा नाम देवेन्द्र नायक है, मैं बुरहानपुर मध्य प्रदेश का रहने वाला हूं. मैं बी काम के पहले साल में पढ़ रहा हूं. जब से जवानी की झलक मेरे जीवन में आई, उसी समय से मुझे सेक्स को लेकर बड़ा मजा आता रहा है.
hindi sex story गरिमा की शादी की पूरी तैयारियां हो चुकी थी उसके घर में रंग बिरंगी लड़ियाँ लगी हुई थी और घर पूरी तरीके से चमक रहा था हमारे घर से गरिमा का घर साफ दिखाई दे रहा था इसलिए मैं गरिमा के घर को देख पा रही थी। मुझे बहुत खुशी थी कि गरिमा की शादी होने जा रही है और उसके चेहरे पर भी कहीं ना कहीं इस बात की खुशी थी कि उसके मनपसंद का लड़का उसे मिलने जा रहा है। मैं जब गरिमा से मिलने के लिए गई तो गरिमा के घर में पकवानों की खुशबू और मसालेदार खाने से घर पूरी तरीके से महक चुका था और घर में खुशनुमा माहौल बना हुआ था। मैं जब गरिमा से मिली तो गरिमा कहने लगी काजल आखिरकार तुम्हे समय मिल गया मैं तुम्हारा इंतजार कब से कर रही थी और तुम अब जाकर आ रही हो। मैंने गरिमा से कहा यार सॉरी आने का समय नहीं मिल पाया, मैं भी उस वक्त क्या कहती मेरे पास कोई जवाब नहीं था।
ब्यूटी पार्लर की आड़ में मैं कालगर्ल का धंधा भी कर लेती थी. एक नयी पुलिस वाली की भारती हुई और वो मेरे काम में रुकावट बनने लगी. तो मैंने उसका इलाज कैसे किया?
मैं बहुत ज्यादा खुश था और मेरी खुशी का ठिकाना ना था लेकिन सिमरन की सगाई हो चुकी थी और उसके बाद लड़के ने उसे ठुकरा दिया था जिस वजह से सिमरन ने मेरे साथ सगाई करने से मना कर दिया। मैंने उसके माता-पिता से भी बात की थी लेकिन वह कहने लगे बेटा हम बिना सिमरन के इजाजत के कैसे किसी के साथ उसकी शादी कर दें। मैंने जब यह बात बाबू जी को बताई तो वह कहने लगे कि बेटा जरूर सिमरन से तुम्हारी शादी हो जाएगी और मैं इसी आस में था कि मेरी शादी सिमरन से हो जाए और आखिरकार सिमरन मेरी बात मान गई। जब सिमरन मेरी बात मानी तो हम दोनों की सगाई हो चुकी थी अब हम दोनों जल्दी एक दूसरे से शादी करने वाले थे और जब हम दोनों की शादी हो गई तो मुझे बहुत खुशी हुई कि मेरी शादी सिमरन से हो चुकी है। शादी की पहली रात जब सिमरन के साथ मैं कमरे में था तो मै खुश था। मैने सिमरन से बात की मेरा लंड उसे देखकर हिलोरे मार रहा था मैं चाहता था कि उसे उसी वक्त चोदू लेकिन सिमरन के भी कुछ अरमान थे मैं उन्हें जानना चाहता था और पहली रात में यादगार बनाना चाहता था। इसके लिए मैंने पूरी तैयारी कर रखी थी मैंने अपनी जेब में सरसों की तेल की शीशी रखी हुई थी। जब मैंने उसके हाथ को पकड़ना शुरू किया तो वह भी समझ गई कि अब मेरी चूत मारी जाने वाली है और इसी के साथ उसने अपने आप को मेरे आगे समर्पित कर दिया। वह बिस्तर पर लेट गई थी मैं उसके लिपस्टिक लगे होठो का रसपान करें जा रहा था। मैंने काफी देर तक उसके लिपस्टिक लगे होठों को चूसना जारी रखा जिससे कि मैं पूरी तरीके से जोश में आ चुकी थी और काफी देर तक मैंने उसके साथ किस का आनंद लिया। मैंने अब धीरे धीरे उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिए वह पूरे लाल जोड़े में थी और उसने पेंटी ब्रा भी लाल रंग की पहनी हुई थी।
Chut chudai ki khani married ladki ki. फेसबुक पर एक लड़की से दोस्ती हुई. जब मैं उससे मिला तो वो शादीशुदा थी. उस लड़की की चूत चुदाई की कहानी का मजा लें.
मैंने उसे कहा नींद तो आ रही है लेकिन जब राघव ने मुझसे यह बात कही तो उसके बाद जैसे मेरी आंखों से नींद गायब हो चुकी थी। रघाव अपने मोबाइल में गेम खेल रहा था मैं राघव की तरफ देखे जा रही थी परंतु मुझे नींद बिल्कुल भी नहीं आ रही थी। मैं सोचने लगी मै राघव से बात करूं मैंने आखिरकार राघव से बात की तो राघव कहने लगा तुम अभी तक सोई नहीं हो मुझे तो लगा था कि तुम सो चुकी होगी। मैने राघव से कहा मुझे नींद नहीं आ रही है। राघव मुझसे कहने लगा चलो कोई बात नहीं हम दोनों एक दूसरे से बात करते हैं हम दोनों एक दूसरे से धीरे-धीरे बात कर रहे थे तभी राघव ने मुझसे पूछा क्या तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है? मैंने उसे कहा नहीं मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है लेकिन हम दोनों तो जैसे एक दूसरे की बातों में इतना खो गए थे कि मेरा मन राघव के साथ सोने का होने लगा। मैंने अपने स्तनों को राघव को दिखाना शुरू किया जिससे कि वह भी अब उत्तेजित होने लगा था। राघव ने अपने लंड को बाहर निकाला और हिलाना शुरू किया। मै राघव की हिम्मत की दाद देती हूं कि वह कितनी हिम्मत से अपने लंड को हिला रहा था। मुझसे अब रहा नहीं गया और हम दोनों ही बाथरूम में चले गए बाथरूम में जाते ही मैंने राघव के मोटा लंड को अपने हाथ में लिया और उसे हिलाना शुरू किया। उसका लंड और भी ज्यादा कड़क होने लगा था मैंने जैसे ही उसके मोटे लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग करना शुरू किया तो उसे भी मजा आने लगा।