मोहन भैया ने मुझे किस करते हुए मेरे सलवार सूट को निकाल दिया. मैं उनके सामने ब्रा और पैंटी में रह गई थी. मेरी ब्रा में से मेरे आधे से ज्यादा मम्मे दिखाई दे रहे थे. मेरी पैंटी मॉडर्न पैंटी थी, जिससे मेरी गांड तो पूरी बाहर ही दिखाई दे रही थी.
मोहन भैया ने मुझे बिस्तर पर गिरा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गए. वे मुझे किस कर रहे थे और उनका लंड मुझे नीचे अपनी चूत पर महसूस हो रहा था. उनका लंड भी खड़ा हो गया था.
मोहन भैया ने किस करते हुए ही मेरी ब्रा निकाल दी और मेरी एक चूची को अपने मुँह में ले लिया. मेरी दूसरी चूची को वे अपने दोनों हाथ में लेकर दबाने लगे. मैं चुदासी होने लगी. हम दोनों लोग एक दूसरे का अच्छे से साथ दे रहे थे. कोई पांच मिनट में मोहन भैया ने मेरी दोनों चूचियों को बारी बारी से खूब चूसा और मसला. मैं एकदम से चुदाई हो गई थी और मेरी चूत पानी से भीग गई थी.
मेरी चूचियों को दबाने और चूसने के बाद उन्होंने मेरी पैंटी को निकाल दिया. मैं उनके सामने नंगी हो गयी और मुझे नंगा देख कर मोहन भैया ने भी अपना अंडरवियर निकाल दिया.
हम दोनों लोग एक दूसरे के सामने नंगे थे. वो बिस्तर के नीचे आ गए और डॉगी बन कर मेरी चूची को चूसने लगे चूत को चाटने लगे. मैं अपनी मस्ती में थी और उनसे अपनी चूत चटवा रही थी. मोहन भैया के लगातार जीभ के चलने से मेरी चूत से पानी भी निकल रहा था.
कुछ देर तक मोहन भैया मेरी चूत को चाटने के बाद अपना लंड मेरी चूत में रगड़ने लगे.. जिससे मेरी चूत का पानी उनके लंड पर लग रहा था और मेरी चूत के पानी से उनका लंड भीग गया था.
अभी तक मोहन भैया का लंड बाहर से ही मेरी चूत की फांकों से खेल रहा था. मुझे लंड के सुपारे से बड़ी चुदास चढ़ रही थी. मैं मोहन भैया का लंड अपनी चूत में लेने को मचल रही थी. हम दोनों लोग एक दूसरे को किस भी करते जा रहे थे. वो मेरे होंठों को खूब चूसने के बाद और मेरी चूचियों को बड़ी मस्ती से दबाने के बाद मेरी चूत में अपना लंड डालने लगे.
मैंने भी मोहन भैया के लंड के लिए अपनी चूत पूरी खोल रखी थी. चूत लिसलिसी भी हुई पड़ी थी. इसलिए मोहन भैया ने जरा सा ही धक्का दिया और उनका लंड मेरी चूत में अन्दर तक घुसता चला गया. मोहन भैया के लंड के घुसते ही मेरी सिसकारी निकल गई और मैं उनके मोटे लंड से एकदम से कराह उठी. वो कुछ ही देर में अपना पूरा लंड मेरी चूत में जड़ तक पेल कर मेरी चूत को चोदने लगे.
मैं और मेरी सहेली के बड़े भैया मोहन मेरे साथ जबरदस्त सेक्स करने लगे. वो अपना एक हाथ मेरी चूची पर रखे थे और मेरी चूत में अपना लंड डाल कर मेरी चूत में धक्के मार रहे थे. साथ ही मोहन भैया अपने एक हाथ से मेरी चूची को दबा रहे थे.
हम दोनों लोग मस्ती से चुदाई कर रहे थे और साथ में बीच बीच में एक दूसरे को किस भी कर रहे थे. मैंने अपनी टांगें हवा में उठा दी थीं और उनके पूरे लंड को अपने अन्दर ले रही थी. मोहन भैया मेरी चूत में पूरी ताकत से धक्के मार रहे थे और मैं बिस्तर पर चित्त हो कर उनसे मजे लेते हुए चुदवा रही थी. कुछ ही देर में हम दोनों को पसीना आने लगा था, लेकिन चुदाई के आगे हम दोनों को गर्मी लग ही नहीं रही थी.
वो मेरी चूत को चोदते चोदते रुक जाते थे और मुझे किस करने लगते थे और मेरे होंठों को चूसने लगते थे. इस दौरान उनका लंड मेरी चूत की जड़ में अपनी फुंफकार मारता था, जिससे मेरी चूत के अन्दर एक मस्त हलचल सी मचती थी. ये हलचल उनकी जीभ के मेरे मुँह में होने से और भी ज्यादा बढ़ रही थी. अब तक की चुदाई में ऐसा दो बार हो चुका था और मैं उन दोनों बार ऐसा महसूस कर चुकी थी कि मोहन भैया के लंड के मेरी चूत में थम जाने से मैं पानी पानी हो गई थी. मेरी चूत एकदम से पानी छोड़ देती थी, जिससे चूत में गजब का चिकनापन हो जाता था. उसके बाद वो मेरी चूत को बड़ी मस्त तरीके से चोदने लगते थे.
हम दोनों की इस सेक्सी चुदाई से बिस्तर ख़राब हो गया था. मुझे डर लगने लगा था कि कहीं मेरी सहेली ना जग जाए क्योंकि वो सो रही थी. अगर वो जग जाती और मुझे अपने बड़े भाई के साथ सेक्स करते हुए देख लेती, तो हम दोनों की दोस्ती खत्म हो सकती थी.
मोहन भैया मेरे साथ सेक्स करते करते रुक गए और वे बगल की टेबल पर रखे जग से पानी पीने लगे. मोहन भैया ने जग मेरी तरफ बढ़ाया, तो मैं भी पानी पीने लगी थी. मोहन भैया ने कुछ पानी मेरी चूचियों पर गिरा दिया, मुझे इस वक्त पसीने से भीगी मेरी चूचियों पर ठंडे पानी की धार बड़ी ही मस्त लगी. मैंने भी अपने मुँह में पानी भरा और मोहन भैया की छाती पर पिचकारी मार दी. उनको भी बड़ा मस्त लगा. फिर मोहन भैया ने पूरा जग ही मेरे ऊपर उढ़ेल दिया. मुझे मस्ती छा गई थी.
फिर हम दोनों पानी पीकर और भी मस्ती से सेक्स करने लगे थे. वो मेरे होंठों को चूसते हुए बड़े जोश से मेरी चूत में अपना लंड डाल कर मेरी चूत को चोद रहे थे.
कोई बीस मिनट तक चुदाई करने के बाद हम दोनों झड़ने लगे. अपनी चरम सीमा पर आकर हम दोनों बहुत जोर जोर से पूरे जोश में सेक्स कर रहे थे. एक जोरदार सम्भोग के बाद हम दोनों झड़ गए. झड़ने के बाद हम दोनों एक दूसरे के ऊपर कुछ देर के लिए सो गए.
कुछ देर के बाद मैंने उठा कर अपने आपको फ्रेश किया और अपने कपड़े पहन कर घर आने लगी.
मोहन भैया ने मुझे रोक लिया और मुझे अपनी बांहों में लेकर मेरी चूची को दबाया, किस किया और मेरी गांड को दबाया.
हम दोनों ने जल्दी ही फिर से मिलने का वादा किया. उसके बाद मैं अपने घर आ गयी.
आज भी हम दोनों मौका पाते ही सेक्स कर लेते हैं. जिस दिन मोहन भैया को मेरी चूत चोदने के लिए मिलती है, तो वो बहुत खुश हो जाते हैं. एक बार मोहन भैया ने मुझे बताया था कि मेरी चूत चोदने के दो दिन तक वे अपनी बीवी को नहीं चोदते हैं.
मेरी और मोहन भैया की इस चुदाई की कहानी आप सबको कैसी लगी, मुझे मेल करके अपनी राय बताएं.
नेहा यादव