मैंने अंगड़ाई सी लेकर आंटी के सीने पर हाथ रख दिया और सीधे ही अपने होंठ उसके होंठों पर रख कर चूसने लगा.
आंटी बोली- छोड़ो मुझे, यह क्या कर रहे हो?
मैं बोला- मैं तो आपके साथ बहुत दिन से ऐसा करना चाहता था.
वह बोली- बहुत बिगड़ गए हो तुम।
मैं बोला- मुझे तुम्हारी ही अदाओं ने बिगाड़ा है।
वह हंसने लगी और उसने एकदम मेरे पास आकर मेरी शर्ट को खोलना शुरू कर दिया.
मेरे अंदर की हवस जाग गई. लंड एकदम से ज्वालामुखी की तरह उबलने लगा. मैंने आंटी की कमीज खोल दी। उसने मेरी पैंट खोल को दिया। अब मैं उसके सामने चड्डी में खड़ा था. आंटी भी मेरे सामने ब्रा और पेंटी में खड़ी थी।
मैं बोला- आंटी आप ब्रा और पेंटी में बड़ी अच्छी लगती हो मुझे. आपको देखते ही चोदने का मन करने लगता है मेरा.
वो बोली- अच्छा, तो बात यहां तक आ गई है!
कहकर उसने मेरी चड्डी खोल दी और मेरा लण्ड हाथ में पकड़ लिया. एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर वो उसे हिलाने लगी. मैं ब्रा के ऊपर से उसके बोबे दबा रहा था. मेरा एक हाथ उसकी पेंटी में था. मैं उसकी चूत में उंगली घुसाने की कोशिश कर रहा था और मेरी उंगली अंदर उसकी चूत में चली गई.
उसकी चूत में उंगली को फिराने लगा तो वह चुदासी हो गई और बोली- मेरी ब्रा को भी खोल दो रोहन.
मैंने उसकी ब्रा में हाथ डाल दिया.
वो बोली- खोल दो इसे. नहीं तो ये फट जायेगी.
उसके कहने के बाद भी मैंने हाथ नहीं निकाला और उसके चूचों को दबाते और भींचते हुए उसकी ब्रा के हुक टूट गये.
वह बोली- यह क्या किया? तुमने तो मेरी ब्रा फाड़ दी।
मैं बोला- कोई बात नहीं आंटी मैं नई लाकर दे दूंगा।
फिर मैंने उसकी पैंटी खोल दी. वह मेरे सामने नंगी खड़ी थी.
आंटी ने मेरी चड्डी खींच दी और मैं नंगा हो गया. मेरा लंड तड़प रहा था. मैंने आंटी से कहा कि आंटी प्लीज मेरा लंड चूस दो. पहले तो उसने मना किया फिर बहुत कहने पर उसने मेरे लंड को मुंह में ले लिया। मेरा मजा सातवें आसमान पर पहुंच गया था. क्या चूस रही थी आंटी मेरे लंड को बड़े ही मस्त तरीके से, जैसे ब्लू फिल्मों में चूसते हैं।
एकदम से रंडी की तरह चूस रही थी वो मेरे लौड़े को। उसके मुंह ने मेरे लंड की ऐसी चुसाई की कि दो-तीन मिनट में ही मैंने अपना सारा पानी उसके मुंह में छोड़ दिया. वह सारा पानी पी गई.
मैंने उसको बिस्तर पर लिटा दिया. हम 69 की मुद्रा में आ गए. मैं उसकी चूत को चाट रहा था जबकि वह मेरे लण्ड को मुंह में लेकर फिर से खड़ा करने की कोशिश कर रही थी. उसने पूरा लण्ड मुंह में लिया हुआ था. बिल्कुल रंडी की तरह मेरे मस्त लौड़े को चूस रही थी।
वह बोली- बहुत प्यासी हूं मैं. आज मेरी प्यास बुझा दो। मेरे पति तो नहीं बुझा सकते. उनका तो बहुत छोटा है. दो या तीन मिनट में ही उनका पानी निकल जाता है। मेरी शादी को 2 साल हो गए. मेरी चूत की प्यास आज तक नहीं बुझी है अच्छी तरह से। एक तुम ही हो जो मेरी प्यास बुझा सकते हो.
मैं बोला- मेरा 8 इंच का लण्ड आज आपकी प्यास बुझा देगा.
मेरा लण्ड फिर से टाइट हो गया। मैंने आंटी को डॉटेड कॉन्डम दिया. उसने अपने हाथों से मेरे लण्ड को कॉन्डम पहनाया।
वह बोली- यह कंडोम मत लगाओ। सिम्पल कंडोम लगा लो। इससे तो बहुत दर्द होगा।
मैं बोला- नहीं होगा. बहुत मजा आएगा।
मैंने बेजन्ता आंटी को सोफे पर बिठा दिया. उनकी एक टांग ऊंची कर दी. उनकी चूत पर लण्ड सेट किया. आंटी की चूत पूरी गीली हो चुकी थी. बहुत चिकनी थी. मैंने अपना लण्ड उनकी चूत पर सेट करके अंदर घुसाने की तैयार कर दी.
वह बोली- धीरे से डालना. बहुत दिनों के बाद इतना मोटा लण्ड अंदर जा रहा है, दर्द होगा।
मैं बोला- मेरी रंडी, टेंशन मत ले. बहुत आराम से चोदूंगा.
मैंने धीरे से झटका दिया और मेरा लण्ड फिसल कर बाहर आ गया. आंटी की चूत सच में बहुत टाइट थी. फिर मैंने एक बार और चूत पर लण्ड को सेट किया. धीरे से धक्का दिया तो अबकी बार मेरे लण्ड का सुपारा अंदर गया.
उसके मुंह से आह … आह … की आवाजें आने लगीं।
मैंने कहा- मेरी रंडी, अभी तो थोड़ा सा गया है. पूरा बाहर ही है अभी तो।
वह बोली- बाप रे बाप! तुम तो मेरी चूत फाड़ दोगे. मुझे नहीं पता था कि तुम्हारा लण्ड इतना बड़ा है वरना मैं नहीं चुदवाती तुमसे कभी भी।
मैं बोला- मेरी रंडी बहुत मजा आएगा. तुझे बहुत आराम-आराम से चोद दूंगा। विश्वास रख मुझ पर.
मैंने थोड़ा सा और धक्का दिया तो मेरा आधा लण्ड उसकी चूत में चला गया। वह चिल्लाने लगी तो मैं थोड़ा रुक गया. मैंने उसके होंठों पर मेरे होंठ रख दिए और एक हाथ से उसके बोबे दबाने लगा. थोड़ी देर में वह नॉर्मल हो गई. फिर मैंने एक जोर का झटका दिया. मेरा लण्ड उसकी चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया।
उसकी आंखों से आंसू निकल गए, वह बोली- आज तो तुमने मेरी चूत को फाड़ दिया.
मैं धीरे-धीरे झटके दे रहा था. उसके मुंह दर्द भरी आवाजें निकलने के साथ ही उम्म्ह… अहह… हय… याह… आनंद की सीत्कारें भी आने लगीं जिनसे पूरा कमरा गूंज रहा था. थोड़ी देर में उसे भी मजा आने लगा. वह भी मेरा साथ देने लगी. पांच मिनट तक उसकी चुदाई करने के बाद फिर मैं भी थोड़ा थक गया. मैं सीधा लेट गया.
वह मेरे लण्ड पर बैठ गई और उछल-उछल कर मजा लेने लगी. फिर मैंने उसे सीधे लेटा कर दोबारा से मैं उसके ऊपर आ गया.
फिर वह बोली- मेरी चूत में जलन होने लगी है। यह कॉन्डम निकाल लो अपने मोटे लंड से बाहर। सिम्पल कंडोम लगा लो.
उसके कहने पर मैंने अपनी जेब से सिम्पल कंडोम निकाला और उसको दिया. उसने मेरे लौड़े पर कॉन्डम पहनाया. मैंने दोबारा से मेरा लौड़ा उसकी चूत में डाला। मैं झटके पर झटके दे रहा था. उसे भी मजा आ रहा था.
आंटी बोल रही थी- आज मेरे राजा ने मेरी प्यास बुझा दी। मुझे पता भी नहीं था कि इतने लंबे लण्ड का मालिक मेरे साथ रहता है. फाड़ डाल मेरी चूत को … आज मेरी चूत का भोसड़ा बना दे … और जोर से चोदो … और जोर से चोद।
बेजन्ता आंटी के भावों से मैं समझ गया कि वह झड़ने वाली है. मैंने अपने झटके तेज कर दिए.
थोड़ी देर में वह झड़ गई, वह बोली- बस, अब बाहर निकालो बहुत दर्द हो रहा है.
मैंने अपना लण्ड बाहर निकाल कर कॉन्डम हटा लिया और लंड को उसके मुंह में डाल दिया. वह बहुत जोर-जोर से मेरे लण्ड को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी. कुछ ही पल की चुसाई के बाद मैंने भी सारा पानी उसके मुंह में छोड़ दिया. थोड़ी देर तक मैं उसके ऊपर ऐसे ही नंगा पडा रहा.
थोड़ी देर में मेरा लण्ड फिर टाइट हो गया, मैं बोला- आंटी एक बार और चोदूंगा।
आंटी बोली- चोद दो.
मैंने आंटी को घोड़ी बनाया और पीछे से मैंने लण्ड उसकी चूत में डाल दिया.
वह बोली- रोहन धीरे से चोदो मेरे राजा … बहुत दर्द हो रहा है।
इस बार मैं आंटी को बिना कॉन्डम के ही पेल रहा था. थोड़ी देर में आंटी झड़ गई. मैंने भी अपना सारा पानी आंटी की चूत में छोड़ दिया। फिर मैं खड़ा होकर अपने कपड़े पहनने लगा.
आंटी बोली- बाथरूम में मेरी ब्रा भी पड़ी होगी. उसे भी ले आओ.
मैं जाकर आंटी की ब्रा ले आया और अपने हाथों से मैंने आंटी के चूचों पर ब्रा पहनायी. फिर उसको कपड़े पहनाये और अपने घर आ गया.
इस प्रकार मैंने आंटी की ब्रा को फाड़ते हुए उसकी प्यास बुझाई. मगर मैंने आंटी को एक नई ब्रा भी लाकर दे दी क्योंकि उनकी एक ब्रा तो मैंने ही फाड़ दी थी. उसके बाद मुझे जब भी मौका मिलता तो मैं आंटी की प्यास बुझाने लगा।
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