अब मैंने उसके लंड से चुदने का प्लान बनाया.
दूसरे दिन दोपहर को मैंने उसे बुलाया और उससे कहा- बेटा मेरे बदन में दर्द हो रहा है … क्या तुम मुझे मसाज दे दोगे.
उसने कहा- ठीक है माँ.
मैं उल्टी लेट गई और उसको बोला- अब मसाज शुरू करो.
वो मेरी नाइटी के ऊपर से मेरी पीठ को दबाने लगा.
एक मिनट बाद मैंने उससे कहा- मालिश का असर बिना तेल लगवाए नहीं होगा.
वो बोला- तो मैं तेल मालिश कर देता हूँ.
मैंने उससे कहा- हां तेल मालिश ठीक रहेगी … क्यों ना पहले मैं अपने कपड़े उतार दूं.
उसने कहा- हां … तभी ठीक रहेगा माँ.
मैंने अपने कपड़े उतार दिए और उससे मसाज शुरू करने को कहा. पहले तो वो मेरे मादक जिस्म को देखता रह गया, उसका लंड फूलना शुरू हो गया था.
मैंने उसे टोका तो उसने मेरे जिस्म की मसाज करनी शुरू कर दी. वो मेरी बहुत बढ़िया मालिश कर रहा था.
मैंने उससे कहा- रवि तुम भी अपने कपड़े उतार दो … तुम्हारे कपड़े तेल से गंदे ना हो जाएं.
मेरे इतना बोलते ही उसने अपने पूरे कपड़े उतार दिए. उसका मोटा लंड मेरी आंखों के सामने तन्ना रहा था. मेरा मन कर रहा था कि उसके लंड को झट से खा जाऊं.
मैं उसके लंड को बड़ी हसरत से देखने लगी थी, शायद वो भी मेरी चुदास को समझ गया था. उसने मेरी मसाज शुरू की और बीच बीच में वह मेरे मम्मों पर तेल लगाने के बहाने उन्हें दबाने लगा. वो मेरे चूतड़ों को दबाने के बहाने के उन पर थप्पड़ लगा दे रहा था.
उसके बाद उसने खड़े होते हुए अपने लंड को अपने ही हाथों से सहलाया और मुझसे कहा- मसाज पूरी हो गई माँ.
मैंने मौका देख कर उसके होंठों से होंठों मिला दिए. वह एक पल के लिए चुप हो गया और थोड़ी देर में उसने मेरा साथ देना शुरू कर दिया. वो मेरे मम्मे दबाने लगा और मेरी चूत में उंगली डालने लगा और माँ बेटा सेक्स शुरू हो गया.
फिर वह किस करते हुए मेरे मम्मे चूसना शुरू किए. मैं जोर जोर से सिसकारियां ले रही थी- आह आहआह … आह आह चूसो बेटा अपनी माँ का सारा दूध पी जाओ.
इतना सुन कर वह और जोर जोर से मेरे मम्मे चूसने लगा. बीच बीच में वो मेरे निप्पलों पर अपने दांत भी मार रहा था. मेरा मीठे दर्द के मारे बुरा हाल था.
कुछ देर बाद उसका लंड चूसने की मेरी बारी थी … मैंने उसका बड़ा सा लंड एक ही बार में अपने गले तक उतार दिया. वो एकदम से कराह उठा और मस्त हो गया. मैं बहुत मजे लॉलीपॉप की तरह उसका लंड चूस रही थी. मैं भी उसके लंड पर बीच बीच में काट लेती थी, जिससे उसको बहुत मजा आ रहा था और वह मेरा सर पकड़ कर अपने लंड पर मार रहा था. मुझे भी बहुत मजा आ रहा था. ऐसा लग रहा था मानो मैं जन्नत की सैर कर रही हूं.
कोई 15 मिनट तक उसका लंड चूसने के बाद उसका लंड एकदम से फटने को हो गया था. उसका बदन ऐंठने लगा था. वो किसी भी पल अपना पानी छोड़ सकता था. उसने मेरी आंखों में देखा, तो मैंने उसे आंख मारते हुए झड़ जाने का इशारा कर दिया.
वो अगले ही पल मेरे मुँह में अपनी मलाई छोड़ बैठा. मैं मजे से उसका सारा माल पी गई. रवि के लंड का रस बहुत स्वादिष्ट था. दो मिनट तक मैंने उसके लंड को छोड़ा ही नहीं, चूसती रही.
इसके बाद वो मेरी चूत को सहलाने लगा. मैं समझ गई और मैं चित लेट गई. वो मेरी चूत पर अपनी जीभ लगा कर चूत चाटने लगा. वो चूत चुसाई के साथ ही अपनी दो उंगलियां भी चूत के अन्दर डालने लगा. इससे मुझे थोड़ा सा दर्द हुआ, लेकिन मैंने सहन कर लिया.
दस मिनट की चूत चुसाई के बाद मेरी चूत अपना पानी छोड़ने लगी थी. मेरे मुँह से मादक ‘आह आह उन्हह … इस्स..’ निकल रही थी.
वो मेरा सारा पानी पी गया.
हम दोनों के लंड चूत एक एक बार झड़ चुके थे. मैंने उसके लंड को सहला कर फिर से खड़ा कर दिया और उससे चुदाई करने के लिए कहा. मैं उसके लंड को अपनी चूत में लेने के लिए मचल रही थी. लेकिन उसका भीमकाय लंड देख कर ही मेरी गांड फट रही थी कि आज इसका लंड तो मेरी चूत का भोसड़ा बना देगा.
उसने अपने लंड को मेरी चूत पर सैट किया और एक जोर से धक्का दे मारा. इससे उसका आधा लंड अन्दर चला गया था. मैं मोटे लंड से दर्द के मारे जोर जोर से चिल्लाने लगी थी- आह मर गई … ओह आह.
रवि ने मेरे दोनों दूध पकड़ कर मसले और कहा- अभी तो सिर्फ आधा लंड ही गया है … अभी तो आधा बाकी है.
मैंने कहा- हां मैं पूरा ले लूंगी … पर जरा आराम से चोदो अपनी माँ को … अपनी माँ को आज ही मार दोगे, तो कल कैसे चोद सकोगे?
इतना सुनते ही वो मेरे मम्मे दबाने लगा और अपना बाकी का लंड मेरी चूत में उतार दिया. उसी वक़्त उसने मुझे किस करना शुरू कर दिया, जिससे मेरी चीखें दब गईं. अब वह फुल जोश के साथ मेरी चूत चोद रहा था.
कुछ देर बाद उसने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी चूत चोदना शुरू कर दिया. अब मुझे मजा आ रहा था. मैं भी अपने चूतड़ उछाल उछाल कर चुदवाने का मजा ले रही थी. उसका लंड इतना बड़ा था कि चुदाई के वक़्त उसका लंड मेरी बच्चेदानी को छू रहा था.
पूरे कमरे में मेरी मादक सिसकारियों की आवाज़ गूंज रही थी.
रवि चुदाई में बड़ा जानदार था. उसने पूरे बीस मिनट तक मेरी चूत को रगड़ा. उसका लंड झड़ ही नहीं रहा था. इधर मेरी चूत दो बार झड़ चुकी थी.
फिर दस मिनट की और चुदाई के बाद उसका लंड अब झड़ने वाला हो गया तो मैंने कहा- मुझे तुम्हारा वीर्य अपने मम्मों पर चाहिए.
उसने अपना सारा पानी मेरे मम्मों पर छोड़ दिया.
मैं पूरी तरह से थक चुकी थी तो लेट गयी. पर वह अभी भी नहीं थका था. उसको देखकर मुझे ये साफ़ पता चल रहा था. वो मेरे बदना को लगातार मसल रहा था. मैंने उसे थोड़ी देर आराम करने को कहा तो वो भी मेरी बगल में लेट गया और मुझे चूमने लगा.
कुछ ही देर में उसका लंड दोबारा फुंफकार मार रहा था.
फिर मैं जैसे ही अपने कपड़े उठाने के लिए नीचे झुकी, उसने अपना लौड़ा मेरी गांड में डाल दिया. मेरी दर्द के मारे चीख निकलने ही वाली थी कि उसने मेरी पैंटी मेरे मुँह में घुसा दी. अब मेरी चीखें बंद हो गई थीं.
कोई 15 मिनट तक उसने मेरी गांड मारी, अब उसका लौड़ा झड़ने वाला हो गया था. उसने अपना सारा पानी मेरी गांड में ही उतार दिया. लगातार चूत और गांड मारने के बाद वो भी थक गया था. उसने अपना लंड गांड से बाहर निकाला, तो मैं उसे प्यार से डांटने लगी.
मैं- तुम्हें मेरी गांड मारनी ही थी तो बोल कर गांड मारते … मैं कहां मना करने वाली थी.
इतने में उसने अपना लौड़ा मेरे मुँह में घुसा दिया और बोला- माँ मुँह लंड चूसने के लिए होता है … बकचोदी करने के लिए नहीं … तुम बस लंड चूसो.
मैं मस्त हो गई और उसके लंड को चूसने लगी. उसने मेरे दूध दबाते हुए मुझे प्यार किया, तो मेरा गुस्सा शांत हो गया था.
कुछ देर बाद हम दोनों ने कपड़े पहन लिए, साथ में नाश्ता भी किया.
वो जब जाने लगा, तो मैंने उससे कहा कि जब भी तुम्हें अपनी माँ को चोदना हो, मुझे कॉल कर सकते हो.
जाते जाते उसने मेरे साथ 10 मिनट का एक लंबा सा किस किया.
अब जब भी मेरे दोनों बेटों का जब भी मन करता है, वो अलग अलग समय में आकर मेरी चूत चोद लेते हैं और गांड भी मार लेते हैं.
मैं अपने माँ बेटा सेक्स से बहुत खुश थी, पर मुझे पता चला कि मेरे बेटे सैम को मेरे और रवि की चुदाई के बारे में पता चल गया है.
अन्तर्वासना की नयी हिंदी सेक्स कहानी साईट फ्री सेक्स कहानी.कॉम
मैं बहुत चिंता में हो गई थी, मगर तभी एक दिन कुछ ऐसा हुआ कि मैं अपने दोनों बेटों से एक साथ चुद गई. मेरे दोनों छेदों में मेरे दोनों बेटों के लंड कैसे एक साथ घुसे थे, वो मस्त चुदाई की कहानी मैं आपके मेल मिलने के बाद जरूर लिखना चाहती हूँ. उस चुदाई की कहानी को मैं जल्द ही आपके सामने पेश करूंगी. तब तक के लिए नमस्ते, मेरी माँ बेटा सेक्स कहानी पर मुझे आपके विचार जानने के लिए आपके मेल का इन्तजार रहेगा.