मेरी चालू बीवी लंड की प्यासी-5 – Part 2
पापा ने मम्मी को राजी कर लिया और हमारे पास कॉल कर दिया. 5 मिनट बाद मैं घर पहुंचा. उनके रूम में मैं सीधे पहुंच गया. मम्मी हमारी वाली पोज की तरह ही पापा के ऊपर बैठ कर चूत चटवा रही थी.
पापा ने मम्मी को राजी कर लिया और हमारे पास कॉल कर दिया. 5 मिनट बाद मैं घर पहुंचा. उनके रूम में मैं सीधे पहुंच गया. मम्मी हमारी वाली पोज की तरह ही पापा के ऊपर बैठ कर चूत चटवा रही थी.
रात को दीदी ने मम्मी को बहुत सेक्सी नाइटी दी, खुद भी पहनी, मैं कमरे में चली गयी।
जैसे ही वो उठी तो उसकी गांड मेरी तरफ थी जो बहुत ही बड़ी थी. मुझसे रहा न गया और मैंने उसकी गांड पर एक जोर का थप्पड़ मार दिया.
हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम रेखा है. अन्तर्वासना पर मेरी कई कहानियाँ आ चुकी हैं.
ऑफिस से छूटते ही मैंने कैब ले ली और घर आ पहुंची. मैंने किसी से लिफ्ट नहीं ली थी … क्योंकि मास्टर का आदेश था. एक घंटे पहले उसका मैसेज आया था.
मेरे काफी जिद करने पर भी रेखा होटल में पार्टी करने पर राजी नहीं हुई. मेरे बहुत बार कहने पर रेखा इस बात पर राजी हुई कि आप रिशा को घुमाने ले जाना.
ये बात हमसे खुद विनय ने बताई | फिर एक दिन जब भैया कहीं बाहर गए थे विनय ने अपने भाभी को खूब चोदा विनय की भाभी तो उससे पट ही गई थी तो विनय अपनी भाभी को रोज चोदता था | ये बात विनय के भैया को पता नहीं थी | लेकिन एक दिन विनय के भैया काम से जल्दी घर आ गये तो उन्होंने विनय को अपनी पत्नी के साथ किस करते हुए पकड़ लिया | उसके बाद उसके भैया ने भी उसे खूब मारा और घर से बाहर निकाल दिया | फिर विनय अलग रहने लगा | उसके बाद विनय अपनी कम्पनी की मुरमुरे पैक करने वाली भौजी को लाइन मारने लगा और सबसे कहने लगा कि अब इस भौजी को पटा के चोदना है | और ये रोज उस भौजी को लाइन मारता था लेकिन इस बार कुछ नहीं हो रहा था तो विनय ने आ के हम लोग से बताया कि यार ये भौजी तो भाव ही नहीं दे रही है | मेरी तरफ देखती भी नहीं है | मैं उसे कितना देखता हूँ और सीटी भी मारता हूँ तब भी नहीं देखती है |
मैंने देखा, तो आंधी की वजह से लाइट चली गई थी. रूम में अंधेरा हो गया था. बस बिज़ली की चमक ही अन्दर आ रही थी, जिससे कभी कभी थोड़ी रोशनी हो जाती थी.
मैं अहमदाबाद का रहने वाला हूं और हम लोग जिस कॉलोनी में रहते हैं उसी कॉलोनी में हमारे पड़ोस में राकेश और उसका परिवार रहता हैं राकेश और मेरा परिवार कई वर्षों से एक दूसरे को जानता है। राकेश से मेरी बहुत अच्छी दोस्ती है एक दिन वह बहुत ज्यादा चिंतित नजर आ रहा था मैंने उसे कहा तुम इतना ज्यादा परेशान क्यों हो वह कहने लगा अमन मैं तुम्हें क्या बताऊं मीनाक्षी ने तो हमारे घर का माहौल ही पूरी तरीके से खराब कर दिया है। मैंने उसे कहा मीनाक्षी ने ऐसा क्या किया अमन मुझे कहने लगा यार मैं तुम्हें कैसे बताऊं मुझे तो बताने में भी अच्छा नहीं लग रहा है मैंने राकेश से कहा तुम बताओ तो सही आखिरकार हुआ क्या है। वह कहने लगा दरअसल मीनाक्षी एक लड़के से प्यार करती है और वह लड़का कुछ भी काम नहीं करता मीनाक्षी चाहती है कि हम लोग उसकी शादी उससे करवा दें।
भाभी बोली- देखूँ कि बड़ों जैसे काम करने वाले का कितना बड़ा हो गया है.
मैं हट गया और दोस्त ने उसकी टांगों को खींच कर उसे चित लिटा दिया. उसने भी अपनी चूत लंड के लिए खोल दी. दोस्त ने उसकी चुत में अपना लंड लगाया और फांकों में सुपारा रगड़ने लगा.
मैंने अब उसकी चूत पर अपना हाथ रखा और सहलाने लगा तो वो एकदम से सिहर उठी और अपनी टांगें भींच दी। मैं उसे किस करता रहा और धीरे-धीरे उसकी चूत को मसलता रहा। अब उसने अपनी टांगें खोल दीं और मजा लेने लगी। अब मैं धीरे-धीरे नीचे की तरफ बढ़ने लगा। उसके बूब्स को किस किया और चूसने लगा और धीरे-धीरे पेट से किस करते हुए बहन की चूत तक पहुंच गया। उसकी सिसकारियां अब बहुत तेज हो गई थीं।
मैंने अंगड़ाई सी लेकर आंटी के सीने पर हाथ रख दिया और सीधे ही अपने होंठ उसके होंठों पर रख कर चूसने लगा.
फिर मैं शबाना से लिपट गया और उसको किस करने लगा. वो भी मेरा साथ देने लगी. मैं और शबाना बहुत गरम हो गए थे. मैंने उसकी शर्ट के बटन खोल दिए, उसने अन्दर लाल रंग की ब्रा पहनी हुई थी. क्या मस्त माल लग रही थी.
वहाँ जाकर पहले मैं नहाया धोया और करीब 9.30 बजे खाना खाया औऱ सोने की इच्छा हुई तो चाची ने कहा- ऊपर वाले कमरे में जाकर सो जाओ.
मेरे स्कूल की एक सेक्सी टीचर प्रिंसीपल से सेट थी, चुदाई करवाती थी. मैं भी उस टीचर की चूत मारना चाहता था. मुझे पहले मैडम की गांड मारने का मौक़ा मिला. कैसे?
कुछ देर बाद मैं खड़ा हुआ और अंशिका को मेरा लण्ड चूसने के लिए कहा। कुछ देर तक तो उसने मना किया लेकिन मेरे बार बार कहने पर उसने मेरा 6″ लम्बा और 3″ मोटा लण्ड अपने मुँह में भर लिया और उसको चूसने लगी। मैं भी अब तेज तेज से उसके मुंह को चोदने लगा। उसके लण्ड चूसने से मुझे लग रहा था कि ये पहले भी कई बार लण्ड का स्वाद ले चुकी है।
मैं किस करते करते ऊपर को गया और उसके होंठों को चूसने लगा. एक हाथ नीचे करके मैंने अपना लंड उसकी चुत पे सैट किया और एक ही झटके में पूरा लंड अन्दर चला गया. उसकी उम्म्ह… अहह… हय… याह… निकल गई. उसने मुझे धीरे धीरे चुदाई करने को कहा.
मैंने भी उसके पैरों पर अपने हाथ को रख दिया, उसने भी जब मेरे हाथों को अपने हाथों में लिया तो मुझे बहुत अच्छा महसूस होने लगा। हम दोनों मन ही मन एक दूसरे से बात कर रहे थे, हम दोनों को एक दूसरे के साथ समय बिताने मे काफी अच्छा महसूस हो रहा था। हम दोनों उस सीट से खड़े उठकर टहलने लगे हम दोनों एक दूसरे का हाथ पकड़ते हुए काफी आगे तक निकाला आए वहां पर काफी घनी झाड़ियां थी। उन झाड़ियों के बीच में काफी कपल बैठे हुए थे वह एक दूसरे को किस कर रहे थे मेरे अंदर से भी रोहित को किस करने की भावना जागने लगी। मैंने रोहित के होठों को किस कर लिया जब हम दोनों ने एक दूसरे को स्मूच किया तो मुझे बहुत अच्छा लगा शायद रोहित के अंदर से भी एक आग पैदा हो गई थी। हम दोनों उन्ही झाड़ियों मे चल गए, हम दोनों एक साथ बैठ गए जब हम दोनों वहां बैठे तो हम दोनों के शरीर से गर्मी निकलने लगी थी। मेरी गर्मी इतनी अधिक हो गई मैंने रोहित को गले लगा लिया। रोहित ने जब मेरे स्तनों को दबाना शुरू किया तो मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था वह काफी देर तक मेरे स्तनों को अपने हाथों से दबाता रहा।
गोपाल तेल गर्म कर लाया, वो पैर और जाँघों पर रगड़ने लगा। फिर राशिका दीदी अब पूरा उल्टा लेट गयी। उनकी गान्ड बहुत मस्त थी।
मोहन भैया ने मुझे किस करते हुए मेरे सलवार सूट को निकाल दिया. मैं उनके सामने ब्रा और पैंटी में रह गई थी. मेरी ब्रा में से मेरे आधे से ज्यादा मम्मे दिखाई दे रहे थे. मेरी पैंटी मॉडर्न पैंटी थी, जिससे मेरी गांड तो पूरी बाहर ही दिखाई दे रही थी.
दोस्त की शादी में मेरी मुलाक़ात उसकी तलाकशुदा बुआ से हुई. हम पहले से ही एक दूसरे को जानते थे. किसी काम से बुआ मेरे शहर में आयी तो मेरे पास ही रुकी.
मेरी चालू बीवी हद से ज्यादा चुदक्कड़ है यह आपने मेरी पिछली पोर्न स्टोरीज में पढ़ा. इस बार पढ़ें कि कैसे मेरी बीवी ने किरायेदार से खुल कर दिन रात अपनी चूत का बाजा बजवाया.
भाई बहन की चुदाई का खेल चल रहा था. मैंने दीदी की मांग में सिंदूर भर कर शुरूआत कर दी थी मगर अब सच की शादी चाह रहे थे. उसके लिए हम भाई-बहन ने क्या किया?