मैं हट गया और दोस्त ने उसकी टांगों को खींच कर उसे चित लिटा दिया. उसने भी अपनी चूत लंड के लिए खोल दी. दोस्त ने उसकी चुत में अपना लंड लगाया और फांकों में सुपारा रगड़ने लगा.
उसकी चूत तो एकदम से जलेबी के शीरा जैसी टपक रही थी. इतनी गीली चुत मैंने कभी किसी औरत की नहीं देखी. शायद वो चूत चुसाई से झड़ चुकी थी.
पर उसका मन नहीं मान रहा था. वो चुत में लंड लेने के लिए मचलने लगी थी. मेरे दोस्त ने एक ही बार में पूरा लंड उसकी चुत में घुसा दिया. वो चीख निकालती, इससे पहले मैंने उसके मुँह की तरफ जाकर अपना लंड उसके मुँह में अड़ा दिया. वो मजे से मेरा लंड चूसने लगी. कभी मैं उसके होंठ चूसने लगता कभी लंड चुसवाने लगता. मेरा दोस्त मस्ती से उछल उछल कर उसकी चूत चोद रहा था.
भाभी ने चूत में लंड की ठोकर लेते हुए मुझसे कहा- आज पहली बार मुझे औरत होने का मजा आ रहा है. अभी तक पता नहीं था मुझे कि औरत होने का सुख क्या होता है. आज तुम लोगों ने मेरी जिंदगी को तृप्त कर दिया.
मेरा दोस्त गाली बकने लगा. वो नशे में टुन्न हो गया था. वो बोला- क्या बोल रही है मादरचोदी … आज तो तुझे चोद चोद कर मस्त कर देंगे … साली रांड.
उसने भी गाली बकी- अबे गांडू साले चोद दे आज … तेरा मस्त लौड़ा मेरी चूत की खुजली मिटा रहा है … अन्दर तक पेल आह … भैन के लौड़े..
तभी मेरे दोस्त ने मुझे आने का इशारा किया. वो हट गया, अब मैं भाभी की चुदाई करने लगा. मेरा दोस्त लंड चुसवाने लगा.
इस तरह हम दोनों काफी देर तक बदल बदल कर उसकी चुदाई करते रहे. कभी मैं उसकी चूत में लंड पेलता, वो लंड चुसवाने लगता. कभी वो अपनी जगह बदल लेता और उसे चोदता. वो भी दोनों के लंड से बारी बारी से चुदवा कर मस्त मजे ले रही थी.
हम लोगों को चुदाई करते हुए करीब डेढ़ घंटे हो चुके थे. न जाने कितनी बार वो झड़ी होगी, पर फिर भी गांड उछाल उछाल के चुत चुदवा रही थी. उसके और हमारे जोश में कोई कमी नहीं थी. हम लोग चुदाई करते करते हुए तीन पैग खत्म कर चुके थे, पर चुदाई खत्म नहीं हो रही थी. न वो चूत देने से मना कर रही थी, न हम लंड पेलना रोक रहे थे.
मेरे दोस्त ने एक एक पैग और बना दिया. अब हम लोगों का दिमाग काम नहीं कर रहा था, बस चुदाई किए जा रहे थे.
तभी मेरे दोस्त ने उससे पूछा- पीछे से करें?
वो मना करने लगी तो मेरे दोस्त ने बोला- यार प्लीज एक बार करने दे. एक काम करते हैं, एक साथ दोनों एक आगे से पीछे से चुदाई का मजा लेते हैं. जैसे ब्लू फिल्म में चुदाई करते है.
वो मूक निगाहों से देखे लगी थी. उसको नशा चढ़ गया था. वो डबल मजा लेना तो चाहती थी, पर हिम्मत नहीं कर पा रही थी.
दोस्त ने कहा- चल ट्राई करते हैं, तुमको दर्द हो, तो रुक जाएंगे.
उसने गांड तो पहले मरवाई थी, मगर डबल ड्रिल कभी नहीं करवाया था.
खैर आगे पीछे दोनों तरफ से लंड पेलने का तय हो गया. अब हम लोगों ने पोजीशन बदल ली. मैं नीचे लेट गया, भाभी अपनी चूत फंसा कर मेरे ऊपर मेरे लंड पर बैठ गयी. उसने एक बार लंड आगे पीछे किया और लंड चूत में सैट कर लिया.
अब मैंने उसको अपनी छाती पर दबाया, तो मेरे दोस्त ने पीछे से उसकी गांड में धीरे धीरे लंड डालना चालू कर दिया. उसकी चुत से पानी निकल निकल कर पूरी गांड को भीगा रहा था.
उसकी गांड एकदम चिकनी थी. ऊपर से दारू के नशे में उसे भी ज्यादा प्रॉब्लम नहीं हुई. थोड़ी बहुत आह कराह के बाद उसने दोनों लंड ले लिए. अब भाभी की एक साथ दो लंड से चुदाई हो रही थी.
मिशी भाभी की चुदाई का क्या कामुक नजारा था. हम लोग बहुत मस्त चुदाई कर रहे थे.
हम तीनों को एक घंटे से ऊपर हो चुका था. जिंदगी में पहली बार हम तीनों ने लगातार एक घंटे से ऊपर चुदाई की थी. हम सब थक चुके थे. मेरे दोस्त का लंड मिशी भाभी के गांड में फंसा था.
दोस्त बोला- मैं अपना खेल खत्म कर रहा हूँ.
हम दोनों ने जबरदस्त धक्के लगाने शुरू कर दिए. करीब पांच मिनट में मेरे दोस्त का लंड झड़ गया. इसके बाद मैंने मिशी भाभी को पलटा और ऊपर आ कर धक्के देते हुए उसकी चुत में झड़ने लगा.
आज जिंदगी में पहली बार झड़ने का अलग आनन्द मिल रहा था.
लंड का पानी झड़ जाने के बाद करीब आधा घंटे हम लोग ऐसे ही लेटे रहे. फिर तीनों उठे. रात के साढ़े ग्यारह बज चुके थे. हम लोगों ने खाना खाया, साथ में एक एक पैग भी पिया और फिर से चुदाई की तैयारी करने लगे.
उस रात हमने चार बजे के आस पास तक चुदाई की. हम लोग तो दो बार ही झड़े, पर वो न जाने कितनी बार झड़ी होगी.
सुबह हम तीनों एकदम निढाल होकर सो गए थे. हैप्पी न्यू इयर का उत्सव मिशी भाभी की चूत में लंड पेल कर मना लिया गया था.
इसके बाद मिशी भाभी हम दोनों के लंड से जब तब चुदने आने लगी थी.
तो दोस्तो … कैसी लगी ये रियल चुदाई की घटना … सच में ग्रुप सेक्स में अलग ही मजा है. कभी मौका मिले, तो ट्राई जरूर करना और जिसने भी कभी ट्राई किया हो या ट्राई करने की इच्छा हो, मेल करके मुझे जरूर बताना.
मैं आपके ईमेल का इंतजार कर रहा हूँ.