भाई बहन की चुदाई का खेल चल रहा था. मैंने दीदी की मांग में सिंदूर भर कर शुरूआत कर दी थी मगर अब सच की शादी चाह रहे थे. उसके लिए हम भाई-बहन ने क्या किया?
दोस्तो, मैं सोनू कुमार अपनी कहानी का अगला भाग लेकर आया हूं. इसमें कुछ चीजें तो बिल्कुल हकीकत हैं और कुछ मैंने इसमें कल्पना का सहारा भी लिया है.
मैं आपको बता दूं कि मेरी कहानी का 80 प्रतिशत हिस्सा सच है और बाकी 20 प्रतिशत इसमें काल्पनिक घटनाएं भी हैं जिनको मैंने कहानी में रोचकता लाने के लिए प्रयोग किया है.
सपना का किरदार बिल्कुल सच है. उसे पाने के लिए मैंने कई तरह की तकनीकें अपनाई हैं जिनको इस कहानी में सत्य रूप में बता पाना संभव नहीं है लेकिन मैंने पूरी कोशिश की है कहानी की वास्तविकता भी बनाये रख सकूं.
मैं तो कहता हूं कि दुनिया का कोई भी रिश्ता अगर आप दिल और दिमाग से पाना चाहते हैं तो आपको इसमें अवश्य सफलता मिलेगी. मगर उसके लिये थोड़ा सब्र भी करना पड़ता है. कभी न कभी कोई न कोई घटना हमको ऐसा मौका देती है और उस घटना को अपना हथियार कैसे बनाना है ये सब आपके दिमाग के ऊपर निर्भर करता है.
एक और बात मैं कहना चाहता हूं कि महिलाओं को घर में जो चीजें पता होती हैं वह एक पुरूष कभी नहीं जान सकता है. जैसे कि यदि आपको मां का राज जानना हो तो आपकी बहन के पास ही इसका सबसे सटीक राज मिल सकता है. वह राज न बेटे को मिल सकता है और न ही बाप को मिल सकता है.
इस तरह की बातें या तो बहन दे सकती है या फिर पड़ोस की कोई लड़की. पड़ोसन लड़की को पटा कर भी आप इस तरह के राज जान सकते हैं. मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था. मैं आपसे वही सब शेयर कर रहा हूं.
मैंने अपने पड़ोस की एक चालू औरत को सेट किया था. उसने एक राज मुझे बताया था. मुझे पहले तो उसकी बात का यकीन नहीं हुआ था. मगर बाद में जब मैंने अपनी आंखों से देख लिया तो मुझे भी यकीन करना पड़ा. उस बात का फायदा मैंने कैसे उठाया आप इसके बारे में भी जान सकते हैं इस कहानी के माध्यम से.
मैं पिछली कहानी के अंत से ही शुरू करता हूं. मेरी सेक्सी स्टोरी के पिछले भाग
बहन की ग़लती, मां का राज़-4
में आपने जाना था कि मैंने अपनी बहन की मांग में सिंदूर भर दिया था. मैंने सपना से कहा कि अगर मुझे पहले से पता होता कि तुम्हारी जिंदगी में सिंदूर की कितनी कीमत है तो मैं पहले ही तुम्हारी मांग में इसको भर देता.
बहन बोली- मैं डेढ़ साल से रिंकू से यही बोल रही थी. मैं उसके हाथ का सिंदूर भरवाना चाह रही थी लेकिन वो बार बार मना कर देता था. तुमने मेरे भाई होकर एक पल भी नहीं सोचा और मेरी मांग भर दी. मुझे तुम्हारी यही बात पसंद आई. अब मैं जीवन में हर जगह तुम्हारा साथ देने के लिए तैयार हूं. तुम भी मेरा साथ देना.
खाना खाने के बाद सब लोग सोने के लिए चले गये. मैं अपने कमरे में गया. रात के 10 बज चुके थे. फिर सपना भी मेरे रूम में आयी. उसने अपनी मांग में सिंदूर डाला हुआ था.
सपना मुझसे चिपक कर बोली- आई लव यू जान, तुम अकेले क्यों सो रहे हो? मैं तुम्हारा इंतजार कर रही थी. आज हम दोनों की पहली रात है पति पत्नी के रूप में, मगर आप सुहागरात मनाने आये ही नहीं. सुहागरात में तो पति आता है रूम में.
मैंने अपनी बहन को बांहों में भर कर कहा- मैं सबके सोने का इंतजार कर रहा था.
वो बोली- डरने की कोई बात नहीं है. हम दोनों के बारे में अगर कोई जान भी लेगा तो हमें कोई अलग नहीं कर सकता है.
सपना ने मां की लाल रंग की साड़ी पहनी हुई थी. उस साड़ी में वो बहुत सुंदर लग रही थी. मां का ब्लाउज सपना को काफी टाइट पड़ रहा था.
मैंने कहा- तुम्हारे बूब्स तो मां से भी बड़े हैं. जब हमारा बच्चा पैदा होगा तो तुम्हारे लिये तो फिर ऑर्डर पर ब्रा मंगवानी होगी.
बहन हंसने लगी और बोली- अच्छा नहीं लग रहा क्या मेरे ऊपर ये मां का ब्लाउज?
मैंने कहा- मैं तो तुम्हारे कपड़ों से ज्यादा तुम्हारे जिस्म का दिवाना हूं. तुम्हारे ब्लाउज से ज्यादा तुम्हारे चूचे पसंद हैं मुझे. तुम्हारी पीछे की ओर निकली हुई गांड भी बहुत अच्छी लगती है.
वो बोली- और क्या क्या अच्छा लगता है तुम्हें मेरे अंदर?
मैंने कहा- न्यूड होने पर तुम्हारा संगमरमर की तरह चमकता हुआ बदन मुझे बेकाबू कर देता है.
वो बोली- तो ठीक है फिर, आज मुझे सारी रात देख लो तुम. अब तो मैं पूरी की पूरी आपकी ही हो गयी हूं.
मैंने उसके ब्लाउज का बटन खोल कर उसे उतार दिया. उसकी ब्रा में कैद उसकी मोटी मोटी चूचियां बाहर झांकने लगीं. मैंने उसकी ब्रा के ऊपर से उसकी चूचियों को दबा दिया.
फिर मैंने उसकी ब्रा को भी खोल दिया. मेरी बहन की चूची नंगी हो गयीं और मैंने उनको अपने हाथों में भर लिया और सहलाने लगा. दूसरे हाथ में उसके बाकी के कपड़े उतारने लगा. थोड़ी ही देर में मैंने बहन को नंगी कर दिया.
आज मुझे एक बहुत ही सुखद फीलिंग आ रही थी. उसका कारण ये था कि बहन ने आज पूरी तरह से खुद को मुझे सौंपने का सोच लिया था. वो पूरी तरह से मेरा साथ दे रही थी. मैं उसके बदन को घूर रहा था. उसके जिस्म को जैसे पढ़ने की कोशिश कर रहा था.
मैं अब सोच रहा था कि कैसे रिंकू सिंह और शिवम सिंह मेरी बहन के संगमरमर जैसे जिस्म के मजे इतने दिनों से लूट रहे थे. मेरी बहन भी अपनी जवानी को उन दोनों पर लुटा रही थी. मगर आज बहन की ख्वाहिश मैंने पूरी कर दी थी और अब बहन मेरी ख्वाहिश पूरी करने के लिए खुद को मुझे सौंपने जा रही थी.
आज मुझे सच में बहुत ही उम्दा मौका मिला था अपनी बहन के जिस्म को भोगने का. उसकी बड़ी बड़ी चूचियां देख कर तो मैं पहले मुठ मारा करता था. मगर आज ऐसा लग रहा था कि उसका साथ पाकर मैंने स्वर्ग को ही पा लिया है.
मेरी खुशी का ठिकाना न था. सच कहूं तो आज मैं पहली रात को ही स्वयं को उसका पति समझने लगा था. इससे पहले इस तरह की फीलिंग्स मुझे नहीं आती थी. मैं बहुत एक्साइटेड होते हुए बहन की चूचियों को दबा रहा था और दूसरे हाथ से उसकी चूत को सहला रहा था.
धीरे धीरे अब सपना भी पूरी गर्म होती जा रही थी. मैंने बहन की चूत में उंगली दे दी और उसकी चूत में उंगली चलाने लगा. दीदी की चूत का रस मेरी उंगली पर लगने लगा और मैंने वो उंगली निकाल कर चाट ली. दीदी की चूत का रस मुझे बहुत पसंद था.
अब मैं भी पूरा नंगा हो गया. मेरा लंड पूरा टाइट था जो बहन की चूत में जाने के लिए काफी उतावला हो रहा था. मगर मैंने कभी दीदी को लंड नहीं चुसवाया था.
मेरा मन कर रहा था कि दीदी मेरे लंड को चूसे. रिंकू सिंह और शिवम सिंह का लंड तो सपना बहुत मजे से चूसती थी. अब मैंने सोचा कि पति बनने के बाद सपना मेरा लंड भी चूसेगी. फिर ऐसा ही हुआ.
सपना ने मेरे लंड को हाथ में ले लिया और उसको सहलाने लगी. इससे पहले कि मैं उसको लंड मुंह में लेने के लिए कहता, उसने खुद ही मेरे लंड को मुंह में ले लिया और चूसने लगी. मुझे बहुत मजा आने लगा. पहली बार दीदी ने मेरे लंड को मुंह में लिया था. मुझे सपना की ये बात बहुत अच्छी लगी.
कुछ देर लंड चुसवाने के बाद मैंने दीदी की चूत पर लंड को रख कर सेट कर दिया और चोदने की तैयारी करने लगा.
मगर इससे पहले दीदी बोल पड़ी- अभी मत डालियेगा.
तभी सपना ने मुझे अपने नीचे लिटा लिया और मेरे मुंह पर अपनी चूत को रख दिया. मैं बहुत खुश हो गया. दीदी की चूत मेरे मुंह पर थी और वो नीचे की ओर मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी. अब मैंने मन ही मन ठान लिया था कि बाकी का जीवन अब बहन के साथ ही जीना है.
अपनी बहन की चूत का पानी मुझे नमकीन सा लग रहा था. कुछ ही देर में सपना झड़ कर शांत हो गयी. मैंने उसकी चूत का रस पी लिया और फिर उसको नीचे लिटा कर उसकी चूत में लंड दे दिया और उसको चोदने लगा.
आज मैं अपनी दुल्हन बनी बहन की चुदाई कर रहा था. मुझे बहुत खुशी हो रही थी कि हम दोनों ने एक दूसरे के साथ जीने मरने के वादे किये हैं और दोनों ही इस वादे को निभाना चाहते हैं.
बहन की चूत को चोदने में आज अलग ही मजा आ रहा था. दीदी के मुंह से आनंद भरी कामुक सिसकारियां निकल रही थीं- आह्ह सोनू, आई लव यू, चोदो मुझे, आह्ह मजा आ रहा है. ये लंड अब मेरा हो गया है जानू, मैं इसी लंड से चुदूंगी सारी उम्र भर।
मैं भी जोर जोर से बहन की चूत को फाड़ने लगा. पूरे रूम में चुदाई से होने वाली आवाजें गूंजने लगीं. दीदी की चूत से पच-पच की आवाज हो रही थी और मैं इन आवाजों को सुन कर और ज्यादा जोश में आ रहा था.
20 मिनट की चुदाई के बाद मैं भी सपना दीदी की चूत में झड़ गया. हम दोनों हांफ रहे थे. हम दोनों शांत हो गये और फिर ऐसे ही लेटे रहे. उस रात तो सपना ने अपनी इच्छा से चार बार अपनी ठुकाई करवाई और मेरे लंड का पूरा मजा लिया.
अब तो ये रोज का सिलसिला हो गया था. मेरी दुनिया अब खुशियों से भर चुकी थी. एक तरफ तो किसी को पता नहीं था कि हम भाई बहन के बीच में क्या रिश्ता है. सब लोग इस बात से अन्जान थे. हम दोनों एक नये रिश्ते में बंध चुके थे.
रिंकू सिंह और शिवम सिंह अभी भी रोज चक्कर लगाने के लिए आया करते थे. मगर दीदी ने कह दिया था कि आप चिंता मत करिये. अब मैं उनको अपने जिस्म को छूने तक नहीं दूंगी.