दोस्त की शादी में मेरी मुलाक़ात उसकी तलाकशुदा बुआ से हुई. हम पहले से ही एक दूसरे को जानते थे. किसी काम से बुआ मेरे शहर में आयी तो मेरे पास ही रुकी.
दोस्तो, मेरा नाम हितेश है और मैं गुजरात से हूँ.
मैं एक बार अपने दोस्त अजय की शादी में सूरत गया था.
जब मैं अपने दोस्त अजय के घर में बैठकर चाय पी रहा था. तब अजय की मनीषा बुआ मेरे सामने आई.
मनीषा बुआ ने मुझे तुरंत पहचान लिया, वो बोलीं- अरे हितेश, तू कौन सी दुनिया में जी रहा है . कितने दिन बाद दिखा है.
मैंने बोला कि बुआ मैं बिजी था.
बुआ से मेरी कुछ देर बात हुई, फिर मैं वहां से उठ कर अजय के रूम में चला गया और सफर की थकान के चलते सो गया.
शाम को मनीषा बुआ ने मुझे आवाज़ दी- हितेश उठ जाओ . शाम के 8 बज चुके हैं.
मैं गहरी नींद में था . मैं उठा ही नहीं. मनीषा बुआ मेरे पास ही खड़ी थीं. उन्होंने मुझे फिर से आवाज देते हुए हिलाया.
इस बार उनके स्पर्श से मैं चौंक गया और उठ गया.
मनीषा बुआ ने मुझसे कहा- जल्दी से उठो . और फ्रेश होकर नीचे आ जाना.
मैंने उनसे कहा- ठीक है बुआ मैं दस मिनट में तैयार होकर आता हूँ.
फिर मैं तैयार होकर नीचे आया, तो घर पर कोई नहीं था. सिर्फ मनीषा बुआ ही थीं.
मैंने मनीषा बुआ से पूछा- सब लोग कहां गए हैं?
बुआ ने बोला कि सब लोग आज मंदिर गए हैं.
मैंने हैरान होकर बुआ से पूछा कि आप क्यों नहीं गईं?
बुआ ने बोला- तू सो रहा था न . इसलिए नहीं गई.
मैंने स्थिति को समझा कि बुआ ठीक कह रही हैं.
फिर मैंने उनसे बात करना शुरू की. मैंने पूछा- बुआ आप कैसी हो?
बुआ ने बोला- मैं ठीक हूँ. तुझे याद भी है कि हम आज से दो साल पहले मेरे जन्म दिन पर मिले थे.
मैंने धीरे से हां बोला.
फिर बुआ ने चाय बनाते बनाते बात करना शुरू की.
बुआ ने पूछा कि अभी क्या काम करते हो?
मैंने बोला कि मैं बिजनेस करता हूँ.
बुआ ने हम्म कहा.
फिर मैंने उससे पूछा कि आपका कैसा चल रहा है?
उन्होंने मुझे बताया कि मैंने अपने पति को छोड़ दिया है.
मैंने उनसे हमदर्दी जताते हुए सॉरी बोला. उन्होंने मुझसे पूछा कि अभी तुम कहां रहते हो?
मैंने कहा कि मैं आनन्द में रहता हूँ.
उन्होंने बताया कि अरे तुम आजकल आनन्द में हो, कल मुझे भी वहीं आना है.
मैंने कहा- ओके आप घर आ जाना.
उन्होंने कहा- नहीं . मैं वहां होटल में रह सकती हूं.
मैंने कहा- अरे होटल में क्यों रहना . आप बुरा ना मानो, तो आप मेरे घर में रह सकती हो.
बुआ ने हंस कर कहा कि अगर तुम मुझे 2-3 महीने तक रहने दोगे, तो कोई बात नहीं . मैं तुम्हारे पास रह लूंगी.
मैंने उनसे हां कह दिया और हम दोनों चाय पीकर मंदिर चले गए.
बुआ दिखने में बहुत खूबसूरत थीं. उनका फिगर 34-30-36 का था. लेकिन उनकी शादी बहुत खराब आदमी से हो गई थी. इसलिए वो अपने पति से अलग हो गई थीं. अजय के फूफा बड़े ही नाकारा किस्म के बेहद बदतमीज इंसान थे.
करीब एक घंटे बाद हम सब मंदिर से घर आ गए. फिर सबने खाना खाया. अब सोने का समय हो गया था, सभी सोने चले गए. हालांकि मैं अभी आठ बजे ही सो कर उठा था, तब भी शादी की थकान के कारण मुझे नींद आ रही थी. तो मैं भी रूम में जाकर सो गया.
फिर सुबह जल्दी उठ कर मैं तैयार हो गया. हम सब अजय को लेकर हॉल में आ गए. वहां सब तैयारी करने लगे. जब बुआ तैयार होकर आईं, तो मैं उनको देखता ही रह गया.
बुआ ने हंस कर मुझसे कहा- हितेश ऐसे मुझे क्या देख रहे हो?
मैंने कुछ नहीं बोला और अपनी निगाहें उनके तने हुए मम्मों पर से हटा कर नीचे कर लीं.
बुआ हंसते हुए चली गईं.
मैंने बुआ को जब से सजा संवरा देखा था, उसके बाद से पूरी शादी में मैं उनको ही देखता रहा. उन्होंने मुझे कई बार नोटिस भी किया, पर वो कुछ नहीं बोलीं.
सुबह तक शादी की सभी रस्में पूरी हो गईं और हम सब घर आ गए.
कुछ देर बाद मैंने अजय से कहा- दोस्त, अब मैं घर जा रहा हूँ.
अजय बोला कि रुक जा यार, सुबह चले जाना.
मैंने उसे ये कहते हुए मना कर दिया कि तुझे तो पता है कि उधर मेरे बिना काम नहीं होता है.
अजय बोला- ठीक है, पर तू जा रहा है तो बुआ को भी लेकर जा ना . क्योंकि उनकी जॉब तेरे वहीं लगी है.
मैंने बोला- तू चिन्ता मत कर . उनको शादी से फ्री होकर आने दे. मैं उनका सब सैट कर दूंगा.
तभी बुआ बोलीं- शादी तो अब हो ही गई है . मुझे जॉब ज्वाइन करने की जल्दी है. मैं तेरे साथ ही चलती हूँ.
फिर मैं और बुआ वहां से निकल गए. हम रेलवे रटेशन गए. मैंने दो टिकट लिए और प्लेटफार्म पर खड़े होकर ट्रेन आने का इन्तजार करने लगे.
ट्रेन आने में कुछ देर थी. तो बुआ ने मुझसे बात करना शुरू कर दी.
उन्होंने पूछा- हितेश तू मुझे इतना क्यों घूर रहा था?
मैंने उनकी तरफ देख कर कहा कि आप बहुत खूबसूरत दिख रही थीं . इसलिए.
वो हंस दीं.
इतने में हमारी ट्रेन के आने की उद्घोषणा हो गई. हम दोनों अपना सामान उठा कर ट्रेन में चढ़ने के लिए तैयार हो गए. ट्रेन आई, तो हम दोनों बैठ गए.
शादी की थकान थी तो हम दोनों सो गए. रात के दस बजे हम दोनों ट्रेन से उतरे और बाहर आकर ऑटो करके घर आ गए.
मैंने उनको अपना रूम दिखाया. वो तुरंत कमरे में गईं और बाथरूम में स्नान करने चली गईं.
मैंने भी बाहर किचन के बेसिन से पानी लेकर मुँह हाथ धोया और फ्रेश होकर शॉर्ट बॉक्सर और टी-शर्ट पहनकर हॉल में आ गया. मैंने टीवी का रिमोट लिया और टीवी चालू करके देखने लगा.
तभी मनीषा बुआ ने कमरे का दरवाजा खोला. मैंने मनीषा बुआ को देखा. उन्होंने गाउन पहना हुआ था. उनके इस झीने गाउन से अन्दर का नजारा साफ साफ दिख रहा था. मुझे उनके तने हुए स्तन उठे हुए दिख रहे थे.
जब मैं उनको देख रहा था, तो वो गांड मटकाते हुए आईं और मेरे पास में बैठ गईं.
मैंने नजरें टीवी की तरफ कर लीं.
तो बुआ बोलीं- क्या देख रहे थे?
मैंने बोला- आपकी खूबसूरती. सच में बुआ मैंने आज तक इतनी खूबसूरत लड़की नहीं देखी है.
तब बुआ हंस पड़ी. मेरे होंठ उनके होंठों के एकदम करीब थे. मेरा लंड खड़ा होने लगा था. ये सब बुआ ने देख लिया था.
फिर बुआ ने मेरे कंधे पर हाथ रखते हुए पूछा- तुमने अभी तक शादी क्यों नहीं की?
मैंने भी खुल कर बात करना शुरू कर दी- मुझे अभी तक आप जैसी लड़की ही नहीं मिली.
वो मेरी आंखों में आंखें डाल कर मुझे देखने लगीं.
मैंने उनसे बोल दिया- क्या आप मुझसे शादी करेंगी?
मेरी इस बात पर मनीषा बुआ एकदम से सन्न रह गई. वो कुछ नहीं बोलीं.
कुछ देर हम दोनों यूं ही चुप बैठे रहे. फिर वो मेरे पास से उठ कर सोने जाने लगीं.
मैं भी सोने के लिए उठ गया. मेरे इस घर में एक ही बेडरूम था.
बुआ बेड पर लेटने से पहले मेरी तरफ घूमीं और बोलीं- तुम किधर सोओगे?
मैंने कहा- हां ये तो है . रूम तो एक ही है. मैं बाहर सो जाता हूँ.
बुआ मेरे खड़े लंड की तरफ देखने लगी थीं. मुझे समझ आ गया कि शादी न सही, पर बुआ की चुत तो ले ही सकता हूँ.
बुआ कहने लगीं- कोई एक दिन की बात हो तो बात समझ आ जाती, मगर ऐसे कैसे चलेगा.
मैंने गहरी सांस ली और कहा- यदि आपको कोई दिक्कत न हो तो हम दोनों एक ही रूम में सो जाते हैं.
ये सुनकर मनीषा बुआ ने सर हिला दिया और मेरे रूम में आकर मेरे बेड पर लेट गईं.
मैं भी धीरे से जाकर उनके बाजू में लेट गया.