मामी की चूत और गांड का आनन्द
अन्तर्वासना मामी की चुदाई की कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरी जवान मामी हमारे घर आयी और हम दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ गयीं और मामी की चूत और गांड तक पहुँच गयी.
अन्तर्वासना मामी की चुदाई की कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरी जवान मामी हमारे घर आयी और हम दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ गयीं और मामी की चूत और गांड तक पहुँच गयी.
मेरी गर्लफ्रैंड है पर हम चुम्मा चाटी के अलावा कुछ कर नहीं पाए। गाँव गया तो ताऊ की बहू यानि चचेरी भाभी से मेरी दोस्ती हो गयी. यह दोस्ती आगे भाभी की चूत चुदाई तक गयी.
बीना ये सब देख कर उठी और अपनी जीन्स और टॉप उतार कर और अपने आपको मसलने लगी।
यह सिस्टर सेक्स स्टोरी मेरी पहली और सच्ची कहानी है, अगर कोई गलती हो तो माफ़ करना।
मेरा नाम साहिल है, मैं छत्तीसगढ़ का रहने वाला हूँ. मैं आज आप सबको अपनी एक रियल सेक्स कहानी सुनाने वाला हूँ, जो मेरे साथ हुआ. मैंने और मेरी भतीजी ने इस मजे को एंजाय किया. मैं इस कहानी में कुछ जगहों के नाम और मेरी भतीजी का नाम बदल रहा हूँ क्योंकि अब उसकी शादी हो गयी है.
दोस्तो, मेरा नाम अगम है (बदला हुआ नाम). मैं 12 वीं क्लास में पढ़ता हूँ. मेरा एक दोस्त है, उसका नाम हर्ष है. उसकी एक बहन है, जो ग्रेजुयेशन कर रही है. उसका नाम विया है ये भी बदला हुआ नाम है.
मेरे पति चूत चुदाई से ज्यादा मेरी गांड चुदाई करते हैं. मुझे पता लगा कि वो कई औरतों की गांड चोदते हैं. तो हमारा झगड़ा हो गया. फिर जब मेरी चूत में वासना की आग लगी तो .
मैं एक दिन विजय को फोन करता हूं विजय मेरे साथ पुणे में पढ़ाई करता था लेकिन अब हम दोनों की पढ़ाई पूरी हो चुकी है। मैंने तो पुणे में ही अपनी नौकरी ज्वाइन कर ली है लेकिन विजय अब चंडीगढ़ चला गया है जब मैंने विजय को फोन किया तो पहले किसी ने फोन नहीं उठाया लेकिन जब मैंने दूसरी बार कॉल किया तो सामने से किसी लड़की की आवाज आई मैंने उसे कहां आप कौन बोल रहे हैं। वह कहने लगी मैं विजय की बहन पायल बोल रही हूं मैंने पायल से कहा मुझे विजय से बात करनी थी तो पायल कहने लगी यह नंबर तो भैया ने मुझे दे दिया है और अब यह नंबर मेरे पास है। मैं आपको भैया का दूसरा नंबर दे देती हूं लेकिन अभी वह शायद आपसे बात नहीं कर पाएंगे क्योंकि आज उनके ऑफिस में कुछ जरूरी मीटिंग थी इसलिए उन्होंने आज मुझे भी फोन करने से मना किया था।
दोस्तो, मैं जो कहानी आप लोगों को सुनाने जा रहा हूँ वह आपको जरूर पसंद आएगी. यह कहानी मेरी अपनी कहानी है.
उन्हें इस बात की खुशी थी की रोहन का रिश्ता हो जाएगा तो शायद रोहन भी अपनी जिम्मेदारियों को समझने लगेगा। मैंने जब मनमोहन जी और अपने मामा की मुलाकात करवाई तो वह लोग आपस में एक दूसरे से बात करने लगे। मामा जी ने रोहन के बारे में उन्हें सब कुछ बता दिया था और कुछ ही दिनों बाद मनमोहन जी ने काजल की मां को भी अपने पास बुला लिया। काजल से मैं पहली बार ही मिला था उसकी तस्वीर देख कर वह बहुत अच्छी लग रही थी और असल में भी वह बहुत सुंदर थी। उसके भाग्य की वजह से शायद उसकी शादी नहीं हो पाई थी परंतु अब मामा जी और काजल की मां के बीच पूरी बातचीत हो चुकी थी जिस वजह से वह काजल की शादी रोहन से करवाने को तैयार हो चुकी थी। मामा जी भी बहुत खुश थे मामा जी ने मुझे कहा कि यह सब तुम्हारी वजह से ही हो पाया है। मैंने मामा जी से कहा ऐसी कोई बात नहीं है मुझे भी रोहन की चिंता रहती है इसीलिए तो मैंने आपको काजल के बारे में बताया फिर काजल और रोहन की शादी बड़े धूमधाम से हुई। काजल और रोहन की शादी के बाद रोहन के चेहरे पर बड़ी मुस्कुराहट रहती। मैंने उससे पूछा तुम बड़े खुश रहते हो? वह मुझे शर्माते हुए कहने लगा भैया पूछिए मत बस मैं ही जान सकता हूं कि मैं कितना खुश हूं। मैंने उसे कहा लेकिन मुझे भी तो बताओ तुम्हारी खुशी का राज क्या है उसने मुझे कुछ नहीं बताया लेकिन मुझे उसकी खुशी का राज उस वक्त पता चला जब मेरे काजल के साथ अंतरंग संबंध बने। काजल और रोहन हमारे घर पर आए हुए थे वह लोग जब हमारे घर पर आए तो मैंने काजल की तरफ अपनी प्यासी नजरों से देखना शुरू किया तो काजल भी मचलने लगी।
मैंने अंगड़ाई सी लेकर आंटी के सीने पर हाथ रख दिया और सीधे ही अपने होंठ उसके होंठों पर रख कर चूसने लगा.
उस दिन क्लास शुरू होते ही प्रिया मेरे पास आई और उसने अपनी नोटबुक में एक सवाल लिखा हुआ था. सवाल समझाते हुए मैंने देखा कि उसने किताब में एक पर्ची मेरे पास छोड़ दी थी.
बहुत देर तक हम दोनों एक दूसरे को किस करते रहे. साना नंगी थी. उसके बदन को देख कर मैं पागल सा हो गया. उसके 36 के चूचे नंगे होने के बाद और भी ज्यादा मस्त लग रहे थे.
शुरू में तो मुझे मजे मजे में पता ही नहीं चला.. पर थोड़ी देर बाद मैंने उससे कहा, तो बोला- कॉलेज में तो रोज ही जाते हैं.. चलो आज एक नया नजारा दिखाता हूँ।
मैंने एक आंटी की मदद की उनका सामान उनके घर पहुंचाने में. उन्होंने मुझे अंदर बुला लिया. उनके घर में जाकर मैंने आंटी की चूत चुदाई की. ये सब कैसे हुआ? उनकी सहेली कैसे आयी?
मेरी तो जैसे लॉटरी निकल आई, मैं उसको कंनवेंस करने लगा कि मेरे पास कोई जगह नहीं है. काफी समझाने के बाद वो मान गई और उसने मुझे अपने घर पर बुला लिया.
अपना अण्डरवियर उतारकर मैंने अपने लण्ड पर हाथ फेरा और ढेर सी क्रीम लण्ड पर चुपड़ कर मैं रेखा की टांगों के बीच आ गया. रेखा की मांसल जांघें और ताजा ताजा शेव की गई डबलरोटी जैसी चूत मुझे आमंत्रित कर रहे थे. चूदाई का भरपूर मजा लेने के लिए मैंने रेखा के चूतड़ों के नीचे एक तकिया रखा. रेखा की चूत के होंठ फैला कर मैंने अपने लण्ड का सुपारा रखा और पूरा लण्ड एक ही बार में पेल दिया.
antarvasna, kamukta मैं जब 5 वर्षों बाद अपने दोस्त संतोष से मिला तो उसकी स्थिति पूरी तरीके से बदल चुकी थी, अब वह पहले वाला संतोष नहीं था उसके पास एक बड़ी सी गाड़ी थी और उसका एक बड़ा सा बंगला था, मेरे तो समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर कार संतोष के हाथ इतने पैसे कहां से लग गए। उसने जब मुझे अपने घर पर इनवाइट किया तो मैं अपनी पत्नी के साथ उसके घर पर गया, मैं जब अपनी पत्नी के साथ उसके घर पर गया तो मेरी पत्नी मेरे कान में कहने लगी कि आपके दोस्तों बहुत ही रईस है, मैंने उससे उस वक्त कुछ भी नहीं कहा और उससे कहा कि हम लोग इस बारे में बाद में बात करेंगे। जब मैंने संतोष से इस बारे में पूछा तो संतोष कहने लगा बस यह सब मेरी पत्नी रोशनी की वजह से ही संभव हो पाया है उसने मेरा बहुत साथ दिया है इसीलिए तो आज मैं इस मुकाम पर खड़ा हूं लेकिन मुझे उसकी तरक्की से खुशी नहीं थी क्योंकि वह हमारे क्लास में सबसे नालायक किस्म का लड़का था परन्तु जब उसकी इस सफलता को मैंने देखा तो मैं सिर्फ उसे देख ही सकता था मेरे पास तो एक सरकारी नौकरी थी जिसमें कि मुझे हर महीने एक फिक्स तनख्वाह मिल जाया करती जिससे कि मैं अपना घर चलाता था लेकिन मुझे संतोष को देखकर बहुत अजीब सा लग रहा था।
उस शाम मुस्कान को शाम को एक पार्टी में जाना था. इसलिए वो पार्लर गयी थी. मैं और शिशिर हम दोनों लोग खुश थे कि मेरी सहेली शाम को पार्टी में जाएगी और मैं मेरे पति के सोने के बाद अपनी सहेली के पति से सेक्स करूंगी.
सभी दोस्तों को मेरा नमस्कार, मैं आपको मेरी वाईफ से सेक्स की कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जिसमें किसी भी तरह के झूठ या शक की कोई गुंजाइश ही नहीं है.
उसके बाद उन्होंने शादी के लिए उनके माता-पिता से बात की वह लोग भी मान गए और फिर जब उन दोनों की शादी हुई तो अजय भैया और सुनैना भाभी की शादी के बाद सब कुछ अच्छा था लेकिन ना जाने कुछ समय से उन दोनों के बीच झगड़े होने शुरू हो गए। उन दोनों के झगड़े की वजह उनका एक दोस्त है भैया को लगता है कि सुनैना भाभी उससे बातें करती हैं लेकिन सुनैना भाभी का नेचर भी ऐसा नहीं है वह बहुत अच्छी है। पता नही भैया के दिमाग में यह बात कहां से बैठ गई उसके बाद से इसी बात को लेकर उन दोनों के बीच काफी बार झगड़े हो जाते हैं। जब भी उनके फोन में उनके दोस्त की कॉल आती है तो वह बहुत ज्यादा गुस्से में हो जाते हैं और अब तो वह छोटी-छोटी बातों पर भी सुनैना भाभी से झगड़े करने लग जाते हैं। इस बात को लेकर मम्मी पापा ने कई बार उन्हें समझाया लेकिन अजय भैया तो कुछ समझने को तैयार ही नहीं है वह हमेशा भाभी के साथ झगड़ते रहते हैं जिससे कि घर में सब लोग परेशान हो चुके हैं। मैंने कमलेश से कहा इस बारे में क्या तुमने कभी सुनैना भाभी से बात नहीं की। कमलेश कहने लगा मैंने तो बात की थी लेकिन अब उन दोनों के बीच में आय दिन इतने झगड़े होते हैं कि उन दोनों को समझाना ही मुश्किल है इसलिए उन्हें घर पर कोई कुछ नहीं कहता और वह दोनों आपस में झगड़ते ही रहते हैं। सुनैना भाभी को मैं अच्छा लगने लगा था और उन्हें मैं कई बार समझाया करता था जब एक दिन सुनैना भाभी ने मेरे फोन पर फोन किया तो उनसे मैने काफी देर तक बात की हम दोनों की बातें काफी देर तक हुई।
अजय भी शायद मुझे प्यार करने लगा था उसका प्यार एक तरफा ही था लेकिन मुझे इस बात की चिंता सता रही थी कि कहीं मेरे पिताजी और मां को इस बारे में पता ना चल जाए। गांव के माहौल में कभी भी इस बात की स्वीकार्यता नहीं थी इसलिए मैं काफी डरी हुई थी मैं और अजय ऐसे ही चोरी छुपे मिलने लगे थे। हम दोनों चलते चलते अपने गांव से थोड़ी दूरी पर निकल गए और वहां पर बैठकर हमने काफी देर तक एक दूसरे से बात की अजय के साथ बात कर के मुझे बहुत अच्छा लगा और मुझे ऐसा लगा कि जैसे अजय अपने जीवन में कुछ बड़ा करना चाहता है। मैंने अजय से कहा तुम काफी मेहनती हो तुम जरूर अपने जीवन में आगे बढ़ोगे। अजय कहने लगा मेरी मां भी हमेशा यही कहती है और जब मुझे तुमसे बात करने का मौका मिला तो मुझे ऐसा लगा कि जैसे तुम्हारे अंदर भी मेरी मां का कोई रूप छुपा हो तुम बिलकुल मेरी मां की तरह बात करती हो वह भी मुझे ऐसे ही समझाती रहती हैं और जिस प्रकार से तुम से मेरी मुलाकात हुई है वह भी किसी इत्तेफाक से कम नहीं है। मुझे भी अजय का साथ पाकर अच्छा लगा लेकिन जब अजय ने यह कहा कि मैं कल पटना लौट जाऊंगा तो मुझे यह बात हुई बुरी लगी। उस दिन मुझे अजय को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मै उसे अपनी बाहों में ले लू लेकिन मैं गांव की एक सीधी-सादी सी लड़की थी इसलिए मेरे अंदर इतनी हिम्मत ना थी परंतु अजय ने हिम्मत दिखाते हुए आखिरकार मुझे गले लगा लिया। जब अजय ने मुझे गले लगाया तो मेरे अंदर से उत्तेजना जागने लगी थी मेरे अंदर से एक करंट सा निकलने लगा। मैं अजय से गले मिलकर बहुत खुश थी जब अजय ने मेरे गुलाब जैसे होठों को अपने होठों से चुंबन किया तो मैं बिल्कुल रह ना सकी। मैंने अजय से कहा तुम मेरे होठों को बड़े अच्छे से चूम रहे हो मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। हम दोनों पास के एक खेत में चले गए वहां कुछ दिखाई नहीं दे रहा था इसलिए हम दोनों ने खेत में जाकर एक दूसरे को काफी देर तक चुंबन किया जिससे कि हम दोनों एक दूसरे के प्रति आकर्षित हो गए।
मेरी मकान मालकिन भाभी बहुत सेक्सी थी. वो मुझ पर डोरे डाल रही थी और मैं भी भाभी की चुदाई करना चाहता था लेकिन डरता था. मैंने कैसे भाभी की चुदाई की?