मेरा नाम साहिल है, मैं छत्तीसगढ़ का रहने वाला हूँ. मैं आज आप सबको अपनी एक रियल सेक्स कहानी सुनाने वाला हूँ, जो मेरे साथ हुआ. मैंने और मेरी भतीजी ने इस मजे को एंजाय किया. मैं इस कहानी में कुछ जगहों के नाम और मेरी भतीजी का नाम बदल रहा हूँ क्योंकि अब उसकी शादी हो गयी है.
यह कहानी सन 2016 जनवरी से मार्च के बीच की है. मैं एक कम्पनी में काम के सिलसिले में रायपुर (जगह का नाम बदला हुआ है) गया हुआ था. मुझे वहां सिर्फ़ तीन महीने के लिए भेजा गया था. तो मैं वहां अपना काम कर रहा था.
मुझे काम करते हुए अब एक माह हो गया था. तभी मेरी माँ ने बताया कि वहां मेरे मामा की तरफ से रिश्ते में आने वाले भाई का परिवार रहता है और उनकी लड़की यानि मेरी भतीजी भी रहती है.
उसी दिन भैया का कॉल आया और उन्होंने मुझे अपने घर बुलाया. मैंने उनसे संडे को आने का वादा किया.
फिर संडे को उनके घर गया, जहां भाभी जी ने मेरा स्वागत किया और मेरी अच्छे से खातिरदारी की.
तभी मेरी भाभी ने अपनी बेटी और मेरी भतीजी को बुलाया, ये वही माल है, जिसके बारे में मैं आपको बता रहा हूँ.
यहां पर रुक कर पहले मैं आपको मेरी भतीजी के बारे में बता देना चाहता हूँ. उसको सब प्यार से छोटी बुलाते हैं, वो देखने में सांवली सी थी लेकिन बहुत ही छबीली और खूबसूरत थी. उसकी फिगर के लिए लिखूँ तो उसकी गांड इतनी ज़बरदस्त उठी हुई थी कि जो भी उसे एक बार देखे तो बस देखता ही रह जाए. और उसके चूचे तो कमाल के तने हुए थे.. बिल्कुल रसीले आमों की सर उठाए मानो कह रहे हों कि आओ जल्दी से मुँह में भर के चूस लो. उसके बाल कमर तक थे और उसके लब तो सबसे ज्यादा कयामत थे.. ये सब तो वो आइटम थे, जो सभी को ऊपर से देख जाते थे. मगर आग जैसी क़यामत तो उसकी पेंटी खोलने पर दिखी थी.. हां उसकी चुत इन सबसे ज्यादा कयामत थी, जो मैं आपको आगे कहानी में उसकी चुदाई के वक्त आपको बताऊंगा.
तो जब मेरे सामने छोटी आई. भाभी ने मुझे उससे पहली बार मिलवाया और बोलीं- पहली बार मिले हो तो आप दोनों बातें करो, मैं अभी आती हूँ.
दोस्तो, मैं भी दिखने में कुछ कम नहीं हूँ.. दिखने में एकदम दूध सा गोरा.. फिट बॉडी.. और मेरी झील सी गहरी आँखें, सभी को मोहित कर लेती हैं.
फिर हम दोनों एक दूसरे से बात करने लगे और बात करते करते कब शाम हो गयी, पता नहीं चला. फिर इसी बीच जाने से पहले उसने मुझसे मेरा नंबर लिया. जब उसे मैंने पहली बार देखा था, तभी वो मुझे पसंद आ गयी थी.. पर रिश्तेदारी के कारण मैं कुछ बोल न सका और तब इतनी ज्यादा कुछ फीलिंग भी नहीं थी.
जैसे ही मैं रूम पहुंचा, मुझे एक मैसेज आया. वो मेरी भतीजी का था.. तो मैंने उसका नंबर सेव कर लिया.
अब रोज ही उससे और भाभी और भाभी की सास मतलब मेरी मामी से बात होने लगी. पर इन सबसे छिप कर वो मुझे पर्सनल मैसेज करती थी, तो मैं भी मैसेज का रिप्लाई कर देता था. अब तो ऐसा हो गया कि उनके घर जाना, छोटी से बात करना.. मेरी आदत सी हो गयी.
कुछ समय बाद एक दिन जब मैं उनके घर गया तभी वहां पाया कि भाभी लोग वहां नहीं थे, बस मेरी मामी जी थीं, जो बहुत अधिक उम्र की हैं.
मैं छोटी से मिला और उसी ने मेरी खातिरदारी की. वो मुझे अपने रूम में ले गयी और मुझसे बातें करने लगी.
वो मुझे ऐसे देखने लगी, जैसे वो मुझसे बहुत प्यार करती हो. इसी बीच उसने मुझसे मेरी जीएफ के बारे में पूछा, जो कि मेरी कोई है ही नहीं.. तो मैंने ‘ना’ कर दिया.
फिर उस दिन काफी देर तक हम दोनों में बातें होती रहीं मुझे उसकी निगाहों में एक भूख सी दिखी, लेकिन इतनी जल्दी हम दोनों में कुछ भी खुलासा नहीं हो सका.
मैं फिर अपने रूम चला गया. फिर रात को उसने मुझे मैसेज किया, जिसमें लिखा था कि वो मुझे पसंद करने लगी है.
पहले तो मैंने उसे मना किया कि ये सब ग़लत है.
तो उसी ने कहा- हां अगर किसी को पता चल जाए तो ग़लत है.. और न पता चले तो?
मतलब वो पूरा मन बना कर बैठी थी.
मैंने भी उसका प्रपोजल एक्सेप्ट कर लिया. अब रोज नाइट में हमारी बातें होती रहती थीं. बात प्यार मुहब्बत से सेक्स पर होने लगी. अब हम दोनों बहुत आगे बढ़ चुके थे, हमारे बीच अब ज्यादातर सेक्स की भी बातें ही होने लगी थीं.
एक रविवार को उसका फ़ोन आया कि घर पर कोई नहीं है, आप मुझसे मिलने आ जाओ. आग तो मेरे अन्दर भी लगी थी, तो मैं भी चला गया.
जब मैं घर पहुंचा तो वो ठीक नहा कर निकली थी और उसके बदन से इतनी ज़बरदस्त खुशबू आ रही थी कि क्या बताऊं.
वो मुझे अपने कमरे में ले गयी और मुझे से लिपट गयी. मेरे बदन में तो आग ही लग गयी क्योंकि पहली बार कोई लड़की मुझसे लिपटी थी.
फिर मैंने उसे अपनी बांहों में भर लिया और उसके होंठों पर किस करने लगा. वो भी मुझे पागलों की तरह ऐसे किस करने लगी मानो उसने कभी किया ही न हो.. वो इतनी अधिक उतावली हो गयी थी.
मैंने उसे गोद में उठा कर बिस्तर पर लिटाया और उसकी नाइटी उतार कर उसके मम्मों को दबाने लगा. उसकी चुचि चूसने लगा. उसके मुँह से अजीब से आवाज आ रही थी ‘आअहह आहह आआच्च आअहह…’
फिर मैंने उसकी पेंटी के ऊपर से ही उसकी चुत चाटनी शुरू कर दी. थोड़ी देर में ही उसकी चुत एकदम से गीली हो गयी. तभी अचानक डोरबेल बजी, हम दोनों तो डर के मारे काम्प गए और जल्दी से मैंने अपने कपड़े पहन लिए.
मैं बाथरूम में चला गया.
जब मैं बाथरूम से बाहर आया तो देखा कि भैया भाभी सब लोग आ गए थे, उन्होंने पूछा- कब आए थे?
तो मैंने भी बहाना बना कर स्थिति संभाल ली.
फिर मैं वहां से चला गया.
अब हम दोनों के बीच उस दिन के बाद फ़ोन सेक्स और भी ज्यादा हो गया. अब हम दोनों एक दूसरे से मिलने का बहाना ढूँढने में जुट गए.. पर मौका नहीं मिल रहा था.
तभी एक दिन अचानक भैया का कॉल आया कि वो और भाभी कहीं शादी में जा रहे हैं और घर में छोटी मामी और दोनों भतीजी लोग हैं. तुम इधर आ जाना.
यह सुनकर हम दोनों की ख़ुशी का ठिकाना न रहा.
मैं रात 8 बजे घर पहुंचा और हम सबने साथ में खाना खाया और खाना खा करके मैं जल्दी से काम खत्म करने में उसकी हेल्प करने लगा. इस बीच जब भी मौका मिलता मैं उसे किस कर लेता.. उसके मम्मों को दबा देता.. या उसकी गांड में उंगली घुसा देता.
उसे भी ये सब अच्छा लग रहा था.
मामी ने मुझे और भतीजे को बाहर सोने के लिए बोला और छोटी अपने कमरे में चली गयी. उसने मैसेज किया कि रात को 11 बजे मेरे कमरे में आ जाना.
मैंने भी मैसेज में हां लिख दिया. मैं अब सबके सोने का इन्तजार करने लगा. जब सब सो गए तो मैं उसके कमरे की ओर गया. उसके कमरे का दरवाजा खुला था. जैसे मैं अन्दर गया, वो मुझसे लिपट गयी और मुझे किस करने लगी. मैं भी उसको किस करने लगा.