चेन्नई एक्सप्रेस में चूत से मुलाकात – Part 2
मेरी तो जैसे लॉटरी निकल आई, मैं उसको कंनवेंस करने लगा कि मेरे पास कोई जगह नहीं है. काफी समझाने के बाद वो मान गई और उसने मुझे अपने घर पर बुला लिया.
मेरी तो जैसे लॉटरी निकल आई, मैं उसको कंनवेंस करने लगा कि मेरे पास कोई जगह नहीं है. काफी समझाने के बाद वो मान गई और उसने मुझे अपने घर पर बुला लिया.
उसने भी मेरे पेन्ट की बटन को खोल दिया और मेरे लंड को हिलाने लगी और बोली आपका औज़ार तो बहुत बड़ा है | मैंने इतना बड़ा सामान पहली बार देखा है और मेरे लंड को चूसने लगी और मै भी उसके ब्लाउज को उतार के उसके दूध को जम जम से चूसने लगा और उसकी साड़ी को भी उतार दिया | जब हम दोनी पूरे नंगे हो गये तो वो बोली कि आप अब से हरदम मेरी प्यास को बुझाओगे ना | मैंने बोल हां और वो मेरे पूरे अंग को चूमने लगी और मैं उसको टेबिल में बैठा के उसकी दोनों टांगो को आपने कंधे के ऊपर रख के उसकी अच्छी मोटी चौड़ी चूत को चाटने लगा और वो जम जम से सिसकारी ले रही थी | मैंने उसको घोड़ी बनाया और अपना मोटा लम्बा सा लंड उसकी चूत के उपर रख के घिसने लगा और धीरे से चूत के अन्दर डाल दिया और धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा | फिर मैंने अपनी तेजी को बढ़ाया और जब मैं उसको तरीके से चोदने लगा और वो जम जम से चुदवाने लगी तो वो बोली मुझे बहुत मजा आ रहा है | और जम जम से मुझे चोदो मैंने बोला आप आपनी टांगो को और थोडा सा चिप्कालो जब उसने आपनी टांगो को चिपका लिया तो मैंने उसे इस कदर का चोदा कि वो बोलने लगी बस करो और जोर जोर से चिल्लाने लगी |
antarvasna, kamukta मैं जब 5 वर्षों बाद अपने दोस्त संतोष से मिला तो उसकी स्थिति पूरी तरीके से बदल चुकी थी, अब वह पहले वाला संतोष नहीं था उसके पास एक बड़ी सी गाड़ी थी और उसका एक बड़ा सा बंगला था, मेरे तो समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर कार संतोष के हाथ इतने पैसे कहां से लग गए। उसने जब मुझे अपने घर पर इनवाइट किया तो मैं अपनी पत्नी के साथ उसके घर पर गया, मैं जब अपनी पत्नी के साथ उसके घर पर गया तो मेरी पत्नी मेरे कान में कहने लगी कि आपके दोस्तों बहुत ही रईस है, मैंने उससे उस वक्त कुछ भी नहीं कहा और उससे कहा कि हम लोग इस बारे में बाद में बात करेंगे। जब मैंने संतोष से इस बारे में पूछा तो संतोष कहने लगा बस यह सब मेरी पत्नी रोशनी की वजह से ही संभव हो पाया है उसने मेरा बहुत साथ दिया है इसीलिए तो आज मैं इस मुकाम पर खड़ा हूं लेकिन मुझे उसकी तरक्की से खुशी नहीं थी क्योंकि वह हमारे क्लास में सबसे नालायक किस्म का लड़का था परन्तु जब उसकी इस सफलता को मैंने देखा तो मैं सिर्फ उसे देख ही सकता था मेरे पास तो एक सरकारी नौकरी थी जिसमें कि मुझे हर महीने एक फिक्स तनख्वाह मिल जाया करती जिससे कि मैं अपना घर चलाता था लेकिन मुझे संतोष को देखकर बहुत अजीब सा लग रहा था।
kamukta, hindi sex stories मैं अपने मामा के घर चंडीगढ़ कुछ दिनों के लिए चला गया जब मैं चंडीगढ़ गया तो वहां पर मुझे बड़ा अजीब सा लग रहा था क्योंकि मेरे मामा का लड़का भी अब विदेश में नौकरी करने के लिए जा चुका था और मैं घर में अकेला ही था लेकिन मेरी मम्मी के कहने पर मुझे चंडीगढ़ मेरे मामा के पास जाना पड़ा, मेरे मामा घर में अकेले ही रहते हैं मेरी मामी का देहांत काफी समय पहले हो चुका है। मेरी मम्मी ने मुझे कहा रवीश तुम कुछ दिनों के लिए मामा के पास हो आओ वह घर में अकेले ही हैं उन्हें तुम मिल भी लेना इसलिए मैं चंडीगढ़ आ गया लेकिन चंडीगढ़ में मैं किसी को भी नहीं जानता था इस वजह से मैं अकेले बहुत बोर होने लगा। एक दिन मैं छत पर चला गया और वहीं टहलने लगा तभी सामने की छत पर एक बड़ा ही मॉडर्न सा लड़का आया उसकी उम्र भी मेरे जितने ही थी लेकिन उसने जिस प्रकार का फैशन किया था उससे वह बड़ा ही अलग किस्म का लग रहा था वह मुझे कहने लगा ड्यूट क्या तुम यहां नये आए हो? मैंने उसे कहा मैं अपने मामा के पास आया हूं। वह कहने लगा क्या यह तुम्हारे मामा है? मैंने उसे कहा हां यह मेरे मामा है। उसने मुझसे हाथ मिलाया, वह मुझसे पूछने लगा क्या तुम सिगरेट पीते हो? मैंने उसे कहा नहीं मैं सिगरेट नहीं पीता। उसने कहा लेकिन मैं तो सिगरेट पीता हूं उसने वही मेरे सामने सिगरेट पीनी शुरू कर दी,
लड़की का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करने का ये सबसे अच्छा तरीका होता है. उसके हुस्न की तारीफ करते रहो और किसी दूसरी लड़की से उसकी तुलना करते रहो. मैं उन सब बातों में माहिर था. मगर मेरी बातों का असर फिलहाल कुछ उल्टा सा हो गया था.
मैं उनके ऊपर चढ़ गया और अपना लौड़ा उनकी चुत के अन्दर डाल दिया और धीरे धीरे हिलाने लगा.
दोस्तो! मेरा नाम दीपक है, मैं 26 साल का हूँ. मेरी लम्बाई 6 फीट और 1 इंच है. मैं देखने में काफी गोरा हूं और मेरी लम्बाई की वजह से मेरी पर्सनेलिटी भी अच्छी दिखाई देती है.
मुझसे रहा नहीं जा रहा था। इतने दिन बाद मैं सच में दी को चोदूंगा।
दोस्तो, मेरा नाम पवन कुमार है, मेरा लंड 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है. मैं आज आप सभी को अपनी एक मजेदार सेक्सी कहानी सुनाने जा रहा हूँ. यह मेरे और मेरी चाची के बीच की सेक्स की कहानी है.
धीरे से मैंने उसके गाल पर किस किया, उसने कुछ नहीं कहा बल्कि इसके थोड़ी देर बाद उसने भी मेरे गाल पर किस किया।
चूत की देवियों और लण्डधारी दोस्तों को मेरा सादर प्रणाम. मैं टोनी … मेरी पहली कहानी चाची संग सेक्स की आप लोगों के सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ, अगर लिखने में कोई गलती हो तो क्षमा चाहूंगा।
मेघा कहने लगी ठीक है लेकिन हम लोग आज शाम को मिलते हैं मैं और मेघा मॉल में ही मिले और हम लोग उनके स्टाफ की कैंटीन में ही बैठे हुए थे। हम दोनों आपस में बात कर रहे थे मैंने मेघा को समझाया और कहां देखो मेघा मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं और मैं नहीं चाहता कि कभी भी हमारे बीच में झगड़े हो लेकिन तुम्हें भी कुछ चीजों को समझना पड़ेगा। उस दिन मैं वाकई में अपने ऑफिस के काम के सिलसिले में बिजी था इसलिए मैं आ नहीं पाया लेकिन इसका यह मतलब तो नहीं है कि तुम छोटी छोटी चीजों को बड़ा बना दो जिस वजह से हम दोनों के बीच में झगड़े हो इसलिए तुम्हें भी कहीं ना कहीं समझना ही पड़ेगा। मेघा मुझे कहने लगी ठीक है मैं कोशिश करूंगी लेकिन तुम भी तो मेरी बातों को समझ सकते हो और मुझसे प्यार से बात कर सकते हो उस दिन तुमने मुझसे बहुत ही गुस्से में बात की तो मुझे भी बहुत बुरा लगा इसलिए मुझे भी बहुत गुस्सा आया और इसी वजह से मैंने तुमसे बात नहीं की। मैंने मेघा को समझाया और कहा ठीक है आज के बाद ना ही तुम कभी किसी चीज को लेकर मुझ से जिद करोगी और ना ही मैं तुम्हारी बात को टालूंगा। अब हम दोनों के बीच इस बात को लेकर सहमति बन चुकी थी कि हम दोनों एक दूसरे को समझेंगे और उसके बाद हम दोनों एक दूसरे को अच्छे से समझने लगे और हम दोनों के बीच प्यार और ज्यादा मजबूत हो गया। एक दिन भाभी ने मुझसे और मेघा से पूछा तुम दोनों शादी के बारे में सोचोगे या फिर सिर्फ एक दूसरे के साथ बातें करते रहोगे मैंने भाभी से कहा देखते हैं भाभी अभी तो इस बारे में फिलहाल सोचा नहीं है।
बहन से शादी के बाद एक दिन मां ने हम भाई-बहन की चुदाई होते हुए हमें रंगे हाथ पकड़ लिया. मगर मेरी बहन के पास माँ का एक ऐसा राज था जिससे मां का गुस्सा हवा हो गया.
एक पार्टी में नशे के कारण मुझे घर छोड़ने कंपनी का एक अफ्रीकी क्लाइंट आया. मेरी सेक्सी बीवी देख उसने सेक्स की खुली ऑफर कर दी. मेरी बीवी की खुल्लम खुल्ला चुदाई का मजा लें.
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार. दोस्तो मैं 5 सालों से अन्तर्वासना का पाठक हूँ, इस वेबसाइट पर मैंने बहुत कहानियां पढ़ी।
मेरी देसी सेक्सी कहानी में पढ़ें कि दीदी जीजा की चुदाई देखकर मेरा मन भी ब्वॉयफ्रेंड के लंड लेने को करने लगा. पर डर भी था. मैंने अपनी कुंवारी चूत में पहली बार कैसे लंड लिया.
जैसा कि मैंने मेरी कहानी में बताया था कि अंशिका स्वाति की सबसे अच्छी दोस्त थी और हम पहली बार स्वाति के बर्थडे वाले दिन मिले थे। और उसके बाद मैं जब भी स्वाति से मिलने जाता तो ज्यादातर अंशिका उसके साथ ही होती थी। क्योंकि स्वाति की वजह से मैं अंशिका से कई बार मिल चुका था तो हम दोनों भी अच्छे दोस्त बन गए थे और हमने भी एक दूसरे के साथ नम्बर एक्सचेंज कर लिए थे और कभी कभी हमारी बातें भी हो जाया करती थी। कभी कभी जब मेरी और स्वाति की थोड़ी बहुत कहा सुनी हो जाती तो अंशिका ही हम दोनों की सुलह करवाती। स्वाति अंशिका को अपनी सगी बहन से भी ज्यादा मानती थी और अपनी सारी बातें उससे शेयर करती थी।
मैंने तब तक सेक्स नहीं किया था. एक दिन घर में ऐसी घटना हुई कि मुझे चूत की मजेदार चुदाई का मौक़ा मिला. मगर ये चूत किसी और की नहीं बल्कि मेरी विधवा ताई की थी.
उसके बाद उन्होंने शादी के लिए उनके माता-पिता से बात की वह लोग भी मान गए और फिर जब उन दोनों की शादी हुई तो अजय भैया और सुनैना भाभी की शादी के बाद सब कुछ अच्छा था लेकिन ना जाने कुछ समय से उन दोनों के बीच झगड़े होने शुरू हो गए। उन दोनों के झगड़े की वजह उनका एक दोस्त है भैया को लगता है कि सुनैना भाभी उससे बातें करती हैं लेकिन सुनैना भाभी का नेचर भी ऐसा नहीं है वह बहुत अच्छी है। पता नही भैया के दिमाग में यह बात कहां से बैठ गई उसके बाद से इसी बात को लेकर उन दोनों के बीच काफी बार झगड़े हो जाते हैं। जब भी उनके फोन में उनके दोस्त की कॉल आती है तो वह बहुत ज्यादा गुस्से में हो जाते हैं और अब तो वह छोटी-छोटी बातों पर भी सुनैना भाभी से झगड़े करने लग जाते हैं। इस बात को लेकर मम्मी पापा ने कई बार उन्हें समझाया लेकिन अजय भैया तो कुछ समझने को तैयार ही नहीं है वह हमेशा भाभी के साथ झगड़ते रहते हैं जिससे कि घर में सब लोग परेशान हो चुके हैं। मैंने कमलेश से कहा इस बारे में क्या तुमने कभी सुनैना भाभी से बात नहीं की। कमलेश कहने लगा मैंने तो बात की थी लेकिन अब उन दोनों के बीच में आय दिन इतने झगड़े होते हैं कि उन दोनों को समझाना ही मुश्किल है इसलिए उन्हें घर पर कोई कुछ नहीं कहता और वह दोनों आपस में झगड़ते ही रहते हैं। सुनैना भाभी को मैं अच्छा लगने लगा था और उन्हें मैं कई बार समझाया करता था जब एक दिन सुनैना भाभी ने मेरे फोन पर फोन किया तो उनसे मैने काफी देर तक बात की हम दोनों की बातें काफी देर तक हुई।
उन्हें इस बात की खुशी थी की रोहन का रिश्ता हो जाएगा तो शायद रोहन भी अपनी जिम्मेदारियों को समझने लगेगा। मैंने जब मनमोहन जी और अपने मामा की मुलाकात करवाई तो वह लोग आपस में एक दूसरे से बात करने लगे। मामा जी ने रोहन के बारे में उन्हें सब कुछ बता दिया था और कुछ ही दिनों बाद मनमोहन जी ने काजल की मां को भी अपने पास बुला लिया। काजल से मैं पहली बार ही मिला था उसकी तस्वीर देख कर वह बहुत अच्छी लग रही थी और असल में भी वह बहुत सुंदर थी। उसके भाग्य की वजह से शायद उसकी शादी नहीं हो पाई थी परंतु अब मामा जी और काजल की मां के बीच पूरी बातचीत हो चुकी थी जिस वजह से वह काजल की शादी रोहन से करवाने को तैयार हो चुकी थी। मामा जी भी बहुत खुश थे मामा जी ने मुझे कहा कि यह सब तुम्हारी वजह से ही हो पाया है। मैंने मामा जी से कहा ऐसी कोई बात नहीं है मुझे भी रोहन की चिंता रहती है इसीलिए तो मैंने आपको काजल के बारे में बताया फिर काजल और रोहन की शादी बड़े धूमधाम से हुई। काजल और रोहन की शादी के बाद रोहन के चेहरे पर बड़ी मुस्कुराहट रहती। मैंने उससे पूछा तुम बड़े खुश रहते हो? वह मुझे शर्माते हुए कहने लगा भैया पूछिए मत बस मैं ही जान सकता हूं कि मैं कितना खुश हूं। मैंने उसे कहा लेकिन मुझे भी तो बताओ तुम्हारी खुशी का राज क्या है उसने मुझे कुछ नहीं बताया लेकिन मुझे उसकी खुशी का राज उस वक्त पता चला जब मेरे काजल के साथ अंतरंग संबंध बने। काजल और रोहन हमारे घर पर आए हुए थे वह लोग जब हमारे घर पर आए तो मैंने काजल की तरफ अपनी प्यासी नजरों से देखना शुरू किया तो काजल भी मचलने लगी।
अब मैंने एक हाथ से उसकी लैगी को खींच कर उतार दिया। नीचे वो ब्लैक पेंटी में थी।मैंने भी अपनी टी-शर्ट और लोवर उतार दिया, अब हम दोनों सिर्फ़ अंडरवियर में थे। मैं उसे बेतहाशा किस करते हुए नीचे की ओर बढ़ने लगा और उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा। वो भी मेरे हाथ को पकड़ कर अपनी चूत पर ज़ोर से मसलने लगी। मैंने उसकी पेंटी को उतार दिया, उसने भी मेरा अंडरवियर उतार दिया और मेरे लम्बे लंड को पकड़ कर सहलाने लगी। मैंने एक उंगली को उसकी चूत में डाल दिया और अन्दर-बाहर करने लगा, उसे मजा आ रहा था।
antarvasna, kamukta मेरे देवर को मैं कॉलेज समय से ही जानती थी क्योंकि मेरा देवर मेरे कॉलेज में मेरा जूनियर था हम दोनों की मुलाकात उस समय ही हो गई थी। जब मुझे सतीश का रिश्ता आया तो मैंने सतीश को पहली नजर में ही पसंद कर लिया था क्योंकि वह दिखने में बहुत ही हैंडसम और अच्छे थे, मेरे देवर का नाम राजेश है और वह भी व्यवहार के बहुत अच्छे हैं। मेरे शादीशुदा जीवन में पिछले दो वर्षों से कोई भी तकलीफ नहीं थी लेकिन जब से राजेश की शादी की बात हुई है तब से मेरे जीवन में धीरे-धीरे बदलाव आने लगा था, राजेश ने एक लड़की को पसंद कर लिया था उसका नाम कंचन है। एक दिन मैं घर का काम कर रही थी तभी राजेश मेरे पास आया और कहने लगा भाभी मैं आपको कुछ बताना चाहता हूं, मैंने राजेश है कहा हां राजेश कहो आपको क्या कहना है? वह मुझे कहने लगे भाभी मैंने अपने लिए एक लड़की पसंद कर ली है और मैं सबसे पहले आपको यह बात बता रहा हूं।