kamukta, hindi sex stories मैं अपने मामा के घर चंडीगढ़ कुछ दिनों के लिए चला गया जब मैं चंडीगढ़ गया तो वहां पर मुझे बड़ा अजीब सा लग रहा था क्योंकि मेरे मामा का लड़का भी अब विदेश में नौकरी करने के लिए जा चुका था और मैं घर में अकेला ही था लेकिन मेरी मम्मी के कहने पर मुझे चंडीगढ़ मेरे मामा के पास जाना पड़ा, मेरे मामा घर में अकेले ही रहते हैं मेरी मामी का देहांत काफी समय पहले हो चुका है। मेरी मम्मी ने मुझे कहा रवीश तुम कुछ दिनों के लिए मामा के पास हो आओ वह घर में अकेले ही हैं उन्हें तुम मिल भी लेना इसलिए मैं चंडीगढ़ आ गया लेकिन चंडीगढ़ में मैं किसी को भी नहीं जानता था इस वजह से मैं अकेले बहुत बोर होने लगा। एक दिन मैं छत पर चला गया और वहीं टहलने लगा तभी सामने की छत पर एक बड़ा ही मॉडर्न सा लड़का आया उसकी उम्र भी मेरे जितने ही थी लेकिन उसने जिस प्रकार का फैशन किया था उससे वह बड़ा ही अलग किस्म का लग रहा था वह मुझे कहने लगा ड्यूट क्या तुम यहां नये आए हो? मैंने उसे कहा मैं अपने मामा के पास आया हूं। वह कहने लगा क्या यह तुम्हारे मामा है? मैंने उसे कहा हां यह मेरे मामा है। उसने मुझसे हाथ मिलाया, वह मुझसे पूछने लगा क्या तुम सिगरेट पीते हो? मैंने उसे कहा नहीं मैं सिगरेट नहीं पीता। उसने कहा लेकिन मैं तो सिगरेट पीता हूं उसने वही मेरे सामने सिगरेट पीनी शुरू कर दी,
सिगरेट तो वह ऐसे पी रहा था जैसे की बचपन से सिगरेट पीता हुआ ही पैदा हुआ हो, मैंने उसे कहा मैं अकेले काफी बोर हो गया था लेकिन चलो कम से कम तुम से तो मुलाकात हुई। मैंने उसका नाम पूछा उसका नाम शैंकी है शैंकी मुझे कहने लगा तुम मेरा नंबर ले लो तुम्हें जब भी अकेला महसूस हो तो तुम मुझे फोन कर लेना, मैंने उसका नंबर ले लिया और वह कुछ देर बाद वहां से चला गया। मैंने दो दिन बाद उसे फोन किया तो शैंकी कहने लगा और कैसे हो? आज तुमने मुझे कैसे फोन कर लिया, मैंने उसे कहा सोचा आज तुम्हें फोन कर लिया जाए, मैं आज घर पर अकेला बोर हो रहा था तो तुम्हें फोन करने का मन हुआ। वह कहने लगा तुमने बिल्कुल सही वक्त पर फोन किया है तुम मेरे साथ आज घूमने चलो, मैं तैयार होकर जब उसके घर के बाहर गया तो उसने अपनी जीप निकाल ली और जीप में हम दोनों बैठ गए, वह बड़ी तेजी से गाड़ी चला रहा था मैंने उसे कहा अरे भाई तुम इतनी तेजी से गाड़ी क्यों चला रहे हो, तुम थोड़ा धीरे गाड़ी नहीं चला सकते हो? कहने लगा यही तो शैंकी का स्टाइल है, मैं इतनी ही तेजी से गाड़ी चलाता हूं।
मुझे उसके साथ बैठने में काफी डर लग रहा था लेकिन मैंने अब अपने सर पर मुसीबत मोल ले ली थी तो मुझे उसके साथ जाना ही पड़ा, उसने मुझे अपने दोस्तों से मिलाया तो वह भी उसकी तरह ही थे मुझे उनके साथ बड़ा ही अनकंफरटेबल लग रहा था मैंने शैंकी से कहा हम लोग घर चलते हैं, वह कहने लगा बस पांच मिनट बाद हम लोग घर चलते हैं। पांच मिनट बाद हम लोग घर आ गए और मैं उस दिन उसके घर पर चला गया, शैंकी मुझे कहने लगा तुम तो बड़े ही शरीफ लड़के हो और मैं तो तुम से बिल्कुल अलग किस्म का हूं, मैंने उसे कहा नहीं दोस्त ऐसी कोई बात नहीं है तुम दिल के अच्छे हो और इसीलिए तो मैं तुमसे बात करता हूं नहीं तो आज मैं तुम्हें फोन क्यों करता यह कहते हुए शैंकी मुझे कहने लगा नहीं लेकिन तुम वाकई में एक अच्छे लड़के हो मेरे परिवार के सब लोग मुझे कहते हैं कि तुम बहुत ही बिगड़े हुए हो और वह लोग मुझसे अच्छे से बात भी नहीं करते। शैंकी मुझे कहने लगा चलो यह बात छोड़ो लेकिन मैं तुम्हें अपनी गर्लफ्रेंड की तस्वीर दिखाता हूं, उसने मुझे अपनी गर्लफ्रेंड की फोटो दिखाई उसकी गर्लफ्रेंड दिखने में काफी सुंदर थी वह मुझे कहने लगा मैं तुम्हें अपनी गर्लफ्रेंड से भी कल मिलवाता हूं तुम कल सुबह मेरे साथ चलना, मैंने उसे कहा लेकिन मैं तुम्हारे साथ आकर क्या करूंगा? वह कहने लगा तुम मेरे साथ चलना घर तुम अकेले भी क्या करोगे। मैंने सोचा चलो कल शैंकी के साथ ही जाया जाए तब तक शैंकी की मम्मी आ गई और वह मुझे कहने लगी बेटा तुम इस के चक्कर में मत पड़ो यह तो बिल्कुल ही बिगड़ा हुआ है और तुम मुझे एक शरीफ लड़के लगते हो, शैंकी बता रहा था कि तुम पड़ोस के रविंद्र जी के घर पर आए हुए हो, मैंने उन्हें कहा जी आंटी जी वह मेरे मामा है और यह कहते हुए उसकी मम्मी भी चली गई, कुछ देर बाद मैंने शैंकी से कहा मैं अब चलता हूं कल सुबह तुमसे मुलाकात करता हूं यह कहते हुए मैं भी वहां से चला गया और सुबह के वक्त शैंकी का फोन मुझे आ गया वह कहने लगा क्या तुम तैयार हो गए हो? मैंने उसे कहा हां मैं तैयार हो चुका हूं और तुम्हारा ही इंतजार कर रहा था।