डॉक्टर साहब की गांड मराने की तमन्ना – Part 2
मैंने धीरे धीरे पूरा लंड डॉक्टर साहब की गांड में अन्दर कर दिया.
मैंने धीरे धीरे पूरा लंड डॉक्टर साहब की गांड में अन्दर कर दिया.
अब मैंने एक हाथ से उसकी लैगी को खींच कर उतार दिया। नीचे वो ब्लैक पेंटी में थी।मैंने भी अपनी टी-शर्ट और लोवर उतार दिया, अब हम दोनों सिर्फ़ अंडरवियर में थे। मैं उसे बेतहाशा किस करते हुए नीचे की ओर बढ़ने लगा और उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा। वो भी मेरे हाथ को पकड़ कर अपनी चूत पर ज़ोर से मसलने लगी। मैंने उसकी पेंटी को उतार दिया, उसने भी मेरा अंडरवियर उतार दिया और मेरे लम्बे लंड को पकड़ कर सहलाने लगी। मैंने एक उंगली को उसकी चूत में डाल दिया और अन्दर-बाहर करने लगा, उसे मजा आ रहा था।
मैं, मेरी बीवी और पापा ने मिल कर एक प्लान बनाया जिसके मुताबिक मैंने मेरी चालू बीवी की चुदाई मेरी मां के सामने करनी थी. हमने यही किया और मां ने हमें देख लिया.
मैं उसे समझाता और हमेशा कहता कि इसमें मैंने क्या गलत किया है तुम यदि मेरे साथ अच्छी तरीके से बर्ताव करोगी तो क्या मैं तुम्हारे साथ अच्छे से बात नहीं करूंगा लेकिन कोमल को तो अपनी आदत से बिल्कुल बाज नहीं आना था और वह मुझसे हमेशा ही झगड़ा करती रहती थी। मेरे ऑफिस में काम करने वाली लड़की से मेरी नजदीकियां बढ़ने लगी थी और मैं ज्यादातर समय उसी के साथ बिताया करता था। मैं कोमल को बहुत कम मिला करता था लेकिन कोमल को इस बात से बहुत तकलीफ होती थी कि मैं उससे बात नहीं किया करता हूं। मैंने भी सोच लिया था कि जब तक वह अपनी आदतों को नहीं बदलेगी तब तक मैं भी उससे कोई रिलेशन नहीं रखूंगा और हम दोनों का रिश्ता पूरी तरीके से खत्म हो चुका था। कोमल को अब यह समझ आ चुका था कि मैं नहीं चाहता कि वह मेरे साथ रिलेशन में रहे इसीलिए उसने भी अपने आप को शायद इस बात के लिए तैयार कर लिया था। कोमल मुझसे बहुत कम मिला करती थी लेकिन अभी वह दिल्ली में ही जॉब कर रही थी मेरी उससे एक महीने बाद मुलाकात हुई और जब मैं कोमल से मिला तो कोमल ने मुझसे ज्यादा बात नहीं की मुझे लगा कि कोमल अब बदल चुकी है। मैंने कोमल को कहा कि हम दोनों लंच पर चले हम दोनों लंच पर गए तो कोमल ने मुझ से बहुत कम बात की मुझे इस बात की खुशी थी कि अब कम से कम कोमल का व्यवहार बदल चुका है। उस दिन हम लोगों ने साथ में लंच किया मुझे नहीं मालूम था कि कोमल वाकई में बदल चुकी है और उसे अपनी गलती का एहसास हो चुका है। मैंने कोमल से कहा मुझे इस बात की खुशी है कि तुम बदल चुकी हो कोमल मुझे कहने लगी तुमने मुझे कभी अच्छे से समय दिया ही नहीं है।
मैंने भाभी से वैसे ही झूठ कह दिया जबकि मैं अपने ब्वॉय फ्रेंड से कई बार चुदवा चुकी थी.
मैंने अपने पड़ोस की एक लड़की से दोस्ती की, गर्लफ्रेंड बनायी. उसकी एक सहेली थी शादीशुदा . मेरी गर्लफ्रेंड की सहेली ने कैसे मुझसे अपनी चूत चुदवायी और उसके बाद .
मेरा नाम दलजीत है. मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 28 साल है और अच्छी सेहत के साथ-साथ 6 इंच लम्बे और 2 इंच मोटे लंड का मालिक हूँ। यह मेरी सच्ची कहानी है जो 2 साल पहले एक भाभी के साथ घटित हुई थी। उस भाभी का नाम सायमा था.
मेरे पति चूत चुदाई से ज्यादा मेरी गांड चुदाई करते हैं. मुझे पता लगा कि वो कई औरतों की गांड चोदते हैं. तो हमारा झगड़ा हो गया. फिर जब मेरी चूत में वासना की आग लगी तो .
मैंने देखा, तो आंधी की वजह से लाइट चली गई थी. रूम में अंधेरा हो गया था. बस बिज़ली की चमक ही अन्दर आ रही थी, जिससे कभी कभी थोड़ी रोशनी हो जाती थी.
उसके बाद उन्होंने शादी के लिए उनके माता-पिता से बात की वह लोग भी मान गए और फिर जब उन दोनों की शादी हुई तो अजय भैया और सुनैना भाभी की शादी के बाद सब कुछ अच्छा था लेकिन ना जाने कुछ समय से उन दोनों के बीच झगड़े होने शुरू हो गए। उन दोनों के झगड़े की वजह उनका एक दोस्त है भैया को लगता है कि सुनैना भाभी उससे बातें करती हैं लेकिन सुनैना भाभी का नेचर भी ऐसा नहीं है वह बहुत अच्छी है। पता नही भैया के दिमाग में यह बात कहां से बैठ गई उसके बाद से इसी बात को लेकर उन दोनों के बीच काफी बार झगड़े हो जाते हैं। जब भी उनके फोन में उनके दोस्त की कॉल आती है तो वह बहुत ज्यादा गुस्से में हो जाते हैं और अब तो वह छोटी-छोटी बातों पर भी सुनैना भाभी से झगड़े करने लग जाते हैं। इस बात को लेकर मम्मी पापा ने कई बार उन्हें समझाया लेकिन अजय भैया तो कुछ समझने को तैयार ही नहीं है वह हमेशा भाभी के साथ झगड़ते रहते हैं जिससे कि घर में सब लोग परेशान हो चुके हैं। मैंने कमलेश से कहा इस बारे में क्या तुमने कभी सुनैना भाभी से बात नहीं की। कमलेश कहने लगा मैंने तो बात की थी लेकिन अब उन दोनों के बीच में आय दिन इतने झगड़े होते हैं कि उन दोनों को समझाना ही मुश्किल है इसलिए उन्हें घर पर कोई कुछ नहीं कहता और वह दोनों आपस में झगड़ते ही रहते हैं। सुनैना भाभी को मैं अच्छा लगने लगा था और उन्हें मैं कई बार समझाया करता था जब एक दिन सुनैना भाभी ने मेरे फोन पर फोन किया तो उनसे मैने काफी देर तक बात की हम दोनों की बातें काफी देर तक हुई।
मैंने नेहा की टांगें फैला दीं और उसकी चूत पर मुंह लगाकर उसकी खुशबू लेने लगा. उसकी चूत से मस्त खुशबू आ रही थी.
बीवी की सहेली की देसी सेक्स स्टोरी में पढ़े कि कैसे उसने मुझे रिझा कर अपनी चूत मारने के लिए मुझे उकसाया. मैंने उसे अपने घर लाकर कैसे उसकी चूत चुदाई की?
मेरे दोस्त की गर्लफ्रेंड मुझे अपने भाई जैसा मानती थी. लेकिन उसे देख मेरा लंड खड़ा होने लगता था. मैं अपनी मुँहबोली बहन की चुत चुदाई करना चाहता था. मैंने कैसे की?
मैंने उसकी पैंटी को उसकी चूत से अलग कर दिया. भाभी की चूत एकदम चिकनी और बला की खूबसूरत थी. चूत पर एक भी बाल नहीं था. भाभी की गोरी-गोरी जाँघों में उसकी चूत फड़क रही थी.
हम थोड़ी देर और चुंबन और मसाज़ का खेल खेलते रहे. फिर मैं दीदी के पज़ामे के नाड़े को खोल ही रहा था कि दीदी ने मना कर दिया.
शाम को हम कभी कभी फिल्म या नेट्फ्लिक्स देख लिया करते थे. एक ही सोफे पर बैठकर बातें किया करते थे.
जवान होने पर भी मैंने कोई चूत नहीं देखी थी. मैंने गाँव की एक औरत को पटाने की कोशिश की. वो मुझे चूत देने के लिए तैयार भी हो गयी. मैंने उस औरत की चुदाई कैसे की?
Kamukta, मैं उम्र के 63 वर्ष में प्रवेश कर चुका था मुझे रिटायर हुए अभी 3 वर्ष ही हुए थे रिटायर होने के बाद मैं अपनी पत्नी हेमा के साथ अपने घर पर कुछ फुर्सत के पल बिताया करता क्योंकि हम दोनों को एक दूसरे के लिए कभी समय ही नहीं मिल पाया। जब मेरी हेमा से शादी हुई थी उस वक्त मेरी उम्र 21 वर्ष थी और हेमा की उम्र 20 वर्ष थी हेमा मुझसे 1 वर्ष छोटी थी। जब हम दोनों की शादी हो गई तो उसके बाद हेमा ने सारी जिम्मेदारियों को अपने कंधों पर ले लिया कई बार वह मेरी मां की डांट भी खाया करती थी। उस वक्त हेमा समझदार ना थी और कहीं ना कहीं उसके अंदर बचपना तो था ही हेमा मुझे हमेशा कहती की आप घर का कितना ख्याल रखते हैं। घर में मैं ही एकलौता था इसलिए सारा दारोमदार मेरे ऊपर ही था मेरे पिताजी की मृत्यु बहुत ही जल्द हो गई थी।
दोस्तो, मेरा नाम अगम है (बदला हुआ नाम). मैं 12 वीं क्लास में पढ़ता हूँ. मेरा एक दोस्त है, उसका नाम हर्ष है. उसकी एक बहन है, जो ग्रेजुयेशन कर रही है. उसका नाम विया है ये भी बदला हुआ नाम है.
उसके बाद उसने खुद ही मेरा सिर पकड़ा और अपनी चूत पर रखवा दिया. मैं उसकी चूत को चाटने लगा. उसके मुंह से कामुक सिसकारियां निकलना शुरू हो गईं. वह आह्ह् … ओह्ह … ऊह्ह … करने लगी.
चूत चोदाई की यह कहानी एक पाठिका की चोदाई की है जिसने मेरी कहानी पढ़ कर मुझसे सम्पर्क किया था. वो शादीशुदा थी और उसका पति विदेश चला गया था.
मैं एकदम से चौंक गया और उनसे पूछने लगा कि अरे आपने मुझे पहले बताया ही नहीं . अभी आप कहां हो?
उसके बाद वो मेरी ओर घूम गयी. ताई की चूत मेरी आंखों के सामने थी जिस पर बहुत बड़े बड़े बाल थे. नंगी चूत देख कर मेरा लौड़ा बेकाबू होने लगा. फिर मैं उनके बदन पर साबुन मलने लगा. उनकी चूचियों पर, उनके पेट पर साबुन लगाने के बाद मैं उनकी चूत के आसपास साबुन लगाने लगा.
छाया जो अभी तक सिर्फ आंख बंद कर के सीत्कार मार रही थी वो चिल्लाने लगी- आह आ…ह … आजा राहुल … जल्दी आजा!
यह सिस्टर सेक्स स्टोरी मेरी पहली और सच्ची कहानी है, अगर कोई गलती हो तो माफ़ करना।