मैंने देखा, तो आंधी की वजह से लाइट चली गई थी. रूम में अंधेरा हो गया था. बस बिज़ली की चमक ही अन्दर आ रही थी, जिससे कभी कभी थोड़ी रोशनी हो जाती थी.
मैंने देखा भाभी और मैं एक ही रूम में और अंधेरा भी था. मेरा मन डोल गया. मैंने सोचा आज तो भाभी को चोद ही दूँगा. अगर आज नहीं चोद पाया, तो कभी नहीं चोद सकूंगा.
मैंने धीरे से भाभी के ऊपर हाथ रखा पहले उनके होंठों पर, फिर मम्मों पर हाथ फेरा. फिर मम्मों को खूब मसला. जब भाभी कुछ नहीं बोलीं, तो मैं उनकी चूत को सहलाने लगा. जब वो चूत सहलाने पर भी शांत रहीं, तो मैंने उनकी साड़ी ऊपर कर दी और उनकी चूत को नंगा करके उसमें एक उंगली डाल दी.
उनकी चूत भट्टी सी गर्म थी. मैंने दो उंगलियां डाल दीं. अब भाभी ने भी अपने दोनों पैर खोल दिए और उनकी चूत रस से सराबोर हो गयी.
मैं बहुत देर उनको रगड़ता रहा, कभी चुची … तो कभी चूत.
आख़िर भाभी को बोलना ही पड़ा और वो बोल उठीं- तुम शांत नहीं लेट सकते, रात भर से परेशान कर दिया, ना सो रहे हो ना सोने दे रहे हो. आज तेरे कारण न तेरे भैया ने कुछ किया … और न तू कुछ करता है.
बस भाभी ने इतना ही बोला था कि मैं उठ कर उनकी चारपाई पर पहुँच गया और उनके ऊपर चढ़ गया.
मैं बोला- अब बर्दाश्त नहीं हो रहा, एक बार चुदवा ही लो.
तो भाभी हँस कर बोलीं- हट पागल …
उनके ये शब्द मुझको और तड़पा गए. मैंने उनको जोर से दबोच लिया और उनके होंठ अपने होंठों में लेकर कसके चूसने लगा.
फिर भाभी ने मुझे धक्का दिया और बोलीं- छोड़ो मुझे कोई आ जाएगा, तुम्हारे भैया आ जाएंगे.
मैंने कहा- कोई नहीं आएगा भाभी … बस एक बार जल्दी से चुदवा लो.
भाभी मान गईं और बोलीं- ठीक है, चलो पलंग पर चलो.
मैं खुशी खुशी पलंग पर पहुँच गया और भाभी अपनी चारपाई पर उठ कर बैठ गईं. उन्होंने एक बार बाहर देखा कोई है तो नहीं, फिर मेरे पास पलंग पर आ गईं. जैसे ही वो मेरे बगल में लेटीं, मैं उन पर भूखे भेड़िए की तरह टूट पड़ा.
वो बोलीं- करना ही है, तो आराम से करो.
मैंने कहा- ठीक है.
फिर मैं उनको चूमने लगा, भाभी के दूध मसलने लगा और उनकी साड़ी ऊपर उठा के उनके दोनों पैर खोल दिए. मैं उनकी चूत में लंड डालने लगा. उनकी चूत इतनी गीली थी कि लंड फिसल रहा था.
मैं तो पहली बार कर रहा था. इसलिए अपना लंड भाभी की चूत में डाल ही नहीं पा रहा था.
तभी भाभी हँसते हुए बोलीं- रूको मेरे अनाड़ी देवर … मैं डालती हूँ.
उन्होंने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर रख दिया.
जैसे ही मैंने धक्का दिया तो मेरा लंड सट से चूत के अन्दर सरक गया और चूत से फ़च की आवाज़ आई. भाभी का पूरा शरीर कांप गया और मेरा भी.
लंड अन्दर जाते ही भाभी के मुँह से एक जोरदार सिसकारी निकली- हायए ओह मर गई … बहुत कड़क लंड है तुम्हारा देवर जी … उम्म्ह… अहह… हय… याह…
क्या बताऊं दोस्तो, भाभी की चूत अन्दर से इतनी गर्म थी कि मुझे लगा जैसे मेरा लंड जल जाएगा. मुझे बहुत मस्त लग रहा था. ऐसा लग रहा था, जैसे कोई मेरे लंड की सिकाई कर रहा है. भाभी की चूत भी अन्दर से बहुत फुदक रही थी. उनकी चूत का छेद बार बार खुल और बंद हो रहा था. उनकी चूत बार बार मेरे लंड पर कस जाती थी, जैसे चूत लंड को निचोड़ रही हो.
भाभी के मुँह से जोरदार सिसकारी निकल रही थी- सी सी आहह आहह हाय ओह.
फिर भाभी ने अपने दोनों पैर फैला कर अपने पैर मेरे पैरों में फंसा लिए, कैंची सी डाल दी, जिससे मेरा लंड भाभी की चूत की गहराइयों में फंस सा गया.
भाभी ने टाईट होकर अपनी चुचियां मेरे सीने में गड़ा दीं और मुझे कसके जकड़ लिया. मेरी पीठ पर नाख़ून गड़ा दिए. उनके कुछ नाख़ून मेरी पीठ में गड़ गए. लेकिन इतने जोश के मारे मुझे भी कुछ नहीं दिख रहा था.
मैंने भाभी को हाहाकारी धक्के लगाते हुए चोदना चालू किया. मैं शॉट पर शॉट मारे जा रहा था. मेरे हर झटके से पलंग हिलता और भाभी की चीख निकल जाती. मैं बस भाभी को चोदने में मस्त था.
इधर मैं भाभी की चूत चोद रहा था, उधर जोर जोर से बिजली चमक रही थी और बादल गरज रहे थे. बिल्कुल फिल्म जैसा सीन हो रहा था. उधर आसमान से बिजली चमकती और इधर भाभी की चूत से झटका लगता. उनके मुँह से मस्त आह निकलती.
क्या यादगार चुदाई थी … आज मुझे असली स्वर्ग का मज़ा मिल गया था.
भाभी नीचे से अपनी गांड को हिचकोले ले ले कर मुझसे चुदवा रही थीं और मैं जोर जोर से उनकी गर्म चूत को चोद रहा था.
मैंने लगभग आधे घंटे तक भाभी को चोदा. मेरा उनके ऊपर से हटने का मन नहीं हो रहा था. फिर मैंने भाभी की चूत में ही अपना पानी निकाल दिया और कस के भाभी से चिपक गया. अभी मेरा पानी निकल ही पाया था कि मुझे एक झटका सा लगा.
कमरे का दरवाजा खुला और अचानक से भैया रूम में आ गए … शायद बाहर पानी बरसने लगा था और इधर भाभी की चूत में भी बरसात हो चुकी थी. भाभी एकदम से उठ कर अपनी चारपाई पर पहुँच गईं.
अंधेरे की वजह से भैया हम दोनों को नहीं देख पाए. लेकिन हम दोनों जवानी के मज़े लूट चुके थे.
उस दिन के बाद जब भी मौका मिलता था, मैं भाभी को चोदने लगा. भाभी भी मुझसे चुदने लगीं. भाभी को मेरा कड़क और देर तक चलने वाला लंड पसंद आ गया था.
सच कहूँ तो आज भी मैं भाभी को चोदता हूँ. उसके बाद मैंने अपनी छोटी भाभी को भी चोदा, उसकी कहानी अगली बार बताऊंगा.
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