मैंने नेहा की टांगें फैला दीं और उसकी चूत पर मुंह लगाकर उसकी खुशबू लेने लगा. उसकी चूत से मस्त खुशबू आ रही थी.
अगले ही पल मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ डाल दी तो उसकी सिसकारी निकल गई. उसने मेरा मुंह अपनी चूत पर दबा लिया और अपने मुंह को किसी वाइब्रेटर के माफिक हिलाने लगी. उसके पूरे बदन सुरसुरी सी दौड़ रही थी.
आंटी ने नेहा के बूब्स दबाने चालू कर दिये. नेहा की कामुक आवाजें कमरे में गूंजने लगीं. आह्ह … इस्स् … ओह्ह … हिमांशु …
जब आंटी को नेहा की हालत खराब होती दिखी तो आंटी ने कहा- राजा अब देर मत कर, इसकी चूत की खुजली मिटा दे.
मैंने आंटी के कहने पर अपना सात इंच लंबा लंड नेहा की चूत पर लगा दिया.
नेहा की चूत पर लंड टिकते ही वो तड़प सी गई. फिर आंटी ने मेरे लंड को पकड़ लिया और एक-दो बार नेहा की चूत पर लगा कर हटा दिया. आंटी ने मेरे लंड को नेहा की चूत पर लगाकर दो-तीन बार लगाया और हटाया. नेहा लंड को अंदर डलवाने की भीख मांगने लगी.
आंटी को भी उस जवान नंगी लड़की की चूत को तरसाने में कुछ मजा सा आ रहा था. आंटी ने मेरे लंड को फिर चूत पर सेट किया और बोली- अब ठोक दे साली को!
उनके इशारे पर मैंने नेहा की चूत में लंड को पेल दिया और नेहा की चीख निकल गई, वो चिल्ला उठी- आआ … आंटी … बचा लो … मर गई …
आंटी बोली- मर गई नहीं … चुदक्कड़ बोल कि चुद गई।
नेहा की चूत ज्यादा खुली हुई नहीं थी जिससे मुझे पता लग रहा था कि उसने शायद अपनी चूत में लंड का स्वाद न के बराबर ही चखा है. मगर उसकी हरकतों को देख कर मैं ये भी नहीं कह सकता था कि वो कुंवारी है. लेकिन जो भी हो, मुझे तो एक सेक्सी लड़की की चूत फ्री में चोदने को मिल ही रही थी.
मैं जोर से नेहा की चूत को चोदने लगा और सोनम आंटी नेहा के चूचों को दबाने लगी. कभी हाथ में लेकर जोर से दबा देती तो कभी चूसने लगती. आंटी भी नंगी थी और अब नेहा को भी चुदाई का मजा आने लगा था. वो आंटी की चूत में उंगली करने लगी थी.
लगभग बीस मिनट तक मैंने नेहा की चूत को चोदा और फिर मैं उसकी चूत में झड़ने को हुआ तो मैंने लंड को बाहर निकाल लिया.
नेहा बोली- क्या हुआ, और करो?
मैंने कहा- मेरा निकलने वाला है.
उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़ कर खुद ही अपनी चूत में डलवाते हुए मुझे अपने ऊपर लेटा लिया. वो मेरे होंठों को चूसने लगी. मैं समझ गया कि ये माल को अंदर ही लेना चाहती है. साली बहुत प्यासी लग रही थी मेरे लंड की।
मैंने तीन-चार मस्ती भरे धक्के लगाए और उसकी चूत में वीर्य की पिचकारी छोड़नी शुरू कर दी. मैं पूरा का पूरा उसकी चूत में खाली हो गया.
जब मैं बिल्कुल रुक गया तो दो मिनट तक नेहा के ऊपर लेटे रहने के बाद उठने लगा तो आंटी बोली- बस कर, अब मेरी तरफ भी देख ले. इसकी चूत को तो भर दिया तूने हरामी लेकिन मेरी प्यासी चूत को भी तेरा लौड़ा चाहिए.
मैंने कहा- आंटी, पांच मिनट तो दो. एकदम से कैसे खड़ा होगा मेरा अभी. अभी-अभी तो नेहा की चूत में निकाला है।
आंटी बोली- तू उठ जा, तेरे लंड को उठाना मेरा काम है.
आंटी के कहने पर मैं उठ गया और नेहा एक तरफ हो गई. आंटी ने मुझे बेड पर गिरा लिया और मेरी छाती पर चूमने लगी. आंटी के चूचे मेरी नाभि के इर्द-गर्द टच हो रहे थे.
फिर आंटी ने मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया. नंगी आंटी के बदन का स्पर्श पाकर मुझे भी मजा सा आने लगा. मैंने आंटी को कस कर पकड़ लिया और जोर से उनके होंठों को चूसने लगा.
आंटी ने मेरी गर्दन पर होंठ चिपका दिये और पूरी लार मेरी गर्दन पर लपेटती हुई मेरी गर्दन को चूसने लगी. आंटी के मस्त चूचे अब मेरी छाती पर टच हो रहे थे. नीचे से आंटी एक हाथ से मेरे लंड को सहला रही थी. जल्दी से जल्दी उसको खड़ा करने की जुगत में लगी हुई थी.
कुछ देर तक आंटी मेरे जिस्म को चूमती रही और फिर एकदम से आंटी के होंठ मेरे लंड पर जा सटे। आंटी मेरे अध-सोये लंड को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी. मुझे गुदगुदी सी हो रही थी लेकिन हल्का-हल्का मजा भी आ रहा था. आंटी ने मेरे लंड के टोपे को अंदर ही अंदर ही अंदर अपने मुंह में खोल लिया और तेजी के साथ लंड के टोपे पर जीभ फिराने लगी. अब मेरे लंड में हलचल पैदा होनी शुरू हो गई थी.
पांच मिनट के बाद मेरे लंड में तनाव आना शुरू हो गया था. आंटी को तनाव का अहसास हुआ उसने और तेजी के साथ मेरे लंड पर मुंह चलाना शुरू किया और अब मेरे मुंह हल्की-हल्की सिसकारी निकलने लगी थी. नेहा मेरी छाती पर हाथ फिराकर मेरे निप्पलों को छेड़ने लगी. मैंने नेहा की चूत को छेड़-छेड़ कर उसका मजा लेने लगा.
जब मेरा लंड पूरा का पूरा आंटी के मुंह में तन कर भर गया तो आंटी ने थूक से चिकने हो चुके मेरे लंड को बाहर निकाल दिया. लंड पूरा गीला था. आंटी ने अपनी दोनों टांगें फैलायीं और मेरे दोनों तरफ करके मेरी जांघों पर बैठ गई. थोड़ी आगे खिसकी और लंड को अपनी चूत पर फिराने लगी.
आंटी लंड को लेने के लिए तैयारी कर चुकी थी. फिर सोनम आंटी उठी और उसने मेरे लंड को हाथ से पकड़ते हुए अपनी चूत के मुंह पर लगाया और मेरे लंड पर बैठती चली गई. लंड आंटी की चूत में उतरने लगा. आह्ह … आंटी की चूत बहुत ही चिकनी और गर्म थी. मुझे तो मजा आ गया. इतना मजा तो नेहा की चूत में लंड डालने पर भी नहीं आया था.
सोनम आंटी ने पूरा लंड अपनी चूत में उतरवा लिया और अपने चूचों को दबाने लगी. पूरा लंड आंटी की चूत में उतर गया तो मुझे स्वर्ग का सा मजा आने लगा. आंटी मेरे लंड पर धीरे-धीरे उछलने लगी.
फिर नेहा भी उठ गई. उसने मेरी छाती के दोनों तरफ अपने पैरों को रखा और अपनी चूत को मेरे मुंह के सामने रखती हुई मेरी छाती पर बैठ गई.
आंटी अब तेजी के साथ मेरे लंड पर उछलने लगी और नेहा ने अपनी चूत मेरे मुंह पर सटा दी. नेहा अपनी चूत को मेरे मुंह पर पटकने लगी और आंटी अपनी चूत को मेरे लंड पर। दोनों के ही मुंह से तेज-तेज आवाजें निकलने लगीं, उम्म्ह… अहह… हय… याह… हिमांशु … हय … आआस्स … स्सस … उफ्फ.. करती हुई वे दोनों मेरे जिस्म को भोगने लगीं.
मैंने नेहा की गांड को पकड़ कर अपनी तरफ खींचते हुए उसकी चूत को अपने होंठों से चिपका लिया और अपनी जीभ को नेहा की चूत में घुसा दिया. नेहा मेरे बालों को नोंचने लगी. जीभ उसकी चूत में घुस चुकी थी और वो पागल सी हो उठी थी. मैं तेजी से नेहा की चूत में जीभ को चलाने लगा. आंटी नीचे की तरफ मेरे लंड पर कूद रही थी.
पांच-सात मिनट बाद नेहा की चूत ने मेरे मुंह पर पानी फेंक दिया. वो शांत हो गई और उसने मुझे छोड़ दिया. वो उठकर एक तरफ लेट गई. मगर आंटी अभी भी मेरे लंड पर कूद रही थी. मैंने आंटी की गांड को अपने हाथों से पकड़ लिया और जोर से अपने लंड पर पटकने लगा. गच्च-गच्च की आवाज के साथ मेरा लंड आंटी की चूत को चोदने लगा.
पांच मिनट बाद आंटी की चूत ने भी गर्म-गर्म पानी मेरे लंड पर छोड़ दिया लेकिन मैंने आंटी को उठने नहीं दिया. मैंने आंटी को नीचे पटका और उसकी टांग उठाकर उसकी चूत को फाड़ने में लग गया. आंटी के मुख-मंडल पर संतुष्टि के भाव साफ-साफ दिखाई दे रहे थे. वो मेरे लंड की चुदाई का जमकर आनंद लूट रही थी.
मैंने पांच तक आंटी की चूत चोदी और फिर दूसरी बार मेरा लंड झड़ने के कगार पर पहुंच गया. मैंने तीन-चार धक्के जोर से लगाये और आंटी की चूत को भी अपने माल से मालामाल कर दिया.
उस दिन के बाद तो चुदाई का सिलसिला चलने ही लगा. जब भी उनमें से कोई भी प्यासी होती तो मेरे कमरे पर आकर अपनी चूत चुदवा लेती थी. जब तक मैं वहां पर रहा उन्होंने मेरे लंड की और अपनी चूत की प्यास को मजे से शांत करवाया.
दोस्तो, ये थी मेरी कहानी. जवानी में मुझे पहली बार में ही इतना मजा मिल गया था. आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी, कमेंट करके बतायें या फिर मेरी मेल-आई डी पर अपने मैसेज भेज कर प्रोत्साहित करें.