सेक्स की असली शुरुआत – Part 2
मेरे साथ पढ़ने वाली फ्रेंड्स के चूचे और चूतड़ देख कर मैं अजीब सा महसूस करती थी कि वो भी अब जवान हो गई हैं.
मेरे साथ पढ़ने वाली फ्रेंड्स के चूचे और चूतड़ देख कर मैं अजीब सा महसूस करती थी कि वो भी अब जवान हो गई हैं.
दोस्तो, मैं जो कहानी आप लोगों को सुनाने जा रहा हूँ वह आपको जरूर पसंद आएगी. यह कहानी मेरी अपनी कहानी है.
हम दोनों ने एक दूसरे का साथ देने का फैसला कर लिया था और मैंने अपनी मां को जब अजय से मिलवाया तो मेरी मां को अजय बहुत पसंद आया। मेरी माँ अजय से कहने लगी बेटा देखो हम चाहते हैं कि तुम काजल को हमेशा खुश रखो और तुम काजल का ध्यान दो अजय ने कहा मैं काजल से प्यार करता हूं और उसका हमेशा ही ध्यान रखूंगा अब काजल की जिम्मेदारी मुझ पर ही है। कुछ ही समय बाद हम लोगों की सगाई भी हो गई मेरे पिताजी को तो जैसे हमसे कोई लेना देना ही नहीं था। मैं अपनी मां के लिए बहुत ज्यादा दुखी थी क्योंकि जब मेरी शादी हो जाएगी तो उसके बाद मेरी मां की देखभाल कौन करेगा क्योंकि मेरे पिता जी से तो मुझे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी। मुझे दिन-रात यही चिंता सताती रहती लेकिन जब भी मैं अजय से मिलती तो मुझे बहुत अच्छा लगता। जब भी मैं अजय से मिलती तो मेरे चेहरे पर मुस्कान आ जाती थी और अजय भी बहुत खुश होते थे। एक दिन अजय और मेरे बीच फोन पर काफी देर तक बात हुई उस दिन जब हम दोनों की बात हो रही थी तो हम दोनों की जवानी उछाल मारने लगी थी। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं अपने आपको नहीं रोक पाऊंगा उस रात मैंने अजय के साथ काफी ज्यादा अश्लील बातें की अजय भी खुश हो चुके थे। वह मुझे कहने लगे हम लोगों को मिलना चाहिए हम लोगों ने कुछ समय बाद मिलने का फैसला किया तो हम दोनों ही अपने आपको नहीं रोक पाए। अजय मुझे कहने लगे आज मैं तुम्हारे साथ शारीरिक संबंध बनाना चाहता हूं अजय को मैंने अपना दिल तो दे ही दिया था उसे अब मैं अपना तन भी देना चाहती थी। मैने अपना तन बदन सौंपने का पूरा फैसला कर लिया था मैं और अजय एक गेस्ट हाउस में चले गए।
मैं पागलों की तरह चूसने लगा. मैंने उनके हाथ उनके सर के पीछे रख दिए ताकि वो मुझे छू ना सकें.
मैं उसे समझाता और हमेशा कहता कि इसमें मैंने क्या गलत किया है तुम यदि मेरे साथ अच्छी तरीके से बर्ताव करोगी तो क्या मैं तुम्हारे साथ अच्छे से बात नहीं करूंगा लेकिन कोमल को तो अपनी आदत से बिल्कुल बाज नहीं आना था और वह मुझसे हमेशा ही झगड़ा करती रहती थी। मेरे ऑफिस में काम करने वाली लड़की से मेरी नजदीकियां बढ़ने लगी थी और मैं ज्यादातर समय उसी के साथ बिताया करता था। मैं कोमल को बहुत कम मिला करता था लेकिन कोमल को इस बात से बहुत तकलीफ होती थी कि मैं उससे बात नहीं किया करता हूं। मैंने भी सोच लिया था कि जब तक वह अपनी आदतों को नहीं बदलेगी तब तक मैं भी उससे कोई रिलेशन नहीं रखूंगा और हम दोनों का रिश्ता पूरी तरीके से खत्म हो चुका था। कोमल को अब यह समझ आ चुका था कि मैं नहीं चाहता कि वह मेरे साथ रिलेशन में रहे इसीलिए उसने भी अपने आप को शायद इस बात के लिए तैयार कर लिया था। कोमल मुझसे बहुत कम मिला करती थी लेकिन अभी वह दिल्ली में ही जॉब कर रही थी मेरी उससे एक महीने बाद मुलाकात हुई और जब मैं कोमल से मिला तो कोमल ने मुझसे ज्यादा बात नहीं की मुझे लगा कि कोमल अब बदल चुकी है। मैंने कोमल को कहा कि हम दोनों लंच पर चले हम दोनों लंच पर गए तो कोमल ने मुझ से बहुत कम बात की मुझे इस बात की खुशी थी कि अब कम से कम कोमल का व्यवहार बदल चुका है। उस दिन हम लोगों ने साथ में लंच किया मुझे नहीं मालूम था कि कोमल वाकई में बदल चुकी है और उसे अपनी गलती का एहसास हो चुका है। मैंने कोमल से कहा मुझे इस बात की खुशी है कि तुम बदल चुकी हो कोमल मुझे कहने लगी तुमने मुझे कभी अच्छे से समय दिया ही नहीं है।
फिर मैं शबाना से लिपट गया और उसको किस करने लगा. वो भी मेरा साथ देने लगी. मैं और शबाना बहुत गरम हो गए थे. मैंने उसकी शर्ट के बटन खोल दिए, उसने अन्दर लाल रंग की ब्रा पहनी हुई थी. क्या मस्त माल लग रही थी.
जल्द ही मैंने अपनी चैन खोल कर उसके एक हाथ में अपना लंड पकड़ा दिया. वो भी लंड को सहलाने लगी. फिर मैंने उसकी नाइटी उतारी तो उसने भी मुझे नंगा कर दिया और जमीन पर बैठ कर मेरा लंड चूसने लगी.
हेलो दोस्तों राकेश का हेलो सबको और लड़कियों भाभियों आंटीयो को हमारे उसका भी हेलो आशा करता हूँ जैसा रेस्पॉन्स मेरे पहले की कहनियों आप सभी ने दिया वैसा ही इस कहानी मे भी मिलेगा मेरे हर कहानी मेरी अपनी और सच्ची होती है. सच बताओं आज व्हातसाप पे इतने दोस्त मिले हैं और सबसे ज़्यादा उन भाभियों को जो मुझे कभी अकेला फील नही होने देती हैं . और रियली बहुत खुशी मिलती है जब आप ये कहती हैं मैने आप को खुश कर दिया और आप की बदनामी भी नही किया आई फील हॅपी पहले मैं ये पैसों के लिए करता था पर जब से जॉब लगी है फ्री मे करता हूँ. उन लड़कियों का भी शुक्रिया जो अपने बॉय फ़्रेंड के साथ रहते हुए भी सेक्स का मज़ा लेना चाहती हैं क्यों की मैं फोन कर के परेशान नही करता हयद्राबाद नागपुर की भाभियाँ गर्ल्स और आंटी अगर आप भी जीवन के असली मज़े लेना चाहती हैं मुझे बताइए मैं हर सुख दे सकता हूँ कोई पाबंदी नही और ये सब सिर्फ़ हमारे बीच रहेगा मुझे मैल करे मेसेज करें व्हातसाप पे एड करें मेरा नाम राकेश हैं मैं नागपुर मे रहता हूँ अभी हयद्राबाद मे हू 25 उमर हैं 6 इंच का पप्पू है जिसके कई प्यासी चूत दीवानी हैं मेरी आईडी है ******** और इस कहानी मे आप को मेरा नंबर भी मिल जाएगा या मुझे मैल कर के मेरा नंबर ले सकते हैं
मैंने उसे कहा नहीं तो तुम्हें यह किसने कहा वह मुझे कहने लगी सर मैंने आपके लैपटॉप में अपनी फोटो देखी और मुझे पता चला कि आप मुझे प्यार करते हैं लेकिन आप ने कभी भी अपने दिल की बात मुझसे नहीं कहीं। मैंने मधु से कहा मैं तुमसे प्यार करता था लेकिन जब मुझे पता चला कि तुम किसी और से ही प्रेम करती हो तो मैंने अपने दिल से तुम्हारा ख्याल निकाल दिया और मैंने उसके बाद कभी भी तुम्हारे बारे में नहीं सोचा। मधु मुझे कहने लगी यदि आपने मुझे पहले यह बता दिया होता तो शायद यह सब नहीं होता आपके जैसा लड़का मुझे मिल पाना शायद मुश्किल होगा कभी भी आपके जैसा लड़का मुझे अपने जीवन में नहीं मिल पाएगा यदि आप के साथ मेरी शादी होगी तो मुझे बहुत अच्छा लगेगा। मुझे नहीं मालूम था कि मधु मुझे इतना पसंद करती है मैं अपने दिल में सिर्फ इसी डर से उससे कह नहीं पाया कि मुझे लगा कि कहीं उसे बुरा लगेगा इसलिए मैंने उसे आजतक अपने दिल की बात नहीं कही थी लेकिन जब उसने यह बात कही तो मैं खुश हो गया और मेरे चेहरे पर वह मुस्कान दुबारा से आ गई जो पहले थी। हम दोनों एक दूसरे के साथ अच्छा समय बिताया करते मुझे उसके साथ में समय बिताना अच्छा लगता था। मधु के पिताजी ने उसके लिए लड़का देख लिया था लेकिन मधु मुझसे प्यार करने लगी थी और हम दोनों का प्यार परवान चढ़ चुका था।
मेघा कहने लगी ठीक है लेकिन हम लोग आज शाम को मिलते हैं मैं और मेघा मॉल में ही मिले और हम लोग उनके स्टाफ की कैंटीन में ही बैठे हुए थे। हम दोनों आपस में बात कर रहे थे मैंने मेघा को समझाया और कहां देखो मेघा मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं और मैं नहीं चाहता कि कभी भी हमारे बीच में झगड़े हो लेकिन तुम्हें भी कुछ चीजों को समझना पड़ेगा। उस दिन मैं वाकई में अपने ऑफिस के काम के सिलसिले में बिजी था इसलिए मैं आ नहीं पाया लेकिन इसका यह मतलब तो नहीं है कि तुम छोटी छोटी चीजों को बड़ा बना दो जिस वजह से हम दोनों के बीच में झगड़े हो इसलिए तुम्हें भी कहीं ना कहीं समझना ही पड़ेगा। मेघा मुझे कहने लगी ठीक है मैं कोशिश करूंगी लेकिन तुम भी तो मेरी बातों को समझ सकते हो और मुझसे प्यार से बात कर सकते हो उस दिन तुमने मुझसे बहुत ही गुस्से में बात की तो मुझे भी बहुत बुरा लगा इसलिए मुझे भी बहुत गुस्सा आया और इसी वजह से मैंने तुमसे बात नहीं की। मैंने मेघा को समझाया और कहा ठीक है आज के बाद ना ही तुम कभी किसी चीज को लेकर मुझ से जिद करोगी और ना ही मैं तुम्हारी बात को टालूंगा। अब हम दोनों के बीच इस बात को लेकर सहमति बन चुकी थी कि हम दोनों एक दूसरे को समझेंगे और उसके बाद हम दोनों एक दूसरे को अच्छे से समझने लगे और हम दोनों के बीच प्यार और ज्यादा मजबूत हो गया। एक दिन भाभी ने मुझसे और मेघा से पूछा तुम दोनों शादी के बारे में सोचोगे या फिर सिर्फ एक दूसरे के साथ बातें करते रहोगे मैंने भाभी से कहा देखते हैं भाभी अभी तो इस बारे में फिलहाल सोचा नहीं है।
दोस्तों आज मैं आप लोगों को एक ऐसी कहनी बताने जा रहा हूँ कि आप लोग हस हस के पागल हो जाओगे | उससे पहले मैं आप लोग को अपना परिचय दे देता हूँ उसके बाद मैं आप लोगों को उस कहानी के बारे में बताऊंगा | दोस्तों मेरा नाम अंकित ठाकुर है मैं जबलपुर का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 22 साल है और मैं भी पढाई कर रहा हूँ और जॉब भी करता हूँ |
पढ़ाई के लिए मैंने कमरा किराये पर लिया. मकान मालकिन भाभी मस्त माल थी. एक बार भैया कुछ दिनों के लिए बाहर गए तो मुझे ख्याल रखने को कह गए. भाभी ने मुझे कैसे पटाया?
Antarvasna मैं हरियाणा के छोटे से गांव का रहने वाला हूं वहीं पर मेरी पैदाइश हुई और मेरे स्कूल की पढ़ाई भी वहीं हुई उसके बाद मेरे पिताजी रोहतक आ गए थे मैंने अपने कॉलेज की पढ़ाई रोहतक से ही की। कुछ समय तो हम लोग रोहतक रहे उसके बाद दोबारा मेरे पिताजी गांव चले गए और वह गांव में रहकर खेती का काम करते हैं मैंने भी सोचा कुछ समय तक मैं रोहतक में जॉब कर लेता हूं। करीब एक साल तक मैंने रोहतक में नौकरी की मैं एक छोटी सी कंपनी में काम करता था हमारा छोटा सा ऑफिस था और मुझे पता ही नहीं चला कि कब एक साल हो गया। फिर मुझे लगा कि मुझे कहीं बड़े शहर जाना चाहिए रोहतक में रहकर ना तो मेरी तनख्वाह बढ़ने वाली थी और ना ही मैं आगे कुछ काम सीखने वाला था इसलिए मैंने दिल्ली जाने की सोची।
पट्टी बंधी आंखों में उसके चेहरे का सबसे कामुक भाग उसके होंठ थे जो चाटने के बाद कमरे की रोशनी में चमक रहे थे। मैं उसके दाईं तरफ के गाल पर किस करते हुए उसके कान से होते हुए नीचे गर्दन पर पंहुचा। मौसम ठंडा था और कमरे में ए.सी. भी चल रहा था, फिर भी उसकी गर्दन पर पसीने की कुछ बूंदें थीं। ये बूंदें उसके गोरे बदन पर मोती की तरह चमक रही थी। मैंने इन मोतियों को चूमा और उसकी बाँहों के नीचे आ गया.
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम रॉकी है, मेरी उम्र 32 वर्ष और मैं उदयपुर राजस्थान से हूँ। कभी कभी आपके हमारे जीवन में ऐसी घटनाएं घट जाती हैं जिनको हम कभी भुला नहीं पाते। कुछ ऐसा ही एक वाकया मेरी जिंदगी के साथ भी जुड़ा हुआ है जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता.
मैं एक छोटे से फ्लैट में रहता था. एक दिन मैं बालकनी में सिर्फ चड्डी में खड़ा था कि बगल वाली छत पर एक भाभी मुझे देख रही थी. उसके बाद मैंने क्या किया?
मेरे रहते पापा को मेरी चालू बीवी की चुदाई में दिक्कत हो रही थी तो उन्होंने मुझे ससुराल भेज दिया. वहां सास ने मेरी बीवी की शादी से पहले की जिन्दगी के बारे में बताया. जिसे सुन कर मैं हैरान रह गया.
फिर मैंने आंटी की ब्रा भी उतार दी और उनकी चूचियों को चूसने लगा. आंटी अपने मुँह से ‘ऊ ऊ ऊह उऊऊ आहह.. स्स्ड्ड..’ आवाज करने लगीं.
मैं एक दिन विजय को फोन करता हूं विजय मेरे साथ पुणे में पढ़ाई करता था लेकिन अब हम दोनों की पढ़ाई पूरी हो चुकी है। मैंने तो पुणे में ही अपनी नौकरी ज्वाइन कर ली है लेकिन विजय अब चंडीगढ़ चला गया है जब मैंने विजय को फोन किया तो पहले किसी ने फोन नहीं उठाया लेकिन जब मैंने दूसरी बार कॉल किया तो सामने से किसी लड़की की आवाज आई मैंने उसे कहां आप कौन बोल रहे हैं। वह कहने लगी मैं विजय की बहन पायल बोल रही हूं मैंने पायल से कहा मुझे विजय से बात करनी थी तो पायल कहने लगी यह नंबर तो भैया ने मुझे दे दिया है और अब यह नंबर मेरे पास है। मैं आपको भैया का दूसरा नंबर दे देती हूं लेकिन अभी वह शायद आपसे बात नहीं कर पाएंगे क्योंकि आज उनके ऑफिस में कुछ जरूरी मीटिंग थी इसलिए उन्होंने आज मुझे भी फोन करने से मना किया था।
Kamukta, मैं उम्र के 63 वर्ष में प्रवेश कर चुका था मुझे रिटायर हुए अभी 3 वर्ष ही हुए थे रिटायर होने के बाद मैं अपनी पत्नी हेमा के साथ अपने घर पर कुछ फुर्सत के पल बिताया करता क्योंकि हम दोनों को एक दूसरे के लिए कभी समय ही नहीं मिल पाया। जब मेरी हेमा से शादी हुई थी उस वक्त मेरी उम्र 21 वर्ष थी और हेमा की उम्र 20 वर्ष थी हेमा मुझसे 1 वर्ष छोटी थी। जब हम दोनों की शादी हो गई तो उसके बाद हेमा ने सारी जिम्मेदारियों को अपने कंधों पर ले लिया कई बार वह मेरी मां की डांट भी खाया करती थी। उस वक्त हेमा समझदार ना थी और कहीं ना कहीं उसके अंदर बचपना तो था ही हेमा मुझे हमेशा कहती की आप घर का कितना ख्याल रखते हैं। घर में मैं ही एकलौता था इसलिए सारा दारोमदार मेरे ऊपर ही था मेरे पिताजी की मृत्यु बहुत ही जल्द हो गई थी।
मेरी बीवी की सहेली सुंदर सेक्सी नहीं थी पर वो मुझ पर मरती थी. मैंने भी सोचा कि साली अगर चूत दे रही है तो मार लो. एक दिन मैं उसके घर चला गया. वहां पर क्या हुआ?
मेरी मेरी गांड की चुदाई कहानी में पढ़ें कि कैसे नंगी फोटो वाली और सेक्स कहानी वाली किताबें देखने के लालच में मैंने अपने से बड़े एक लड़के से गांड मरवा ली.
बहुत देर तक हम दोनों एक दूसरे को किस करते रहे. साना नंगी थी. उसके बदन को देख कर मैं पागल सा हो गया. उसके 36 के चूचे नंगे होने के बाद और भी ज्यादा मस्त लग रहे थे.