मेरे साथ पढ़ने वाली फ्रेंड्स के चूचे और चूतड़ देख कर मैं अजीब सा महसूस करती थी कि वो भी अब जवान हो गई हैं.
अपनी चूत पर आने वाले हल्के बाल और उन छोटे छोटे से बालों में टॉयलेट करते हुए चुत को सहलाना, फिर उन बालों की सफाई करना. फिर वो बाल घने और काले हो गए. बहुत मन होता था कि ये सब किसी लड़के के साथ किया जाए.. पर कभी हिम्मत नहीं हुई.
कई बार हमने सुना होगा कि वो वहां सेक्स करते पकड़े गए, उनकी पिटाई हुई. शायद इसीलिए हम सबको, घर वाले अच्छे से रहना सिखाते थे. कहीं कुछ बदनामी ना हो जाए.
मैंने अपने ही घर में बड़े भाई को भाभी के साथ कमरे में घुसते देखा. कमरे के अन्दर क्या चल रहा होगा, मैं ये भी जानती थी.
पड़ोस की आंटी कई बार मम्मी के पास बैठ कर सेक्स की बातें करती थीं. तो मम्मी मुझे वहां से जाने के लिए बोल देती थीं.
पर मैं उनकी बातों को छुप कर सुनती थी.
आप में कई लड़कियां भी ऐसे ही सुनती रही होंगी.
मम्मी और आंटियां बहुत खुल कर एक दूसरे से सेक्स डिस्कस करती थीं और अपनी चुदाई के बारे में भी बताती थीं.
एक बार आंटी ने मम्मी को बताया कि रात में अंकल ने उन्हें घोड़ी बना कर उनकी गांड में लंड पेल दिया. उन्हें बहुत दर्द हुआ. पर अब वो सोच रही हैं कि आज रात अंकल से बोल कर गांड में ही लंड डलवाएंगी.
काल्पनिकता की बात अलग है. यहां तो कहानी में सब साले भाई, बहन, मां पापा, दीदी, बुआ, मामी, चाची, चाचा, मामा पता नहीं किस किस रिश्ते में चुदाई कर देते हैं. पर ऐसा सच में नहीं होता है. और ऐसा सोचने से प्रॉब्लम हो जाती है. क्योंकि हमारे संस्कार हमें ये सब करने की इजाजत नहीं देते. हमारे देश में संस्कारों का बहुत महत्व है और होना भी चाहिए.
पर सच तो ये है कि हम अपनी उम्र के हिसाब से अपने शरीर की जरूरत पूरी करने के चक्कर में बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड बनाते हैं और कभी कभी तो किसी दूर के रिश्ते जैसे भाभी जीजा कजिन से भी चुदाई कर लेते हैं.
अब 2020 में तो बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड आम बात हो गई है. शादी से पहले ही लड़के लड़कियां अपनी प्यास बुझाते हैं. स्कूल, कॉलेज, पार्क, बस, रेल, शादी जहां भी जाते हैं, बस नई दोस्त बनाने की कोशिश करते हैं. असलियत में हम एक दूसरे में सेक्स ढूंढते हैं.
पर मुझे मालूम है कि मैंने पहली बार सेक्स अपने पति से ही सुहागरात में किया था. हमारी शादी लव मैरिज तो नहीं, पर मैं अपने पति को शादी से पहले ही जानती थी. फिर उनकी जॉब आर्मी में लग गई और हमारी शादी हो गई.
शादी की तैयारी के समय मेरे मामा बुआ की बेटियां आई हुई थीं. वो सब शादीशुदा थीं और उनकी संतानें भी थे. उन सबको सेक्स का अच्छा एक्सपीरिएंस हो चुका था.
उन्होंने मुझे अपनी सुहागरात की कहानी सुनाई. कैसे उन्होंने अपनी चूत में पहला लंड लिया और उनके पति उन्हें किस किस पोजिशन में चोदते हैं. हम सबने इन बातों का बहुत मज़ा लिया और अपने पुराने सब सेक्सी खेल याद किए.
बुआ जी की बेटी ने बताया कि वो शादी से पहले उंगली डाल कर अपना पानी निकालती थी.
तो मामा की बेटी बोली कि तूने हमको नहीं सिखाया, नहीं तो हम सब साथ में ही मज़े लेते.
इस तरह हंसते खेलते मेरी शादी हो गई. पति आर्मी में जॉब करता है. उसका अच्छा खासा शरीर है.. बिल्कुल पहलवान की तरह.
पर हमारी सुहागरात की कहानी बिल्कुल अलग है. हम दोनों किस्मत से पहली बार सेक्स कर रहे थे और हम दोनों को ही ज्यादा नॉलेज नहीं थी. मेरे हसबैंड ने मेरी चूत को पहली ही बार बुरी तरह चोदा. मैं तो बहुत देर तक रोई और पूरी रात सो भी नहीं पाई थी. कमरे में कोई दवाई भी नहीं थी दर्द कम करने की.
फिर सुबह जब हमने दोबारा सेक्स किया. तब मुझे अच्छा लगा और हमने सुबह दो बार चुदाई की.
अब तो मैं हसबैंड के छुट्टी आने का वेट करती हूं और फिर हम दोनों दबा कर चुदाई करते हैं. एक दिन में 3-4 बार से कम में आत्मा को शान्ति ही नहीं मिलती है.
कभी कभी तो वीडियो कॉल करते हुए भी मज़े ले लेते हैं. पर अब भी जब सेक्स करती हूं, तो अपने पुराने समय की वो सब बातें याद आती हैं.
मेरी तरह आपने कई ऐसे खेल खेले होंगे, मुझे कमेंट करके जरूर बताएं. मुझे आप सबके खेल के बारे में जान कर अच्छा लगेगा कि आपने किस के साथ, कब ऐसे खेल खेले, जो सेक्स से जुड़े हुए थे.
ये कोई मेरी सेक्स कहानी नहीं थी, मगर इसमें जीवन का सच्चा सेक्स छिपा था.
आपको भी मेल करके अपने पुराने जमाने के किस्से शेयर करने चाहिए.
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