पड़ोस के लड़के ने मेरी चूत की प्यास बुझाई
नमस्कार, मेरा नाम सुनीता है. मैं एक हाउसवाइफ हूँ लेकिन दिखने में बहुत सेक्सी हूँ. मैं अपने घर का सारा काम करती हूँ. और जो गुण एक संस्कारी बहू में होनी चाहिए वो सारे गुण मेरे अन्दर हैं.
नमस्कार, मेरा नाम सुनीता है. मैं एक हाउसवाइफ हूँ लेकिन दिखने में बहुत सेक्सी हूँ. मैं अपने घर का सारा काम करती हूँ. और जो गुण एक संस्कारी बहू में होनी चाहिए वो सारे गुण मेरे अन्दर हैं.
दोपहर तीन बजे रितिका का कॉल आया, तो मैं उसको लेने उसके होटल पर चला गया. मुझे देखकर ही वो मुझसे चिपट गयी. उसके भरी चूचियां मेरी छाती के गड़कर दिल पर छुरी चला रही थीं. सवेरे सवेरे लंड ने उषा को ले लिया था, तो अभी उसे भी कोई जल्दी नहीं थी.
मेरा नाम मीरा है और मैं 24 साल की हूँ. मैं हैदराबाद की एक आईटी कम्पनी में काम करती हूँ. वैसे मैं पंजाब की रहनेवाली हूँ. मेरे परिवार में मम्मी पापा और मेरा छोटा भाई है जो पंजाब में ही रहते है.
उस शाम मुस्कान को शाम को एक पार्टी में जाना था. इसलिए वो पार्लर गयी थी. मैं और शिशिर हम दोनों लोग खुश थे कि मेरी सहेली शाम को पार्टी में जाएगी और मैं मेरे पति के सोने के बाद अपनी सहेली के पति से सेक्स करूंगी.
मैं एक दिन विजय को फोन करता हूं विजय मेरे साथ पुणे में पढ़ाई करता था लेकिन अब हम दोनों की पढ़ाई पूरी हो चुकी है। मैंने तो पुणे में ही अपनी नौकरी ज्वाइन कर ली है लेकिन विजय अब चंडीगढ़ चला गया है जब मैंने विजय को फोन किया तो पहले किसी ने फोन नहीं उठाया लेकिन जब मैंने दूसरी बार कॉल किया तो सामने से किसी लड़की की आवाज आई मैंने उसे कहां आप कौन बोल रहे हैं। वह कहने लगी मैं विजय की बहन पायल बोल रही हूं मैंने पायल से कहा मुझे विजय से बात करनी थी तो पायल कहने लगी यह नंबर तो भैया ने मुझे दे दिया है और अब यह नंबर मेरे पास है। मैं आपको भैया का दूसरा नंबर दे देती हूं लेकिन अभी वह शायद आपसे बात नहीं कर पाएंगे क्योंकि आज उनके ऑफिस में कुछ जरूरी मीटिंग थी इसलिए उन्होंने आज मुझे भी फोन करने से मना किया था।
उसने भी मेरे पेन्ट की बटन को खोल दिया और मेरे लंड को हिलाने लगी और बोली आपका औज़ार तो बहुत बड़ा है | मैंने इतना बड़ा सामान पहली बार देखा है और मेरे लंड को चूसने लगी और मै भी उसके ब्लाउज को उतार के उसके दूध को जम जम से चूसने लगा और उसकी साड़ी को भी उतार दिया | जब हम दोनी पूरे नंगे हो गये तो वो बोली कि आप अब से हरदम मेरी प्यास को बुझाओगे ना | मैंने बोल हां और वो मेरे पूरे अंग को चूमने लगी और मैं उसको टेबिल में बैठा के उसकी दोनों टांगो को आपने कंधे के ऊपर रख के उसकी अच्छी मोटी चौड़ी चूत को चाटने लगा और वो जम जम से सिसकारी ले रही थी | मैंने उसको घोड़ी बनाया और अपना मोटा लम्बा सा लंड उसकी चूत के उपर रख के घिसने लगा और धीरे से चूत के अन्दर डाल दिया और धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा | फिर मैंने अपनी तेजी को बढ़ाया और जब मैं उसको तरीके से चोदने लगा और वो जम जम से चुदवाने लगी तो वो बोली मुझे बहुत मजा आ रहा है | और जम जम से मुझे चोदो मैंने बोला आप आपनी टांगो को और थोडा सा चिप्कालो जब उसने आपनी टांगो को चिपका लिया तो मैंने उसे इस कदर का चोदा कि वो बोलने लगी बस करो और जोर जोर से चिल्लाने लगी |
मेरे प्यारे दोस्तो, मैं अन्तर्वासना की क़हानियां चार साल से पढ़ रहा हूँ. आज मैं अपनी जीवन की पहली चुदाई की कहानी आपको सुनाने जा रहा हूँ… जिसमें मैंने अपने किरायेदार रिंकू भाभी की दो दिन तक जमकर चुदाई की.
वो मेरे बेडरूम में आया, मैंने उसको खाना खिलाया और उसके बाद हम दोनों लोग एक दूसरे की बांहों में आकर एक दूसरे से बातें करने लगे. मैं उससे बात करने के बाद रसोई में थोड़ा काम करने चली गयी और बर्तन धोने लगी.
हम थोड़ी देर और चुंबन और मसाज़ का खेल खेलते रहे. फिर मैं दीदी के पज़ामे के नाड़े को खोल ही रहा था कि दीदी ने मना कर दिया.
अब मैं मधु से मिलना चाहता था मैंने उससे कहा मैं तुमसे मिलने के लिए चंडीगढ़ आ रहा हूं, वह मुझे कहने लगी कि लगता है आप मजाक कर रहे हैं। उसे मेरी बात मजाक ही लग रही थी परंतु मैं उससे मिलने के लिए बहुत सीरियस था और मैं उससे मिलने के लिए चंडीगढ़ चला गया, जब मैंने चंडीगढ़ पहुंच कर उसे फोन किया तो उसे तब भी यह बात मजाक ही लग रही थी उसे मुझ पर भरोसा नहीं हो रहा था, मैं जब मधु से मिला तो वह मुझसे मिलकर बहुत खुश हो गई, वह कहने लगी मुझे तो लगा ही नहीं था कि आप मुझसे मिलने आ जाएंगे, मेरे लिए तो यह एक सपने जैसा है। मैंने मिलते ही मधु को गले लगा लिया वह भी मुझसे गले लग गई हम दोनों कुछ देर तक साथ में बैठे रहे लेकिन मुझे मधु के साथ कहीं अकेले जाना था। मैने जिस होटल में रूम लिया था उसी होटल में मैं मधु को अपने साथ ले आया उसे मेरे साथ आने में कोई तकलीफ नहीं हुई वह मेरे साथ आई तो बहुत खुश नजर आ रही थी। मैंने मधु को बंद कमरे में किस किया तो उसकी नजरें झुक गई उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और वह भी मुझे किस करने लगी हम दोनों ने एक दूसरे को काफी देर तक किस किया।
पढ़ाई करने के लिए मैं शहर गयी तो मौसी के घर रही. से हुई. मौसा के कम्प्यूटर से पता चला कि वो सेक्स के पारंगत विद्वान हैं. मेरी उफनती जवानी में परेशान कर रही चूत ने ठान लिया कि चूत का उद्घाटन होगा तो मौसा के लंड से ही. मौसा को मैंने कैसे अपने जाल में फांसा?
नौकरानी की चुदाई की कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरे घर वालों ने एक आंटी को काम पर रखा. लेकिन मैंने उसे ही सेट कर लिया. अन्तर्वासना आंटी सेक्स स्टोरी का मजा लें.
कुछ देर बाद मैं भी झड़ने वाला था… तो उन्होंने मेरे लंड से हटते हुए मेरे लंड को मुँह में लिया और ज़ोर जोर से चूसने लगीं. मैं भाभी के मुँह में ही झड़ गया.
उसके बाद वो मेरी ओर घूम गयी. ताई की चूत मेरी आंखों के सामने थी जिस पर बहुत बड़े बड़े बाल थे. नंगी चूत देख कर मेरा लौड़ा बेकाबू होने लगा. फिर मैं उनके बदन पर साबुन मलने लगा. उनकी चूचियों पर, उनके पेट पर साबुन लगाने के बाद मैं उनकी चूत के आसपास साबुन लगाने लगा.
अब मीनाक्षी भी ठीक होने लगी थी और मीनाक्षी ने एक प्राइवेट स्कूल जॉइन कर लिया था वहां पर वह पढाया करती थी। अजय का फिर उसके बाद कुछ मालूम नहीं पड़ा कि वह कहां चला गया अजय कभी घर नहीं लौटा और ना जाने वह कहां था उसकी वजह से मीनाक्षी को बहुत तकलीफ झेलनी पडी। उसके परिवार को भी अजय की वजह से बहुत ही समस्याओं का सामना करना पड़ा परंतु अब सब कुछ धीरे-धीरे ठीक होने लगा था मीनाक्षी भी अपने काम में बिजी रहने लगी थी और राकेश ने भी प्रॉपर्टी का काम शुरू कर दिया है उसका काम भी अच्छा चलने लगा है। राकेश के पिताजी भी अब सब चीजों को भुलाने की कोशिश करने लगे हैं और उन्होंने अब आगे जिंदगी में बढ़ने का फैसला कर लिया है उन्हें अब मीनाक्षी से कोई तकलीफ नहीं है। अजय की वजह से जो तकलीफ राकेश के परिवार को झेलनी पडी वह कहीं ना कहीं उनके दिल में अभी तक थी, राकेश और मैं हर रोज मिला करते है वह हमेशा यही कहता है कि मुझे मीनाक्षी की बहुत चिंता होती है। मैं हमेशा राकेश को समझाता हूं और कहता हूं कि अब तुम उसकी चिंता मत किया करो सब कुछ ठीक हो चुका है। मीनाक्षी के दिल की फीलिंग को कोई नहीं समझ पाया था वह बहुत अकेला महसूस करती थी मीनाक्षी से मैं जब भी बात करता तो उसे मुझसे बात करना अच्छा लगता और वह मुझसे बात किया करती थी। मुझे नहीं मालूम था कि मीनाक्षी और मेरे बीच में एक दिन सेक्स हो जाएगा मैं एक दिन राकेश से मिलने के लिए घर पर गया तो राकेश और उसके माता पिता कहीं गए हुए थे उस दिन मीनाक्षी घर पर ही थी।
मेरे रहते पापा को मेरी चालू बीवी की चुदाई में दिक्कत हो रही थी तो उन्होंने मुझे ससुराल भेज दिया. वहां सास ने मेरी बीवी की शादी से पहले की जिन्दगी के बारे में बताया. जिसे सुन कर मैं हैरान रह गया.
सच में मुझे बड़ा ही मज़ा आ रहा था. दस मिनट बाद मेरी चुत में कुछ अनुभव सा हुआ, मैंने सोचा कि शायद बॉस ने अन्दर ही पेशाब कर दिया है.
मेरी मेरी गांड की चुदाई कहानी में पढ़ें कि कैसे नंगी फोटो वाली और सेक्स कहानी वाली किताबें देखने के लालच में मैंने अपने से बड़े एक लड़के से गांड मरवा ली.
मेरे दोस्त की गर्लफ्रेंड मुझे अपने भाई जैसा मानती थी. लेकिन उसे देख मेरा लंड खड़ा होने लगता था. मैं अपनी मुँहबोली बहन की चुत चुदाई करना चाहता था. मैंने कैसे की?
ससुराल में सास और बीवी की चुदाई के बाद भी मेरी चालू बीवी की चूत की प्यास शांत होने का नाम ही नहीं ले रही थी. मुझे उसके लिये एक नये लंड की तलाश करनी थी तो .
में रेजर लेकर बाथरूम में नहाने चला गया. वहां पर लंड को एकदम चिकना केला सा बनाना शुरू कर दिया.
आज मैं आपको एक ऐसी कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जो मैंने अपनी आंखों से देखा था. यह कहानी आज से दो महीने पहले की है, तब मैं अपने घर आया था. इससे पहले कि मैं अपनी कहानी शुरू करूं, मैं आपको अपनी कजन यानि चचेरी बहन और उस वृद्ध का परिचय करा दूँ.
मैंने एक आंटी की मदद की उनका सामान उनके घर पहुंचाने में. उन्होंने मुझे अंदर बुला लिया. उनके घर में जाकर मैंने आंटी की चूत चुदाई की. ये सब कैसे हुआ? उनकी सहेली कैसे आयी?
मेरे पति चूत चुदाई से ज्यादा मेरी गांड चुदाई करते हैं. मुझे पता लगा कि वो कई औरतों की गांड चोदते हैं. तो हमारा झगड़ा हो गया. फिर जब मेरी चूत में वासना की आग लगी तो .