कुछ देर बाद मैं भी झड़ने वाला था… तो उन्होंने मेरे लंड से हटते हुए मेरे लंड को मुँह में लिया और ज़ोर जोर से चूसने लगीं. मैं भाभी के मुँह में ही झड़ गया.
भाभी मेरे वीर्य को पी गईं और मेरे पूरे लंड को चाट चाट कर साफ़ कर दिया.
उसके बाद हम दोनों लेट गए, उन्होंने मेरी तरफ देखा. एक प्यारी सी स्माइल दी और हम बातें करने लगे.
आधा घंटे तक हमने बातें की होंगी कि भाभी ने अब अपनी गांड में उंगली करते हुए मुझे गांड मारने का इशारा दिया. मैंने उनकी गांड में उंगली डाली. उनकी गांड बहुत टाइट थी. मैं समझ गया कि रिंकू भाभी के पति ने आज तक इनकी गांड नहीं मारी.
बस फिर क्या था… मैंने उन्हें कुतिया बनाया और उनकी गांड में तेल लगाया. फिर धीरे धीरे उनकी गांड में अपना लंड डालने की कोशिश करने लगा मगर उनकी गांड बहुत टाइट थी… तो मैंने एक ज़ोर से धक्का दिया, जिससे मेरा आधा लंड उनकी गांड में चला गया. मगर वो तेज आवाज में चिल्ला दीं.
भाभी को दर्द हो रहा था लेकिन फिर भी वो बोल रही थीं- डाल दो अपना लंड मेरी गांड में… फाड़ दो इसे भी.
उनमें लंड को गांड में लेने की भूख बहुत ज्यादा थी. थोड़ी देर बाद वो खुद ही अपनी गांड को आगे पीछे करने लगीं.
वे मदमस्त आवाजें निकालने लगीं- आह… साले चोद दो मेरी गांड को… इसे फाड़ दो… आह आह आह और अन्दर तक डालो… तेज चोदो… मुझे रंडी बना दो तेज तेज गांड मार साले… आह आह यस यस डालो अन्दर तक डालो…
मैं झड़ने वाला था और मैं उनकी गांड में ही झड़ गया.
उसके बाद हम नंगे ही एक दूसरे की बांहों में सो गए. वो मुझसे बहुत खुश थीं. उन्होंने मुझे चूमा ओर प्यार से आई लव यू बोल कर वो मेरे सीने पर सिर रख कर सो गईं.
दूसरे दिन का नजारा, प्यार भरा दिन और रात में दमदार चूत की चुदाई हुई.
अगले दिन सुबह सुबह भाभी के पति का कॉल आया और उन्होंने बताया कि वो आज और नहीं आएंगे.
मैंने भाभी को देखा वो सो रही थीं. मैंने उनको एक प्यासा सा चुम्बन दिया तो वो जाग गईं और उन्होंने मुझे देख कर गले से लगा लिया.
उसके बाद मैं उन्हें गोद में उठा कर बाथरूम तक लेकर गया और उनसे बोला- आप फ्रेश हो जाओ, मैं आपके लिए कॉफ़ी बना कर लाता हूँ.
मगर वो मुझे छोड़ ही नहीं रही थीं और बस मुझे चूमे जा रही थीं. फिर मैंने उन्हें लव यू बोला और जबरदस्ती भेजा.
वो नहा कर बाहर आईं, जब तक मैंने उनके लिए नाश्ता तैयार रखा था. हम दोनों ने मिलकर ब्रेकफास्ट किया और मैंने उनके लड़के को स्कूल छोड़ा.
जब मैं उनके रूम में वापस आया तो भाभी मुझसे चिपक गईं और ज़ोर से अपनी बांहों में मुझे भर लिया. मैं उन्हें अन्दर लेकर गया और अपनी गोदी में बिठाकर उनको अपने हाथों से खाना खिलाया.
भाभी कुछ बोल नहीं रही थीं मगर वो मुझसे दूर नहीं जा रही थीं. वो मुझे छोड़ने का नाम नहीं ले रही थीं. हम दोनों ने पूरे दिन प्यार किया. वो पूरे दिन वो मेरी बांहों से अलग नहीं हुईं और फिर हम साथ साथ सो गए.
शाम हो गई थी तो मैं थोड़ा घूमने चला गया. रात को दस बजे आया. मैं दोस्तो के साथ खाना खा कर आया था.
मैं भाभी के रूम में गया तो वो रो रही थीं. मैंने पूछा- क्या हुआ?
भाभी बोलीं- तुम भी मुझे अकेला छोड़ कर चले गए.
मैंने उन्हें मनाया और एक प्यार भरी पप्पी दी… उन्हें खाना खिलाया. उसके बाद हमारी चुदाई शुरू हो गई.
आज मैं भाभी को कुछ अलग तरह की चुदाई का मज़ा देना चाहता था. मैं उन्हें किचन में लेकर गया और उन्हें लिटा दिया. वो पूरी नंगी थीं. मैंने उनके दोनों हाथ और दोनों पैरों को बांध दिया. उनकी आँखों को भी एक पट्टी से बंद कर दिया. फिर मैंने फ्रिज से बर्फ के टुकड़े निकाले. एक उनके दूध घाटी में रखा दूसरा उनकी नाभि पर और एक को उनकी चूत के ऊपर रख दिया. ऐसा करने से वो तड़प उठीं.
अब मैं उनकी चूत को चाटने लगा उन्हें बहुत मज़ा आ रहा था. वो बहुत गरम हो चुकी थीं, इसलिए वो जल्दी झड़ गईं. मैंने उनकी चूत का पानी पी लिया.
अब मैंने उन्हें उल्टा किया और उनके पूरे बदन को चूमने लगा. आज वो बहुत खुश थीं.
मैंने उनकी गांड पर आठ दस ज़ोर ज़ोर से थप्पड़ मारे, जिससे उनकी गांड लाल हो गई. उसके बाद मैंने उनकी गांड में अपना लंड डाला. आज उन्हें दर्द नहीं हो रहा था, वो लंड के मज़े ले रही थीं.
आह आह की आवाज पूरे किचन में गूँज रही थी.
फिर मैंने एक मूली उठाई और उसे उनकी गांड में डाल दी और उन्हें सीधा करके अपना लंड उनकी चूत में पेल दिया. अब वो दो लंड जैसी फीलिंग ले रही थीं. उन्हें बहुत मज़ा आ रहा था. वो मज़े में मुझे और तेज चुदाई करने को बोल रही थीं.
भाभी- चोद सूरज मुझे चोद दे… मेरी गांड और चूत फाड़ दे… आह आह सूरज आह यस आह.
उनकी सिसकारी सुन कर मैंने भी लंड की स्पीड तेज कर दी. वो दो बार झड़ चुकी थीं… मगर अभी भी चुदाई करानी थी.
मैंने तेज तेज धक्के मारे. कुछ धक्कों के बाद मैं भी झड़ गया. वो खड़ी नहीं हो पा रही थीं, तो मैंने उन्हें उठाया और रूम में ले गया.
उधर हम दोनों सो गए.
उसके बाद जब भाभी के पति घर पर नहीं होते, तो हम ऐसे ही मज़े करते. भाभी मुझे सच्चा प्यार करने लगी थीं.
दोस्तो, आपको मेरी हिंदी सेक्स स्टोरी कैसी लगी… मुझे मेल करके ज़रूर बताएं.