ससुराल में सास और बीवी की चुदाई के बाद भी मेरी चालू बीवी की चूत की प्यास शांत होने का नाम ही नहीं ले रही थी. मुझे उसके लिये एक नये लंड की तलाश करनी थी तो .
दोस्तो, कैसे हो आप सब?
मेरी चुदक्कड़ बीवी की सेक्स स्टोरी के पिछले भाग
मेरी चालू बीवी लंड की प्यासी-1
में मैंने आपको बताया था कि शादी की पहली रात को मैंने अपनी बीवी की चूत का रंग देखा. उसकी चूत का रंग काफी सांवला था. उसको देख कर मुझे शक हो गया कि मेरी बीवी की चुदाई किन्हीं गैर मर्दों से शादी के पहले ही हो चुकी है.
फिर मैं अपने ससुराल गया तो मैंने अपनी सास की चुदाई अपनी आंखों के सामने होते हुए देखी. यही नहीं मेरी पत्नी भी की चूत भी किसी अन्जान लड़के के नीचे पेली जा रही थी और वो दोनों मां-बेटी खूब मजा ले रही थी.
मौका देख कर मैंने भी उसका फायदा उठाया और अपनी सासू मां की चूत चोद दी. अब हम तीनों एक ही रंग में रंग गये थे.
आज आपके सामने पेश है इस कहानी का दूसरा भाग. अब आगे की कहानी पढ़िये.
मैं आशीष अपनी पत्नी और सासू मां के साथ चुदाई की सच्ची कहानी को आगे बढ़ाते हुए यह बताना चाहता हूं कि यह कहानी ही नहीं बल्कि आज भी मेरे साथ रोज की बात है.
मैंने जब से लवली और सासू मां सुधा के साथ चुदाई की है तब से ही मैं बहुत सेक्सी वीडियो देखने लगा था. एक दिन मैं फैमिली सेक्स सर्च कर रहा था. तभी एक पेज सेक्स स्टोरी का खुल गया. मैंने स्टोरी को पढ़ा तो और ज्यादा चुदाई करने का मन करने लगा.
उसके बाद मैंने वो सब कहानियां अपनी पत्नी और सासू मां को भी पढ़वाई. इस तरह से हम तीनों अन्तर्वासना की सेक्स कहानियों के नियमित पाठक हो गये. अब इस कहानी की रचना में मेरी सासू मां भी शामिल हो गयी है. उन दोनों के कहे अनुसार ही मैं कहानी को आगे बढ़ा रहा हूं.
तो उस दिन सासू मां के साथ चुदाई होने के बाद अब मैं अपनी पत्नी को कम ही चोदता था. मगर मुझे डर लगा रहता था कि कहीं मेरी बीवी अपनी चूत की आग को शांत करवाने के लिए किसी बाहरी आदमी को फिर से न पकड़ ले. इसलिए अब मैं दवाई खाकर चुदाई करने लगा था ताकि दोनों को संतुष्ट रख सकूं.
ससुराल में चुदाई का मजा लेने के बाद मैं अपनी पत्नी को लेकर घर आ गया. सासू मां से अब मेरी बात फोन पर ही होती थी. जब सासू मां की चूत की में खुजली होती थी और वो मुझसे मेरा लंड लेने के लिए बोलती थी.
तो मैं मेरी बीवी के मायके में चुदाई करके आ जाता था और इस तरह मेरी सासू मां की प्यास भी बुझ रही थी.
अब मैंने अपनी बीवी की चूत की आग को भांपते हुए उसके लिए एक भरोसेमंद लंड का जुगाड़ करने की सोची ताकि घर की बात किसी को बाहर न पता चले और मेरी बीवी की चूत की प्यास भी शांत हो जाये. मेरी बीवी लवली बहुत ही चुदक्कड़ किस्म की औरत है इसलिए उसके लिए लंड का जुगाड़ करना बहुत जरूरी हो गया था.
इसके लिए मैंने अपने पापा को चुना. मैंने लवली को भी अपनी प्लानिंग के बारे में बता दिया. मेरी मां 10 दिन के लिए मेरे मामा के यहां जा रही थी क्योंकि ननिहाल में मेरी नानी की तबियत ठीक नहीं थी. इसलिए मां के न होने के चलते यह काम आसानी से हो जाना था.
लवली कहने लगी कि अगर पापा इस तरह के कैरेक्टर के नहीं निकले तो उसके बाद क्या होगा? मैं बोला कि पहले तो तुम ट्राई करके तो देखो, उसके बाद देखेंगे कि क्या होता है. अगर हुआ तो ठीक है नहीं तो कुछ और सोचेंगे. लवली मान गयी.
प्लान के मुताबिक मां जब अपने मायके चली गयी तो मैंने रात के खाने के बाद लवली से कहा कि वो पापा को खिलाने के बाद वो उनकी मालिश करे.
लवली ने ऐसा ही किया.
मेरी बीवी मेरे पिताजी के पैरों की मालिश करने लगी. वो रोज उनके पैर दबाने लगी. 3 दिन ऐसे ही निकल गये. मगर बात आगे नहीं बढ़ पा रही थी.
मैंने लवली से कहा- आज रात को मैं देर से आऊंगा. तब तुम पापा के लंड पर हाथ रख कर सोने का नाटक करना. उनको ऐसा लगे कि तुम नींद में हो और गलती से तुम्हारा हाथ उनके लंड पर रखा गया है. उसके बाद देखते हैं कि उनका रिएक्शन क्या होता है.
लवली ने वैसा ही किया. उसने पैर दबाते दबाते नींद आने का नाटक किया और अपने ससुर के लंड पर हाथ रख कर सो गयी. लवली की आंखें बंद थीं और उसका हाथ मेरे पापा के लंड के ऊपर रखा हुआ था. इधर पापा के लंड को जब हाथ रखे जाने का मजा मिलने लगा तो उनका लंड पूरा तन गया.
मेरी बीवी हल्की आँखें खोल कर पापा का रिएक्शन देख रही थी. पापा की आंखें आश्चर्य से खुली हुई थीं. उनका लंड पूरा तना हुआ था. पापा सोच में थे कि इस स्थिति में क्या किया जाये. मगर लंड तो लंड ही होता है. एक बार तन गया तो तन गया. फिर मौका देख कर पापा ने भी मेरी बीवी की चूची पर हाथ रख दिया. मगर उनकी आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं हो रही थी.
फिर मैंने आकर दरवाजा खटखटाया तो लवली उठ कर बाहर आ गयी.
मैंने पूछा- काम हो गया क्या?
वो मुस्कराकर बोली- हां, कुछ कुछ बन रहा है.
मैंने नहीं देखा था कि लवली ने कैसे क्या किया है. मगर उसकी मुस्कान बता रही थी कि बात आगे बढ़ रही है.
अगले दिन फिर मैं देरी से आने का बहाना करने लगा और घर पर बोल दिया कि मैं दोस्त के घर पर जा रहा हूं.
उस रात पापा ने मालिश करवाते वक्त लवली से कहा कि कमर के नीचे दर्द हो रहा है.
लवली समझ गयी थी कि पापा का मन करने लगा है अपनी बहू की जवानी का रस पीने के लिए. उस दिन पापा लवली की ओर बहुत ही प्यार से देख रहे थे. उसके बदन को जैसे आंखों आंखों में सहला रहे थे. उसकी चूचियों को घूर रहे थे.
अब लवली ने तेल लगा कर मालिश करना शुरू किया. धीरे धीरे वह अपने ससुर के लंड को छू रही थी. ऐसा करते हुए वो फिर से नींद आने का नाटक करने लगी. नींद में ही लवली ने उनके लंड को पकड़ लिया. कई बार ऐसा करने से पापा का लंड खड़ा हो गया.
बहू के हाथ के कोमल स्पर्श से उत्तेजित होकर पापा अपने लंड को काबू में नहीं रख पाये और लवली की चूचियों को छेड़ने लगे. अब लवली ने दूसरा नाटक खेल दिया.
वो नींद से जागी और घबराने का नाटक करते हुए उठ खड़ी हुई.
वो बोली- पापा, आप ये क्या कर रहे हैं?
पापा बोले- बेटी, मैं तेरे लिए कुछ भी करने को तैयार हूं. बस एक बार मेरा साथ दे दे.
लवली- नहीं पापा, ये गलत है.
पापा ने लवली के सामने हाथ जोड़ कर विनती करना शुरू कर दिया.
लवली बोली- ठीक है, लेकिन मेरी एक शर्त है. मैं जो कहूंगी आप वही करेंगे.
पापा ने बहू की चूत के लिए हर बात मानने के लिए हां कर दी. लवली की चूत का जादू पापा पर सवार हो गया था.
अब पापा को कुछ नहीं करना था. पापा के लन्ड को पकड़ कर मेरी बीवी अपने मुंह में लेकर चूसने लगी. पापा के चेहरे पर गज़ब की चमक थी जैसे वो कोई खजाना पा गए हों. लवली अपने रंडीपन का खेल खेलने लगी थी.
उसने अपनी साड़ी को ऊपर करके अपनी पैंटी उतार दी और पापा के ऊपर बैठ गयी. उसने अपनी चूत को पापा के मुंह पर सटा दिया और अपनी चूत को पापा के मुंह पर रगड़ने लगी और चटवाने लगी.
मेरे पापा का शरीर काफी भारी भरकम था. लवली तो उनके सामने बच्ची के जैसे लग रही थी. पापा के विशालकाय बदन के सामने लवली का बदन मेल नहीं खा रहा था.
मैंने लवली को पहले ही बोल दिया था कि पीछे का दरवाजा खुला रखे. ताकि मैं भी बहू-ससुर की लाइव चुदाई देख सकूं. लवली ने पीछे का दरवाजा खुला रखा हुआ था और मैं भी अपने बाप और अपनी रंडी बीवी की चुदाई के खेल को अपनी आंखों से लाइव देख रहा था.