बिना कंडोम चुदी अनामिका – Part 2
तभी अनामिका शायद जग गई। उसने अपनी बांहों में मुझे जकड़ लिया और बोली- कहाँ थे अब तक? मैंने तुम्हारा कितना इंतज़ार किया।
तभी अनामिका शायद जग गई। उसने अपनी बांहों में मुझे जकड़ लिया और बोली- कहाँ थे अब तक? मैंने तुम्हारा कितना इंतज़ार किया।
आज की सेक्स कहानी बिल्कुल अलग सी है. एक 24 वर्षीय लड़का एक विवाहित युगल के बीच में फंस जाता है. फिर सेक्स का क्या सीन बना, आज आप उस रस का मजा लीजिएगा.
Kamukta, मैं उम्र के 63 वर्ष में प्रवेश कर चुका था मुझे रिटायर हुए अभी 3 वर्ष ही हुए थे रिटायर होने के बाद मैं अपनी पत्नी हेमा के साथ अपने घर पर कुछ फुर्सत के पल बिताया करता क्योंकि हम दोनों को एक दूसरे के लिए कभी समय ही नहीं मिल पाया। जब मेरी हेमा से शादी हुई थी उस वक्त मेरी उम्र 21 वर्ष थी और हेमा की उम्र 20 वर्ष थी हेमा मुझसे 1 वर्ष छोटी थी। जब हम दोनों की शादी हो गई तो उसके बाद हेमा ने सारी जिम्मेदारियों को अपने कंधों पर ले लिया कई बार वह मेरी मां की डांट भी खाया करती थी। उस वक्त हेमा समझदार ना थी और कहीं ना कहीं उसके अंदर बचपना तो था ही हेमा मुझे हमेशा कहती की आप घर का कितना ख्याल रखते हैं। घर में मैं ही एकलौता था इसलिए सारा दारोमदार मेरे ऊपर ही था मेरे पिताजी की मृत्यु बहुत ही जल्द हो गई थी।
मेरी बीवी दस मिनट तक मेरे ऊपर ही पड़ी रही. फिर उठकर उसने से मेरे बाल पकड़ लिये और मेरे होंठ अपने होंठों में लेकर बेताहाशा चूसने लगी.
ऑफिस से छूटते ही मैंने कैब ले ली और घर आ पहुंची. मैंने किसी से लिफ्ट नहीं ली थी … क्योंकि मास्टर का आदेश था. एक घंटे पहले उसका मैसेज आया था.
मेरी चूत में झुरझुरी सी उठने लगी थी. चाचा ने मेरी चूत को अपने हाथ से सहला दिया. मेरी चूत फूली हुई सी लग रही थी. मेरी चूत पर हल्के से झांट भी थे. मेरी चूत को सहलाने के बाद चाचा ने मेरी चूत में उंगली डाल दी और दो उंगलियों को डाल कर अंदर-बाहर करने लगे.
मैंने उसके दोनों मम्मों को चूस चूस कर कड़क कर दिया. तभी उसने मेरे लंड को हाथ में ले लिया. मेरा लंड 7.5 इंच का है और मोटा भी खीरे जैसा है. उसने मेरे लंड को मुँह में ले लिया और चूसना चालू कर दिया. उसने क्या कमाल से मेरे लंड को चूसा था कि मन मस्त हो गया.
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम रॉकी है, मेरी उम्र 32 वर्ष और मैं उदयपुर राजस्थान से हूँ। कभी कभी आपके हमारे जीवन में ऐसी घटनाएं घट जाती हैं जिनको हम कभी भुला नहीं पाते। कुछ ऐसा ही एक वाकया मेरी जिंदगी के साथ भी जुड़ा हुआ है जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता.
अब मेरी बारी थी. मेरा लंड झड़ नहीं रहा था. मैंने उसे उठाया और उसको वासना से भरकर देखा. मुझे उस रात के बाद आज उसकी चूत चोदने को मिल रही थी. इसलिए मैंने देर न करते हुए लंड एकदम से उसकी चूत में डाल दिया.
Chut chudai ki khani married ladki ki. फेसबुक पर एक लड़की से दोस्ती हुई. जब मैं उससे मिला तो वो शादीशुदा थी. उस लड़की की चूत चुदाई की कहानी का मजा लें.
मेरा नाम नेहा है. मैं अपनी सहेली के पति से अपनी चुदाई की कहानी आपको बताने जा रही हूँ. मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी कहानी पसंद आएगी.
अब उसने मुझे खींच कर चित लिटाया और मेरी चूत को चाटने लगा. मैं चूत चटाई से मस्त हो गई और कामुक सिसकारियां लेने लगी. इस वक्त काफी रात हो गई थी, करीब बारह बज गए होंगे. होटल के इस सन्नाटे भरे माहौल में हमारी सिसकारियां शायद कुछ शोर मचा सकती थीं, इसलिए उसने मुझे संयम रखने को कहा.
मैंने नेहा की टांगें फैला दीं और उसकी चूत पर मुंह लगाकर उसकी खुशबू लेने लगा. उसकी चूत से मस्त खुशबू आ रही थी.
हैलो… मेरा नाम माधवी है, मेरे घर के पास में एक फैमिली किराए से आकर रहने लगी. उनकी अभी अभी शादी हो कर आई थी, उनके पति ट्रक चलाते थे. वो हफ्ते पन्द्रह दिन में एक बार ही आ पाते थे. उनकी नई नई शादी हुई थी. भैया जी ने नए घर में शिफ्ट होते समय पूरा एक माह घर में बिताया था और आज काम पर निकल पड़े.
अन्तर्वासना के सभी दोस्तो को मोहित का प्यार भरा नमस्कार, मैं नैनीताल का हूँ और दिल्ली यूनिवर्सिटी से से पढ़ाई कर रहा हूँ. मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ तो सोचा आज मैं भी अपनी एक रियल चुदाई की कहानी आपके सामने पेश कर दूँ.
Desi sex kahani मैं इस बात से बहुत खुश थी कि हमारे गांव में इस वर्ष भी मेला लगने वाला है। मैं एक छोटे से गांव की रहने वाली हूं और हमारा गांव बिहार में है हमारा गांव पटना से 5 घंटे के रास्ते पर है। मैं इस बात से खुश थी कि इस वर्ष भी हम लोग मेले में खूब धूम धड़ाका करेंगे हर साल की तरह हमारे गांव में मेला लगता है इस बार भी मेला लगने वाला था। मेले की पूरी तैयारियां हो चुकी थी मैं अपनी मां के साथ बैठी हुई थी तो मेरी मां मुझे कहने लगी मोनिका तुम इस बार के मेले में जाओगी। मैंने अपनी मां से कहा मां मैं बचपन से आज तक हर बार मेले में गई हूँ तो इस बार मैं कैसे मेला छोड़ सकती हूं। मेरी मां कहने लगी मोनिका कई बार तुम्हें देख कर लगता है कि जब तुम्हारी शादी हो जाएगी तो तब मैं तुम्हारे बिना कैसे रहूंगी।
अब मैं मधु से मिलना चाहता था मैंने उससे कहा मैं तुमसे मिलने के लिए चंडीगढ़ आ रहा हूं, वह मुझे कहने लगी कि लगता है आप मजाक कर रहे हैं। उसे मेरी बात मजाक ही लग रही थी परंतु मैं उससे मिलने के लिए बहुत सीरियस था और मैं उससे मिलने के लिए चंडीगढ़ चला गया, जब मैंने चंडीगढ़ पहुंच कर उसे फोन किया तो उसे तब भी यह बात मजाक ही लग रही थी उसे मुझ पर भरोसा नहीं हो रहा था, मैं जब मधु से मिला तो वह मुझसे मिलकर बहुत खुश हो गई, वह कहने लगी मुझे तो लगा ही नहीं था कि आप मुझसे मिलने आ जाएंगे, मेरे लिए तो यह एक सपने जैसा है। मैंने मिलते ही मधु को गले लगा लिया वह भी मुझसे गले लग गई हम दोनों कुछ देर तक साथ में बैठे रहे लेकिन मुझे मधु के साथ कहीं अकेले जाना था। मैने जिस होटल में रूम लिया था उसी होटल में मैं मधु को अपने साथ ले आया उसे मेरे साथ आने में कोई तकलीफ नहीं हुई वह मेरे साथ आई तो बहुत खुश नजर आ रही थी। मैंने मधु को बंद कमरे में किस किया तो उसकी नजरें झुक गई उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और वह भी मुझे किस करने लगी हम दोनों ने एक दूसरे को काफी देर तक किस किया।
चयन बोला- ऐसा नहीं है … शायद तुम्हें पता नहीं है, लेकिन लड़के की गांड ज्यादा मज़ा देती है. चलो मैं तुम्हें बताता हूं.
अपना अण्डरवियर उतारकर मैंने अपने लण्ड पर हाथ फेरा और ढेर सी क्रीम लण्ड पर चुपड़ कर मैं रेखा की टांगों के बीच आ गया. रेखा की मांसल जांघें और ताजा ताजा शेव की गई डबलरोटी जैसी चूत मुझे आमंत्रित कर रहे थे. चूदाई का भरपूर मजा लेने के लिए मैंने रेखा के चूतड़ों के नीचे एक तकिया रखा. रेखा की चूत के होंठ फैला कर मैंने अपने लण्ड का सुपारा रखा और पूरा लण्ड एक ही बार में पेल दिया.
ससुराल में सास और बीवी की चुदाई के बाद भी मेरी चालू बीवी की चूत की प्यास शांत होने का नाम ही नहीं ले रही थी. मुझे उसके लिये एक नये लंड की तलाश करनी थी तो .
जैसा कि मैंने मेरी कहानी में बताया था कि अंशिका स्वाति की सबसे अच्छी दोस्त थी और हम पहली बार स्वाति के बर्थडे वाले दिन मिले थे। और उसके बाद मैं जब भी स्वाति से मिलने जाता तो ज्यादातर अंशिका उसके साथ ही होती थी। क्योंकि स्वाति की वजह से मैं अंशिका से कई बार मिल चुका था तो हम दोनों भी अच्छे दोस्त बन गए थे और हमने भी एक दूसरे के साथ नम्बर एक्सचेंज कर लिए थे और कभी कभी हमारी बातें भी हो जाया करती थी। कभी कभी जब मेरी और स्वाति की थोड़ी बहुत कहा सुनी हो जाती तो अंशिका ही हम दोनों की सुलह करवाती। स्वाति अंशिका को अपनी सगी बहन से भी ज्यादा मानती थी और अपनी सारी बातें उससे शेयर करती थी।
hindi sex story गरिमा की शादी की पूरी तैयारियां हो चुकी थी उसके घर में रंग बिरंगी लड़ियाँ लगी हुई थी और घर पूरी तरीके से चमक रहा था हमारे घर से गरिमा का घर साफ दिखाई दे रहा था इसलिए मैं गरिमा के घर को देख पा रही थी। मुझे बहुत खुशी थी कि गरिमा की शादी होने जा रही है और उसके चेहरे पर भी कहीं ना कहीं इस बात की खुशी थी कि उसके मनपसंद का लड़का उसे मिलने जा रहा है। मैं जब गरिमा से मिलने के लिए गई तो गरिमा के घर में पकवानों की खुशबू और मसालेदार खाने से घर पूरी तरीके से महक चुका था और घर में खुशनुमा माहौल बना हुआ था। मैं जब गरिमा से मिली तो गरिमा कहने लगी काजल आखिरकार तुम्हे समय मिल गया मैं तुम्हारा इंतजार कब से कर रही थी और तुम अब जाकर आ रही हो। मैंने गरिमा से कहा यार सॉरी आने का समय नहीं मिल पाया, मैं भी उस वक्त क्या कहती मेरे पास कोई जवाब नहीं था।
मैंने उसकी पैंटी को उसकी चूत से अलग कर दिया. भाभी की चूत एकदम चिकनी और बला की खूबसूरत थी. चूत पर एक भी बाल नहीं था. भाभी की गोरी-गोरी जाँघों में उसकी चूत फड़क रही थी.
जब शादी में पहुँचा तो माँ अभी तक मार्किट से नहीं आई थी। मैंने मम्मी को फ़ोन किया तो उन्होंने बताया कि मेरी किसी दूर की बुआ के साथ अभी भी मार्किट में है, आधा घंटा लगेगा अभी।
मैं एक दिन विजय को फोन करता हूं विजय मेरे साथ पुणे में पढ़ाई करता था लेकिन अब हम दोनों की पढ़ाई पूरी हो चुकी है। मैंने तो पुणे में ही अपनी नौकरी ज्वाइन कर ली है लेकिन विजय अब चंडीगढ़ चला गया है जब मैंने विजय को फोन किया तो पहले किसी ने फोन नहीं उठाया लेकिन जब मैंने दूसरी बार कॉल किया तो सामने से किसी लड़की की आवाज आई मैंने उसे कहां आप कौन बोल रहे हैं। वह कहने लगी मैं विजय की बहन पायल बोल रही हूं मैंने पायल से कहा मुझे विजय से बात करनी थी तो पायल कहने लगी यह नंबर तो भैया ने मुझे दे दिया है और अब यह नंबर मेरे पास है। मैं आपको भैया का दूसरा नंबर दे देती हूं लेकिन अभी वह शायद आपसे बात नहीं कर पाएंगे क्योंकि आज उनके ऑफिस में कुछ जरूरी मीटिंग थी इसलिए उन्होंने आज मुझे भी फोन करने से मना किया था।