फैमिली सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा कि ताई ने मुझसे अपनी वासना पूरी कर ली थी. लेकिन मुझे दोबारा ताई ने अपने करीब नहीं आने दिया. तो मैंने उन्हें कैसे मनाया सेक्स के लिए?
हाय फ्रेंड्स, अपनी फैमिली सेक्स स्टोरी के पिछले भाग
विधवा ताई ने मेरी वासना जगायी-1
में मैंने आपको बताया था कि एक दिन मैं मेरी ताई के साथ घर पर अकेला था. उस दिन ताई को पैर में चोट लग गयी और वो चल नहीं पा रही थी.
फिर वो मुझसे मालिश के लिए कहने लगी. मालिश करते हुए मेरा लंड खड़ा हो गया. मैं ताई की गांड में उंगली करने लगा और उनको भी मजा आने लगा. उनकी चूत गर्म हो गयी.
मैंने ताई की गर्म चूत में उंगली की और फिर ताई चुदने के लिए कहने लगी. मैं भी इसी इंतजार में था. मैंने उस दिन पहली बार चूत में लंड डाला और 10 मिनट की चुदाई के बाद मैं ताई की चूत में ही झड़ गया.
अब आगे:
शाम को जब मेरी आंख खुली तो मैं ताई के बूब्स पर पड़ा हुआ था. वो भी उठ गयी. हम दोनों के बदन पसीना पसीना हो रहे थे. तेल लगने की वजह से दोनों का बदन चिकना और चिपचिपा हो गया था.
मैंने कहा- चलो, मैं आपको नहला देता हूं.
ताई कुछ मायूस सी लग रही थी. मैंने इस बात पर ज्यादा ध्यान भी नहीं दिया. मैं उनको बाथरूम में ले गया.
अंदर जाने के बाद मैं फिर से उनकी चूत को सहलाने लगा और उंगली करने लगा.
मगर ताई ने मुझे पीछे हटा दिया.
वो बोली- नहीं रहने दो.
मैंने कहा- क्या हुआ? अभी कुछ देर पहले तो हमने सेक्स का मजा लिया था. तब तो आपको बहुत मजा आ रहा था, अब क्या हो गया?
ताई बोली- वो सब गलत हुआ है. मुझे उसके लिए अब बहुत बुरा लग रहा है. मैं अपने आप पर काबू नहीं कर पाई. अब मैं दोबारा से ये सब नहीं होने दूंगी. तुम भी आज की ये घटना भूल जाना.
उनकी बात सुन कर मैं मायूस हो गया. फिर रात को हम लोग खाना खाकर सोने के लिए चले गये. मुझे तो अब नींद ही नहीं आ रही थी. ताई की चूत की चुदाई की यादें मेरे दिमाग में घूम रही थीं.
फिर मैंने एक आइडिया सोचा. मैं मोबाइल में ब्लू फिल्म देखने लगा. मैंने फुल वॉल्यूम खोली हुई थी. मैं चाहता था कि चुदाई की आवाजें ताई के रूम के अंदर तक जायें.
फिल्म देखते हुए मैं जोर जोर से कमला-कमला कहते हुए उनका नाम लेकर मुठ मारने लगा. मेरे लंड से वीर्य निकला और फिर मुझे थकान के कारण नींद आ गयी.
अगली सुबह मैं उठा और फिर फ्रेश हुआ. उसके बाद मैं ताई को भी नहलाने के लिए बाथरूम में ले गया. मैंने ताई को नहला दिया और फिर उनको बिना कपड़े पहनाए ही बाहर ले आया और बेड पर बिठा दिया.
मैं बोला- मैं अभी वापस आकर आपको कपड़े पहना दूंगा.
उसके बाद मैं खुद भी बाथरूम में गया और दरवाजा खोल कर नंगा ही नहाने लगा. फिर मैं ताई की पैंटी को मुंह पर लगा कर मुठ मारने लगा और जोर जोर से आवाजें करने लगा. ताई भी मेरी हरकतों को देख रही थी मगर कुछ बोल नहीं रही थी. मुठ मार कर मैंने ताई की पैंटी पर ही वीर्य निकाल दिया. उसके बाद मैं बाहर आया.
फिर मैंने उनको कपड़े दिये और फिर डॉक्टर को बुला कर ले आया. डॉक्टर ने ताई के पैर पर बंधी हुई पट्टी को उतार दिया और कहा कि अब इनका पैर बिल्कुल ठीक है और ये चल फिर सकती हैं. उसके बाद डॉक्टर चला गया.
अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था. मैं ताई को चोदना चाह रहा था.
मैं ताई के पास गया और बोला- क्या बात है कमला ताई? आपने खुद पहल करके मेरे साथ चुदाई का मजा लिया. अब क्यों मना कर रही हो?
वो बोली- तू मेरे बेटे जैसा है, मुझसे गलती हुई है. मैं ये पाप नहीं कर सकती हूं. अब तू मेरे पास मत आना. मैं ये नहीं होने दूंगी.
मैंने कहा- कोई पाप नहीं है. सब जायज होता है.
वो बोली- नहीं, अब ये नहीं हो सकता.
फिर मैं बिना बोले घर से निकल गया. उसके बाद मैं शाम को ही वापस आया.
ताई ने पूछा- कहां गया था?
मैंने कहा- कहीं नहीं.
वो बोली- बता मुझे, कहां गया हुआ था दिन भर से तू?
मैंने कहा- कुछ नहीं, आपको पाप से बचाने के लिए गया हुआ था.
वो बोली- मैं कुछ समझी नहीं.
फिर मैं बिना कुछ कहे मां के रूम में गया और उनकी साड़ी और गहने लेकर आया और ताई को थमा दिया.
वो बोली- ये क्या कर रहा है तू?
मैंने कहा- आपको मेरी कसम है. आप कुछ नहीं कहोगी. आप चुपचाप ये साड़ी और गहने पहन कर आ जाओ.
ताई मेरी ओर हैरानी से देख रही थी. मगर फिर वो अंदर चली गयी.
उसके बाद मैं भी पापा की शादी की शेरवानी पहन कर आ गया. इतने में ताई भी आ गयी. उसने मां की शादी वाली साड़ी और गहने पहन लिये थे.
मैं उनका हाथ पकड़ कर घर के मंदिर में ले गया. वहां मैंने बिना कुछ बोले उनकी मांग में सिंदूर भर दिया और मां का मंगलसूत्र उनको पहना दिया.
मैं बोला- अब आज से आप मेरी पत्नी हो.
ताई ने मुझे हैरानी से देखा और फिर गुस्से में आकर मुझे एक जोर का थप्पड़ मार दिया और वहां से गुस्सा होकर चली गयी. उन्होंने खुद को अपने रूम में जाकर लॉक कर लिया. मुझे अब बहुत डर लगने लगा कि ताई कहीं कुछ उल्टा सीधा न कर बैठे.
मैं रात भर इंतजार करता रहा मगर उनके रूम का दरवाजा नहीं खुला. फिर मैं भी सो गया. सुबह जब उठा तो उनके रूम का दरवाजा खुला हुआ था. वो किचन में काम कर रही थी मगर मुझसे कुछ बोली नहीं.
इतने में मैं उनके रूम में गया और मां की साड़ी और गहने वापस लाकर मां की अलमारी में रख दिये. तब तक ताई ने काम खत्म कर लिया था. वो फिर बिना कुछ बोले फिर से अपने रूम में चली गयी.
मैं भी उनके पीछे गया और उनको सॉरी बोला.
वो बोली- तूने ये सब क्यों किया?
मैंने कहा- मैं आपसे प्यार करता हूं. मैंने आपको खुश करने के लिए वह सब किया था. आपका दिल दुखाने का मेरा कोई इरादा नहीं था.
उसके बाद मैं अपने रूम में चला गया. उस दिन हमने दिन भर एक दूसरे से बात नहीं की.
रात का खाना खाकर मैं अपने रूम में सोने के लिए चला गया. कुछ देर के बाद ताई मेरे रूम में आई और बोली- शादी के बाद पति पत्नी एक ही रूम में और एक ही बिस्तर पर सोते हैं.
ऐसा बोल कर वो वापस चली गयी. मुझे कुछ समझ नहीं आया कि ताई ये क्या बोल कर चली गयी. फिर बाद में मुझे समझ आया कि वो अपने रूम में आने के लिए बोल कर गयी हैं.
मैं बिना देरी किये उनके रूम में चला गया. मेरे जाने पर वो बोली- हमने अपनी सुहागरात भी नहीं मनाई है.
मैंने कहा- मुझे नहीं पता कि सुहागरात में क्या क्या करते हैं.
वो बोली- वही करते हैं जो उस दिन किया था हमने.
ऐसा बोलते हुए वो अपने ब्लाउज को खोलने लगी. मेरा लंड भी हलचल में आ गया और मैं मुस्करा कर अपने कपड़े खोलने लगा. अगले दो मिनट में हम दोनों के दोनों पूरे नंगे हो गये थे. मैं ताई के ऊपर टूट पड़ा. उनके जिस्म को हर जगह से चूमने चाटने लगा.
ताई भी मेरे लंड को पकड़ कर मुठ मारने लगी. मैंने उसकी चूत को जैसे अपने दांतों से काटते हुए खाना शुरू कर दिया. कुछ ही देर में ताई अब चुदाई के लिए तड़पने लगी और मैं भी जोश में आ गया.
मैंने ताई की चूत में लंड देकर उनको चोदना शुरू कर दिया. दोनों ने 20 मिनट तक चुदाई के मजे लिये और फिर साथ में झड़ गये.
उस रात मैंने तीन बार ताई की चूत चोदी और फिर हम थक कर सो गये.