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बहन बनी सेक्स गुलाम
फ्रेंड्स, मेरा नाम विशाल है। मैं बी.टेक. फाइनल ईयर में हूँ। यह कहानी मेरी और मेरी बहन की है। मैं अपनी बहन को काफी दिनों से चोद रहा हूँ। इसके बारे में मैं आपको अगली कहानियों में बताऊंगा कि हम दोनों के बीच सेक्स और चुदाई की शुरूआत कैसे हुई। जब से बहन के साथ सेक्स करना शुरू किया था उसके बाद से ही बात अब काफी बढ़ चुकी थी. अब तो लगभग रोज ही चुदाई होती है। मेरी बहन भी मुझे काफी पसंद करती है. बिना चुदे उससे रहा नहीं जाता।
खूबसूरत भाभी की कुंवारी चूत मैंने चोद दी – Part 2
बहुत देर तक हम दोनों एक दूसरे को किस करते रहे. साना नंगी थी. उसके बदन को देख कर मैं पागल सा हो गया. उसके 36 के चूचे नंगे होने के बाद और भी ज्यादा मस्त लग रहे थे.
सिस्टर सेक्स: मेरी पहली चुदाई दीदी के साथ
यह सिस्टर सेक्स स्टोरी मेरी पहली और सच्ची कहानी है, अगर कोई गलती हो तो माफ़ करना।
ताऊ भतीजी की अनोखी चुदाई कहानी – Part 2
फिर उन्होंने अपने लंड को कोमल की गांड पर सटा कर एक जोर के झटका मारा और कोमल के मुख से एक जोर की आवाज निकली ‘आआह्हह … माँआआ …’
बड़े लड़के से मेरी गांड की चुदाई कहानी
मेरी मेरी गांड की चुदाई कहानी में पढ़ें कि कैसे नंगी फोटो वाली और सेक्स कहानी वाली किताबें देखने के लालच में मैंने अपने से बड़े एक लड़के से गांड मरवा ली.
सहेली के जीजू का लंड
मेरा नाम रिंकी हैं और मैं जयपुर की रहनेवाली हूँ और कॉल सेंटर में जॉब करती हूँ. आप सब पहले मेरे बारे में जान लीजिये. मैं बहुत ही चुदक्कड किस्म की हूँ और मुझे डेली सेक्स करना पसंद हैं. क्यूंकि अब मेरे बहुत सारे बॉयफ्रेंडस हैं. मैं अपने फिगर के बारे में बताऊ वो 36 30 38 का हैं. मैं बहुत ही हॉट लड़की हूँ. मेरे कोलोनी के सारे लड़के मुझसे दोस्ती करना चाहते हैं.
काफी लंबा इंतजार करना पडा
kamukta, antarvasna मेरा चक्कर मेरे पड़ोस में रहने वाले मुकेश के साथ चलता है मुकेश से मैं एक शादी के दौरान मिली थी। मैं जब उससे मिली तो उस वक्त मेरे पति भी मेरे साथ थे लेकिन उसके चेहरे की चमक एक अलग ही प्रकार की थी मै उसे अपना किसी भी हालत में बनाना चाहती थी। मैंने उससे फेसबुक के माध्यम से बात की, जब हम दोनों की दोस्ती हो गई तो मैं मुकेश से अपनी चूत मरवाना चाहती थी। मै उसके लिए इतनी ज्यादा बेताब थी मैंने उससे अपनी चूत मरवाने की ठान ली जब पहली बार उसने मुझे चोदा तो मुझे ऐसा लगा जैसे मैं जन्नत में चली गई हूं। उसके बाद मुझे बहुत अच्छा मौका मिल गया मेरे पति भी विदेश नौकरी के लिए चले गए मुझे जैसे खुलकर आजादी मिल गई मैं मुकेश से हमेशा चुदने के लिए तैयार रहती। जैसे उसके लंड ने मुझे अपना दीवाना बना दिया था क्योंकि उसका लंड 10 इंच मोटा और लंबा था लेकिन मुझे उस वक्त मुकेश के साथ सेक्स करने का मौका नहीं मिला जब मेरी ननंद घर से भाग गई।
मालिश वाले अंकल के लंड से चुदाई – Part 2
मेरी दर्द से आह निकल गई. फिर वो हल्के हल्के मेरी चूत में धक्के मारने लगा. उसका लंड मेरी चूत की दीवारों से रगड़ता हुआ जा रहा था. उसके हर एक धक्के में मेरी आह की आवाज निकल जाती थी. जब उसका लंड मेरी चूत में एडजस्ट हो गया, तब उसने धक्के तेज कर दिए. इस पोज़ में उसने मुझे 5 मिनट चोदा और मेरी चूचियों को चूस चूस कर लाल कर दिया.
दोस्त की जुगाड पत्नी का राज
antarvasna, kamukta मैं जब 5 वर्षों बाद अपने दोस्त संतोष से मिला तो उसकी स्थिति पूरी तरीके से बदल चुकी थी, अब वह पहले वाला संतोष नहीं था उसके पास एक बड़ी सी गाड़ी थी और उसका एक बड़ा सा बंगला था, मेरे तो समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर कार संतोष के हाथ इतने पैसे कहां से लग गए। उसने जब मुझे अपने घर पर इनवाइट किया तो मैं अपनी पत्नी के साथ उसके घर पर गया, मैं जब अपनी पत्नी के साथ उसके घर पर गया तो मेरी पत्नी मेरे कान में कहने लगी कि आपके दोस्तों बहुत ही रईस है, मैंने उससे उस वक्त कुछ भी नहीं कहा और उससे कहा कि हम लोग इस बारे में बाद में बात करेंगे। जब मैंने संतोष से इस बारे में पूछा तो संतोष कहने लगा बस यह सब मेरी पत्नी रोशनी की वजह से ही संभव हो पाया है उसने मेरा बहुत साथ दिया है इसीलिए तो आज मैं इस मुकाम पर खड़ा हूं लेकिन मुझे उसकी तरक्की से खुशी नहीं थी क्योंकि वह हमारे क्लास में सबसे नालायक किस्म का लड़का था परन्तु जब उसकी इस सफलता को मैंने देखा तो मैं सिर्फ उसे देख ही सकता था मेरे पास तो एक सरकारी नौकरी थी जिसमें कि मुझे हर महीने एक फिक्स तनख्वाह मिल जाया करती जिससे कि मैं अपना घर चलाता था लेकिन मुझे संतोष को देखकर बहुत अजीब सा लग रहा था।
मेरी चालू बीवी लंड की प्यासी-3
मेरे रहते पापा को मेरी चालू बीवी की चुदाई में दिक्कत हो रही थी तो उन्होंने मुझे ससुराल भेज दिया. वहां सास ने मेरी बीवी की शादी से पहले की जिन्दगी के बारे में बताया. जिसे सुन कर मैं हैरान रह गया.
कुंवारी लड़की की गुलाबी सील टूट गई – Part 2
मुझसे ये देख कर रह ही नहीं गया और मैंने अगले ही पल पूजा की चुत चाटना शुरू कर दिया. उसने मेरी जीभ का अहसास पाते ही एक मदभरी सीत्कार भरी और अपनी टांगें खोल दीं.
पड़ोस के लड़के ने मेरी चूत की प्यास बुझाई – Part 2
वो मेरे बेडरूम में आया, मैंने उसको खाना खिलाया और उसके बाद हम दोनों लोग एक दूसरे की बांहों में आकर एक दूसरे से बातें करने लगे. मैं उससे बात करने के बाद रसोई में थोड़ा काम करने चली गयी और बर्तन धोने लगी.
मुँहबोली बहन की दिलकश चुत चुदाई
मेरे दोस्त की गर्लफ्रेंड मुझे अपने भाई जैसा मानती थी. लेकिन उसे देख मेरा लंड खड़ा होने लगता था. मैं अपनी मुँहबोली बहन की चुत चुदाई करना चाहता था. मैंने कैसे की?
ममेरी बहन को दर्द देकर चोदा-1
मुझे तीन महीने के लिए अपनी ममेरी बहन के घर रहना था. वो तलाकशुदा थी और बहुत सेक्सी थी. बहन की चुत मिल जाती तो मजा आ जाता. उसके मोबाइल में मैंने देखा कि .
भाई बहन ने देखी माँ की रासलीला – Part 2
अब मेरी मम्मी की सांसें अनियंत्रित होने लगी और टांगें कांपने लगी जिसके कारण खड़ा होना भी मुश्किल हो गया। मम्मी की कामवासना अपने चरम पर दिख रही थी.
कैब से बेडरूम तक – Part 2
फिर उसने मुझे अपने ऊपर ले लिया और मैं ऊपर नीचे होकर अपनी गांड चुदवाती रही.
चेन्नई एक्सप्रेस में चूत से मुलाकात – Part 2
मेरी तो जैसे लॉटरी निकल आई, मैं उसको कंनवेंस करने लगा कि मेरे पास कोई जगह नहीं है. काफी समझाने के बाद वो मान गई और उसने मुझे अपने घर पर बुला लिया.
मेरी बीवी की खुल्लम खुल्ला चुदाई
एक पार्टी में नशे के कारण मुझे घर छोड़ने कंपनी का एक अफ्रीकी क्लाइंट आया. मेरी सेक्सी बीवी देख उसने सेक्स की खुली ऑफर कर दी. मेरी बीवी की खुल्लम खुल्ला चुदाई का मजा लें.
पुलिस वाली रंडी बन कर चुदी – Part 2
अलीज़ा फिर से रोशन लाल का लंड हिलाने लगी. कोई 5 मिनट में फिर से रोशन लाल का लौड़ा खड़ा हो चुका.
चाची की कामवासना और सेक्स
चूत की देवियों और लण्डधारी दोस्तों को मेरा सादर प्रणाम. मैं टोनी … मेरी पहली कहानी चाची संग सेक्स की आप लोगों के सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ, अगर लिखने में कोई गलती हो तो क्षमा चाहूंगा।
रसीली चूत मुझे मिली
Antarvasna मैं हरियाणा के छोटे से गांव का रहने वाला हूं वहीं पर मेरी पैदाइश हुई और मेरे स्कूल की पढ़ाई भी वहीं हुई उसके बाद मेरे पिताजी रोहतक आ गए थे मैंने अपने कॉलेज की पढ़ाई रोहतक से ही की। कुछ समय तो हम लोग रोहतक रहे उसके बाद दोबारा मेरे पिताजी गांव चले गए और वह गांव में रहकर खेती का काम करते हैं मैंने भी सोचा कुछ समय तक मैं रोहतक में जॉब कर लेता हूं। करीब एक साल तक मैंने रोहतक में नौकरी की मैं एक छोटी सी कंपनी में काम करता था हमारा छोटा सा ऑफिस था और मुझे पता ही नहीं चला कि कब एक साल हो गया। फिर मुझे लगा कि मुझे कहीं बड़े शहर जाना चाहिए रोहतक में रहकर ना तो मेरी तनख्वाह बढ़ने वाली थी और ना ही मैं आगे कुछ काम सीखने वाला था इसलिए मैंने दिल्ली जाने की सोची।