फिर उन्होंने अपने लंड को कोमल की गांड पर सटा कर एक जोर के झटका मारा और कोमल के मुख से एक जोर की आवाज निकली ‘आआह्हह … माँआआ …’
अब ताऊ जी अपनी कमर को धीरे धीरे हिलाने लगे.
कोमल ‘आआह … आआह्ह्ह … मर गई … ऊओआह … ऊऊह्ह ईईस्स्स ईईसस्स …’ की आवाज के साथ सिसकी लेने लगी.
इस तरह के आवाज से ताऊ जी की उमंग तो जैसे और भी बढ़ रही थी.
ताऊ जी ने कुछ देर के बाद अपनी कमर की स्पीड को बढ़ा दिया. इससे कोमल और जोर के साथ ‘आआह्हह्ह आऔऊऊ आआऊऊ नाआअ औऊऊ ऊओहहह आआह्हह …’ की आवाज के साथ चिल्लाने लगी.
कुछ देर के बाद मैंने देखा कि ताऊ जी का पूरा लंड कोमल के गांड में चला गया था. अब ताऊ जी जोर जोर से झटके मार रहे थे और कुछ देर के बाद वो कोमल के ऊपर ही ढेर हो गए.
कोमल भी शान्त पड़ गई, तो मैं समझ गया कि ताऊ जी ने अपने रस को कोमल की गांड में गिरा दिया है. उनका लंड अब भी कोमल की गांड में ही घुसा था.
ताऊ जी ने अपने लंड को कोमल की गांड से निकाल लिया और उसके ऊपर से हट गए. इसके कुछ पल बाद ताऊ जी ने कोमल के टॉप को खोल दिया और तुरंत ही उसकी ब्रा को भी खोल दिया.
अपनी जवान कमसिन भतीजी के सारे कपड़े उतार कर नंगी करने के बाद अब ताऊ जी बेड से उतर कर खड़े हो गए और कोमल को पेशाब करने जाने के लिए उठने के लिए बोला.
कोमल ताऊ जी के साथ पेशाब करने के लिए गई. वहां ताऊ जी ने कोमल की चूत को अपनी पेशाब से धोया. फिर कोमल ने बैठ कर पेशाब की. पेशाब करने के बाद दोनों कमरे में वापस आ गए.
कमरे में आकर ताऊ जी बेड पर बैठ गए. ताऊ जी ने कोमल के हाथ को पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और अपने लंड को पकड़ा दिया.
उससे ताऊ जी बोले- अभी तुम मेरी आधी औरत बनी हो, अब तुमको मैं पूरी औरत बनाऊंगा. लो ये लंड ठण्डा पड़ गया है, इसे चूस कर गर्म करो … इसे अपने मुँह में ले के चूसो.
कोमल ताऊ जी के लंड को अपने हाथ में लेकर कुछ देर तक देखती रही. फिर वो ताऊ जी के लंड को अपने मुँह में लेकर चाटने लगी.
कुछ देर के बाद अब वो लंड को अपने मुँह के अन्दर बाहर करने लगी. इधर ताऊ जी अब गर्म हो रहे थे. कुछ देर के बाद ताऊ जी ने कोमल के मुँह से लंड को निकाल दिया और उसे लेटने के लिए बोला.
वो बेड पर लेट गई.
ताऊ जी उसकी चूत को कुछ देर तक देखते रहे. फिर ताऊ जी ने तेल के डिब्बे से तेल निकाल कर पहले कोमल की चूत को तेल से पूरी तरह से भिगो दिया. इसके बाद उन्होंने अपने लंड को, जो कि लगभग सात से आठ इन्च लम्बा था … उसको भी डिब्बे में डुबो दिया. डिब्बे से लंड निकालने के बाद ताऊ जी ने अपने लंड को कोमल की चूत पर घिसा और उससे पैर फ़ैलाने के लिए बोला.
कोमल ने अपनी चूत को फ़ैला दिया. ताऊ जी ने एक हल्के से झटके के साथ लंड के अगले सिरे को पेल दिया. ताऊ जी इस झटके से अपने लंड को कोमल की चूत में अन्दर ले जाने में सफ़ल हो गए.
लेकिन जैसे ही ताऊ जी अपने लंड को थोड़ा और अन्दर करने के लिए एक जोर का झटका मारा, तो कोमल पूरी तरह से सिहर उठी.
ताऊ जी ने बताया- पहले थोड़ा दर्द होगा, बाद में बहुत मजा आएगा.
परन्तु इतने से ही लंड से कोमल की हालत खराब हो रही थी.
फिर ताऊ जी ने अपने दोनों हाथों में तेल लगाया और कोमल के दोनों चुचियों पर तेल लगाकर दोनों को बारी बारी से अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.
कुछ देर तक ऐसा करने के बाद मैंने देखा कि कोमल ने अपने पैरों को ढीला कर दिया और अपनी जांघों को फ़ैला दिया.
फिर ताऊ जी ने अपनी कमर को धीरे धीरे हिलाना शुरू किया. कोमल के मुँह से ‘आआहह्ह आआआ आहह्हह अहीई इस्सस..’ की आवाज निकलने लगी. इसी के साथ ताऊ जी ने अपने दोनों हाथों में कोमल की चूचियों को मसलना शुरू कर दिया.
कुछ देर के बाद जब उनका लंड कोमल की चूत में कुछ अन्दर चला गया, तो ताऊ जी ने बोला कि अब मैं तुम्हें अपनी सच्ची औरत बनाने जा रहा हूं. झेल लेना.
यह कह कर ताऊ जी जोर से एक झटका दे मारा.
कोमल की तो जैसे जान ही निकल गई, वो ‘आआह्ह आअहह अहीईई ईस्सस … बाआअप रे … ईईई … आआऊऊ मर गई उई मम्मी रे … नआआहींईई … आआऔऊउ … की आवाज के साथ चिल्ला उठी.
ताऊ जी ने अपने होठों से उसके होठों को दबा दिया और चूसने लगे.
कुछ देर के बाद कोमल शान्त होने लगी तो ताऊ जी ने उनके होठों को आजाद करते हुए कहा- अब तुम मेरी पूरी तरह से औरत बन गई हो. आज बहुत दिन के बाद कोई जवान और कुंवारी लड़की की चूत मिली है.
अब वो जोर जोर के झटके मार रहे थे. कभी कभी तो कोमल अपने हाथ को अपनी चूत के पास ले जाने की कोशिश करती थी, लेकिन ताऊ जी उसके हाथ को वहां से खींच लेते थे.
कुछ देर के बाद ताऊ जी का पूरा लंड कोमल की चूत के अन्दर चला गया था. कुछ देर बाद कोमल हल्की सिसकारी के साथ अपनी चुदाई की मज़ा लेने लगी थी. इसके बाद ताऊ जी ने कोमल के होठों को चूसना शुरू किया, तो मैं समझ गया कि इस बार उनका रस मेरी बहन की चूत में गिरने को हो रहा है.
तभी कोमल भी ताऊ जी का साथ देने लगी थी. वो भी अपनी गांड उठा रही थी.
कुछ देर तक दोनों ही दोनों एक दूसरे के होठों को चूसते रहे. फिर ताऊ जी शान्त पड़ गए और कोमल के ऊपर ढेर हो गए.
चुदाई के कुछ देर के बाद जब ताऊ जी ने अपने लंड को निकाला, तो मैंने देखा कि कोमल की कोमल चूत बुरी तरह से फ़ूल गई थी. उस पर वीर्य के कुछ अंश दिखाई दे रहे थे.
चुदाई के बाद कोमल उठ कर ताऊ जी के साथ बाहर नाली के पास गई और ताऊ जी ने उसकी चूत पर पानी गिरा कर उसे साफ़ करने का बोला. कोमल ने अपनी चूत को धोकर साफ़ किया.
इसके बाद वो अपने कपड़े पहन कर जब नीचे जाने लगी, तो ताऊ जी ने बोला- यह बात किसी को बताना नहीं.
वो बोली- ठीक है.
वो नीचे चली गई. ताऊ जी अपने कमरे में जाकर सो गए.
मैं भी अपने कमरे में सो गया. सुबह मैं जब जगा, तो ताऊ जी को तैयार होते देखा. मैंने जब उनसे पूछा, तो वो बोले- आज मैं सामान खरीदने शहर जा रहा हूँ.
वो शहर के लिए निकल गए.
अब मैं चाची और अपनी बहन कोमल की चुदाई की कहानी याद करता हुआ अपना लंड हिलाने लगा.
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