बड़े चूचों वाली स्टूडेंट की चुदाई – Part 2
उस दिन क्लास शुरू होते ही प्रिया मेरे पास आई और उसने अपनी नोटबुक में एक सवाल लिखा हुआ था. सवाल समझाते हुए मैंने देखा कि उसने किताब में एक पर्ची मेरे पास छोड़ दी थी.
उस दिन क्लास शुरू होते ही प्रिया मेरे पास आई और उसने अपनी नोटबुक में एक सवाल लिखा हुआ था. सवाल समझाते हुए मैंने देखा कि उसने किताब में एक पर्ची मेरे पास छोड़ दी थी.
सही मौका देख कर मैं भी निशा के पास पहुंच गया. शायद उसको भी पूरा यकीन था कि मैं जरूर आऊंगा. उसके करीब काफी जगह थी. मैं जाकर उसकी कमर के पास बैठ गया. मैंने देखा कि उसकी साड़ी घुटने तक ऊपर उठ गयी थी.
मैंने उससे कहा- सौम्या . ये तुम्हारे साथ अच्छा नहीं हुआ.
सबसे पहले आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार. मेरा नाम लकी है. मैं हरियाणा के सोनीपत जिला के एक गांव का रहने वाला हूँ. मैं एक मिडिल क्लास परिवार से हूँ. मेरी लम्बाई 5 फुट 10 इंच है. अच्छी सूरत और अच्छी कद काठी है. मेरे लंड की लम्बाई 6.2 इंच है. मैं हिंदी में सेक्स स्टोरी पहली बार लिख रहा हूँ. कोई गलती हो तो माफ़ कर देना.
मैंने भाभी से वैसे ही झूठ कह दिया जबकि मैं अपने ब्वॉय फ्रेंड से कई बार चुदवा चुकी थी.
दोस्तो, मैं एक कॉल बॉय हूँ, अपनी किसी दोस्त और अपनी किसी भी ग्राहक के संपर्क सूत्र बता नहीं सकता, यह मेरे उसूल के खिलाफ है।
सुहागरात को ही मुझे शक हो गया कि मेरी पत्नी शादी से पहले अपनी चूत में कई लंड ले चुकी है. मगर उसके बाद भी मैंने उससे प्यार किया. एक दिन मैं उसके मायके गया तो .
मैंने उसे कहा नींद तो आ रही है लेकिन जब राघव ने मुझसे यह बात कही तो उसके बाद जैसे मेरी आंखों से नींद गायब हो चुकी थी। रघाव अपने मोबाइल में गेम खेल रहा था मैं राघव की तरफ देखे जा रही थी परंतु मुझे नींद बिल्कुल भी नहीं आ रही थी। मैं सोचने लगी मै राघव से बात करूं मैंने आखिरकार राघव से बात की तो राघव कहने लगा तुम अभी तक सोई नहीं हो मुझे तो लगा था कि तुम सो चुकी होगी। मैने राघव से कहा मुझे नींद नहीं आ रही है। राघव मुझसे कहने लगा चलो कोई बात नहीं हम दोनों एक दूसरे से बात करते हैं हम दोनों एक दूसरे से धीरे-धीरे बात कर रहे थे तभी राघव ने मुझसे पूछा क्या तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है? मैंने उसे कहा नहीं मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है लेकिन हम दोनों तो जैसे एक दूसरे की बातों में इतना खो गए थे कि मेरा मन राघव के साथ सोने का होने लगा। मैंने अपने स्तनों को राघव को दिखाना शुरू किया जिससे कि वह भी अब उत्तेजित होने लगा था। राघव ने अपने लंड को बाहर निकाला और हिलाना शुरू किया। मै राघव की हिम्मत की दाद देती हूं कि वह कितनी हिम्मत से अपने लंड को हिला रहा था। मुझसे अब रहा नहीं गया और हम दोनों ही बाथरूम में चले गए बाथरूम में जाते ही मैंने राघव के मोटा लंड को अपने हाथ में लिया और उसे हिलाना शुरू किया। उसका लंड और भी ज्यादा कड़क होने लगा था मैंने जैसे ही उसके मोटे लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग करना शुरू किया तो उसे भी मजा आने लगा।
पढ़ाई करने के लिए मैं शहर गयी तो मौसी के घर रही. से हुई. मौसा के कम्प्यूटर से पता चला कि वो सेक्स के पारंगत विद्वान हैं. मेरी उफनती जवानी में परेशान कर रही चूत ने ठान लिया कि चूत का उद्घाटन होगा तो मौसा के लंड से ही. मौसा को मैंने कैसे अपने जाल में फांसा?
मेरी बीवी की सहेली सुंदर सेक्सी नहीं थी पर वो मुझ पर मरती थी. मैंने भी सोचा कि साली अगर चूत दे रही है तो मार लो. एक दिन मैं उसके घर चला गया. वहां पर क्या हुआ?
हाय आई एम सिद्धार्थ देल्ही का रहने वाला हूँ मैं 1स टाइम स्टोरी लिख रहा हूँ जो मैने अपनी सुशीला आंटी को चोदा. यह स्टोरी मेरी और मेरी आंटी की है, मेरी आंटी की उमर 35ईयर्स है और उनकी हाइट भी काफ़ी अछी है बड़े बड़े बूब्स और बड़ी बड़ी गॅंड के साथ वो एक कामदेवी से कम नही लगती है. मेरी उमर 23ईयर की है बॉडी अछी है बट कभी मैने अपने लंड का साइज़ मेजर नही किया और ज़रूरत भी नही पड़ी और इतना है जो किसी आंटी भाभी और किसी भी लड़की को सॅटिस्फाइ कर सकता है और कोई भी आंटी भाभी या गर्ल मुझसे सीक्रेट रीलेशन रखना चाहती हो तो मुझे मैल करे [email protected] पर. आपको और ना बोर करते हुए सीधे स्टोरी पर आता हूँ, मेरे घर मे मेरी मा पापा भाई और मेरे अंकल आंटी और उनके बच्चे रहते. मैं घर मे सबसे शर्मिला लड़का हूँ आंटी से बोहोत कम बात करता था मैने कभी आंटी के लिए कभी ग़लत नही सोचा था बट इस पर स्टोरी पढ़ने के बाद और उन्हे एक बार कपड़े चेंज करते हुए देखने के बाद आंटी को मैं ग़लत नज़रो से देखने लगा.
मैं उसके उपर था और वो मेरे नीचे. मैने उसकी चूत मे जीभ डालकर चोदने का प्रथम चरण आरंभ किया. तो उसने भी मेरे लंड को हाथ से हिलाते हुए. मेरी गॅंड के होल को चाटना शुरू किया… इस शॉक से मैं उभर पाता इससे पहले उसने लंड को मूह मे लेकर चूसना शुरू किया… “सिस्टर”
मैंने धीरे धीरे पूरा लंड डॉक्टर साहब की गांड में अन्दर कर दिया.
दोस्तो, मेरा नाम अगम है (बदला हुआ नाम). मैं 12 वीं क्लास में पढ़ता हूँ. मेरा एक दोस्त है, उसका नाम हर्ष है. उसकी एक बहन है, जो ग्रेजुयेशन कर रही है. उसका नाम विया है ये भी बदला हुआ नाम है.
“वैसे तो हमारे पास सेक्स टॉयज् हैं, फिर भी आपके ओरिजनल लंड की जरुरत पड़ी तो आपका लंड यूज करेंगे.” गीता ने मजाक में कहा।
Kamukta मुझे फ्लाइट से बेंगलुरु जाना था लेकिन किसी कारणवश मुझे ट्रेन से जाना पड़ा। मुझे ट्रेन के थर्ड एसी में सिटी मिल चुकी थी और थर्ड एसी के लिए भी बडी मेहनत करनी पड़ी लेकिन आखिरकार ट्रेन में टिकट मिली चुकी थी। मैं जब ट्रेन की सीट में बैठी तो कुछ देर मैंने एक लंबी गहरी सांस ली जिसके बाद मैं आराम से बैठी रही। मुझे काफी अच्छा लग रहा था क्योंकि मैं ही जानती हूं कि किस प्रकार से मुझे थर्ड एसी में टिकट मिल पाई थी। मेरे बगल की सीट में एक परिवार बैठा हुआ था वह लोग आपस में बात कर रहे थे लेकिन तभी एक नौजवान युवक आया।
दोपहर तीन बजे रितिका का कॉल आया, तो मैं उसको लेने उसके होटल पर चला गया. मुझे देखकर ही वो मुझसे चिपट गयी. उसके भरी चूचियां मेरी छाती के गड़कर दिल पर छुरी चला रही थीं. सवेरे सवेरे लंड ने उषा को ले लिया था, तो अभी उसे भी कोई जल्दी नहीं थी.
मैं अपने गांव में भाई के पास गया. वहां मेरा ध्यान मेरे भतीजे की जवान बीवी की ओर गया. उसकी नजर भी वासना से भरी लगती थी. ससुर बहू सेक्स की इस स्टोरी का मजा लें.
दोस्तो, सबसे पहले अन्तर्वासना का धन्यवाद जिसकी कृपा से सभी को लंड को खड़ा करने वाली और चूत में उंगली डालने को मजबूर करने वाली कामुक कहानियाँ पढ़ने और लिखने को मिल जाती हैं।
मेरे बेटे की शादी में पड़ोस के घर से चार लोग आये और 101 का शगुन दे गये. मेरी झांटें सुलग गईं. इसका बदला लेने का जो तरीका मैंने सोचा, वो था उसकी बीवी की चूत को चोदना.
अलीज़ा फिर से रोशन लाल का लंड हिलाने लगी. कोई 5 मिनट में फिर से रोशन लाल का लौड़ा खड़ा हो चुका.
इसके लिए मैंने मोहन से मिलने की बात कही तो रूपा तैयार हो गई और मैंने मोहन से कहा देखो मोहन मुझे तुमसे कोई भी परेशानी नहीं है लेकिन मैं चाहता हूं कि रूपा पहले अपनी जिंदगी में कुछ कर ले वह अपने पैरों पर खड़ी हो जाए उसके बाद तुम दोनों शादी कर लो मुझे तुम्हारे रिश्ते से कोई आपत्ति नहीं है। मोहन कहने लगा बाबूजी रूपा आपको बहुत ज्यादा मानती है और आपका बहुत सम्मान करती है इसलिए पहले वह कुछ कर ले उसके बाद हम लोग अपने रिश्ते के बारे में सोचेंगे। यह कहते हुए मोहन घर से चला गया जब मोहन चला गया तो उसके बाद रूपा मुझे कहने लगी बाबू जी आप मुझसे कितना प्यार करते हैं मैंने सब सुन लिया था। वह मेंरे गले लग कर के कहने लगी मैं आपको छोड़कर कभी नहीं जाऊंगी मेरी आंखों में आंसू आ चुके थे और मुझे इस बात का अंदाजा लग चुका था कि वह दोनों एक दूसरे से कितना प्यार करते हैं। मैं भी उन दोनों के रिश्ते के बीच में नहीं आना चाहता था रूपा भी पूरी मेहनत करने लगी और उसकी बीएड की पढ़ाई पूरी हो चुकी थी उसके बाद उसका सिलेक्शन एक अच्छे स्कूल में हो गया। रूपा इस बात से बहुत खुश थी और कुछ ही समय बाद मैंने मोहन के साथ रूपा की शादी कर दी मुझे कभी अकेलापन सा महसूस होता था लेकिन रूपा को तो जान ही था। मैं दिन रात सिर्फ इसी चिंता में लगा रहता की जब रूपा की शादी हो जाएगी तो उसके बाद मैं कैसे अपना जीवन अकेले व्यतीत करूगा शायद मेरी किस्मत में हमारे पड़ोस में रहने वाली कल्पना भाभी थी। वह मुझे तिरछी निगाहों से देखती रहती थी एक दिन मैंने उन्हें अपने पास बुलाया तो हम दोनो ने काफी देर तक बात की उनके पति का देहांत हो चुका था वह भी अकेलेपन से जूझ रही थी। मैं उनकी पीड़ा को समझ सकता था वह मेरी पीड़ा को समझ सकती थी हम दोनों एक दूसरे से जब भी बात करते तो बहुत अच्छा लगता।
कुछ देर बाद मैं भी झड़ने वाला था… तो उन्होंने मेरे लंड से हटते हुए मेरे लंड को मुँह में लिया और ज़ोर जोर से चूसने लगीं. मैं भाभी के मुँह में ही झड़ गया.
अब मेरी बारी थी. मेरा लंड झड़ नहीं रहा था. मैंने उसे उठाया और उसको वासना से भरकर देखा. मुझे उस रात के बाद आज उसकी चूत चोदने को मिल रही थी. इसलिए मैंने देर न करते हुए लंड एकदम से उसकी चूत में डाल दिया.