दोस्त की बहन की हवस पूरी की – Part 2
उसके बाद उसने खुद ही मेरा सिर पकड़ा और अपनी चूत पर रखवा दिया. मैं उसकी चूत को चाटने लगा. उसके मुंह से कामुक सिसकारियां निकलना शुरू हो गईं. वह आह्ह् … ओह्ह … ऊह्ह … करने लगी.
उसके बाद उसने खुद ही मेरा सिर पकड़ा और अपनी चूत पर रखवा दिया. मैं उसकी चूत को चाटने लगा. उसके मुंह से कामुक सिसकारियां निकलना शुरू हो गईं. वह आह्ह् … ओह्ह … ऊह्ह … करने लगी.
उस दिन क्लास शुरू होते ही प्रिया मेरे पास आई और उसने अपनी नोटबुक में एक सवाल लिखा हुआ था. सवाल समझाते हुए मैंने देखा कि उसने किताब में एक पर्ची मेरे पास छोड़ दी थी.
फिर उसने कराहते हुए बोला- देव आज मैं आपकी हो गई हूं … आज आप मुझे अपनी पत्नी बना कर प्यार करो.
मैं एक छोटे से फ्लैट में रहता था. एक दिन मैं बालकनी में सिर्फ चड्डी में खड़ा था कि बगल वाली छत पर एक भाभी मुझे देख रही थी. उसके बाद मैंने क्या किया?
दोस्तो, मैं जो कहानी आप लोगों को सुनाने जा रहा हूँ वह आपको जरूर पसंद आएगी. यह कहानी मेरी अपनी कहानी है.
राजेश कहने लगा भैया आपने मेरे लिए इतना कुछ किया है पिताजी के देहांत के बाद आपने ही तो मुझे संभाला है, कंचन का नेचर हालांकि पहले से ज्यादा बदल चुका है और ना जाने उसे भाभी से क्या आपत्ति है लेकिन फिर भी मैं उन बातों को गौर नहीं करता। मैं भी वहीं बैठी हुई थी मैंने राजेश से कहा देखो राजेश मैं तुम्हें काफी समय से जानती हूं मैंने कभी भी तुम्हारे बारे में गलत नहीं सोचा, राजेश कहने लगा भाभी मैं आपके नेचर को जानता हूं आप बहुत ही अच्छी हैं, राजेश कहने लगा मैं इस बारे में कंचन से बात करता हूं और वह यह कहते हुए वहां से चला गया। राजेश ने कंचन को बहुत समझाया लेकिन वह बिल्कुल भी ना समझी मैंने भी सोचा मुझे अपना रंग दिखाना पड़ेगा। मैं राजेश को अपने बस में करना चाहती थी उसके लिए सिर्फ मेरे पास एक ही रास्ता था मुझे उसके साथ सेक्स करना जरूरी था। एक दिन मैं अपने कमरे में बैठी हुई थी राजेश मेरे पास आया और कहने लगा भाभी आप क्या कर रही हो। मैंने उसे कहा बस राजेश ऐसे ही बैठी हूं मैंने उसे कहा आओ मेरे पास बैठो। वह मेरे पास आकर बैठ गया जब वह मेरे पास आकर बैठा तो मैंने उससे बात करना शुरू कर दिया वह मुझे कोई भी जवाब नहीं दे रहा था लेकिन मुझे तो पता था कि मुझे उसके साथ सेक्स करना ही है।
मैंने अपने गाँव की एक औरत की चुदाई की और अक्सर पैसे देकर उसे चोदने लगा. मेरी एक बहन भी है बहुत खूबसूरत. एक दिन उस औरत ने मुझे मेरी बहन के बारे में कुछ बताया. क्या था वो राज?
वह मुझसे जिद करने लगा और कहने लगा स्कूल में मेरे दोस्त भी डांस क्लास जाते हैं तो क्या आप मुझे नहीं भेज सकती। मैं अपने बेटे को मना ना कर सकी तभी मुझे उस वक्त सलूजा का ध्यान आया मैं अपने बेटे को लेकर सलूजा के पास गई मैंने सलूजा से इस बारे में पूछा क्या तुम मेरे बेटे को डांस सिखा सकती हो। वह कहने लगी दीदी क्यों नहीं आप इसे मेरे एकेडमी में भेज दिया कीजिए लेकिन मैंने सलूजा से कहा कि क्या तुम उसे घर पर डांस नहीं सिखा सकती हो। वह कहने लगी दीदी मैं देखती हूं मैं इस बारे में कुछ कह नहीं सकती लेकिन मैं कोशिश करूंगी। आखिरकार सलूजा मेरे बेटे को घर पर डांस सिखाने के लिए तैयार हो गई और वह घर पर ही उसे डांस सिखाया करती थी। मेरी सलूजा के साथ अब काफी अच्छी दोस्ती हो चुकी थी और उसका नेचर भी काफी अच्छा था। सलूजा और मेरी अच्छी दोस्ती हो चुकी थी लेकिन सलूजा के पति रजत की नियत मुझे कुछ ठीक नहीं लगती थी वह कई बार मुझ पर गंदी नजर मारता। मुझे बिल्कुल भी पता नहीं था कि सलूजा के पति के हमारे ही मोहल्ले में और भी महिलाओं से संबंध है। जब मुझे इस बारे में पता चला तो मैं पूरी तरीके से चौक गई लेकिन रजत के अंदर कोई तो बात थी जिसके लिए उसके और हमारे मोहल्ले की औरतें रजत के पीछे पागल थी। मैं चाहती थी राजत के साथ में एक रात बताऊ मैंने रजत पर डोरे डालने शुरू कर दिए। मैं जब भी सलूजा के पास जाती तो मेरी मुलाकात रजत से हो ही जाती थी और रजत भी मेरी तरफ ध्यान से देखा करते। मैंने रजत को अपना मोबाइल नंबर दे दिया एक दिन रजत और मेरी बात फोन पर हो रही थी उस वक्त सलूजा आ गई इसलिए हम दोनों ने मैसेज के माध्यम से बात की लेकिन अगले ही दिन मैंने रजत को अपने घर पर बुला लिया।
मामा रोज़ ऐसे ही मेरे बदन से खेलता और मैं भी खुश रहने लगी. मेरी चूची जल्दी ही गोल आकार लेने लगी और सारे बदन पर कुछ अजीब सा नशा रहने लगा. मामा धीरे धीरे मेरी चूत में अपनी उंगली से गहराई बढ़ाता गया. रात को वह मुझे पूरी नंगी कर देता. बल्कि अब तो वो सिर्फ ये कहता कि चल आ जा. अब सोना है. बस मैं खुद ही उसके साथ अपने शरीर को मजा दिलाने के लिए पूरी नंगी होकर उसके साथ बिस्तर में आ जाती. मामा खुद भी पूरा नंगा ही मेरे साथ आ जाता.
मेरी शादी की रात सारी रस्में खत्म होने के बाद मेरी ननद मुझे एक कमरे में ले कर गई.. जो पहले से फूलों और दूसरी सजावटी चीजों से सजा हुआ था, साथ ही उस कमरे में से एक अलग ही खुशबू आ रही थी।
मैं कॉलेज में था और मेरे पास कोई चूत नहीं थी चोदने को. तभी कॉलोनी की एक भाभी ने उनके बेटे बच्चे को ट्यूशन पढ़ाने को कहा. मैंने उस भाभी की चूत को पहली बार की चोदा?
दोस्तो, मेरा नाम अनन्या है, मैं शिमला की रहने वाली हूँ। मैं अभी 21 साल की हूँ, रंग गोरा, बदन कच्चा एवं गठीला तथा साईज 34-28-36 है। बात कुछ समय पहले की है जब मैं बी एस सी प्रथम वर्ष में थी। मैं इंटरनेट का बहुत प्रयोग करती थी, दिन भर व्हाटस एप और फेसबुक पर लगी रहती थी।
मैं किस करते करते ऊपर को गया और उसके होंठों को चूसने लगा. एक हाथ नीचे करके मैंने अपना लंड उसकी चुत पे सैट किया और एक ही झटके में पूरा लंड अन्दर चला गया. उसकी उम्म्ह… अहह… हय… याह… निकल गई. उसने मुझे धीरे धीरे चुदाई करने को कहा.
आंटी ने फ्रेश होने के बाद नाइटी डाल ली और मैं बॉक्सर मे था आंटी टाइट नाइटी मे बोहोत ही सेक्सी लग रही थी और मैं उन पर टूट पड़ा हमने 2मिनट तक स्मूच किया फिर मैं उन के नाइटी को उतार दिया और ब्रा और पैंटी को भी मेरे सामने आंटी पहली बार नंगी हुई थी और वो काफ़ी सेक्सी लग रही थी सो मैं उनका दूध पीने लगा एक बूब्स को दबा रहा था और दूसरे को चूसने लगा और साथ ही साथ उनकी चूत मे उंगली करने लगा जिससे वो और मदहोश हो गयी और मेरे बॉक्सर को उतारकर लंड को दबाने लगी और उन्होने मेरे लंड अपने मूह मे लेकर लोलीपोप की तरह चूसने लगी और मैं उनके मूह मे झड़ गया और मैं उनकी चुत को चाटने लगा वो आअहह अहह कम सिड कम घुस जा मेरी चुत मे यह सब सुनकर मैं और जोश मे आ गया और उनका पूरा पानी पी गया फिर उन्होने कहा सिड बेबी अब अपनी आंटी को मत तडपा और मैने अपना लॅंड उनकी चुत मे रगड़ा और फिर उसमे धक्का लगाया पर उनकी चुत टाइट थी तो एक बार मे नही गया
मेरे पति चूत चुदाई से ज्यादा मेरी गांड चुदाई करते हैं. मुझे पता लगा कि वो कई औरतों की गांड चोदते हैं. तो हमारा झगड़ा हो गया. फिर जब मेरी चूत में वासना की आग लगी तो .
हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम रेखा है. अन्तर्वासना पर मेरी कई कहानियाँ आ चुकी हैं.
नमस्कार दोस्तो, आप सभी का मेरी कहानी में हार्दिक स्वागत है. मेरी पिछली कहानियों को आपका इतना प्यार मिला, उसके लिए मैं आपका धन्यवाद करता हूँ और उम्मीद करता हूँ कि आगे भी मुझे ऐसे ही प्यार देते रहोगे और इमेल्स करते रहोगे. मेरी पिछली कहनियाँ को पढ़कर बहुत सी फीमेल ने अपनी चूतों का रस निकाला और बहुत से मर्दों और लड़कों ने अपने लंडों की प्यास शांत की।
मैंने तब तक सेक्स नहीं किया था. एक दिन घर में ऐसी घटना हुई कि मुझे चूत की मजेदार चुदाई का मौक़ा मिला. मगर ये चूत किसी और की नहीं बल्कि मेरी विधवा ताई की थी.
“वैसे तो हमारे पास सेक्स टॉयज् हैं, फिर भी आपके ओरिजनल लंड की जरुरत पड़ी तो आपका लंड यूज करेंगे.” गीता ने मजाक में कहा।
मेरी चालू बीवी हद से ज्यादा चुदक्कड़ है यह आपने मेरी पिछली पोर्न स्टोरीज में पढ़ा. इस बार पढ़ें कि कैसे मेरी बीवी ने किरायेदार से खुल कर दिन रात अपनी चूत का बाजा बजवाया.
हम दोनों ने एक दूसरे का साथ देने का फैसला कर लिया था और मैंने अपनी मां को जब अजय से मिलवाया तो मेरी मां को अजय बहुत पसंद आया। मेरी माँ अजय से कहने लगी बेटा देखो हम चाहते हैं कि तुम काजल को हमेशा खुश रखो और तुम काजल का ध्यान दो अजय ने कहा मैं काजल से प्यार करता हूं और उसका हमेशा ही ध्यान रखूंगा अब काजल की जिम्मेदारी मुझ पर ही है। कुछ ही समय बाद हम लोगों की सगाई भी हो गई मेरे पिताजी को तो जैसे हमसे कोई लेना देना ही नहीं था। मैं अपनी मां के लिए बहुत ज्यादा दुखी थी क्योंकि जब मेरी शादी हो जाएगी तो उसके बाद मेरी मां की देखभाल कौन करेगा क्योंकि मेरे पिता जी से तो मुझे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी। मुझे दिन-रात यही चिंता सताती रहती लेकिन जब भी मैं अजय से मिलती तो मुझे बहुत अच्छा लगता। जब भी मैं अजय से मिलती तो मेरे चेहरे पर मुस्कान आ जाती थी और अजय भी बहुत खुश होते थे। एक दिन अजय और मेरे बीच फोन पर काफी देर तक बात हुई उस दिन जब हम दोनों की बात हो रही थी तो हम दोनों की जवानी उछाल मारने लगी थी। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं अपने आपको नहीं रोक पाऊंगा उस रात मैंने अजय के साथ काफी ज्यादा अश्लील बातें की अजय भी खुश हो चुके थे। वह मुझे कहने लगे हम लोगों को मिलना चाहिए हम लोगों ने कुछ समय बाद मिलने का फैसला किया तो हम दोनों ही अपने आपको नहीं रोक पाए। अजय मुझे कहने लगे आज मैं तुम्हारे साथ शारीरिक संबंध बनाना चाहता हूं अजय को मैंने अपना दिल तो दे ही दिया था उसे अब मैं अपना तन भी देना चाहती थी। मैने अपना तन बदन सौंपने का पूरा फैसला कर लिया था मैं और अजय एक गेस्ट हाउस में चले गए।
मेरे काफी जिद करने पर भी रेखा होटल में पार्टी करने पर राजी नहीं हुई. मेरे बहुत बार कहने पर रेखा इस बात पर राजी हुई कि आप रिशा को घुमाने ले जाना.
अपनी सेक्सी चाची को बेड पर लिटाकर मैं टूट पड़ा उन पर … मेरून रंग की ब्रा और पेंटी मेरे बोलने पर ही उन्होंने उसी दिन खरीदकर पहनी थी।
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अंकित है। यह कहानी मेरी मामा की लड़की है, वो मेरी ममेरी दीदी है। उनकी चुदाई मैंने अपनी आँखों से देखी थी। उस वक़्त मेरी उम्र 20 साल थी और राशिका दीदी की उम्र 24 साल थी। उनकी लंबाई लगभग 5 फ़ीट 7 इंच के आस पास होगी। जिम जाने के कारण फिट थी। उनका बॉडी बहुत आकर्षित करने वाला है। रंग गोरा था। मोटे स्तन का उभार आसानी से दिख जाता था। गान्ड चौड़ी थी। जिम में लड़के राशिका दीदी को बहुत घूरते थे क्योंकि चलते वक़्त उनकी गान्ड थोड़ी हिलती थी। उनका बहुत साल पहले एक बॉयफ्रेंड था। जिससे उनका ब्रेकअप बहुत पहले हो चुका था।