मां के बाद बेटियों की चुदाई – Part 2

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मेरे काफी जिद करने पर भी रेखा होटल में पार्टी करने पर राजी नहीं हुई. मेरे बहुत बार कहने पर रेखा इस बात पर राजी हुई कि आप रिशा को घुमाने ले जाना.
रिशा के जन्मदिन पर मैं और रिशा मॉल गये, घूमे फिरे, खाया पिया. मैंने रिशा को एक प्यारी सी ड्रेस भी खरीद दी. मॉल से लौटते समय मैंने रिशा से पूछा- कल तो तुम्हारा कॉलेज होगा?
रिशा के हाँ कहने पर मैंने उससे कहा- तुम्हारी आज की पार्टी की जानकारी तुम्हारी मम्मी को है लेकिन डैडी को नहीं है. अब कल मेरी तरफ से फिर तुम्हारी पार्टी है और कल होने वाली पार्टी की जानकारी तुम्हारी मम्मी को भी नहीं होनी चाहिये. यह एकदम सीक्रेट पार्टी होगी, बस हमारी और तुम्हारी. कल जब तुम कॉलेज के लिए निकलोगी तो मैं तुम्हें पिक कर लूंगा.
अगले दिन सुबह 9 बजे रिशा का फोन आया कि मैं घर से निकल चुकी हूँ.
मैंने जवाब दिया कि मैं लिबर्टी शोरूम के पास तुम्हारा इन्तजार कर रहा हूँ.
कुछ ही देर में रिशा आई और मेरी कार में बैठ गई. मैंने कार ताज होटल की तरफ मोड़ दी जहां एक कमरा मैंने बुक करा रखा था.
होटल के कमरे में पहुंच कर मैंने केक ऑर्डर किया. करीब आधा घंटा तक इधर उधर की बातें करने में बीत गया, फिर केक आ गया.
रिशा का हाथ पकड़ कर मैंने केक कटवाया. मैंने रिशा को केक खिलाया और उसने मुझे. केक से क्रीम लेकर मैंने रिशा के गालों पर लगा दी. रिशा ने मिरर में खुद को देखा और हंस पड़ी. अपना मुंह साफ करने के लिए रिशा ने टॉवल उठाया तो मैंने उसे रोकते हुए कहा- बहुत महंगा केक है, इसे टॉवल से पोंछ कर बरबाद न करो, लाओ मैं चाट लेता हूँ.
रिशा को आगोश में लेकर मैं उसके गालों और गले पर लगा केक चाटने लगा. रिशा के गाल और गला साफ हो गये तो मैंने फिर से केक लगा दिया और चाटने लगा. जब रिशा के गले पर मैं अपनी जीभ फेरता तो वो गनगना जाती.
मैंने रिशा से कहा- मैंने तुम्हें कई बार गिफ्ट दिये हैं लेकिन तुमने कभी रिटर्न गिफ्ट नहीं दिया?
“मेरे पास ऐसा कुछ होता ही नहीं था कि मैं आपको दे सकूं!”
“अब तो है और तुम चाहो तो दे सकती हो.”
“मेरे पास ऐसा क्या है, जो मैं आपको गिफ्ट कर सकूं?”
तुम 19 साल की हो गई हो, बालिग हो. बालिग होने पर इस देश का कानून तुम्हें तमाम अधिकार देता है. एक अधिकार तुम्हारे पास है, अपना शरीर उस व्यक्ति को सौंपने का जिसे तुम प्यार करती हो. अगर तुम मुझे प्यार करती हो तो आज मुझे रोकना मत. मैं यह सारा केक तुम्हारे बदन पर मल कर चाटना चाहता हूँ, तुम अपना टॉप उतार दो तो मैं यह केक तुम्हारी चूचियों पर मल कर चाट लूँ.”
मेरी बात सुनकर रिशा ने कोई रिएक्शन नहीं दिया तो मैंने रिशा का टॉप और ब्रा उतार दी. 19 साल की दुबली पतली रिशा की चूचियां आलिया भट्ट की चूचियों जैसी थीं. छोटे छोटे संतरे जैसी चूचियों पर केक लगाकर मैंने चाटा तो रिशा के निप्पल टाइट हो गये.
दो तीन बार रिशा की चूचियों पर केक लगाकर चाटने के बाद मैंने रिशा की मिडी और पैन्टी उतारकर उसे नंगा कर दिया और उसकी नाभि से लेकर जांघों तक केक मल दिया. जांघों से चाटते चाटते मैं रिशा की चूत तक आ गया, फिर रिशा की नाभि से लेकर चूत तक आ गया. रिशा की चूत अब भी केक से ढकी हुई थी. रिशा की टांगें फैला कर मैं उसकी चूत चाटने लगा. चूत पर लगा केक जब साफ हो गया तो रिशा की चमकती चूत दिखने लगी.
अब मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिये. अपने लण्ड को सहला कर लण्ड की खाल को आगे पीछे किया और उस पर केक मल दिया.
पना लण्ड रिशा के चेहरे के करीब ले जाकर मैंने रिशा से कहा- अब केक खाने की तुम्हारी बारी है.
रिशा मेरे लण्ड पर लगा केक चाटने लगी तो मैंने रिशा की चूत पर हाथ फेरना शुरू कर दिया.
कच्ची कली को मसलने के लिए मैं पूरी तरह से तैयार हो चुका था. रिशा की चूत में ऊंगली चलाकर मैंने उसे भी चुदवाने के लिए तैयार कर दिया.
अपने बैग से कोल्ड क्रीम की शीशी और कॉण्डोम का पैकेट निकाल कर मैं बेड पर आ गया. अपना लण्ड रिशा के हाथ में देते हुए मैंने कहा- रिशा, ये तुम्हारा बर्थडे गिफ्ट है, इसे अपने जिस्म में जाने दो. जब पहली बार यह तुम्हारे जिस्म में जायेगा तो हल्का सा दर्द होगा लेकिन बाद में बहुत आनन्द देगा, तुम्हें जन्नत का मजा देगा.
इसके बाद मैंने अपने लण्ड पर क्रीम लगाकर रिशा से लण्ड की मसाज करने को कहा और मैं उसकी चूत की मसाज करने लगा. जब मुझे लगा कि रिशा की चूत लण्ड लेने के लिए तैयार हो गई है तो अपने लण्ड के सुपारे पर क्रीम लगाकर मैंने रिशा की चूत के लब खोले.
रिशा की छोटी सी गुलाबी रंग की चूत देख कर मेरा लण्ड सलामी देने लगा. अपने लण्ड का सुपारा रिशा की चूत पर रखकर मैंने रिशा की नाजुक कमर पकड़ी और लण्ड को अन्दर धकेला.
रिशा की चूत काफी गीली हो चुकी थी और लण्ड पर क्रीम लगी हुई थी इसलिये पहले झटके में सुपारा और दूसरे झटके में आधे से ज्यादा लण्ड रिशा की चूत में चला गया.
मैंने रिशा की जांघों और चूत के आसपास हाथ फेरते हुए धक्का मारा तो मेरा पूरा लण्ड रिशा की चूत में चला गया.
चूत की झिल्ली फटने से जो दर्द हुआ रिशा बर्दाश्त कर गई. रिशा में गजब की हिम्मत थी. 50 किलो वजन की दुबली पतली रिशा 120 किलो वजन वाले भारी भरकम अंकल का लण्ड झेल गई थी और अंकल को अपने ऊपर लिटा कर चूम रही थी.
रिशा के ऊपर लेट कर मैं उसकी चूचियां चूसने लगा. मेरा लण्ड रिशा की चूत में सेट हो चुका था और मैं चाहता था कि ताउम्र ऐसे ही पड़ा रहूँ. लेकिन ‘लण्ड है कि मानता नहीं’ कुछ ही देर में लण्ड ने अन्दर बाहर होना शुरू कर दिया.
पहली बार चूत में लण्ड जाने का दर्द अब रिशा के चेहरे से गायब हो चुका था.
रिशा के होंठों पर उंगली फेरते हुए मैंने पूछा- कैसा लग रहा है?
“जब से दीदी ने आपके और मम्मी के रिश्ते के बारे में बताया था, मैं यह नहीं समझ पा रही थी कि आपके सामने टांगें फैलाने में मम्मी को क्या मिलता है, मम्मी ऐसा क्यों करती है? आज मुझे मेरे सवाल का जवाब मिल गया है. प्रकृति ने आदमी और औरत का शरीर इस तरह से बनाया है कि दोनों एक दूसरे की जरूरत पूरी करते हैं. इसमें जाति, धर्म, उम्र, रिश्ते जैसा कोई बन्धन नहीं होता. एक औरत जब बेड पर होती है तो उसके सामने सिर्फ एक मर्द होता है.”
“तुम बातें बहुत अच्छी कर लेती हो.” इतना कहकर मैंने अपने लण्ड की रफ्तार बढा़ई.
जब मुझे लगा कि मेरे डिस्चार्ज का समय करीब है तो मैंने अपना लण्ड रिशा की चूत से निकाला, लण्ड को टॉवल से साफ किया और उस पर कॉण्डोम चढ़ा दिया. अपने लण्ड पर कॉण्डोम चढ़ा कर मैं फिर से रिशा की चूत में घुस गया.
डॉटेड कॉण्डोम की रगड़ से रिशा सिसकारी भरने लगी. रिशा की सिसकारियां मेरे लण्ड में जोश भर रही थीं. अपने लण्ड की रफ्तार पर नियंत्रण रखते हुए मैंने चुदाई जारी रखी. मेरा लण्ड अकड़कर मूसल जैसा होने लगा और बहुत फंस कर अन्दर बाहर हो रहा था.
तभी मेरे लण्ड से फव्वारा फूटा. मैं निढाल होकर रिशा पर लुढ़क गया.
कुछ देर बाद हम अलग हुए और रिशा बाथरूम चली गई. रिशा बाथरूम से लौटी तो टांगें फैला कर चल रही थी. मेरे पूछने पर उसने बताया कि हल्का सा दर्द है. मैंने रिशा को लिटा दिया और कोल्ड क्रीम से रिशा की जांघों और चूत की मसाज की. इसके बाद हमने कमरे में ही खाना मंगा लिया. कॉलेज से छुट्टी के समय तक रिशा घर पहुंच गई.
मैं और रिशा महीने में एक या दो बार इसी तरह होटल में मिलते हैं, मेरी बाकी जरूरतों के लिए रेखा तो उपलब्ध रहती ही है.
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