मेरी चालू बीवी लंड की प्यासी-4 – Part 2
फिर लवली ने अपने सारे कपड़े उतार दिये और पापा के लंड को मुंह में भर लिया. इतने में मैं भी पास में पहुंच गया. पापा ने अपने चेहरे को नीचे कर लिया.
फिर लवली ने अपने सारे कपड़े उतार दिये और पापा के लंड को मुंह में भर लिया. इतने में मैं भी पास में पहुंच गया. पापा ने अपने चेहरे को नीचे कर लिया.
अगली सुबह ताई मेरे साथ बिस्तर पर नंगी सो रही थी. मैंने उनकी चूचियों को छेड़ा तो वो जाग गयी. मेरा लंड टनटना रहा था.
मां ने ब्रा पैंटी पहन ली और हाइ हील पहन ली. मैंने मां को कह दिया कि सुबह के लिए पैकिंग भी अभी करनी होगी. सुबह हमें जल्दी निकलना है. 10 बजे सुबह की फ्लाइट है. पैकिंग करने में ही हम दोनों को दस बज गये.
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार. दोस्तो मैं 5 सालों से अन्तर्वासना का पाठक हूँ, इस वेबसाइट पर मैंने बहुत कहानियां पढ़ी।
मेरी गर्लफ्रैंड है पर हम चुम्मा चाटी के अलावा कुछ कर नहीं पाए। गाँव गया तो ताऊ की बहू यानि चचेरी भाभी से मेरी दोस्ती हो गयी. यह दोस्ती आगे भाभी की चूत चुदाई तक गयी.
पर इतने में मैंने अपने होंठ उसकी गुलाबी चूत की पंखुड़ियों पर रख दिए. मैं उसकी चूत के दाने को जोर जोर से चाटने लगा और बीच बीच में दांत से हल्के से काट भी लिया. जिससे उसकी आआहह निकल जाती.
हम दोनों शैंकी की गर्लफ्रेंड से मिलने के लिए चले गए, जब मैं शैंकी की गर्लफ्रेंड से मिला तो उसके साथ में उसकी एक सहेली भी आई हुई थी। शैंकी मेरे कान में कहने लगा क्या तुम इसे चोदोगे? मैंने उसे कहां ऐसी माल को कौन चोदना नहीं चाहता। उसने अपनी गर्लफ्रेंड से कह कर मेरी बात उसकी सहेली से करवा दी हम दोनों अलग टेबल में जाकर बैठ गए। जब हम दोनों की सेटिंग पूरी तरीके से हो गई मैंने शैंकी से कहा मुझे इसे चोदने के लिए लेकर जाना है। वह कहने लगा तुम चिंता मत करो मैं तुम्हारा पूरा बंदोबस्त करवा देता हूं हम चारों लोग शैंकी के दोस्त के फार्महाउस में चले गए। जब हम लोग वहां पर गए तो वह फार्महाउस बहुत ही बड़ा था मुझे उस फार्महाउस को देखकर बहुत अच्छा लग रहा था। जब हम लोग उस फार्म हाउस के कमरे में गए तो मैंने उस लड़की को कस कर पकड़ लिया उसका नाम रोशनी है। वह भी जैसे मेरे बाहों में आकर बहुत खुश थी। मैं उसके स्तनों को दबा रहा था मैंने जब उसकी चूत में उंगली डालनी शुरू की तो उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया। मैं बड़ी तेजी से उसके स्तनों को दबाता जाता मैंने काफी देर तक उसके स्तनों को अपने हाथों से दबाया। जब हम दोनों पूरी तरीके से उत्तेजित हो गए तो मैंने उसके पूरे कपड़े उतारते हुए उसके स्तनों को चूसना शुरू कर दिया।
हेलो ऑल रीडर्स.दिस ईज़ माय फर्स्ट स्टोरी सो अगर कोई ग़लती हो जाए तो मुझे माफ़ करना. मैं इस साइट का काफ़ी टाइम से रीडर हूँ, तो सोचा क्यू ना मैं एक इन्सिडेंट शेर करू. यह मेरी लाइफ का सच्चा इन्सिडेंट है. जो की मेरे और मेरी बेहन ज्योति के बीच हुआ.
गोपाल तेल गर्म कर लाया, वो पैर और जाँघों पर रगड़ने लगा। फिर राशिका दीदी अब पूरा उल्टा लेट गयी। उनकी गान्ड बहुत मस्त थी।
मैंने धीरे धीरे पूरा लंड डॉक्टर साहब की गांड में अन्दर कर दिया.
मैं अहमदाबाद का रहने वाला हूं और हम लोग जिस कॉलोनी में रहते हैं उसी कॉलोनी में हमारे पड़ोस में राकेश और उसका परिवार रहता हैं राकेश और मेरा परिवार कई वर्षों से एक दूसरे को जानता है। राकेश से मेरी बहुत अच्छी दोस्ती है एक दिन वह बहुत ज्यादा चिंतित नजर आ रहा था मैंने उसे कहा तुम इतना ज्यादा परेशान क्यों हो वह कहने लगा अमन मैं तुम्हें क्या बताऊं मीनाक्षी ने तो हमारे घर का माहौल ही पूरी तरीके से खराब कर दिया है। मैंने उसे कहा मीनाक्षी ने ऐसा क्या किया अमन मुझे कहने लगा यार मैं तुम्हें कैसे बताऊं मुझे तो बताने में भी अच्छा नहीं लग रहा है मैंने राकेश से कहा तुम बताओ तो सही आखिरकार हुआ क्या है। वह कहने लगा दरअसल मीनाक्षी एक लड़के से प्यार करती है और वह लड़का कुछ भी काम नहीं करता मीनाक्षी चाहती है कि हम लोग उसकी शादी उससे करवा दें।
Kamukta मुझे फ्लाइट से बेंगलुरु जाना था लेकिन किसी कारणवश मुझे ट्रेन से जाना पड़ा। मुझे ट्रेन के थर्ड एसी में सिटी मिल चुकी थी और थर्ड एसी के लिए भी बडी मेहनत करनी पड़ी लेकिन आखिरकार ट्रेन में टिकट मिली चुकी थी। मैं जब ट्रेन की सीट में बैठी तो कुछ देर मैंने एक लंबी गहरी सांस ली जिसके बाद मैं आराम से बैठी रही। मुझे काफी अच्छा लग रहा था क्योंकि मैं ही जानती हूं कि किस प्रकार से मुझे थर्ड एसी में टिकट मिल पाई थी। मेरे बगल की सीट में एक परिवार बैठा हुआ था वह लोग आपस में बात कर रहे थे लेकिन तभी एक नौजवान युवक आया।
आंटी ने फ्रेश होने के बाद नाइटी डाल ली और मैं बॉक्सर मे था आंटी टाइट नाइटी मे बोहोत ही सेक्सी लग रही थी और मैं उन पर टूट पड़ा हमने 2मिनट तक स्मूच किया फिर मैं उन के नाइटी को उतार दिया और ब्रा और पैंटी को भी मेरे सामने आंटी पहली बार नंगी हुई थी और वो काफ़ी सेक्सी लग रही थी सो मैं उनका दूध पीने लगा एक बूब्स को दबा रहा था और दूसरे को चूसने लगा और साथ ही साथ उनकी चूत मे उंगली करने लगा जिससे वो और मदहोश हो गयी और मेरे बॉक्सर को उतारकर लंड को दबाने लगी और उन्होने मेरे लंड अपने मूह मे लेकर लोलीपोप की तरह चूसने लगी और मैं उनके मूह मे झड़ गया और मैं उनकी चुत को चाटने लगा वो आअहह अहह कम सिड कम घुस जा मेरी चुत मे यह सब सुनकर मैं और जोश मे आ गया और उनका पूरा पानी पी गया फिर उन्होने कहा सिड बेबी अब अपनी आंटी को मत तडपा और मैने अपना लॅंड उनकी चुत मे रगड़ा और फिर उसमे धक्का लगाया पर उनकी चुत टाइट थी तो एक बार मे नही गया
kamukta, hindi sex stories मैं अपने मामा के घर चंडीगढ़ कुछ दिनों के लिए चला गया जब मैं चंडीगढ़ गया तो वहां पर मुझे बड़ा अजीब सा लग रहा था क्योंकि मेरे मामा का लड़का भी अब विदेश में नौकरी करने के लिए जा चुका था और मैं घर में अकेला ही था लेकिन मेरी मम्मी के कहने पर मुझे चंडीगढ़ मेरे मामा के पास जाना पड़ा, मेरे मामा घर में अकेले ही रहते हैं मेरी मामी का देहांत काफी समय पहले हो चुका है। मेरी मम्मी ने मुझे कहा रवीश तुम कुछ दिनों के लिए मामा के पास हो आओ वह घर में अकेले ही हैं उन्हें तुम मिल भी लेना इसलिए मैं चंडीगढ़ आ गया लेकिन चंडीगढ़ में मैं किसी को भी नहीं जानता था इस वजह से मैं अकेले बहुत बोर होने लगा। एक दिन मैं छत पर चला गया और वहीं टहलने लगा तभी सामने की छत पर एक बड़ा ही मॉडर्न सा लड़का आया उसकी उम्र भी मेरे जितने ही थी लेकिन उसने जिस प्रकार का फैशन किया था उससे वह बड़ा ही अलग किस्म का लग रहा था वह मुझे कहने लगा ड्यूट क्या तुम यहां नये आए हो? मैंने उसे कहा मैं अपने मामा के पास आया हूं। वह कहने लगा क्या यह तुम्हारे मामा है? मैंने उसे कहा हां यह मेरे मामा है। उसने मुझसे हाथ मिलाया, वह मुझसे पूछने लगा क्या तुम सिगरेट पीते हो? मैंने उसे कहा नहीं मैं सिगरेट नहीं पीता। उसने कहा लेकिन मैं तो सिगरेट पीता हूं उसने वही मेरे सामने सिगरेट पीनी शुरू कर दी,
अब मैं मधु से मिलना चाहता था मैंने उससे कहा मैं तुमसे मिलने के लिए चंडीगढ़ आ रहा हूं, वह मुझे कहने लगी कि लगता है आप मजाक कर रहे हैं। उसे मेरी बात मजाक ही लग रही थी परंतु मैं उससे मिलने के लिए बहुत सीरियस था और मैं उससे मिलने के लिए चंडीगढ़ चला गया, जब मैंने चंडीगढ़ पहुंच कर उसे फोन किया तो उसे तब भी यह बात मजाक ही लग रही थी उसे मुझ पर भरोसा नहीं हो रहा था, मैं जब मधु से मिला तो वह मुझसे मिलकर बहुत खुश हो गई, वह कहने लगी मुझे तो लगा ही नहीं था कि आप मुझसे मिलने आ जाएंगे, मेरे लिए तो यह एक सपने जैसा है। मैंने मिलते ही मधु को गले लगा लिया वह भी मुझसे गले लग गई हम दोनों कुछ देर तक साथ में बैठे रहे लेकिन मुझे मधु के साथ कहीं अकेले जाना था। मैने जिस होटल में रूम लिया था उसी होटल में मैं मधु को अपने साथ ले आया उसे मेरे साथ आने में कोई तकलीफ नहीं हुई वह मेरे साथ आई तो बहुत खुश नजर आ रही थी। मैंने मधु को बंद कमरे में किस किया तो उसकी नजरें झुक गई उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और वह भी मुझे किस करने लगी हम दोनों ने एक दूसरे को काफी देर तक किस किया।
पढ़ाई के लिए मैंने कमरा किराये पर लिया. मकान मालकिन भाभी मस्त माल थी. एक बार भैया कुछ दिनों के लिए बाहर गए तो मुझे ख्याल रखने को कह गए. भाभी ने मुझे कैसे पटाया?
दोपहर का एक बज चुका था, सौरभ ने मालिश कराने की इच्छा जताई, मालविका भी तैयार हो गयी। सोनाली उन लोगों से घुली मिली थी तो उसने सौरभ के कपड़े खुद उतार दिए। सौरभ सिर्फ चड्डी में लेटा हुआ था, बाकी हम तीनों ने अपने कपड़े खुद उतारे।
मैंने भाभी से वैसे ही झूठ कह दिया जबकि मैं अपने ब्वॉय फ्रेंड से कई बार चुदवा चुकी थी.
मेरा नाम करीम है, मैं कानपूर से हूँ, मैं कानपूर में अकेला रहता हूँ और गवर्नमेंट जॉब में हूँ। यह मेरी फर्स्ट सेक्स स्टोरी है। मुझे उम्मीद है कि यह कहानी आपको पसंद आएगी। दोस्तो, यह घटना आज से एक साल पहले की है।
मैं हट गया और दोस्त ने उसकी टांगों को खींच कर उसे चित लिटा दिया. उसने भी अपनी चूत लंड के लिए खोल दी. दोस्त ने उसकी चुत में अपना लंड लगाया और फांकों में सुपारा रगड़ने लगा.
मैं अपनी पड़ोसन को चोद चुका था और खूब चोदता था. अब मेरी नजर उसकी बड़ी बेटी पर थी लेकिन कोई जुगाड़ नहीं बन पा रहा था. फिर कैसे मैंने पड़ोसन की बेटियों को चोदा?
फिर मैंने आंटी की ब्रा भी उतार दी और उनकी चूचियों को चूसने लगा. आंटी अपने मुँह से ‘ऊ ऊ ऊह उऊऊ आहह.. स्स्ड्ड..’ आवाज करने लगीं.