दोपहर का एक बज चुका था, सौरभ ने मालिश कराने की इच्छा जताई, मालविका भी तैयार हो गयी। सोनाली उन लोगों से घुली मिली थी तो उसने सौरभ के कपड़े खुद उतार दिए। सौरभ सिर्फ चड्डी में लेटा हुआ था, बाकी हम तीनों ने अपने कपड़े खुद उतारे।
सोनाली और मालविका ब्रा और पैंटी में थी, मैं और सौरभ सिर्फ चड्डी में। सोनाली ने अपने बैग से मालिश करने का तेल दिया और वो सौरभ की मालिश में लग गयी.
मैं भी मालविका की मालिश करने लगा।
मालविका की पीठ पे मैंने ढेर सारा तेल गिरा दिया और रगड़ रगड़ के उसकी मालिश करने लगा. मालिश करते हुए मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया था। पीठ की मालिश करते हुए मैं उसके गर्दन की भी मालिश कर रहा था।
पंद्रह मिनट की मालिश के बाद मैंने मालविका गांड चूत और पैर की मालिश शुरू कर दी. मैंने उसकी गांड पे तेल डाला और मसल मसल के गांड की मालिश की. बीच बीच में गांड में उंगली भी डाल देता था।
लगभग बीस मिनट की मालिश के बाद मालविका पलट गई और अब उसके पेट औऱ चूचों की मालिश होनी थी. मैंने पेट पे तेल गिराया और पेट और दोनों चूची की मालिश शुरू कर दी। मैंने दोनों चूची को मसल मसल के लाल कर दिया और चूत और जाँघ की भी मालिश की. चूत में उंगली डाल डाल कर मालिश किया जिससे कि मालविका की चूत ने पानी छोड़ दिया।
मालिश के बाद मैंने देखा कि सौरभ सो चुका था. मालविका ने भी थोड़ी देर आराम करने का बोला और सो गई।
अब मैं और सोनाली थे, सोनाली मेरी हालत देख कर समझ गई थी कि मुझे चुदाई करनी है।
उसने मुझे बाथरूम में आने को इशारा किया और पहले खुद चली गयी, मैं भी बाथरूम में चला गया औऱ सोनाली को किस करने लगा।
थोड़ी देर में मैंने उसे अपना लण्ड चूसने को दिया और उसके चूत में लण्ड पेल दिया, बीस मिनट उसकी चुदाई की और रूम में जा कर बैठ गया।
एक घण्टे की नींद के बाद दोनों ने उठ कर साथ में नहाने का प्लान बनाया, हम चारों बाथरूम में घुस गए। शावर चला कर सब साथ में भीगने लगे, सोनाली और सौरभ साथ में नहाने लगे।
मैंने भी मालविका को नहलाना शुरू किया, पूरे शरीर पर साबुन लगा दिया और रगड़ रगड़ के तेल हटा दिया। सौरभ ने बाथरूम में सोनाली को लण्ड चुसवाना शुरू कर दिया जिसे देखकर मालविका ने मुझे इशारा किया कि मैं भी उसकी चूत को चाटूं।
मैं नीचे बैठ कर उसकी चूत को चाटने लगा, वो मेरे सिर को दबा दबा के चूत चटवा रही थी। थोड़ी देर के बाद मैं बाथरूम में लेट गया और मालविका मेरे मुँह पे चूत लगा कर बैठ गयी और चूत चटवाने लगी। उसे बहुत मजा आ रहा था, थोड़ी देर में वो मेरे मुँह में ही झड़ गयी।
मैंने उसकी चूत का पानी अपने मुँह में पानी रखा और मालविका को किस करते हुए उसका पानी उसे ही पिला दिया।
हम सब नहा कर वापस कमरे में आए. सौरभ ने दोपहर का खाना होटल से मंगाया।
मालविका ने मूवी जाने का प्लान बना लिया, हम चारों मूवी गए।
हम लोग कार में मूवी जा रहे थे, सौरभ और सोनाली कार की आगे सीट पे बैठे हुए थे। मैं और मालविका कार की पिछले सीट पे बैठ गए. मालविका मुझसे सात साल बड़ी थी लेकिन वो मुझसे रोमांटिक होने की कोशिश कर रही थी। मैं और मालविका बार बार एक दूसरे के हाथ सहला रहे थे।
हम लोगों ने कार में किस भी किया, वो मेरे लण्ड को भी पकड़ के मसल रही थी। मैं भी उसके चुचे मसल रहा था. हम दोनों पीछे बैठ कर अपनी मस्ती में डूबे हुए थे।
थोड़ी देर में हम लोग थिएटर पहुँच गए और सौरभ ने कॉर्नर की सीटें ले ली।
हम चारों सीट पे जा कर बैठ गए. पहले मालविका, फिर मैं, उसके बाद सोनाली और उसके बाद सौरभ बैठे। मालविका मेरा हाथ पकड़ कर मूवी देख रही थी. तभी उसने मेरे कान को काटना शुरू किया। मैं समझ गया अब मुझे मजा आने वाला है।
उसने मुझे किस करना शुरू किया, मैं भी उसका भरपूर साथ दे रहा था।
इतने में दूसरी तरफ से सोनाली ने मेरे लण्ड को जीन्स से निकाल कर चूसना शुरू कर दिया, मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैं मजे लेने में व्यस्त था. तभी मैंने देखा कि सोनाली मेरे लण्ड को चूस के सौरभ को किस करती। मुझे कुछ अजीब लगने लगा। क्योंकि मर्द को दूसरे मर्द के लंड चूसे हुए होंठ पसंद नहीं आती।
लेकिन सोनाली मेरे लंड को और सौरभ के होंठों को बारी बारी चूस रही थी।
सोनाली ने मुझसे कहा कि पानी उसके मुँह में गिरा दूँ, मैंने वैसा ही किया।
इसके बाद मैंने देखा कि सोनाली ने मेरा पानी सौरभ के मुँह में दे दिया और उसने पी लिया।
उसके बाद सौरभ और सोनाली अपना लगे हुए थे, मैं और मालविका किस कर रहे थे।
मैंने मालविका से पूछ लिया- सौरभ गांडू हैं क्या?
मालविका मेरी बात को नजरअंदाज करते हुए किस करने में व्यस्त हो गयी।
कहानी जारी रहेगी।