फिर मैंने आंटी की ब्रा भी उतार दी और उनकी चूचियों को चूसने लगा. आंटी अपने मुँह से ‘ऊ ऊ ऊह उऊऊ आहह.. स्स्ड्ड..’ आवाज करने लगीं.
मैं अपना मुँह उनके पेट पर लगाए उन्हें किस करता करता उनकी पैंटी के ऊपर ले गया और पैंटी के ऊपर से ही उनकी चूत को चाटने लगा. तो आंटी के मुँह की सिसकारियां तेज हो गईं.
मैंने आंटी की पैंटी उतार दी. उनकी चूत बिल्कुल लाल थी, उस पर एक भी बाल नहीं था. फिर हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए. हम इस पोजिशन में काफी देर तक एक दूसरे के लंड चुत चाटते रहे.
आंटी बोलीं- अब रहा नहीं जाता.. अब अन्दर डाल दो मेरी जान.. फाड़ दो मेरी चूत को..
मैंने अपना लंड उनकी चूत पर लगाया और जोर से झटका दे मारा. तो वो जोर से चिल्लाईं- ऊइइ.. माँ मर गई.
उनकी चूत बहुत टाइट थी. जबकि अभी मेरे लंड का सुपारा ही अन्दर गया था. वो बोलीं- आराम से कर.. बहुत टाइम हो गया सेक्स करे.
फिर मैंने एक जोर से झटका मारा. इस बार पूरा लंड उनकी चूत में समा गया था. फिर मैं लगातार धक्के मारने लगा. कुछ देर बाद आंटी भी मेरा साथ देने लगीं.
करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद मैंने अपना वीर्य उनकी चूत के अन्दर छोड़ दिया और उनके ऊपर ही लेट गया. हम दोनों करीब 10 मिनट बाद उठे और फिर किस करने लगे. उस रात हमने 6 बार सेक्स किया और पता ही नहीं चला हम कब सो गए.
सुबह करीब 12 बजे मेरी आंख खुली तो देखा आंटी मेरा लंड चूस रही थीं. फिर हमने 2 बार सेक्स किया और फिर फ्रेश हुए. कुछ देर हम दोनों साथ में नहाने लगे. नहाते वक्त फिर एक बार उनकी चुदाई की. फिर आंटी ने खाना बनाया और अपने हाथों से मुझे खिलाया.
मैं आंटी से बोला- अब मैं घर जा रहा हूँ. काफी टाइम हो चुका है.
आंटी बोलीं- बस 5 मिनट रुको.
वो अलमारी के अन्दर से 5000 रूपए लाईं और मुझे देने लगीं. मैंने मना कर दिया तो उन्होंने जबरदस्ती मुझे वो पैसे दे दिए और मुझे किस किया.
हमने एक दूसरे के नंबर लिए और मैं मामा के घर चला गया. फिर मैं 10 दिन तक सुबह उसके पास चला जाता और रात को वापस आ जाता. वो हर बार मुझे कुछ पैसे जरूर देती थीं. जब हमें मौका मिलता, हम सेक्स कर लेते थे.
उनका पति उनको अपने साथ बंगलोर ले गया. मैंने उनको फ़ोन किया, उनका फ़ोन बन्द आता रहा.
फिर मैं भी अपने गाँव में आ गया.
आपको मेरी चुदाई की कहानी कैसी लगी.. मुझे अपना सुझाव दें.