कुंवारी लड़की की गुलाबी सील टूट गई – Part 2
मुझसे ये देख कर रह ही नहीं गया और मैंने अगले ही पल पूजा की चुत चाटना शुरू कर दिया. उसने मेरी जीभ का अहसास पाते ही एक मदभरी सीत्कार भरी और अपनी टांगें खोल दीं.
मुझसे ये देख कर रह ही नहीं गया और मैंने अगले ही पल पूजा की चुत चाटना शुरू कर दिया. उसने मेरी जीभ का अहसास पाते ही एक मदभरी सीत्कार भरी और अपनी टांगें खोल दीं.
मेरी गर्लफ्रैंड है पर हम चुम्मा चाटी के अलावा कुछ कर नहीं पाए। गाँव गया तो ताऊ की बहू यानि चचेरी भाभी से मेरी दोस्ती हो गयी. यह दोस्ती आगे भाभी की चूत चुदाई तक गयी.
वह मुझसे जिद करने लगा और कहने लगा स्कूल में मेरे दोस्त भी डांस क्लास जाते हैं तो क्या आप मुझे नहीं भेज सकती। मैं अपने बेटे को मना ना कर सकी तभी मुझे उस वक्त सलूजा का ध्यान आया मैं अपने बेटे को लेकर सलूजा के पास गई मैंने सलूजा से इस बारे में पूछा क्या तुम मेरे बेटे को डांस सिखा सकती हो। वह कहने लगी दीदी क्यों नहीं आप इसे मेरे एकेडमी में भेज दिया कीजिए लेकिन मैंने सलूजा से कहा कि क्या तुम उसे घर पर डांस नहीं सिखा सकती हो। वह कहने लगी दीदी मैं देखती हूं मैं इस बारे में कुछ कह नहीं सकती लेकिन मैं कोशिश करूंगी। आखिरकार सलूजा मेरे बेटे को घर पर डांस सिखाने के लिए तैयार हो गई और वह घर पर ही उसे डांस सिखाया करती थी। मेरी सलूजा के साथ अब काफी अच्छी दोस्ती हो चुकी थी और उसका नेचर भी काफी अच्छा था। सलूजा और मेरी अच्छी दोस्ती हो चुकी थी लेकिन सलूजा के पति रजत की नियत मुझे कुछ ठीक नहीं लगती थी वह कई बार मुझ पर गंदी नजर मारता। मुझे बिल्कुल भी पता नहीं था कि सलूजा के पति के हमारे ही मोहल्ले में और भी महिलाओं से संबंध है। जब मुझे इस बारे में पता चला तो मैं पूरी तरीके से चौक गई लेकिन रजत के अंदर कोई तो बात थी जिसके लिए उसके और हमारे मोहल्ले की औरतें रजत के पीछे पागल थी। मैं चाहती थी राजत के साथ में एक रात बताऊ मैंने रजत पर डोरे डालने शुरू कर दिए। मैं जब भी सलूजा के पास जाती तो मेरी मुलाकात रजत से हो ही जाती थी और रजत भी मेरी तरफ ध्यान से देखा करते। मैंने रजत को अपना मोबाइल नंबर दे दिया एक दिन रजत और मेरी बात फोन पर हो रही थी उस वक्त सलूजा आ गई इसलिए हम दोनों ने मैसेज के माध्यम से बात की लेकिन अगले ही दिन मैंने रजत को अपने घर पर बुला लिया।
फिर लवली ने अपने सारे कपड़े उतार दिये और पापा के लंड को मुंह में भर लिया. इतने में मैं भी पास में पहुंच गया. पापा ने अपने चेहरे को नीचे कर लिया.
नमस्कार दोस्तो, मैं आपको अपनी एक कहानी बताने जा रही हूं. मुझे ये कहानी बताने में थोड़ा अजीब लग रहा है लेकिन ये मेरी अपनी कहानी है इसलिए मैं आपको बता रही हूं.
मेरे हाथ उसकी कमर को सहलाने लगे. फिर मैंने उसके चूचों को दबाना शुरू कर दिया. आह्ह … उसके मोटे-मोटे रूई के जैसे नर्म मुलायम मम्मे दबाते हुए मेरा लंड पागल होने लगा. मैंने उसको वहीं सोफे पर लेटा दिया और जोर से उसके चूचों को दबाने लगा.
दोपहर तीन बजे रितिका का कॉल आया, तो मैं उसको लेने उसके होटल पर चला गया. मुझे देखकर ही वो मुझसे चिपट गयी. उसके भरी चूचियां मेरी छाती के गड़कर दिल पर छुरी चला रही थीं. सवेरे सवेरे लंड ने उषा को ले लिया था, तो अभी उसे भी कोई जल्दी नहीं थी.
मां ने ब्रा पैंटी पहन ली और हाइ हील पहन ली. मैंने मां को कह दिया कि सुबह के लिए पैकिंग भी अभी करनी होगी. सुबह हमें जल्दी निकलना है. 10 बजे सुबह की फ्लाइट है. पैकिंग करने में ही हम दोनों को दस बज गये.
जवान होने पर भी मैंने कोई चूत नहीं देखी थी. मैंने गाँव की एक औरत को पटाने की कोशिश की. वो मुझे चूत देने के लिए तैयार भी हो गयी. मैंने उस औरत की चुदाई कैसे की?
बहुत देर तक हम दोनों एक दूसरे को किस करते रहे. साना नंगी थी. उसके बदन को देख कर मैं पागल सा हो गया. उसके 36 के चूचे नंगे होने के बाद और भी ज्यादा मस्त लग रहे थे.
मेरा नाम अवि राज है और मैं पुणे से हूँ. मैं आज अन्तर्वासना पर अपनी नई सेक्स कहानी लेकर आया हूँ.
में रेजर लेकर बाथरूम में नहाने चला गया. वहां पर लंड को एकदम चिकना केला सा बनाना शुरू कर दिया.
उसके बाद मैंने आंटी की नाइटी को उतार कर उनको नंगी कर दिया.
मेरा नाम मोंटू है. फेसबुक पर सब मुझे आशीष के नाम से भी जानते हैं. मेरी उम्र 19 साल की है. यह मेरी पहली गांड की चुदाई सेक्स स्टोरी है, जो मैं आज आप सभी के साथ साझा कर रहा हूँ.
उसके बाद उन्होंने शादी के लिए उनके माता-पिता से बात की वह लोग भी मान गए और फिर जब उन दोनों की शादी हुई तो अजय भैया और सुनैना भाभी की शादी के बाद सब कुछ अच्छा था लेकिन ना जाने कुछ समय से उन दोनों के बीच झगड़े होने शुरू हो गए। उन दोनों के झगड़े की वजह उनका एक दोस्त है भैया को लगता है कि सुनैना भाभी उससे बातें करती हैं लेकिन सुनैना भाभी का नेचर भी ऐसा नहीं है वह बहुत अच्छी है। पता नही भैया के दिमाग में यह बात कहां से बैठ गई उसके बाद से इसी बात को लेकर उन दोनों के बीच काफी बार झगड़े हो जाते हैं। जब भी उनके फोन में उनके दोस्त की कॉल आती है तो वह बहुत ज्यादा गुस्से में हो जाते हैं और अब तो वह छोटी-छोटी बातों पर भी सुनैना भाभी से झगड़े करने लग जाते हैं। इस बात को लेकर मम्मी पापा ने कई बार उन्हें समझाया लेकिन अजय भैया तो कुछ समझने को तैयार ही नहीं है वह हमेशा भाभी के साथ झगड़ते रहते हैं जिससे कि घर में सब लोग परेशान हो चुके हैं। मैंने कमलेश से कहा इस बारे में क्या तुमने कभी सुनैना भाभी से बात नहीं की। कमलेश कहने लगा मैंने तो बात की थी लेकिन अब उन दोनों के बीच में आय दिन इतने झगड़े होते हैं कि उन दोनों को समझाना ही मुश्किल है इसलिए उन्हें घर पर कोई कुछ नहीं कहता और वह दोनों आपस में झगड़ते ही रहते हैं। सुनैना भाभी को मैं अच्छा लगने लगा था और उन्हें मैं कई बार समझाया करता था जब एक दिन सुनैना भाभी ने मेरे फोन पर फोन किया तो उनसे मैने काफी देर तक बात की हम दोनों की बातें काफी देर तक हुई।
मैंने अन्तर्वासना भाभी की चुदाई की. उसने मुझे मेल किया और मिलने के लिए कहा. मैं उसके घर पहुंचा. मैंने उस हॉट भाभी संग कैसे मजा लिया. फ्री देसी हिंदी सेक्स कहानी में पढ़ें.
चूत की देवियों और लण्डधारी दोस्तों को मेरा सादर प्रणाम. मैं टोनी … मेरी पहली कहानी चाची संग सेक्स की आप लोगों के सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ, अगर लिखने में कोई गलती हो तो क्षमा चाहूंगा।
माँ ने बिस्तर लगाया और मच्छरदानी लगा दी, ताकि हमें मच्छर ना काटें.
फिर उसने कराहते हुए बोला- देव आज मैं आपकी हो गई हूं … आज आप मुझे अपनी पत्नी बना कर प्यार करो.
हैलो, मेरा नाम नेहा है. मैं अपनी एक सेक्स कहानी आपको बताने जा रही हूँ. मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी कहानी पसंद आएगी. मेरी चूत को मेरी सहेली के बड़े भाई ने चोदा था. वो मुझे आज भी चोदते हैं और वो मेरी चूत को चोद कर बहुत खुश भी हैं. मुझे भी एक मस्त लंड मिल गया है, जिससे मैं अपनी चूत को चुदवा कर अपनी चूत की खुजली को शांत रख पाती हूँ.
अब उसने मुझे खींच कर चित लिटाया और मेरी चूत को चाटने लगा. मैं चूत चटाई से मस्त हो गई और कामुक सिसकारियां लेने लगी. इस वक्त काफी रात हो गई थी, करीब बारह बज गए होंगे. होटल के इस सन्नाटे भरे माहौल में हमारी सिसकारियां शायद कुछ शोर मचा सकती थीं, इसलिए उसने मुझे संयम रखने को कहा.
कुछ देर बाद मैं खड़ा हुआ और अंशिका को मेरा लण्ड चूसने के लिए कहा। कुछ देर तक तो उसने मना किया लेकिन मेरे बार बार कहने पर उसने मेरा 6″ लम्बा और 3″ मोटा लण्ड अपने मुँह में भर लिया और उसको चूसने लगी। मैं भी अब तेज तेज से उसके मुंह को चोदने लगा। उसके लण्ड चूसने से मुझे लग रहा था कि ये पहले भी कई बार लण्ड का स्वाद ले चुकी है।
मैं एकदम से चौंक गया और उनसे पूछने लगा कि अरे आपने मुझे पहले बताया ही नहीं . अभी आप कहां हो?
फैमिली सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा कि ताई ने मुझसे अपनी वासना पूरी कर ली थी. लेकिन मुझे दोबारा ताई ने अपने करीब नहीं आने दिया. तो मैंने उन्हें कैसे मनाया सेक्स के लिए?
गुंजन मुझे कहने लगी मैं समझ सकती हूं कि तुम मुझसे कितना प्रेम करते हो लेकिन मैं अपने घर वालों के खिलाफ जाकर कोई भी कदम नहीं उठा सकती, मैंने गुंजन से कहा तुम इस बारे में एक बार अपने दिल से सोच कर देखना, गुंजन ने भी कहा ठीक है मैं इस बारे में सोचूंगी। मैं भी उसके पीछे हमेशा जाया करता था धीरे-धीरे गुंजन का नजरिया मेरे लिए बदलने लगा और हम दोनों एक दूसरे के नजदीक आते चले गए लेकिन अभी हमारे बीच में ऐसा कुछ भी नहीं था हम लोग सिर्फ एक अच्छे दोस्त थे। हम दोनों साथ में ही कॉलेज से घर जाया करते थे। मैं एक दिन गुंजन के गांव में ही उतर गया और उसके साथ साथ पैदल चलने लगा रोड से उसके गांव की दूरी 2 किलोमीटर थी। हम दोनों पैदल ही चल रहे थे मैंने गुंजन के हाथ को पकड़ लिया। मैंने जब उसके होठों को चूमा तो मुझे ऐसा लगा जैसे कि मैं जन्नत में चला गया मैंने पहली बार किसी लड़की को किस किया था। उस दिन हम दोनों के बीच जैसे सेक्स को लेकर एक एग्रीमेंट हो चुका था मैंने अपनी सेक्स की पहली नीव रख दी थी। उस दिन मैं सिर्फ गुंजन के साथ स्मूच कर पाया लेकिन उसके बाद तो हम दोनों के बीच यह अक्सर होने लगा। मेरा उसे चोदने का मन होने लगा था एक दिन मैं उसके गांव के पास ही उतर गया हम दोनों साथ में उतरे। मैंने उसे कहा आज मुझे तुम्हें चोदना है वह मुझे कहने लगे यह संभव नहीं है मैं जिससे शादी करूंगी उसी के साथ में सेक्स करूंगी। मैंने उसके स्तनों और उसके होठों को चूमना शुरू कर दिया।