अब तक रात के 12 बज गए थे. मैंने बुआ से बोला- आप सो जाइए, मैं भी थोड़ी देर में सो जाऊंगा.
बुआ ने कमरे की बिजली बंद कर दी और आंखें मूंद लीं. मैं अपने मोबाइल में सेक्स वीडियो देखने लगा. मुझे नहीं पता था कि वो मुझे देख रही थीं.
कुछ देर बाद उन्होंने पूछा- तूने कभी सेक्स किया है?
उनकी आवाज सुनकर मैं सकपका गया और मैंने मोबाइल बंद करके उनकी तरफ देखा.
फिर मैंने बुआ को मना कर दिया. तभी वो मेरे पास में आ गईं और मेरे होंठों से होंठ लगा कर मुझे चूमने लगीं.
बुआ का ऐसा करना था कि मेरे दिल का ज्वालामुखी मानो फट गया. बुआ भी मेरे मुँह को चूसे जा रही थीं. उन्होंने मुझे तेज गति से चुंबन करना शुरू कर दिया.
मैंने भी बुआ को अपनी बांहों में भरा और उनके होंठों पर किस करना शुरू कर दिया. मैं उनके मुँह को चूमने लगा.
बस बुआ एकदम से मानो मेरी महबूबा बन गईं. हम दोनों एक दूसरे से बेतहाशा चिपक गए और एक दूसरे में समाने की कोशिश करने लगे. जैसे ही हमने एक दूसरे के मुँह में अपनी जीभ डालने की कोशिश की, उनके शरीर से एक अलग सी सिहरन हुई.
मैंने कोई पांच मिनट तक उन्हें हर तरह से चूमा चूसा, फिर बेड पर चित लेटा दिया. मैं उनके ऊपर चढ़ गया और उनके मम्मों से लेकर कमर तक चूमता चला गया.
मैं बुआ की कमर के नीचे और चुत के ऊपर होंठ रगड़ते हुए किस करने लगा था. वह पूरी तरह से गर्म हो गई थीं.
फिर मैंने उनके गाउन को निकाल दिया था. वो मेरे सामने सिर्फ एक पैंटी में रह गई थीं. मैंने बुआ के नग्न शरीर को एकदम से भंभोड़ना शुरू कर दिया.
उनके मम्मों के चूचकों को मैंने दोनों हाथों से मसलते हुए एक निप्पल को अपने मुँह में ले लिया. दूसरे निप्पल को हाथ की चुटकी से मींजने लगा. बुआ की गर्म आहें और कराहें निकलने लगी थीं. मैं दो तीन मिनट तक बुआ के दोनों स्तनों को बारी बारी से चूसता और मसलता रहा.
फिर बुआ ने मेरे लंड को अपने हाथों में लिया और बोलीं- हितेश, तेरा लंड तो काफी बड़ा है . अब चूसना छोड़ और इसका इस्तेमाल भी कर.
मैंने उनके ऊपर से उठते हुए उनकी आंखों में झांका. वो मेरी तरफ किसी मस्त रंडी की तरह देख रही थीं. उनकी आंखों में वासना के लाल डोरे साफ़ नजर आ रहे थे.
मैंने उनसे कहा- मेरा लंड बड़ा लग रहा है?
बुआ ने भी चुदाई की खुमारी में मेरे लंड को पकड़ कर मसला और कहा- हां तेरा लंड बहुत बड़ा है. इसे मेरी चुत में डाल कर मुझे चोद दे.
बुआ के मुँह से ‘लंड चुत चोद दे..’ शब्द सुनकर मेरी उत्तेजना एकदम से बढ़ गई.
मैंने उनसे पूछा- एक बार लंड चूस लो. फिर चुत भी चोद दूंगा.
बुआ ने हंस कर कहा- आजा ऊपर आकर लंड दे, मैं चूस देती हूँ.
मैं उनके ऊपर से हट कर बाजू में खड़ा हो गया. बुआ ने मेरे लंड को हाथ से सहलाया और उसकी चमड़ी को पीछे करते हुए सुपारे को निकाला. मेरे लौड़े के मुंड पर प्रीकम की बूंदें आ गई थीं. बुआ ने अपनी जीभ निकाल कर मेरी तरफ देखते हुए मेरे लंड के सुपारे पर अपनी जीभ फेर दी.
आह मेरे लंड की तो मानो लॉटरी निकल आई थी. कुछ ही समय में बुआ ने लंड को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगीं. मुझे बुआ से लंड चुसवा कर बड़ा मजा आ रहा था. मैं उनके मुँह में लंड को अन्दर बाहर करने लगा. मेरा लंड उनके गले में अन्दर तक जा रहा था.
बुआ मुँह से पागलों की तरह गों गों करते हुए लंड सकिंग सेक्स का मज़ा ले रही थीं. मैं उनके दोनों मम्मों को कसके पकड़े हुए था. वो खुद को मेरे पास करती जा रही थीं.
फिर बुआ ने लंड मुँह से बाहर निकाला और मुझे ‘आई लव यू..’ बोला.
मैंने भी उनसे कहा- आई लव यू मनीषा बुआ.
उन्होंने बोला- आज से तू मेरा पति और मैं तेरी पत्नी . अब मुझे तू पसंद है. मुझे बुआ मत कहा कर. अब से हम पति पत्नी जैसा ही करेंगे. आज से मैं पूरी तरह तुम्हारी हूँ.
मैंने हंस कर मनीषा को चूम लिया.
उन्होंने दोबारा से अपने हाथों से मेरा लंड पकड़ा और चूसने लगीं.
कुछ देर बाद मैंने मनीषा बुआ को उठाया और उनकी कसकर अपनी बांहों में पकड़ लिया. मैंने 69 का पोज बना लिया था.
मैंने फिर से उनसे कहा- मनीषा रानी मेरा लंड अपने मुँह में फिर ले लो. मैं अब तुम्हारी चूत चाटता हूँ.
उन्होंने मेरा लंड पकड़ लिया और जल्दी से अपने मुँह में ले लिया. अब उनकी चूत मेरे मुँह के सामने थी. मैंने अपनी जीभ को उनकी चुत पर रख दिया और मैं उनकी गुलाबी चूत को चाटने लगा था.
अब मनीषा बुआ के मुँह से कामुक आवाजें आने लगी थीं- आह आह हितेश और चाट . हितेश आज से मैं तेरी हूँ . मैं बहुत खुश हूँ हितेश . आई लव यू हितेश.
कुछ दो तीन मिनट बाद मैंने उनसे उठने के लिए कहा और उन्हें सहारा देकर उठा दिया.
मनीषा बुआ की चूत की खुशबू ने मुझे बेकाबू कर दिया था. मैंने उनके ऊपर सीधे चुदाई की पोजीशन में आकर उनके दोनों पैर पकड़ कर फैला दिए और फिर से उनकी गुलाब चूत के अन्दर जीभ डाल कर चाटना शुरू कर दिया.
वो मदहोश हो रही थीं. मैंने उनकी दोनों टांगों के बीच गर्मी पैदा कर रहा था. कुछ ही देर में वो चीखने लगीं.
फिर मैंने चुत चूसने के साथ ही उनकी चूचियों को जोर से दबाना शुरू किया. तभी उसकी चुत से गर्म पानी छलक आया. चुत का गर्म नमकीन पानी मेरी जीभ को तरंगित करता चला गया. मैंने किसी कुत्ते के जैसे बुआ की चुत का रस चाट लिया. उनकी पूरी चुत मेरे मुँह में थी.
कुछ देर के बाद बुआ ने मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और चूसना शुरू कर दिया. मैंने उनके मुँह को पकड़ कर चोदना शुरू कर दिया.
कुछ देर बाद मैंने बोला- मेरा होने वाला है . कहां निकालूं?
बुआ ने हाथ के इशारे से कहा- मेरे मुँह कर दो.
जैसे ही मेरा लावा निकला, तो मैंने उनके मुँह में निकाल दिया. कुछ लंड रस मैंने उनके मम्मों पर भी छोड़ दिया.
बुआ ने मेरा सारा वीर्य चाट लिया और बोलीं- मुझे आज बहुत मजा आया.
मैंने कहा- अभी चुदाई के बाद बताना मनीषा रानी कि कैसा मजा आया.
वो हंस कर चित लेट गईं.
अब मैंने उनके ऊपर चढ़ कर लंड सैट किया, तो वो बोलीं- हितेश तुम्हारा लंड बड़ा है . धीरे से करना . कहीं तुम आज मेरी चुत न फाड़ दो.
मैंने हंस कर बुआ को आंख मारी और कहा- आज तक कभी सुना है कि लंड से कोई सी चुत फटी है.
वो भी हंस दीं.
मैंने बुआ की चूत में लंड लगाया और उनकी गीली चुत में लंड सरका दिया.
बुआ अपने मुँह से ‘आह आह..’ कर रही थीं.
कुछ देर बाद बुआ को मजा आने लगा और वो गांड हिला कर लंड से चुदने का मजा लेने लगीं.
बुआ बोलीं- हितेश मैं आज पहली बार इतनी खुश हो रही हूँ.
मैंने कहा- तो लंड के मजा लो मेरी चिकनी बुआ.
बुआ ने अपनी कमर को उठा उठा कर मेरे लंड को अपनी चुत अन्दर लेना शुरू कर दिया.
कुछ देर बाद मैंने लंड चुत से बाहर निकालकर फिर से एकदम से डाला, तो वो चिल्ला पड़ीं.
थोड़ी देर तक चुत मारने के बाद मैंने बुआ से बोला- मनीषा रानी . अब मुझे तुम्हारी गांड मारनी है.
बुआ ने मुझे मना कर दिया. वो बोलीं कि उधर बहुत दर्द होगा मुझे.
मैंने बुआ को समझाया कि हां थोड़ा दर्द तो होगा . मगर फिर मज़ा भी बहुत आएगा.
बुआ ने हामी भर दी.
मैंने उनकी गांड पर लंड लगा कर उनके कूल्हों को पकड़ लिया और उनके स्तनों को दबाना शुरू कर दिया.
फिर मैंने बुआ की गांड पर थोड़ा तेल लगाया . और लंड पेल दिया. जैसे ही लंड मनीषा बुआ की गांड में घुसा, वो चिल्लाने लगीं.
बुआ बोलीं- आंह हितेश . मुझे दर्द हो रहा है.
मैंने उनकी एक न सुनी और एक ही झटके में उनकी गांड में लंड ठांस दिया. उनकी आंखों में से आंसू बाहर आने लगे थे.
फिर मैंने एक हाथ से बुआ के बाल पकड़ कर करीब दस मिनट तक उनकी गांड मारी. इस बीच बुआ लंड का मजा लेने लगी थीं. उनकी चीखें बंद हो गई थीं.
अब मेरा लंड जबाब देने वाला था. मैंने बुआ से पूछा- कहां निकालूं?
बुआ ने अपनी गांड में से मेरा लंड निकला और अपना मुँह मेरे सामने कर दिया. मैंने उनके मुँह में पूरा वीर्य छोड़ना शुरू कर दिया.
बुआ चुद कर संतुष्ट हो गई थीं. हम दोनों बहुत ही ज्यादा थक गए थे.
फिर हम सो गए.
बुआ मेरे साथ ही रहने लगी थीं और हम दोनों रोज सेक्स का मजा लेने लगे थे.
ये सेक्स कहानी आपको कैसी लगी, आप सब मुझे मेल करके जरूर बताना.
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