गाँव की देसी चूत शहर में चुदी-1
गांव से मैं कॉलेज की पढ़ाई के लिये शहर गयी. जवान हो रही थी, मेरी कुंवारी चूत ने मुझे बेचैन करना शुरू कर दिया. एक बॉयफ्रेंड बना तो वो मेरी चूत मांगने लगा. तो मैंने क्या किया?
गांव से मैं कॉलेज की पढ़ाई के लिये शहर गयी. जवान हो रही थी, मेरी कुंवारी चूत ने मुझे बेचैन करना शुरू कर दिया. एक बॉयफ्रेंड बना तो वो मेरी चूत मांगने लगा. तो मैंने क्या किया?
antarvasna, kamukta मुझे मेरी गलती का खामियाजा उस वक्त भुगतना पड़ा जब मैंने गुस्से में एक दिन अपने ऑफिस से रिजाइन दे दिया मुझे नहीं पता था कि मेरी यह गलती इतनी ज्यादा बड़ी हो जाएगी, मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरे नौकरी छोड़ते ही मेरे ऊपर इतनी मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ेगा। मैंने जिस समय अपनी नौकरी से रिजाइन दिया उस दिन मैं अपने घर पर आकर बैठ गया और जब मैं अपने घर पर बैठा तो मेरी पत्नी कहने लगी कि कल बच्चों की फीस जमा करनी है, मैंने उसे कहा ठीक है कल हम बच्चों की फीस जमा कर देंगे मेरे अकाउंट में जितने पैसे पड़े थे वह मैंने एटीएम से निकाल कर अपनी पत्नी को दे दिए उसने अगले दिन मेरे बच्चों की फीस भर दी, मुझे घर पर दो महीने हो चुके थे और मेरी सेविंग भी धीरे-धीरे खत्म होने लगी थी मेरे पास और कोई भी नौकरी नहीं थी क्योंकि हमारा शहर इतना बड़ा नहीं है कि वहां पर मैं कोई नौकरी कर पाता, मेरे लिए तो अब बड़ी समस्या बन चुकी थी क्योंकि मेरे पास ना तो कोई काम था और ना ही मैं किसी रिश्तेदार या अपने दोस्त से मदद लेना चाहता था।
अब तक रात के 12 बज गए थे. मैंने बुआ से बोला- आप सो जाइए, मैं भी थोड़ी देर में सो जाऊंगा.
हम दोनों ने एक दूसरे का साथ देने का फैसला कर लिया था और मैंने अपनी मां को जब अजय से मिलवाया तो मेरी मां को अजय बहुत पसंद आया। मेरी माँ अजय से कहने लगी बेटा देखो हम चाहते हैं कि तुम काजल को हमेशा खुश रखो और तुम काजल का ध्यान दो अजय ने कहा मैं काजल से प्यार करता हूं और उसका हमेशा ही ध्यान रखूंगा अब काजल की जिम्मेदारी मुझ पर ही है। कुछ ही समय बाद हम लोगों की सगाई भी हो गई मेरे पिताजी को तो जैसे हमसे कोई लेना देना ही नहीं था। मैं अपनी मां के लिए बहुत ज्यादा दुखी थी क्योंकि जब मेरी शादी हो जाएगी तो उसके बाद मेरी मां की देखभाल कौन करेगा क्योंकि मेरे पिता जी से तो मुझे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी। मुझे दिन-रात यही चिंता सताती रहती लेकिन जब भी मैं अजय से मिलती तो मुझे बहुत अच्छा लगता। जब भी मैं अजय से मिलती तो मेरे चेहरे पर मुस्कान आ जाती थी और अजय भी बहुत खुश होते थे। एक दिन अजय और मेरे बीच फोन पर काफी देर तक बात हुई उस दिन जब हम दोनों की बात हो रही थी तो हम दोनों की जवानी उछाल मारने लगी थी। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं अपने आपको नहीं रोक पाऊंगा उस रात मैंने अजय के साथ काफी ज्यादा अश्लील बातें की अजय भी खुश हो चुके थे। वह मुझे कहने लगे हम लोगों को मिलना चाहिए हम लोगों ने कुछ समय बाद मिलने का फैसला किया तो हम दोनों ही अपने आपको नहीं रोक पाए। अजय मुझे कहने लगे आज मैं तुम्हारे साथ शारीरिक संबंध बनाना चाहता हूं अजय को मैंने अपना दिल तो दे ही दिया था उसे अब मैं अपना तन भी देना चाहती थी। मैने अपना तन बदन सौंपने का पूरा फैसला कर लिया था मैं और अजय एक गेस्ट हाउस में चले गए।
आंटी मुझसे पूछने लगीं- क्या तुम जिम जाते हो?
Hindi chudai kahani मैं अपने गांव में खेती का काम किया करता था मैंने शादी की थी लेकिन मेरी पत्नी मुझे छोड़ कर चली गई और उसके बाद मैंने कभी भी अपने मन में शादी का ख्याल नहीं आने दिया। मैं उस रात अपने खेतों में बैठकर अपने खेत की रखवाली कर रहा था तभी मुझे कुछ छूट की आवाज सुनाई दी। अंधेरा काफी ज्यादा था इसलिए आगे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था मेरे हाथ में एक बड़ा सा डंडा था मैं जब उसी को लेकर आगे बढ़ा तो मुझे वहां कोई दिखाई नहीं दिया लेकिन झाड़ी में मुझे कुछ हलचल सी होती दिखाई दी। मेरे हाथ में टॉर्च थी टॉर्च जलाते हुए मैंने जब उस तरफ देखा तो मेरी आंखें फटी की फटी रह गई मेरे सामने छोटी सी बच्ची थी मुझे समझ नहीं आया कि आखिरकार यह किसने किया होगा। मैंने उस बच्ची को अपनी गोद में उठाया मुझे ऐसा आभास हुआ कि जैसे वह मेरा ही कोई हो और मैंने उसे अपने पास ही रखने का फैसला कर लिया।
दोस्त की शादी में मेरी मुलाक़ात उसकी तलाकशुदा बुआ से हुई. हम पहले से ही एक दूसरे को जानते थे. किसी काम से बुआ मेरे शहर में आयी तो मेरे पास ही रुकी.
सुहागरात को ही मुझे शक हो गया कि मेरी पत्नी शादी से पहले अपनी चूत में कई लंड ले चुकी है. मगर उसके बाद भी मैंने उससे प्यार किया. एक दिन मैं उसके मायके गया तो .
नमस्कार दोस्तो, आप सभी का मेरी कहानी में हार्दिक स्वागत है. मेरी पिछली कहानियों को आपका इतना प्यार मिला, उसके लिए मैं आपका धन्यवाद करता हूँ और उम्मीद करता हूँ कि आगे भी मुझे ऐसे ही प्यार देते रहोगे और इमेल्स करते रहोगे. मेरी पिछली कहनियाँ को पढ़कर बहुत सी फीमेल ने अपनी चूतों का रस निकाला और बहुत से मर्दों और लड़कों ने अपने लंडों की प्यास शांत की।
जैसे ही वो उठी तो उसकी गांड मेरी तरफ थी जो बहुत ही बड़ी थी. मुझसे रहा न गया और मैंने उसकी गांड पर एक जोर का थप्पड़ मार दिया.
मेरे स्कूल की एक सेक्सी टीचर प्रिंसीपल से सेट थी, चुदाई करवाती थी. मैं भी उस टीचर की चूत मारना चाहता था. मुझे पहले मैडम की गांड मारने का मौक़ा मिला. कैसे?
kamukta, antarvasna मेरे और मेरे परिवार वालों ने घूमने का प्लान बनाया हम लोग चंडीगढ़ में ही रहते हैं और हमारे पड़ोस में मेरी सहेली पायल भी रहती है पायल के परिवार के सदस्यों का हमारे घर पर आना जाना लगा रहता है और हम लोगों के साथ उनके बड़े ही अच्छे और मधुर संबंध हैं इसी के चलते हम लोग जब भी घूमने का प्लान करते हैं तो एक साथ ही जाते हैं। पायल एक दिन हमारे घर पर आई और मेरी मम्मी से कहने लगी आंटी हम लोग मनाली का प्लान बना रहे हैं यदि आप लोग भी हमारे साथ चलें तो हमारा टूर बड़ा ही अच्छा हो जाएगा, मैंने पायल से कहा लेकिन यह बात तो आंटी ने हमें बताई ही नहीं और तुम लोगों ने एकदम से घूमने का प्लान बना लिया, पायल कहने लगी मम्मी आजकल कहीं बाहर गई हुई हैं मेरी मम्मी कहने लगी अच्छा तभी शायद तुम्हारी मम्मी आजकल काफी दिनों से हमारे घर पर नहीं आ रही हैं मेरी मम्मी ने कहा ठीक है बेटा हम लोग तुम्हारे साथ घूमने का टूर बना लेंगे।
अब मैंने एक हाथ से उसकी लैगी को खींच कर उतार दिया। नीचे वो ब्लैक पेंटी में थी।मैंने भी अपनी टी-शर्ट और लोवर उतार दिया, अब हम दोनों सिर्फ़ अंडरवियर में थे। मैं उसे बेतहाशा किस करते हुए नीचे की ओर बढ़ने लगा और उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा। वो भी मेरे हाथ को पकड़ कर अपनी चूत पर ज़ोर से मसलने लगी। मैंने उसकी पेंटी को उतार दिया, उसने भी मेरा अंडरवियर उतार दिया और मेरे लम्बे लंड को पकड़ कर सहलाने लगी। मैंने एक उंगली को उसकी चूत में डाल दिया और अन्दर-बाहर करने लगा, उसे मजा आ रहा था।
कॉलेज लाइफ में खूब लंड लिये. कॉलेज के बाद लंड नहीं मिला. मेरी सहेली ने सगे भाई बहन का सेक्स सुझाया. मैंने क्या किया? भाई बहन की चुदाई की कहानी में पढ़ें.
हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम मनमीत सिंह है. मैं रोहतक हरियाणा से हूँ. अन्तर्वासना पर ये मेरी पहली कहानी है. कोई गलती हो जाए तो माफ़ कर देना.
जब वह सुनीता के साथ रहने लगे तो पिताजी इस बात से बहुत दुखी हुए उन्हें इस बात का बहुत गहरा सदमा लगा जिससे कि उनकी तबीयत पर भी असर पड़ने लगा उनका स्वास्थ्य भी खराब रहने लगा था। वह काफी बीमार भी रहने लगे मैंने उनकी काफी देखभाल की रोहित मुझे मानसिक रुप से हमेशा ही सपोर्ट किया करता और कहता तुम हार मत मानो सब कुछ ठीक हो जाएगा। रोहित के इतने कहने से मुझे भी एक ताकत मिलती और पिताजी की तबीयत में भी सुधार होने लगा था। भैया तो घर से जा चुके थे हमारे परिवार में सिर्फ 3 लोग ही रह गए थे मम्मी भी इस बात से काफी दुखी रहती थी लेकिन मम्मी अपने दुख को किसी के सामने बयां नहीं कर पाती थी लेकिन वह ना चाहते हुए भी कभी ना कभी कह ही देती थी मोहन ने बहुत गलत किया। मेरे और रोहित के बीच सब कुछ ठीक था हम दोनों एक दूसरे से बात किया करते लेकिन मेरे पिताजी अब तक हम दोनों के रिश्ते को मान नहीं पाए थे उन्होंने अपनी स्वीकार्यता हमें नहीं दी थी। हम दोनों को रिलेशन को काफी समय हो चुका था एक दिन रोहित ने मुझसे मिलने की इच्छा जाहिर की। हम लोग अक्सर मिला करते थे लेकिन उस दिन ना जाने हम दोनों के दिल मे ऐसा क्या चल रहा था जिससे कि मेरे और रोहित के में उत्सुकता पैदा होने लगी। मैं रोहित के प्रति खिची चली गई रोहित को मैं अपना तन बदन सौंपना चाहती थी। उस दिन हम दोनों ने साथ में जाने का फैसला किया रोहित और मैं कार से रोहित के घर गए। जब हम लोग रोहित के घर पहुंचे तो वहां पर उसकी मम्मी बैठी हुई थी उसकी मम्मी को हम दोनों से कोई आपत्ति नहीं थी।
मैं एकदम से चौंक गया और उनसे पूछने लगा कि अरे आपने मुझे पहले बताया ही नहीं . अभी आप कहां हो?
फिर लवली ने अपने सारे कपड़े उतार दिये और पापा के लंड को मुंह में भर लिया. इतने में मैं भी पास में पहुंच गया. पापा ने अपने चेहरे को नीचे कर लिया.
antarvasna, hindi sex story मैं एक बड़ा ही आलसी व्यक्ति हूं मुझे कोई भी काम करना बिल्कुल पसंद नहीं है इसी वजह से मेरी तबीयत खराब हो गई और मुझे डॉक्टर ने कहा कि आप सुबह शाम टहलने के लिए जाइये तभी आप ठीक हो पाएंगे, मेरी दवाइयां भी चल रही थी और अब मैं सुबह के वक्त टहलने जाने लगा, जब मैं सुबह टहलने जाता था तो उस वक्त मुझे एक लड़की हमेशा दिखाई देती थी मैं अपने घर के पास ही पार्क में जाया करता था वह भी हर सुबह वहां आया करती थी। मैं अकेला ही जाया करता था और मैं जब टहलने जाया करता था तो उस लड़की की नजरें सिर्फ मुझे ही देख रही होती थी मुझे ऐसा लगता कि जैसे वह मुझसे बात करना चाहती है लेकिन मैंने भी उससे कभी बात नहीं की, कुछ दिनों बाद मेरी तबीयत दोबारा से खराब हो गई और मैं कुछ दिनों तक सुबह जोगिंग पर नहीं गया मैं घर पर ही आराम कर रहा था मेरा काम मेरा भाई ही संभालता था, वह मुझसे छोटा है लेकिन उसकी शादी हो चुकी है, मैंने अभी तक शादी नहीं की है क्योंकि पहले मैं एक लड़की से प्रेम करता था परंतु उसकी शादी कहीं और हो गई उसके बाद से मैंने कभी किसी लड़की के बारे में नहीं सोचा और कुछ दिनों तक मैं घर पर ही था।
मेरे बेटे की शादी में पड़ोस के घर से चार लोग आये और 101 का शगुन दे गये. मेरी झांटें सुलग गईं. इसका बदला लेने का जो तरीका मैंने सोचा, वो था उसकी बीवी की चूत को चोदना.
मैं उनके ऊपर चढ़ गया और अपना लौड़ा उनकी चुत के अन्दर डाल दिया और धीरे धीरे हिलाने लगा.
अन्तर्वासना के सभी दोस्तो को मोहित का प्यार भरा नमस्कार, मैं नैनीताल का हूँ और दिल्ली यूनिवर्सिटी से से पढ़ाई कर रहा हूँ. मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ तो सोचा आज मैं भी अपनी एक रियल चुदाई की कहानी आपके सामने पेश कर दूँ.
मेरे साथ पढ़ने वाली फ्रेंड्स के चूचे और चूतड़ देख कर मैं अजीब सा महसूस करती थी कि वो भी अब जवान हो गई हैं.
शुरू से जवान होने तक मेरी बहुत सारी ऐसी यादें हैं जिनके बारे में मुझे पता नहीं था कि मैं खेल खेल में ही, अनजाने में सेक्स सीख रही थी. वो सब खेल ही थे, जो हम सबको सेक्स का पाठ पढ़ाते हैं.