आखिर वो दिन आया, जब मेरे रूम में कोई नहीं था. आज वो मेरे संग रात भर चुदने वाली थी. मैंने उसे बुलाया वो भी खुश हो गयी लेकिन उसने ऐसे जताया कि नहीं आना चाहती है.
मैंने भी कह दिया- ठीक है … देख ले … तेरा मन न हो … तो मत आना.
कुछ देर बाद उसने खुद काल करके कहा कि मर मत … मैं आ रही हूं!
मैं खुश हो गया.
जल्दी से मैं मेडिकल स्टोर गया, वहां से कंडोम का एक दस पीस वाला पैकेट खरीद लिया. दस पीस का इसलिए कि नए नए चोदू थे, भोसड़ी का कंडोम किस तरह लगता है, ये जानते ही न था.
मैं अपने रूम में आ गया. वहां देखा कि वो पहुंच चुकी थी.
मैंने कहा- बहुत जल्दी है … क्या बात है मेरी जान.
उसने कहा- अच्छा … मुझे बुला कर तू खुद किधर भी चला जाए और जब मैं आई हुई दिखूं तो बोले कि मुझे जल्दी है. सुन ले … मुझे कुछ नहीं करना है. बस तेरे साथ रहने आयी हूँ. लेकिन अगर तू कर सकता है, तो कर ले.
उसकी आखिरी लाइन मेरे लिए तो ग्रीन सिग्नल थी. मैं उस पर कूद पड़ा. मैंने उसके होंठों पर अपने होंठों को रख दिया और उसे चूसने लगा.
यार क्या मस्त माल थी वो … मैं आपको बताना भूल गया उसकी 36 साइज की चूचियां बड़ी ग़दर हैं.
होंठों को चूसते चूसते मैंने उसकी टी-शर्ट को हटा दिया, अब वो मेरे सामने ब्रा में थी. मैं उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके मम्मों को दबा रहा था … और मम्मों की चुसाई के मैंने नीचे हाथ करके उसकी जीन्स का बटन खोल दिया. उसने खुद से जींस को निकाल दिया.
अब वो मेरे सामने ब्रा और पेंटी में थी और मैं पूरे कपड़े में था.
फिर उसने मेरे कपड़े उतारे और फिर क्या था … शुरूआत हो गयी.
हमारी चुदाई का कार्यक्रम अपनी रफ्तार पर आने को तैयार था. हम दोनों एक दूसरे को बेहद गर्मजोशी से लड़ा रहे थे. मैंने उसकी ब्रा को खोल दिया और धीरे धीरे निप्पल चूसने के साथ साथ उसे किस करते करते उसके पेट पर पहुंच गया. वहां से मैं उसकी पैंटी के पास आ पहुंचा और दांत से पेंटी को खींचते हुए उसके शरीर से अलग कर दिया.
अब वो भी नंगी थी और मैं भी … मैं उसके मम्मों को लगातार मसलता रहा, चूसता रहा.
फिर धीरे से अपनी उंगली को नीचे ले गया और उसकी जांघ पर फिराने लगा. इस वक़्त मैं उसके होंठों पर किस कर रहा था, अपने एक हाथ से उसके मम्मों को दबा रहा था और दूसरे हाथ को उसकी चूत पर फेर रहा था.
फिर मैंने धीरे से उसके चूत में उंगली डाल दी, वो सिहर उठी. मगर मैं कहाँ रुकने वाला था. यूं ही उसे किस करते करते चूत में उंगली डाल कर अन्दर बाहर रहा. कुछ ही देर में उसकी टाँगें खुल गई थीं. अब मेरी उंगली और उसकी चूत फिंगर फक का मजा ले रही थी.
वो मदभरी सिसकारियां लेती रही.
कुछ देर बाद मैंने उसको जमीन पर बैठने बोला. उससे मेरा लंड चूसने को बोला, तो वो मना करने लगी. लेकिन मैं कहां मानने वाला था.
मैंने उसको नीचे किया, तो वो हंसने लगी. मैंने उसकी कमर में चिकोटी काटी तो उसका मुँह खुल गया. मैंने उसी पल उसके मुँह में लंड डाल दिया.
उसका मन तो था, इसलिए उसने लंड को धीरे धीरे चूसना शुरू कर दिया. वो कुछ ही देर में लंड को ऐसे चूसने लगी, जैसे कोई लॉलीपॉप चूस रही हो. उसने मुझे गर्म कर दिया था. मैंने भी उसे उंगली कर करके चुदास की आग में जला दिया था.
आग दोनों ओर लगी थी. मैंने कंडोम का पैकेट निकाला और एक कंडोम निकाल कर उसे लंड पर लगाया. अब कंडोम की छतरी लगा कर मेरा लंड तैयार था. लेकिन अभी इससे पहले मुझे उसको थोड़ा और तड़पाना था.
मैंने लंड को इधर उधर घुमाया. उसके मम्मों को मसला, चूत में उंगली की, पेट पर किस किए. उसको एकदम से उत्तेजित कर दिया.
फिर उसने जब मेरा लंड पकड़ लिया और बोली- अब इधर उधर मत कर … छेद में डाल दे.
मैंने अपने लंड को सैट करके उसे चोदना शुरू किया. उसकी फांकों में लंड का सुपारा लगाया और धक्का दिया, तो लंड फिसल गया.
मैंने बहुत कोशिश की, लेकिन लंड अन्दर नहीं जा रहा था. मुझे पता नहीं था कि जो पहले कभी चुदी हुई नहीं होती है … उसे चोदने में कुछ समय लगता है.
फिर मैंने उससे लंड को पकड़ कर अन्दर लेने के लिए कहा. उसने लंड को पकड़ा और चूत के छेद में लगाया. मैंने धीरे धीरे दबाव दिया, तो अब लंड अन्दर जाने लगा. उसको दर्द होने लगा. वो तड़फने लगी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ मुझसे बाहर निकालने को कहने लगी.
लेकिन मैंने कुछ नहीं सुना. मैं उसे कस कसके चोदने लगा.
मेरा पूरा रूम चुदाई के इस रंगारंग कार्यक्रम में रम गया. फच फच की आवाज आने लगी. कुछ देर बाद वो भी मस्ती से चुदाई में मजा लेने लगी. उसकी गांड उठ उठ कर मेरे लंड से लोहा लेने लगी. बड़ी दमदार चुदाई होने लगी थी.
बीस मिनट बाद लंड का पानी कंडोम में निकल गया और उसकी चूत की सील भी टूट गई.
आधा घंटे बाद फिर से अभिसार शुरू हो गया. मैंने उसके मम्मों के बीच में भी लंड लगा कर मम्मों को चोदा, मुँह की चुदाई की और फिर गांड भी चोदा. रात भर हम दोनों का चुदाई कार्यक्रम चलता रहा.
सुबह उससे चला नहीं जा रहा था, तो मैंने उससे कहा- अभी यहीं रुक जा.
उसने मुझसे कहा- मैं नहीं रुकने वाली … तू पता नहीं क्या क्या चोद देगा.
मैंने कहा- अभी कुछ नहीं चोदूंगा, बस मम्मों को चूस लूंगा.
उसने हंस कर मुझे ग्रीन सिंग्नल दे दिया. मैं चुचे चूसने लगा.
मैंने उसे अपने साथ दो दिन तक रखा और वो भी बिल्कुल नंगी करके रखा. उसने मुझे भी कपड़े नहीं पहनने दिए. हम दोनों का जब भी मन करता, लंड उसके मुँह में डाल देता, या चूत में घुसेड़ देता.
हमारी ये मुहब्बत बड़ी लम्बी चली. बाद में कई बार उसे मैंने कई जगह ले जाकर चोदा. लेकिन अब उससे मेरा ब्रेकअप हो गया है.
अभी कुछ दिन पहले ही उसका फोन आया था और उसकी डिमांड पर मैंने उसे फिर से चोद दिया.
अब उससे बात नहीं होती है लेकिन जब भी चुदाई करनी होती, तो सीधे फकिंग की बात कर लेते हैं.
आपको मेरी ये चुदाई की कहानी कैसी लगी. मुझे मेल करके जरूर बताएं.