antarvasna, hindi sex story घर में बहुत ही खुशी का माहौल था क्योंकि मेरे भैया की सगाई हो चुकी थी और सब लोग घर में बहुत खुश थे मेरे पापा मम्मी तो हमारे पूरे मोहल्ले में मिठाई बांट रहे थे और सब को बड़े ही खुशी से कह रहे थे कि हमारे बड़े लड़के कमलेश की सगाई हो चुकी है। हमारे पूरे मोहल्ले को यह बात पता चल चुकी थी और मैं भी बहुत खुश था कमलेश भैया तो इतने ज्यादा खुश थे की उन्होंने घर में अपने दोस्तों को बुलाया था और उन्हें पार्टी भी दी, जब उन्होंने उन्हें पार्टी दी तो वह बड़े ही खुश थे उन लोगो की उस दिन छत में बैठकर पार्टी चल रही थी, मैं भी बहुत खुश था। कुछ दिनों बाद मेरी यह खुशी उतर गई जब मैंने अपनी होने वाली भाभी शोभिता को एक लड़के के साथ देख लिया लेकिन उस वक्त मुझे लगा कि शायद वह उनका कोई दोस्त होगा या फिर कोई परिचित होगा मैंने इस बारे में जानने की कोशिश की और पूरा एक दिन उनके पीछे मैं घूमता रहा।
पहले तो मैं भाभी के पीछे पीछे जाता रहा लेकिन मुझे ऐसा कुछ दिखा नहीं भाभी अपनी एक सहेली से मिली जिनका नाम रागिनी है उन्हें मैं पहले से ही जानता था, जब वह उनके घर पर गई तो मैं उनके घर के पास पान की दुकान पर खड़ा होकर उनकी जासूसी कर रहा था मैं बड़े ध्यान से गेट की तरफ देख रहा था कि कहीं वह बाहर ना निकल जाए इसलिए मेरी नजर सिर्फ गेट की तरफ ही थी और मैं बड़े ध्यान से गेट की तरफ देखे जा रहा था मैंने उनका इंतजार आधे घंटे तक किया उस आधे घंटे में मैंने अपने दोस्त से फोन पर भी बात की जैसे ही भाभी दरवाजे से बाहर निकली तो वैसे ही मैंने उन्हें देख लिया और मैं उनके पीछे पीछे चलने लगा, भाभी वहां से ऑटो लेकर निकल पड़ी वह ऑटो में बैठी हुई थी और मैं बिल्कुल उनके पीछे अपनी कार से जा रहा था मैंने देखा कि वह एक पतली सी गली में घुस रही हैं, वह जब उस ऑटो में थी तो मैं उनकी तरफ देखे जा रहा था लेकिन उन्होंने मेरी तरफ नहीं देखा, वह जिस गली में घुसी उस गली में सिर्फ एक दो के निकलने की जगह ही थी। मैं जब वहां से गुजर रहा था तो मैं आसपास देखे जा रहा था वह गली एक पार्क में जाकर मिली जब वह गली उस पार्क में जाकर मिली तो उन्होंने उस ऑटो वाले को पैसे दिए और वह उस पार्क के अंदर चली गई मैंने देखा वहां एक लड़का खड़ा है वह उससे मिल रही हैं, वह उस लड़के से बड़े अच्छे से बात कर रही थी और जिस प्रकार से वह लोग आपस में मिल रहे थे मुझे तो कुछ ठीक नहीं लग रहा था और मैंने उस दिन इस बात का पता लगा लिया कि वह लड़का कौन है।
मैंने उस दिन सब कुछ पता कर लिया और वह लड़का उनका बॉयफ्रेंड था और अब भी वह उससे प्यार करती थी, प्यार तक तो ठीक था लेकिन वह उसे छोड़ नहीं सकती थी और उसके साथ उन्होंने भागने का प्लान भी बना लिया था यदि यह बात मैं अपने भैया या फिर परिवार वालों को बता देता तो शायद वह लोग शोभिता भाभी के घर चले जाते और उनके घर पर कोई बखेड़ा खड़ा हो जाता इसीलिए मैंने किसी को भी यह बात नहीं बताई। मैंने शोभिता भाभी से इस बारे में बात करने की सोची, मैंने उन्हें फोन किया और कहा कि मुझे आप से मिलना है, वह कहने लगी कि आखिरकार तुम्हें मुझसे क्यों मिलना है? मैंने उन्हें कहा कि मुझे आपसे कुछ जरूरी बात करनी है। हम दोनों ने मिलने का फैसला किया और मैं उन्हें मिलने के लिए उनके घर के पास ही चला गया, मैं जब उनके घर के पास गया तो मैंने उनसे इस बारे में बात की कि उनका जिस लड़के से अफेयर चल रहा है वह सब खत्म कर दे नहीं तो इससे मेरे भैया और हमारे परिवार वालों को दुख पहुंचेगा लेकिन उन्होंने मेरी बात को नकार दिया और वह मुझसे कहने लगे कि मैंने अपने परिवार के दबाव में आकर तुम्हारे भैया से शादी करने का निर्णय किया था मैं तुम्हारे भैया से शादी नहीं करना चाहती।