कॉलगर्ल की जगह चुद गई उसकी चाची
दोस्तो, मैं एक कॉल बॉय हूँ, अपनी किसी दोस्त और अपनी किसी भी ग्राहक के संपर्क सूत्र बता नहीं सकता, यह मेरे उसूल के खिलाफ है।
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मैंने जब इस बारे में भैया से कहा तो भैया मुझे कहने लगे अरे मीना झूठ बोल रही है मैंने भैया से कहा भैया मीना भला क्यों झूठ बोलेगी उसे इन सब चीजों से क्या लेना देना है लेकिन मेरे भैया तो बातों को मानने को तैयार ही नहीं थे वह अपनी गलती को बिल्कुल भी स्वीकार करने को तैयार नहीं थे। मैंने भैया से कहा मैं आपको और भाभी को अपने माता पिता के समान मानता हूं लेकिन आप लोगों ने मेरे साथ इस प्रकार से किया। मैंने मीना को आपकी ही जिम्मेदारी पर यहां रखा है लेकिन आप लोग तो उससे घर का सारा काम करवाते हैं और जो पैसे मैं भेजा करता था वह पैसे आप लोग मीना को देते ही नही हैं। मुझे इस बात का बहुत ज्यादा दुख था कि मेरे भैया भाभी ने मेरे साथ ऐसा किया मेरा पूरा भरोसा उठ चुका था और मेरा मूड भी बहुत ज्यादा खराब था। मैंने मीना से कहा मुझे नहीं लगता कि अब हम लोग यहां पर रहेंगे मैंने मीना से कहा तुम मेरे साथ चलो मीना कहने लगी हम लोग अपना घर छोड़कर कहां जाएंगे। मीना मेरे साथ आने को बिल्कुल तैयार नहीं थी लेकिन भैया और भाभी ने जो हरकत मीना के साथ की थी उससे मुझे बहुत ही दुख पहुंचा था। मैंने मीना को समझाने की कोशिश की लेकिन वह कहने लगी नहीं मैं यही खुश हूं। मैं मीना के साथ 15 दिन तक घर पर रहा लेकिन मेरा मन बिल्कुल भी घर पर नहीं लगा मुझे बहुत ही ज्यादा बुरा भी लगा क्योंकि भैया और भाभी ने बहुत गलत किया था। मैं वापस आ चुका था लेकिन अभी मेरे दिमाग में सिर्फ मीना का ही खयाल था मैं उसे हर रोज फोन किया करता लेकिन नेटवर्क की समस्या की वजह से मेरी उससे ज्यादा देर तक बात नहीं हो पाती थी। मैं जब मीना से कुछ दिनों बाद दोबारा से मिलने के लिए गया तो मीना बहुत दुखी थी वह मुझे कहने लगी भाभी मुझे बहुत ज्यादा परेशान करती है और वह मुझे बहुत सताती है।
फिर शिवम ऊपर की ओर आ गया और उसने मेरी बहन की चूचियों को पकड़ कर दबाना शुरू कर दिया. कुछ देर उसकी चूचियों को दबाने के बाद वो सपना की चूचियों को पीने लगा.
अगली सुबह ताई मेरे साथ बिस्तर पर नंगी सो रही थी. मैंने उनकी चूचियों को छेड़ा तो वो जाग गयी. मेरा लंड टनटना रहा था.
मैं बहुत ज्यादा खुश था और मेरी खुशी का ठिकाना ना था लेकिन सिमरन की सगाई हो चुकी थी और उसके बाद लड़के ने उसे ठुकरा दिया था जिस वजह से सिमरन ने मेरे साथ सगाई करने से मना कर दिया। मैंने उसके माता-पिता से भी बात की थी लेकिन वह कहने लगे बेटा हम बिना सिमरन के इजाजत के कैसे किसी के साथ उसकी शादी कर दें। मैंने जब यह बात बाबू जी को बताई तो वह कहने लगे कि बेटा जरूर सिमरन से तुम्हारी शादी हो जाएगी और मैं इसी आस में था कि मेरी शादी सिमरन से हो जाए और आखिरकार सिमरन मेरी बात मान गई। जब सिमरन मेरी बात मानी तो हम दोनों की सगाई हो चुकी थी अब हम दोनों जल्दी एक दूसरे से शादी करने वाले थे और जब हम दोनों की शादी हो गई तो मुझे बहुत खुशी हुई कि मेरी शादी सिमरन से हो चुकी है। शादी की पहली रात जब सिमरन के साथ मैं कमरे में था तो मै खुश था। मैने सिमरन से बात की मेरा लंड उसे देखकर हिलोरे मार रहा था मैं चाहता था कि उसे उसी वक्त चोदू लेकिन सिमरन के भी कुछ अरमान थे मैं उन्हें जानना चाहता था और पहली रात में यादगार बनाना चाहता था। इसके लिए मैंने पूरी तैयारी कर रखी थी मैंने अपनी जेब में सरसों की तेल की शीशी रखी हुई थी। जब मैंने उसके हाथ को पकड़ना शुरू किया तो वह भी समझ गई कि अब मेरी चूत मारी जाने वाली है और इसी के साथ उसने अपने आप को मेरे आगे समर्पित कर दिया। वह बिस्तर पर लेट गई थी मैं उसके लिपस्टिक लगे होठो का रसपान करें जा रहा था। मैंने काफी देर तक उसके लिपस्टिक लगे होठों को चूसना जारी रखा जिससे कि मैं पूरी तरीके से जोश में आ चुकी थी और काफी देर तक मैंने उसके साथ किस का आनंद लिया। मैंने अब धीरे धीरे उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिए वह पूरे लाल जोड़े में थी और उसने पेंटी ब्रा भी लाल रंग की पहनी हुई थी।
hindi sex story मेरे और मेरे पति मोहन के बीच में हमारे गृहस्थ जीवन और हम दोनों के आपसी सहयोग से हमारा परिवार खुश था। हर रोज सुबह मैं अपने घर के छोटे से बगीचे में पानी डाला करती और मेरे पति मोहन अखबार पढ़ा करते थे हमारे आसपास का माहौल बड़ा ही शांत था। कुछ समय पहले हमारे पड़ोस में रहने के लिए एक नवविवाहित जोड़ा आया उन लोगों से हमारी ज्यादा बातचीत तो नहीं थी लेकिन उन्हें एक दो बार मैंने आते जाते देखा था। मेरे पति मोहन तो आस पड़ोस में किसी से भी ज्यादा बातचीत नहीं किया करते थे क्योंकि इनका स्वभाव बिल्कुल भी ऐसा नहीं है और वह काफी कम बात किया करते हैं। इसी बीच हमारे पड़ोस में रहने वाले नवविवाहित जोड़ा जो कि काफी मॉडर्न था उनके घर में सुबह से ही बड़ा शोर खराब होता रहता था जिस वजह से हमारे आसपास के सब लोग परेशान हो जाया करते थे।
उसके बाद वो मेरी ओर घूम गयी. ताई की चूत मेरी आंखों के सामने थी जिस पर बहुत बड़े बड़े बाल थे. नंगी चूत देख कर मेरा लौड़ा बेकाबू होने लगा. फिर मैं उनके बदन पर साबुन मलने लगा. उनकी चूचियों पर, उनके पेट पर साबुन लगाने के बाद मैं उनकी चूत के आसपास साबुन लगाने लगा.
नौकरानी की चुदाई की कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरे घर वालों ने एक आंटी को काम पर रखा. लेकिन मैंने उसे ही सेट कर लिया. अन्तर्वासना आंटी सेक्स स्टोरी का मजा लें.
मैंने एक बात नोटिस की है। जब एक औरत किसी दूसरी औरत के पति के साथ सेक्स करने जाती है, तो वो सारा ध्यान अपनी लुक्स पर देती है। कपड़े अच्छे हों, मेकअप अच्छा हो, अंडरगार्मेंट्स अच्छे हों, हेअर स्टाइल अच्छा हो।
पास जाकर मैंने उनको उठाया और उनको सारी बात बताई. मैंने उनसे कहा कि जल्दी से चुदाई शुरू कर दो.
मैंने ओके कहा और अपने काम में जुट गया. मैं मेरा लंड उनकी चूत के ऊपर रगड़ रहा था. मुझे बहुत मजा आ रहा था. मुझसे रहा न गया, मैंने चाची की ब्रा और पैंटी भी निकाल फेंकी. मैं अपना लंड उनकी चूत की फांकों में घिसते हुए उनके दूध चूस रहा था. चाची भी आनन्द के मारे सिसकारियां भर रही थी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
antarvasna, kamukta मैं जब 5 वर्षों बाद अपने दोस्त संतोष से मिला तो उसकी स्थिति पूरी तरीके से बदल चुकी थी, अब वह पहले वाला संतोष नहीं था उसके पास एक बड़ी सी गाड़ी थी और उसका एक बड़ा सा बंगला था, मेरे तो समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर कार संतोष के हाथ इतने पैसे कहां से लग गए। उसने जब मुझे अपने घर पर इनवाइट किया तो मैं अपनी पत्नी के साथ उसके घर पर गया, मैं जब अपनी पत्नी के साथ उसके घर पर गया तो मेरी पत्नी मेरे कान में कहने लगी कि आपके दोस्तों बहुत ही रईस है, मैंने उससे उस वक्त कुछ भी नहीं कहा और उससे कहा कि हम लोग इस बारे में बाद में बात करेंगे। जब मैंने संतोष से इस बारे में पूछा तो संतोष कहने लगा बस यह सब मेरी पत्नी रोशनी की वजह से ही संभव हो पाया है उसने मेरा बहुत साथ दिया है इसीलिए तो आज मैं इस मुकाम पर खड़ा हूं लेकिन मुझे उसकी तरक्की से खुशी नहीं थी क्योंकि वह हमारे क्लास में सबसे नालायक किस्म का लड़का था परन्तु जब उसकी इस सफलता को मैंने देखा तो मैं सिर्फ उसे देख ही सकता था मेरे पास तो एक सरकारी नौकरी थी जिसमें कि मुझे हर महीने एक फिक्स तनख्वाह मिल जाया करती जिससे कि मैं अपना घर चलाता था लेकिन मुझे संतोष को देखकर बहुत अजीब सा लग रहा था।
मेरा नाम मोंटू है. फेसबुक पर सब मुझे आशीष के नाम से भी जानते हैं. मेरी उम्र 19 साल की है. यह मेरी पहली गांड की चुदाई सेक्स स्टोरी है, जो मैं आज आप सभी के साथ साझा कर रहा हूँ.
दोस्तों आज मैं आप लोगों को एक ऐसी कहनी बताने जा रहा हूँ कि आप लोग हस हस के पागल हो जाओगे | उससे पहले मैं आप लोग को अपना परिचय दे देता हूँ उसके बाद मैं आप लोगों को उस कहानी के बारे में बताऊंगा | दोस्तों मेरा नाम अंकित ठाकुर है मैं जबलपुर का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 22 साल है और मैं भी पढाई कर रहा हूँ और जॉब भी करता हूँ |
एनकाउंटर वित सिस: फर्स्ट फक ये कहानी मेरी और मेरी चाची की लड़की स्वीटी के बारे मे है. चाचा की 3 साल पहले ही डेत हुई है तो. हम ही उनका घर चलाते है. स्वीटी दिखने मे फेर है. उसके लंबे घने बाल कमर तक आते है. उसका फिगर 36 30 37 है. अभी वो 23 ईयर्स की है. और मैं 24. मैं एवरेज गाइ हू. 7इंच लंबा लंड. फेर. इतना स्टोरी के लिए काफ़ी है. ये बात पिछले गर्मियो की है. मे2014 हम सब स्वीटी के घर हॉलिडेज़ के लिए गये. घर मे जाते ही उसने मुझे गले लगाया. वैसे तो हम हमेशा वॉट’स अप और एसएमएस पे चॅट करते थे पर सामने मिलने से हम काफ़ी एग्ज़ाइटेड थे. पहले दिन रात को मैं अकेला ही छत पे सोया था. और सब नीचे कमरे मे सोए थे.
जल्द ही मैंने अपनी चैन खोल कर उसके एक हाथ में अपना लंड पकड़ा दिया. वो भी लंड को सहलाने लगी. फिर मैंने उसकी नाइटी उतारी तो उसने भी मुझे नंगा कर दिया और जमीन पर बैठ कर मेरा लंड चूसने लगी.
फिर लवली ने अपने सारे कपड़े उतार दिये और पापा के लंड को मुंह में भर लिया. इतने में मैं भी पास में पहुंच गया. पापा ने अपने चेहरे को नीचे कर लिया.
मेरा नाम राहत खान है और दिल्ली की रहने वाली हूँ। जो कहानी में आप को सुनाने जा रही हूँ वो एक सच्ची कहानी है और मैं अपना रियल एक्सपीरियंस आप लोगों के साथ शेयर कर रही हूँ।
मैंने भी फिर ज्यादा देर रुकना उचित नहीं समझा और मैं वहां से चुपचाप चला गया लेकिन मैं अपने भैया और अपने परिवार का सर नीचा होते हुए नहीं देख सकता था इसलिए मैंने इसके लिए कुछ करने की सोची परंतु मेरे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं कैसे शोभिता भाभी को समझाऊं, यह काम सिर्फ मुझे ही करना था और इस काम के लिए मैंने अपने एक दोस्त की मदद ली, वह बड़ा ही शातिर और तेज दिमाग का है उसने मेरी बहुत मदद की और कहा कि तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो मैं सब कुछ ठीक कर दूंगा क्योंकि मैंने उसे सब कुछ बता दिया था और उसने मुझे पूरा आश्वासन दिया कि वह सब कुछ ठीक कर देगा, मुझे उस पर पूरा भरोसा भी था कि वह मेरे परिवार का सर नीचा नहीं होने देगा। उसने मुझे शोभिता भाभी की नंगी तस्वीर दिलवा दी जैसे ही मेरे पास शोभिता भाभी की नंगी तस्वीर आई तो उनका चिकना शरीर देखकर मैं उन्हें चोदने की लालसा अपने मन में पाल बेठा लेकिन मेरे आगे दुविधा थी कि वह मेरी होने वाली भाभी थी मै उनके साथ ऐसा नहीं कर सकता था परंतु जब भी मै उनकी नंगी तस्वीर को देखता तो मेरे अंदर उन्हे लेकर एक अलग ही भावना पैदा हो जाती और मैं उनकी किसी भी हाल में चत मारना चाहता था। मैंने भी यह पूरी तरीके से ठान लिया था कि उनके साथ मुझे सेक्स करना ही है। एक दिन अपने मन में मै लालसा लिए उनसे मिलने की सोची जब मैं उनसे मिलने के लिए पहुंचा तो वह बड़े ही नखरे दिखा रही थी। मैंने उनसे प्यार से बात करने की कोशिश की तो उनका रवैया उस दिन बिल्कुल अलग था। वह मुझे कहने लगी देखो अंकित अब तुम यह सब बात छोड़ दो मैं तुम्हारे भैया से किसी भी हाल में शादी नहीं करना चाहती।
दोस्त की शादी में मेरी मुलाक़ात उसकी तलाकशुदा बुआ से हुई. हम पहले से ही एक दूसरे को जानते थे. किसी काम से बुआ मेरे शहर में आयी तो मेरे पास ही रुकी.
गुंजन मुझे कहने लगी मैं समझ सकती हूं कि तुम मुझसे कितना प्रेम करते हो लेकिन मैं अपने घर वालों के खिलाफ जाकर कोई भी कदम नहीं उठा सकती, मैंने गुंजन से कहा तुम इस बारे में एक बार अपने दिल से सोच कर देखना, गुंजन ने भी कहा ठीक है मैं इस बारे में सोचूंगी। मैं भी उसके पीछे हमेशा जाया करता था धीरे-धीरे गुंजन का नजरिया मेरे लिए बदलने लगा और हम दोनों एक दूसरे के नजदीक आते चले गए लेकिन अभी हमारे बीच में ऐसा कुछ भी नहीं था हम लोग सिर्फ एक अच्छे दोस्त थे। हम दोनों साथ में ही कॉलेज से घर जाया करते थे। मैं एक दिन गुंजन के गांव में ही उतर गया और उसके साथ साथ पैदल चलने लगा रोड से उसके गांव की दूरी 2 किलोमीटर थी। हम दोनों पैदल ही चल रहे थे मैंने गुंजन के हाथ को पकड़ लिया। मैंने जब उसके होठों को चूमा तो मुझे ऐसा लगा जैसे कि मैं जन्नत में चला गया मैंने पहली बार किसी लड़की को किस किया था। उस दिन हम दोनों के बीच जैसे सेक्स को लेकर एक एग्रीमेंट हो चुका था मैंने अपनी सेक्स की पहली नीव रख दी थी। उस दिन मैं सिर्फ गुंजन के साथ स्मूच कर पाया लेकिन उसके बाद तो हम दोनों के बीच यह अक्सर होने लगा। मेरा उसे चोदने का मन होने लगा था एक दिन मैं उसके गांव के पास ही उतर गया हम दोनों साथ में उतरे। मैंने उसे कहा आज मुझे तुम्हें चोदना है वह मुझे कहने लगे यह संभव नहीं है मैं जिससे शादी करूंगी उसी के साथ में सेक्स करूंगी। मैंने उसके स्तनों और उसके होठों को चूमना शुरू कर दिया।