फिर लवली ने अपने सारे कपड़े उतार दिये और पापा के लंड को मुंह में भर लिया. इतने में मैं भी पास में पहुंच गया. पापा ने अपने चेहरे को नीचे कर लिया.
मैं बोला- कोई बात नहीं पापा. अगर आप ऐसा ही करना चाहते हो तो फिर मेरी भी एक बात सुन लो. मुझे पत्नी के बदले में पत्नी ही चाहिए.
पापा ने मेरी बात का कोई जवाब नहीं दिया.
मैं बोला- आपको शरमाने की जरूरत नहीं है. इच्छा से किया गया कोई काम अपराध नहीं माना जाता है.
इतने में मैंने भी अपने टॉवल को उतार फेंका और बेड पर जाकर अपनी चालू बीवी की चूत को चाटने लगा. लवली पापा के लंड को चूसने में लगी हुई थी. पापा मेरे होने से खुल कर कुछ नहीं कर रहे थे अभी.
मैं लवली की चूत को चाट रहा था और पापा से मैंने कहा कि आप चूचियों को दबाने वाला काम करिए. पापा लवली की चूचियों को चूसने लगे. इधर मैं चूत को चाटने में लगा हुआ था.
लवली दो मर्दों के साथ चुदाई का मजा ले रही थी.
मैंने पापा को कहा- लंड को अपनी बहू की चूत में डाल दो पापा.
फिर पापा ने अपने लंड को चूत में डाल दिया. मैं चूचियों को मसलने लगा.
मेरे पापा मेरी ही आंखों के सामने मेरी पत्नी की चुदाई करने लगे. कुछ ही देर में पापा ने लवली की चूत को चोद चोद कर लाल कर दिया.
लवली मस्ती में चुदते हुए बोली- आह्ह पापा . और तेजी से चोदो. आह्ह पापा, मेरी चूत में आपका लंड पूरा जाना चाहिए. चोदो ससुर जी, अपनी बहू को जोर से चोदो . आह्ह . और तेज पापा. आज के दिन को यादगार बना दो.
अब मेरा लंड भी अपनी सहनशक्ति से बाहर जा रहा था. मैंने अपने लंड को लवली के मुंह में दे दिया और उसके मुंह को चोदने लगा. इतने में ही पापा का पानी निकल गया.
पापा के हटने के बाद मैंने अपना लंड अपनी बीवी की चूत में डाल दिया और उसकी चूचियों को पकड़ कर मसलते हुए उसकी चूत को चोदने लगा. फिर लवली ने पापा को भी अपनी चूचियों के पास खींच लिया.
इतनी छोटी सी उम्र में मेरी बीवी पूरी चुदक्कड़ बन गयी थी. चुदाई के मैदान में वह किसी भी रिश्ते को आराम से अपने बस में कर लेती थी. जैसे उसके पास कोई जादू की छड़ी हो. मुझे भी यकीन नहीं हो रहा था उसकी क्षमता के बारे में. उसके पास जो भी ज्ञान था वो सब इन सेक्स कहानियों की ही देन था.
वो कहती है कि दुनिया के सारे इंसान एक ही रास्ते पर चलते हैं. फिर उनके पीछे आने वाले भी डर की वजह से उसी रास्ते पर चले आते हैं और उसी को धर्म से जोड़ देते हैं. मगर जब कोई इन्सान सेक्स वीडियो देखता है तो अधिकतर लोग फैमिली सेक्स की कहानी, मां-बेटी की कहानियां सर्च करते हैं.
लोगों के दिमाग में समाज रूपी भय के कारण वह ये सब नहीं कर पाते हैं जैसा कि कहानियों में लिखा होता है, भले ही उनका कितना भी मन करे. फिर अगर कुछ लोग कर भी लेते हैं तो उसको खुल कर सबके सामने नहीं ला पाते हैं और इनमें से कई लोग ओपन हो भी जाते हैं. अगर प्रयास किया जाये तो 40 प्रतिशत लोग घर में ही चुदाई का पूरा मजा ले सकते हैं और अपने ही रिश्तों में सुख को प्राप्त कर सकते हैं.
लवली, मैं और पापा, हम तीनों भी रात भर आपस में चुदाई का मजा लेते रहे.
उसके अगले दिन पापा मेरे सामने ही मेरी बीवी को गोद में उठा कर अपने रूम में ले गये. ये देख कर मेरा लंड भी खड़ा हो गया. मैं भी उनके पीछे चला गया. फिर हम दोनों ने मिल कर लवली की चुदाई की. रात में फिर खाना खाने के बाद भी हम तीनों ने एक साथ ही मिल कर चुदाई का मजा लिया और फिर सो गये.
फिर जब मैं सुबह उठा तो देखा कि पापा लवली को चोद रहे थे.
मैं बोला- आज मां भी आने वाली है. उनके आने के बाद कैसे करना है फिर?
पापा बोले- करना क्या है, लवली ने प्लान बनाया हुआ है. सब काम उसी के प्लान से होगा.
दिन भर में पापा लवली को तीन बार चोद चुके थे. उनकी क्षमता से मैं बहुत ही प्रभावित हुआ। मैं भी दो बार लवली को चोद चुका था. दो दिन से लवली की हालत बहुत खराब थी. मुझे ये देखकर बहुत मजा आ रहा था. उसको ब्रा और पैंटी के अलावा कुछ और पहनने का मौका नहीं मिल पा रहा था.
लवली काफी थक चुकी थी. इसलिए शाम को पापा ने ही खाना बनाया.
उसके बाद फिर मां भी आ गयी. जब मां आयी तो हम तीनों नॉर्मल ही बर्ताव कर रहे थे जैसे हमारे बीच में कुछ हुआ ही न हो.
आने के बाद मम्मी नहा कर सो गयी.
लवली बोली- देखो, हम तीनों को मिल कर एक काम करना होगा. जब मम्मी घर में होंगी तो पहले तो आशीष और मैं चुदाई करेंगे ताकि मम्मी हम दोनों की चुदाई को देख सके. फिर पापा को भी मां के साथ यही करना पड़ेगा. अगर इस प्लान से कुछ नहीं हुआ तो फिर दूसरे प्लान से काम करेंगे.
मम्मी जाग चुकी थी. मैं और लवली दोनों ही पीछे वाले कमरे में चले गये और नंगे होकर एक दूसरे को चूमने चाटने लगे. मैं लवली की चूत को चाटने लगा.
उसी वक्त मम्मी अंदर कमरे में चली आई. तभी लवली आवाज निकालने लगी. मैं उसकी चूत को चाट रहा था और वो जोर जोर से सिसकारियां ले रही थी. मां ये सब देख कर चौंक गयी और एक तरफ हो गयी. मम्मी कुछ पल रुकी और फिर वापस चली गयी. मगर वो जितनी देर भी रही वो सब कुछ ध्यान से देख रही थी.
फिर दूसरे दिन भी हम लोगों ने ऐसे ही किया. जब मम्मी नीचे काम कर रही थी तो हम दोनों पीछे वाले कमरे में गये और नंगे होकर एक दूसरे को चूमते हुए आवाजें करने लगे. मम्मी उस दिन भी चुपके से हम दोनों को देख कर चली गयी.
तीसरे दिन फिर लवली ने पापा से कहा- पापा, आज आप कैसे भी करके मम्मी की चूत चोद देना. आप उनको शाम को ही चोदना और चुदाई शुरू करने से पहले मेरे पास भी कॉल कर लेना.
हम लोगों के प्लान के मुताबिक शाम को पापा आज मम्मी की चुदाई करने के लिए तैयार हो गये थे. पापा ने मां को भी उनकी चूत मरवाने के लिए तैयार कर लिया था.
अब इंतजार था उन दोनों की चुदाई शुरू होने का. मम्मी की आज की चुदाई पर ही आगे के प्लान की कामयाबी टिकी हुई थी. इसलिए मां और पापा की चुदाई की ये शाम हम लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण थी.
नोनवेज़ सेक्स स्टोरी अगले भाग में जारी रहेगी.
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