hindi sex story मेरे और मेरे पति मोहन के बीच में हमारे गृहस्थ जीवन और हम दोनों के आपसी सहयोग से हमारा परिवार खुश था। हर रोज सुबह मैं अपने घर के छोटे से बगीचे में पानी डाला करती और मेरे पति मोहन अखबार पढ़ा करते थे हमारे आसपास का माहौल बड़ा ही शांत था। कुछ समय पहले हमारे पड़ोस में रहने के लिए एक नवविवाहित जोड़ा आया उन लोगों से हमारी ज्यादा बातचीत तो नहीं थी लेकिन उन्हें एक दो बार मैंने आते जाते देखा था। मेरे पति मोहन तो आस पड़ोस में किसी से भी ज्यादा बातचीत नहीं किया करते थे क्योंकि इनका स्वभाव बिल्कुल भी ऐसा नहीं है और वह काफी कम बात किया करते हैं। इसी बीच हमारे पड़ोस में रहने वाले नवविवाहित जोड़ा जो कि काफी मॉडर्न था उनके घर में सुबह से ही बड़ा शोर खराब होता रहता था जिस वजह से हमारे आसपास के सब लोग परेशान हो जाया करते थे।
मैं काफी दिन तक तो यह सब सुनती रही लेकिन एक दिन जब मैं उनके घर पर गई तो मैंने उनकी घर की डोर बेल बजाई जब दरवाजा खुला तो सामने से एक लड़की आई वह मुझे कहने लगी हां दीदी कहिये। मैंने उन्हें कहा मेरा नाम अंकिता है मैं यही पड़ोस में रहती हूं तो वह कहने लगी कि हां दीदी मैंने आपको कई बार देखा है आइए ना आप अंदर बैठिये। मैं उनके घर के अंदर चली गई और मैं सलूजा से बात करने लगी सलूजा मुझे कहने लगी दीदी आप चाय लेंगे क्या मैंने उन्हें कहा नहीं चाय रहने दीजिए। मैं सलूजा से बात कर ही रही थी कि तभी उसके पति बाथरूम से बाहर निकले उन्होंने सलूजा से कहा सलूजा मेरे लिए नाश्ता लगा देना मुझे ऑफिस निकलना है। सलूजा मुझे कहने लगी दीदी बस अभी आई आप 10 मिनट बैठिये सलूजा रसोई में चली गई और उसने अपने पति के लिए नाश्ता लगाया उसके बाद उसके पति भी ऑफिस चले गए। सलूजा के पति का नाम रजत है मैंने सलूजा से कहा की सलूजा देखो हमें तुम लोगों के यहां रहने से कोई परेशानी नहीं है लेकिन सुबह के वक्त जो तुम्हारे घर से शोर शराबे की आवाज आती है उससे सब लोग काफी परेशान हो जाया करते हैं।
सलूजा ने मुझे मुस्कुराते हुए जवाब दिया और कहा दीदी दरअसल मैं एक डांस एकेडमी चलाती हूं और उसके लिए मैं हर सुबह अपने घर पर प्रैक्टिस करती हूं हो सकता है कि आप लोगों को उसकी वजह से परेशानी होती हो इसलिए मैं कल से ऐसा नहीं करूंगी। सलूजा बड़ी ही समझदार और अच्छी महिला हैं मैंने सलूजा से कहा तो वह एक बार में ही समझ गई और मुझे कहने लगी दीदी आप कुछ लेंगे। मैंने सलूजा से कहा नहीं अभी तो मैं तुमसे चलती हूँ फिर कभी तुमसे मुलाकात करूंगी यह कहते हुए मैं अपने घर चली आई। मैं जब अपने घर आई तो घर की साफ-सफाई का काम मैंने अधूरा ही छोड़ दिया था तो मैं घर की साफ सफाई का काम करने लगी। काफी दिनों से मेरे दो तीन गमले टूटे हुए थे तो मैं सोचने लगी कि मैं गमले ले आती हूं उस दिन मैं अपनी स्कूटी से गमले लेने के लिए चली गई। हमारे घर से कुछ दूरी पर ही एक गमले वाला रहता है उसके पास से मैं हमेशा ही गमले लेते रहती हूं मैंने उससे कहा कि भैया गमले कितने के है तो वह कहने लगा मैम साहब सौ का एक गमला मिलेगा। मैंने उसे कहा पिछली बार तो मैं तुम से अस्सी रुपए में ले गई थी अभी तुमने बीस रुपये बढ़ा दिए यह तो बिल्कुल भी ठीक नहीं है। वह गमले वाला मेरी तरफ देख कर कहने लगा मेम साहब अब महंगाई भी तो हो गई है और इतनी कड़कती हुई धूप में भी तो मैं खड़ा रहता हूं कम से कम आप उसका तो लिहाज कीजिए। मुझे भी गमले वाले को देखकर दया आई और मैंने उसे कहा ठीक है तुम मुझे दो गमले देदो मैंने दो गमले उससे ले लिए उसने मेरी स्कूटी के आगे पर वह गमले रखे और मैं उन्हें लेकर घर चली आई। मैंने देखा कि दो बजने वाले थे और मेरे बच्चों की भी छुट्टी होने वाली थी वह लोग भी स्कूल से आने ही वाले थे तो मैंने उन लोगों के लिए दोपहर का खाना तैयार कर दिया और उसके बाद वह लोग भी आ गए। अब मैं खाना बना चुकी थी तो मैंने अपने बच्चों को खाना खिलाया और उसके बाद वह कुछ देर के लिए सो गए शाम के 5:00 बजे ही वह लोग खेलने के लिए चले गए।
मैं घर पर ही थी तभी हमारे पड़ोस में रहने वाली भाभी हमारे घर पर आ गई वह मुझसे कहने लगी अंकिता तुम तो काफी दिनों से हमारे घर पर नहीं आई हो। मैंने भाभी से कहा हां भाभी दरअसल आजकल समय ही नहीं मिल पाता है इसलिए मैं कहीं भी नहीं जा पाती हूं वह कहने लगी कम से कम तुम हमारे घर पर तो आ ही सकती हो। मैंने उन्हें कहा मैं सोच तो रही थी कि आप से मिलने आऊं लेकिन समय ही नहीं मिल पाता है। वह मुझसे इधर-उधर की बातें करने लगी तभी उन्होंने मुझसे सलूजा की बात की वह कहने लगी की सलूजा तो बड़े मॉडर्न ख्यालातों की है और वह कपड़े भी बड़े मॉडर्न पहनती है कुछ दिनों से उसके घर से सुबह बड़ी तेज आवाज आ रही है। मैंने भाभी को बताया और कहा हां भाभी मुझे भी इस बात से परेशानी रहती थी तो मैंने एक दिन सलूजा से इस बारे में बात की थी उसने मुझे कहा की अब आगे से ऐसा नहीं होगा। मैंने जब भाभी को बताया कि वह अपना डांस एकेडमी चलाती है तो भाभी कहने लगे अच्छा वह डांस अकैडमी चलाती है। उन्हें जैसे यह बात सुनकर कोई सा तमाचा लगा हो वह इस बात से काफी चौक गयी और कहने लगी कि अभी मैं चलती हूं मैं तुमसे मिलने के लिए आऊंगी। भाभी चली गई थी और मेरा बेटा मेरे पास आया और कहने लगा मम्मी मुझे डांस सीखना है मेरे बेटे की उम्र यही कोई 10 वर्ष के आसपास है मैंने उसे कहा ठीक है मैं तुम्हारे पापा से इस बारे में बात करूंगी।