नकली लंड से तोड़ी चूत की सील
मेरा नाम राहत खान है और दिल्ली की रहने वाली हूँ। जो कहानी में आप को सुनाने जा रही हूँ वो एक सच्ची कहानी है और मैं अपना रियल एक्सपीरियंस आप लोगों के साथ शेयर कर रही हूँ।
मेरा नाम राहत खान है और दिल्ली की रहने वाली हूँ। जो कहानी में आप को सुनाने जा रही हूँ वो एक सच्ची कहानी है और मैं अपना रियल एक्सपीरियंस आप लोगों के साथ शेयर कर रही हूँ।
नमस्कार दोस्तो, मैं आपको अपनी एक कहानी बताने जा रही हूं. मुझे ये कहानी बताने में थोड़ा अजीब लग रहा है लेकिन ये मेरी अपनी कहानी है इसलिए मैं आपको बता रही हूं.
मेरा नाम नेहा है. मैं अपनी सहेली के पति से अपनी चुदाई की कहानी आपको बताने जा रही हूँ. मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी कहानी पसंद आएगी.
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम राज है. मैं गुजरात में भावनगर से हूँ. हालांकि अब मैं सूरत में रहता हूँ.
अपनी सेक्सी चाची को बेड पर लिटाकर मैं टूट पड़ा उन पर … मेरून रंग की ब्रा और पेंटी मेरे बोलने पर ही उन्होंने उसी दिन खरीदकर पहनी थी।
kamukta, hindi sex stories मैं अपने मामा के घर चंडीगढ़ कुछ दिनों के लिए चला गया जब मैं चंडीगढ़ गया तो वहां पर मुझे बड़ा अजीब सा लग रहा था क्योंकि मेरे मामा का लड़का भी अब विदेश में नौकरी करने के लिए जा चुका था और मैं घर में अकेला ही था लेकिन मेरी मम्मी के कहने पर मुझे चंडीगढ़ मेरे मामा के पास जाना पड़ा, मेरे मामा घर में अकेले ही रहते हैं मेरी मामी का देहांत काफी समय पहले हो चुका है। मेरी मम्मी ने मुझे कहा रवीश तुम कुछ दिनों के लिए मामा के पास हो आओ वह घर में अकेले ही हैं उन्हें तुम मिल भी लेना इसलिए मैं चंडीगढ़ आ गया लेकिन चंडीगढ़ में मैं किसी को भी नहीं जानता था इस वजह से मैं अकेले बहुत बोर होने लगा। एक दिन मैं छत पर चला गया और वहीं टहलने लगा तभी सामने की छत पर एक बड़ा ही मॉडर्न सा लड़का आया उसकी उम्र भी मेरे जितने ही थी लेकिन उसने जिस प्रकार का फैशन किया था उससे वह बड़ा ही अलग किस्म का लग रहा था वह मुझे कहने लगा ड्यूट क्या तुम यहां नये आए हो? मैंने उसे कहा मैं अपने मामा के पास आया हूं। वह कहने लगा क्या यह तुम्हारे मामा है? मैंने उसे कहा हां यह मेरे मामा है। उसने मुझसे हाथ मिलाया, वह मुझसे पूछने लगा क्या तुम सिगरेट पीते हो? मैंने उसे कहा नहीं मैं सिगरेट नहीं पीता। उसने कहा लेकिन मैं तो सिगरेट पीता हूं उसने वही मेरे सामने सिगरेट पीनी शुरू कर दी,
नमस्कार, मेरा नाम सुनीता है. मैं एक हाउसवाइफ हूँ लेकिन दिखने में बहुत सेक्सी हूँ. मैं अपने घर का सारा काम करती हूँ. और जो गुण एक संस्कारी बहू में होनी चाहिए वो सारे गुण मेरे अन्दर हैं.
उस शाम मुस्कान को शाम को एक पार्टी में जाना था. इसलिए वो पार्लर गयी थी. मैं और शिशिर हम दोनों लोग खुश थे कि मेरी सहेली शाम को पार्टी में जाएगी और मैं मेरे पति के सोने के बाद अपनी सहेली के पति से सेक्स करूंगी.
उस दिन क्लास शुरू होते ही प्रिया मेरे पास आई और उसने अपनी नोटबुक में एक सवाल लिखा हुआ था. सवाल समझाते हुए मैंने देखा कि उसने किताब में एक पर्ची मेरे पास छोड़ दी थी.
मैंने उससे कहा- सौम्या . ये तुम्हारे साथ अच्छा नहीं हुआ.
मेरी बीवी दस मिनट तक मेरे ऊपर ही पड़ी रही. फिर उठकर उसने से मेरे बाल पकड़ लिये और मेरे होंठ अपने होंठों में लेकर बेताहाशा चूसने लगी.
फ्रेंड्स, मेरा नाम विशाल है। मैं बी.टेक. फाइनल ईयर में हूँ। यह कहानी मेरी और मेरी बहन की है। मैं अपनी बहन को काफी दिनों से चोद रहा हूँ। इसके बारे में मैं आपको अगली कहानियों में बताऊंगा कि हम दोनों के बीच सेक्स और चुदाई की शुरूआत कैसे हुई। जब से बहन के साथ सेक्स करना शुरू किया था उसके बाद से ही बात अब काफी बढ़ चुकी थी. अब तो लगभग रोज ही चुदाई होती है। मेरी बहन भी मुझे काफी पसंद करती है. बिना चुदे उससे रहा नहीं जाता।
माँ ने बिस्तर लगाया और मच्छरदानी लगा दी, ताकि हमें मच्छर ना काटें.
मैं कुछ दिनों पहले गुंजन से एक मॉल में मिला लेकिन उसने अपनी नजरें मुझसे बिल्कुल नहीं मिलाई वह नजर झुकाते हुए वहां से चली गई, गुंजन शायद अपने पति के साथ थी लेकिन उसने मेरी तरफ एक बार भी नहीं देखा मुझे ऐसा लगा कि जैसे गुंजन को अपनी गलती का कोई एहसास ही नहीं है परंतु मेरी भी अब शादी हो चुकी है और मुझे भी अब गुंजन से उतना ज्यादा फर्क नहीं पड़ता लेकिन जब भी मैं उसके बारे में सोचता हूं तो मुझे अपने पुराने दिन याद आ जाते हैं जब मैं उसे गांव में मिला था।
मैंने उसकी पैंटी को उसकी चूत से अलग कर दिया. भाभी की चूत एकदम चिकनी और बला की खूबसूरत थी. चूत पर एक भी बाल नहीं था. भाभी की गोरी-गोरी जाँघों में उसकी चूत फड़क रही थी.
उसके बाद वो मेरी ओर घूम गयी. ताई की चूत मेरी आंखों के सामने थी जिस पर बहुत बड़े बड़े बाल थे. नंगी चूत देख कर मेरा लौड़ा बेकाबू होने लगा. फिर मैं उनके बदन पर साबुन मलने लगा. उनकी चूचियों पर, उनके पेट पर साबुन लगाने के बाद मैं उनकी चूत के आसपास साबुन लगाने लगा.
antarvasna, hindi sex story घर में बहुत ही खुशी का माहौल था क्योंकि मेरे भैया की सगाई हो चुकी थी और सब लोग घर में बहुत खुश थे मेरे पापा मम्मी तो हमारे पूरे मोहल्ले में मिठाई बांट रहे थे और सब को बड़े ही खुशी से कह रहे थे कि हमारे बड़े लड़के कमलेश की सगाई हो चुकी है। हमारे पूरे मोहल्ले को यह बात पता चल चुकी थी और मैं भी बहुत खुश था कमलेश भैया तो इतने ज्यादा खुश थे की उन्होंने घर में अपने दोस्तों को बुलाया था और उन्हें पार्टी भी दी, जब उन्होंने उन्हें पार्टी दी तो वह बड़े ही खुश थे उन लोगो की उस दिन छत में बैठकर पार्टी चल रही थी, मैं भी बहुत खुश था। कुछ दिनों बाद मेरी यह खुशी उतर गई जब मैंने अपनी होने वाली भाभी शोभिता को एक लड़के के साथ देख लिया लेकिन उस वक्त मुझे लगा कि शायद वह उनका कोई दोस्त होगा या फिर कोई परिचित होगा मैंने इस बारे में जानने की कोशिश की और पूरा एक दिन उनके पीछे मैं घूमता रहा।
पापा ने मम्मी को राजी कर लिया और हमारे पास कॉल कर दिया. 5 मिनट बाद मैं घर पहुंचा. उनके रूम में मैं सीधे पहुंच गया. मम्मी हमारी वाली पोज की तरह ही पापा के ऊपर बैठ कर चूत चटवा रही थी.
नमस्कार दोस्तो … मेरा नाम प्रकाश है. मैं 30 साल का हूँ. मैं मुंबई के पास कल्याण जिले में रहता हूँ. अभी फिलहाल एक प्राइवेट कंपनी में जॉब कर रहा हूँ. मैं आज तक बहुत सी लड़कियों के साथ सेक्स कर चुका हूँ. मुझे सेक्स करना अच्छा लगता है. मुझे अलग अलग उम्र की … और अलग अलग फिगर वाली लेडीज से सेक्स करना अच्छा लगता है.
इसके लिए मैंने मोहन से मिलने की बात कही तो रूपा तैयार हो गई और मैंने मोहन से कहा देखो मोहन मुझे तुमसे कोई भी परेशानी नहीं है लेकिन मैं चाहता हूं कि रूपा पहले अपनी जिंदगी में कुछ कर ले वह अपने पैरों पर खड़ी हो जाए उसके बाद तुम दोनों शादी कर लो मुझे तुम्हारे रिश्ते से कोई आपत्ति नहीं है। मोहन कहने लगा बाबूजी रूपा आपको बहुत ज्यादा मानती है और आपका बहुत सम्मान करती है इसलिए पहले वह कुछ कर ले उसके बाद हम लोग अपने रिश्ते के बारे में सोचेंगे। यह कहते हुए मोहन घर से चला गया जब मोहन चला गया तो उसके बाद रूपा मुझे कहने लगी बाबू जी आप मुझसे कितना प्यार करते हैं मैंने सब सुन लिया था। वह मेंरे गले लग कर के कहने लगी मैं आपको छोड़कर कभी नहीं जाऊंगी मेरी आंखों में आंसू आ चुके थे और मुझे इस बात का अंदाजा लग चुका था कि वह दोनों एक दूसरे से कितना प्यार करते हैं। मैं भी उन दोनों के रिश्ते के बीच में नहीं आना चाहता था रूपा भी पूरी मेहनत करने लगी और उसकी बीएड की पढ़ाई पूरी हो चुकी थी उसके बाद उसका सिलेक्शन एक अच्छे स्कूल में हो गया। रूपा इस बात से बहुत खुश थी और कुछ ही समय बाद मैंने मोहन के साथ रूपा की शादी कर दी मुझे कभी अकेलापन सा महसूस होता था लेकिन रूपा को तो जान ही था। मैं दिन रात सिर्फ इसी चिंता में लगा रहता की जब रूपा की शादी हो जाएगी तो उसके बाद मैं कैसे अपना जीवन अकेले व्यतीत करूगा शायद मेरी किस्मत में हमारे पड़ोस में रहने वाली कल्पना भाभी थी। वह मुझे तिरछी निगाहों से देखती रहती थी एक दिन मैंने उन्हें अपने पास बुलाया तो हम दोनो ने काफी देर तक बात की उनके पति का देहांत हो चुका था वह भी अकेलेपन से जूझ रही थी। मैं उनकी पीड़ा को समझ सकता था वह मेरी पीड़ा को समझ सकती थी हम दोनों एक दूसरे से जब भी बात करते तो बहुत अच्छा लगता।
मैंने देखा, तो आंधी की वजह से लाइट चली गई थी. रूम में अंधेरा हो गया था. बस बिज़ली की चमक ही अन्दर आ रही थी, जिससे कभी कभी थोड़ी रोशनी हो जाती थी.
मैं एक दिन विजय को फोन करता हूं विजय मेरे साथ पुणे में पढ़ाई करता था लेकिन अब हम दोनों की पढ़ाई पूरी हो चुकी है। मैंने तो पुणे में ही अपनी नौकरी ज्वाइन कर ली है लेकिन विजय अब चंडीगढ़ चला गया है जब मैंने विजय को फोन किया तो पहले किसी ने फोन नहीं उठाया लेकिन जब मैंने दूसरी बार कॉल किया तो सामने से किसी लड़की की आवाज आई मैंने उसे कहां आप कौन बोल रहे हैं। वह कहने लगी मैं विजय की बहन पायल बोल रही हूं मैंने पायल से कहा मुझे विजय से बात करनी थी तो पायल कहने लगी यह नंबर तो भैया ने मुझे दे दिया है और अब यह नंबर मेरे पास है। मैं आपको भैया का दूसरा नंबर दे देती हूं लेकिन अभी वह शायद आपसे बात नहीं कर पाएंगे क्योंकि आज उनके ऑफिस में कुछ जरूरी मीटिंग थी इसलिए उन्होंने आज मुझे भी फोन करने से मना किया था।
antarvasna अपनी पत्नी के तानों से परेशान होकर उसे फिल्म ले जाने का वादा मुझे पूरा करना ही पड़ा काफी समय से वह मुझसे कह रही थी कि तुम मुझे मूवी दिखाने के लिए ले चलो। उसके पसंदीदा हीरो की फिल्म जो लगी थी और वह चाहती थी कि वह रिलीज के पहले ही दिन अपने पसंदीदा हीरो की पिक्चर देखने के लिए जाए लेकिन मैं उसे कई दिनों से टालने की कोशिश कर रहा था क्योंकि मुझे फिल्मों में बिल्कुल भी रुचि नहीं है। वह हो एक दिन मुझ पर बहुत गुस्सा हो गयी और कहने लगी आपको आज मुझे पिक्चर दिखाने के लिए लेकर जाना ही पड़ेगा। मैं भी उसे मना ना कर सका और आखिरकार उसकी बात को मुझे मानना ही पड़ा क्योंकि वह मुझसे बहुत गुस्सा हो गई थी।
मुझसे ये देख कर रह ही नहीं गया और मैंने अगले ही पल पूजा की चुत चाटना शुरू कर दिया. उसने मेरी जीभ का अहसास पाते ही एक मदभरी सीत्कार भरी और अपनी टांगें खोल दीं.
हम दोनों ने रास्ते में ही खाना खा लिया था. उसने रास्ते में अपनी बाइक रोकी तो मैंने पूछ लिया कि आपने बाइक क्यों रोक ली?