मैंने उसकी पैंटी को उसकी चूत से अलग कर दिया. भाभी की चूत एकदम चिकनी और बला की खूबसूरत थी. चूत पर एक भी बाल नहीं था. भाभी की गोरी-गोरी जाँघों में उसकी चूत फड़क रही थी.
बड़ा ही मस्त नज़ारा था वो!
अब वो बिस्तर पर पूरी नंगी पड़ी थी. मैंने भी अपनी टी-शर्ट उतार दी थी. अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे. मैं भाभी की चूत को चाटने लगा.
भाभी ने भी मेरा सर अपनी चूत में दबा दिया और कहने लगी- ह्म्म्म चाट … इसे चाट … ह्म्म्म्म मम्म … और जोर से … फाड़ दे आज … अपनी भाभी की चूत..
मैं भी मज़े से चूत चाट रहा था.
भाभी ने मचलते हुए अपनी पूरी टांगें पसार दीं और कहने लगी- प्लीज़ … चाट और जोर-जोर से चाट ना..
मैं भी उसकी रोटी की तरह फूली चूत चाटता जा रहा था और साथ में उसके मम्मों को भी दबाए जा रहा था.
‘हम्म्म … चाट … मैं आने वाली हूँ राहुल … आज मेरी चूत का भोसड़ा बना दे … फाड़ दे इसे … चूस जा राहुल … आज इसका सारा रस पी जा … सारा रस इस निगोड़ी चूत का … आअह ह्हह … हम्मम्म म्मम … आई … मर्रर्र … गईईई मैं आ … रहीई … हूँ … ओह्ह्ह … ह्म्म्म्म … और तेज चाट..’
भाभी ने मेरा सर पकड़ा और चूत में गड़ाने लगी- उम्मम अअअअअ
भाभी झड़ने लगी. बहुत ही गजब का स्वाद था चूत का.
कुछ देर बाद भाभी मेरे लंड को सहलाने लगी और हम दोनों हम दोनों 69 अवस्था में आ गए. मैं भाभी की चूत चाटने लगा. भाभी मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी. मैं लंड चुसाने के साथ ही भाभी के मम्मों को दबाए जा रहा था.
थोड़ी देर बाद मैंने अपनी जीभ भाभी की चूत के सुराख पर रखकर उसको जीभ से चोदने लगा.
‘उह्ह … ह्म्म्म आअह ह्हह … हम्म्म म्मम … आई … मर्रर्र … गईईई मैं आ … रहीई … हूँ … ओह्ह्ह … ह्म्म्म्म … और … उह्ह … ह्म्म्म्म … अब और मत तड़पाओ राहुल. … और अपना लंड डाल दो ना.’
मैंने भी देर ना करते हुए भाभी की दोनों टाँगों को अपने कधों पर रखा और अपना लंड चूत के मुँह पर लगाकर एक जोरदार धक्का दे मारा. मेरा आधा लंड भाभी की चूत की गहराइयों में उतरता चला गया.
भाभी के मुँह से दबी सी आवाज निकली- आआ … आह्ह्ह ह्ह्ह्ह … उईईई माँआअ … मरर गई.
मैंने फिर अपना लंड बाहर निकाला और पूरी ताकत से दूसरा झटका मार दिया. लंड ‘फच्छ..’ की आवाज करते हुए पूरा चूत में समा गया. उसके मुँह से एक हल्की सी चीख निकल गई, उसने कहा- ऊई … आह … धीरे-धीरे करो … दर्द हो रहा है … क्योंकि तुम्हारा लंड तुम्हारे भाई के लंड से बहुत मोटा है.
अब मैं धीरे-धीरे अपने लंड को चूत में अन्दर-बाहर करने लगा. उसको मज़ा आने लगा था.
थोड़ी देर बाद उसने कहा- ज़ोर-ज़ोर से करो … बहुत मज़ा आ रहा है … आहह … आहह … उम्म्ह … ह्म्म्म्म … आआह्ह ह्हहह्ह … फाड़ दो आअज … मेरी चूत को … उफ्फ्फ़ … ह्म्म्म जोर से … तेज्ज … मज़ा आ रहा है.
‘ले भाभी … ले … मेरी जान..’
भाभी अपने चूतड़ों को उछाल-उछाल कर चुत चुदवा रही थी … उसको भी इस चुदाई का बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर मैंने थोड़ा स्पीड को बढ़ाया, तो उसके कंठ से आवाज निकलने लगी- आअहह आअन्न राहुल चोद दो … और तेज चोद दो.
इस दौरान वो एक बार झड़ चुकी थी, उसको फिर से मज़ा आने लगा था.
कुछ देर में ही भाभी कहने लगी- मैं आ रही हूँ … आह्ह … उफ़्फ़्फ़ … और जोर से … आआअ रही हूँ … मैं झड़ने वाली हूँ.
मैंने भी कहा कि मैं भी झड़ने वाला हूँ … किधर निकालूं?
उसने कहा- आह … पूछ क्या रहा है … रस डाल दे अन्दर … तेरा पूरा रस मेरी चुत का ठंडक देगा … आह … अन्दर ही डाल दे … इसी लिए तो तड़फ रही थी राहुल.
मैंने ये सुनते ही अपनी स्पीड थोड़ी और बढ़ाई और दो मिनट में ही मैं उसकी चुत में झड़ गया.
वाहह … लंड का झरना क्या बहा … आराम मिल गया.
भाभी मुस्कराती हुई बोली- राहुल आज तुमने मेरी कई सालों की प्यास बुझा दी.
भाभी को किस करते हुए कहा- अब तो रोज ऐसे ही मजा दिया करूँगा..
हम दोनों काफी थक गए थे. फिर हम दोनों वैसे ही थोड़ी देर के लिए लेट गए.
सुबह हमारी आंख 6 बजे खुली और मेरा लंड खड़ा था. मैंने भाभी की गांड पर हाथ मारते हुए उठाया.
भाभी- राहुल जान अब क्या इरादा है.
मैं- कोमल जान तुम्हारी गांड.
भाभी ने एक बार मेरे लंड की तरफ देखा और बोली- इसका तो उद्घाटन समारोह होगा.
वो समारोह कैसे हुआ, ये अगले भाग में लिखूंगा कि आगे क्या हुआ. आपको मेरी पड़ोसन कोमल भाभी की चुदाई की कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करके जरूर बताएं.