भाभी की चूत का भोसड़ा बनाया-2
मैं भाभी की चूत में उंगली डालकर चूची मसल रहा था। तभी उनके बेटे की आवाज आई और मेरा खेल बिगड़ गया। उसके बाद मैंने भाभी की चूत चुदाई कैसे की?
मैं भाभी की चूत में उंगली डालकर चूची मसल रहा था। तभी उनके बेटे की आवाज आई और मेरा खेल बिगड़ गया। उसके बाद मैंने भाभी की चूत चुदाई कैसे की?
मैं उनके ऊपर चढ़ गया और अपना लौड़ा उनकी चुत के अन्दर डाल दिया और धीरे धीरे हिलाने लगा.
Kamukta, मैं उम्र के 63 वर्ष में प्रवेश कर चुका था मुझे रिटायर हुए अभी 3 वर्ष ही हुए थे रिटायर होने के बाद मैं अपनी पत्नी हेमा के साथ अपने घर पर कुछ फुर्सत के पल बिताया करता क्योंकि हम दोनों को एक दूसरे के लिए कभी समय ही नहीं मिल पाया। जब मेरी हेमा से शादी हुई थी उस वक्त मेरी उम्र 21 वर्ष थी और हेमा की उम्र 20 वर्ष थी हेमा मुझसे 1 वर्ष छोटी थी। जब हम दोनों की शादी हो गई तो उसके बाद हेमा ने सारी जिम्मेदारियों को अपने कंधों पर ले लिया कई बार वह मेरी मां की डांट भी खाया करती थी। उस वक्त हेमा समझदार ना थी और कहीं ना कहीं उसके अंदर बचपना तो था ही हेमा मुझे हमेशा कहती की आप घर का कितना ख्याल रखते हैं। घर में मैं ही एकलौता था इसलिए सारा दारोमदार मेरे ऊपर ही था मेरे पिताजी की मृत्यु बहुत ही जल्द हो गई थी।
मेरा नाम नेहा है. मैं अपनी सहेली के पति से अपनी चुदाई की कहानी आपको बताने जा रही हूँ. मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी कहानी पसंद आएगी.
सही मौका देख कर मैं भी निशा के पास पहुंच गया. शायद उसको भी पूरा यकीन था कि मैं जरूर आऊंगा. उसके करीब काफी जगह थी. मैं जाकर उसकी कमर के पास बैठ गया. मैंने देखा कि उसकी साड़ी घुटने तक ऊपर उठ गयी थी.
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम राज है. मैं गुजरात में भावनगर से हूँ. हालांकि अब मैं सूरत में रहता हूँ.
हम थोड़ी देर और चुंबन और मसाज़ का खेल खेलते रहे. फिर मैं दीदी के पज़ामे के नाड़े को खोल ही रहा था कि दीदी ने मना कर दिया.
जब शादी में पहुँचा तो माँ अभी तक मार्किट से नहीं आई थी। मैंने मम्मी को फ़ोन किया तो उन्होंने बताया कि मेरी किसी दूर की बुआ के साथ अभी भी मार्किट में है, आधा घंटा लगेगा अभी।
Chut chudai ki khani married ladki ki. फेसबुक पर एक लड़की से दोस्ती हुई. जब मैं उससे मिला तो वो शादीशुदा थी. उस लड़की की चूत चुदाई की कहानी का मजा लें.
मैंने देखा, तो आंधी की वजह से लाइट चली गई थी. रूम में अंधेरा हो गया था. बस बिज़ली की चमक ही अन्दर आ रही थी, जिससे कभी कभी थोड़ी रोशनी हो जाती थी.
मेरी शादी की रात सारी रस्में खत्म होने के बाद मेरी ननद मुझे एक कमरे में ले कर गई.. जो पहले से फूलों और दूसरी सजावटी चीजों से सजा हुआ था, साथ ही उस कमरे में से एक अलग ही खुशबू आ रही थी।
मैंने तब तक सेक्स नहीं किया था. एक दिन घर में ऐसी घटना हुई कि मुझे चूत की मजेदार चुदाई का मौक़ा मिला. मगर ये चूत किसी और की नहीं बल्कि मेरी विधवा ताई की थी.
मेरा नाम मोंटू है. फेसबुक पर सब मुझे आशीष के नाम से भी जानते हैं. मेरी उम्र 19 साल की है. यह मेरी पहली गांड की चुदाई सेक्स स्टोरी है, जो मैं आज आप सभी के साथ साझा कर रहा हूँ.
मैंने भाभी से वैसे ही झूठ कह दिया जबकि मैं अपने ब्वॉय फ्रेंड से कई बार चुदवा चुकी थी.
मां ने ब्रा पैंटी पहन ली और हाइ हील पहन ली. मैंने मां को कह दिया कि सुबह के लिए पैकिंग भी अभी करनी होगी. सुबह हमें जल्दी निकलना है. 10 बजे सुबह की फ्लाइट है. पैकिंग करने में ही हम दोनों को दस बज गये.
मैंने अब उसकी चूत पर अपना हाथ रखा और सहलाने लगा तो वो एकदम से सिहर उठी और अपनी टांगें भींच दी। मैं उसे किस करता रहा और धीरे-धीरे उसकी चूत को मसलता रहा। अब उसने अपनी टांगें खोल दीं और मजा लेने लगी। अब मैं धीरे-धीरे नीचे की तरफ बढ़ने लगा। उसके बूब्स को किस किया और चूसने लगा और धीरे-धीरे पेट से किस करते हुए बहन की चूत तक पहुंच गया। उसकी सिसकारियां अब बहुत तेज हो गई थीं।
अगली सुबह ताई मेरे साथ बिस्तर पर नंगी सो रही थी. मैंने उनकी चूचियों को छेड़ा तो वो जाग गयी. मेरा लंड टनटना रहा था.
Hindi chudai kahani मैं अपने गांव में खेती का काम किया करता था मैंने शादी की थी लेकिन मेरी पत्नी मुझे छोड़ कर चली गई और उसके बाद मैंने कभी भी अपने मन में शादी का ख्याल नहीं आने दिया। मैं उस रात अपने खेतों में बैठकर अपने खेत की रखवाली कर रहा था तभी मुझे कुछ छूट की आवाज सुनाई दी। अंधेरा काफी ज्यादा था इसलिए आगे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था मेरे हाथ में एक बड़ा सा डंडा था मैं जब उसी को लेकर आगे बढ़ा तो मुझे वहां कोई दिखाई नहीं दिया लेकिन झाड़ी में मुझे कुछ हलचल सी होती दिखाई दी। मेरे हाथ में टॉर्च थी टॉर्च जलाते हुए मैंने जब उस तरफ देखा तो मेरी आंखें फटी की फटी रह गई मेरे सामने छोटी सी बच्ची थी मुझे समझ नहीं आया कि आखिरकार यह किसने किया होगा। मैंने उस बच्ची को अपनी गोद में उठाया मुझे ऐसा आभास हुआ कि जैसे वह मेरा ही कोई हो और मैंने उसे अपने पास ही रखने का फैसला कर लिया।
जब वह सुनीता के साथ रहने लगे तो पिताजी इस बात से बहुत दुखी हुए उन्हें इस बात का बहुत गहरा सदमा लगा जिससे कि उनकी तबीयत पर भी असर पड़ने लगा उनका स्वास्थ्य भी खराब रहने लगा था। वह काफी बीमार भी रहने लगे मैंने उनकी काफी देखभाल की रोहित मुझे मानसिक रुप से हमेशा ही सपोर्ट किया करता और कहता तुम हार मत मानो सब कुछ ठीक हो जाएगा। रोहित के इतने कहने से मुझे भी एक ताकत मिलती और पिताजी की तबीयत में भी सुधार होने लगा था। भैया तो घर से जा चुके थे हमारे परिवार में सिर्फ 3 लोग ही रह गए थे मम्मी भी इस बात से काफी दुखी रहती थी लेकिन मम्मी अपने दुख को किसी के सामने बयां नहीं कर पाती थी लेकिन वह ना चाहते हुए भी कभी ना कभी कह ही देती थी मोहन ने बहुत गलत किया। मेरे और रोहित के बीच सब कुछ ठीक था हम दोनों एक दूसरे से बात किया करते लेकिन मेरे पिताजी अब तक हम दोनों के रिश्ते को मान नहीं पाए थे उन्होंने अपनी स्वीकार्यता हमें नहीं दी थी। हम दोनों को रिलेशन को काफी समय हो चुका था एक दिन रोहित ने मुझसे मिलने की इच्छा जाहिर की। हम लोग अक्सर मिला करते थे लेकिन उस दिन ना जाने हम दोनों के दिल मे ऐसा क्या चल रहा था जिससे कि मेरे और रोहित के में उत्सुकता पैदा होने लगी। मैं रोहित के प्रति खिची चली गई रोहित को मैं अपना तन बदन सौंपना चाहती थी। उस दिन हम दोनों ने साथ में जाने का फैसला किया रोहित और मैं कार से रोहित के घर गए। जब हम लोग रोहित के घर पहुंचे तो वहां पर उसकी मम्मी बैठी हुई थी उसकी मम्मी को हम दोनों से कोई आपत्ति नहीं थी।
फिर आखिर एक दिन वो मौका आ ही गया. मॉम डैड कोई काम से गांव गए थे और भाई अपने दोस्तों के साथ घूमने और फ़िल्म देखने गए थे. दोपहर के 2 बजे थे, पूरा घर सूना था. सब अपने अपने घर में सोये हुए थे. मैं भी टीवी देख रहा था.
फिर मैंने अपने लंड को हाथ से पकड़ कर आतिशा की चुत के ऊपर सैट किया और सुपारे को चूत की फांकों में फंसा कर अन्दर पेल दिया. उसकी हल्की सी आह निकली लेकिन मैं रुका नहीं और इसके बाद मैंने अपने लंड को उसकी चुत में एक हल्के से झटके के साथ अपनी कमर को हिलाया. मेरे ऐसा करने पर वो जोर से चिल्ला दी.
दोस्तो, मैं जो कहानी आप लोगों को सुनाने जा रहा हूँ वह आपको जरूर पसंद आएगी. यह कहानी मेरी अपनी कहानी है.
एनकाउंटर वित सिस: फर्स्ट फक ये कहानी मेरी और मेरी चाची की लड़की स्वीटी के बारे मे है. चाचा की 3 साल पहले ही डेत हुई है तो. हम ही उनका घर चलाते है. स्वीटी दिखने मे फेर है. उसके लंबे घने बाल कमर तक आते है. उसका फिगर 36 30 37 है. अभी वो 23 ईयर्स की है. और मैं 24. मैं एवरेज गाइ हू. 7इंच लंबा लंड. फेर. इतना स्टोरी के लिए काफ़ी है. ये बात पिछले गर्मियो की है. मे2014 हम सब स्वीटी के घर हॉलिडेज़ के लिए गये. घर मे जाते ही उसने मुझे गले लगाया. वैसे तो हम हमेशा वॉट’स अप और एसएमएस पे चॅट करते थे पर सामने मिलने से हम काफ़ी एग्ज़ाइटेड थे. पहले दिन रात को मैं अकेला ही छत पे सोया था. और सब नीचे कमरे मे सोए थे.
मेघा कहने लगी ठीक है लेकिन हम लोग आज शाम को मिलते हैं मैं और मेघा मॉल में ही मिले और हम लोग उनके स्टाफ की कैंटीन में ही बैठे हुए थे। हम दोनों आपस में बात कर रहे थे मैंने मेघा को समझाया और कहां देखो मेघा मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं और मैं नहीं चाहता कि कभी भी हमारे बीच में झगड़े हो लेकिन तुम्हें भी कुछ चीजों को समझना पड़ेगा। उस दिन मैं वाकई में अपने ऑफिस के काम के सिलसिले में बिजी था इसलिए मैं आ नहीं पाया लेकिन इसका यह मतलब तो नहीं है कि तुम छोटी छोटी चीजों को बड़ा बना दो जिस वजह से हम दोनों के बीच में झगड़े हो इसलिए तुम्हें भी कहीं ना कहीं समझना ही पड़ेगा। मेघा मुझे कहने लगी ठीक है मैं कोशिश करूंगी लेकिन तुम भी तो मेरी बातों को समझ सकते हो और मुझसे प्यार से बात कर सकते हो उस दिन तुमने मुझसे बहुत ही गुस्से में बात की तो मुझे भी बहुत बुरा लगा इसलिए मुझे भी बहुत गुस्सा आया और इसी वजह से मैंने तुमसे बात नहीं की। मैंने मेघा को समझाया और कहा ठीक है आज के बाद ना ही तुम कभी किसी चीज को लेकर मुझ से जिद करोगी और ना ही मैं तुम्हारी बात को टालूंगा। अब हम दोनों के बीच इस बात को लेकर सहमति बन चुकी थी कि हम दोनों एक दूसरे को समझेंगे और उसके बाद हम दोनों एक दूसरे को अच्छे से समझने लगे और हम दोनों के बीच प्यार और ज्यादा मजबूत हो गया। एक दिन भाभी ने मुझसे और मेघा से पूछा तुम दोनों शादी के बारे में सोचोगे या फिर सिर्फ एक दूसरे के साथ बातें करते रहोगे मैंने भाभी से कहा देखते हैं भाभी अभी तो इस बारे में फिलहाल सोचा नहीं है।
अब मीनाक्षी भी ठीक होने लगी थी और मीनाक्षी ने एक प्राइवेट स्कूल जॉइन कर लिया था वहां पर वह पढाया करती थी। अजय का फिर उसके बाद कुछ मालूम नहीं पड़ा कि वह कहां चला गया अजय कभी घर नहीं लौटा और ना जाने वह कहां था उसकी वजह से मीनाक्षी को बहुत तकलीफ झेलनी पडी। उसके परिवार को भी अजय की वजह से बहुत ही समस्याओं का सामना करना पड़ा परंतु अब सब कुछ धीरे-धीरे ठीक होने लगा था मीनाक्षी भी अपने काम में बिजी रहने लगी थी और राकेश ने भी प्रॉपर्टी का काम शुरू कर दिया है उसका काम भी अच्छा चलने लगा है। राकेश के पिताजी भी अब सब चीजों को भुलाने की कोशिश करने लगे हैं और उन्होंने अब आगे जिंदगी में बढ़ने का फैसला कर लिया है उन्हें अब मीनाक्षी से कोई तकलीफ नहीं है। अजय की वजह से जो तकलीफ राकेश के परिवार को झेलनी पडी वह कहीं ना कहीं उनके दिल में अभी तक थी, राकेश और मैं हर रोज मिला करते है वह हमेशा यही कहता है कि मुझे मीनाक्षी की बहुत चिंता होती है। मैं हमेशा राकेश को समझाता हूं और कहता हूं कि अब तुम उसकी चिंता मत किया करो सब कुछ ठीक हो चुका है। मीनाक्षी के दिल की फीलिंग को कोई नहीं समझ पाया था वह बहुत अकेला महसूस करती थी मीनाक्षी से मैं जब भी बात करता तो उसे मुझसे बात करना अच्छा लगता और वह मुझसे बात किया करती थी। मुझे नहीं मालूम था कि मीनाक्षी और मेरे बीच में एक दिन सेक्स हो जाएगा मैं एक दिन राकेश से मिलने के लिए घर पर गया तो राकेश और उसके माता पिता कहीं गए हुए थे उस दिन मीनाक्षी घर पर ही थी।