मैं उनके ऊपर चढ़ गया और अपना लौड़ा उनकी चुत के अन्दर डाल दिया और धीरे धीरे हिलाने लगा.
पता नहीं मैडम को क्या हुआ, उन्होंने मेरी कमर पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और मैं उनके ऊपर गिर गया. उन्होंने एकदम से मुझे पलट कर अपने नीचे कर दिया. पहले तो मुझे लगा कि मैं नीचे गिर जाऊंगा, पर सोफ़ा काफी बड़ा था, तो मैं आराम से मैडम के नीचे आ गया.
मैडम मेरे ऊपर चढ़ गई थीं. इस प्रक्रिया में मेरा लौड़ा चुत के अन्दर ही घुसा रहा था. फिर मैडम ने लंड चुत में एडजस्ट किया और अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया. वो तेजी से धक्के लगाने लगीं.
मुझे बड़ा मजा आने लगा था. साला बिना मेहनत के चुत चुद रही थी. कुछ देर बाद मैडम मेरे लंड पर पूरी तरह से बैठ गईं और अब जो उन्होंने लंड पर कूदना शुरू किया तो मैडम ने तो समझो पूरा सोफ़ा ही हिला डाला. मेरे लंड ने भी उनका साथ दिया और उछलती चुत में अड़ा रहा.
फिर मैडम एक लम्बी चुदाई के बाद झड़ गईं और मैं भी उनके बाद ज्यादा देर नहीं टिक सका.
चुदाई के बाद मैंने उठ कर अपने कपड़े पहने और अपने बाहर वाले गार्ड रूम में आ गया.
मैं सुबह तक मस्ती से सोया. सुबह जब मैं उठा, तो घर के बाकी नौकर भी आ गए थे. मेरा वो दोस्त भी आ गया था.
उसने मेरा खिला हुआ चेहरा देखा, तो उसने मुझसे रात के बारे में पूछा. मैंने उसे आंख मार दी और वो समझ गया कि मेरे लंड ने मैडम की चुत के दरिया की डुबकी लगा ली है.
कुछ देर बाद मेरी ड्यूटी खत्म होने का टाइम हो गया और मैं घर चला गया.
पूरा दिन ऐसे ही बीत गया. रात को 8 बजे मैं फिर से ड्यूटी पर गया, तो मुझे पता चला कि घर में कोई नहीं है. मैंने सोचा आज फिर मैडम की चूत बजाने का मौका मिलेगा. मैं मैडम के मोटे चूचे और मोटी गांड की कल्पना में डूब गया.
रात में कल के जैसे कोई 11 बजे मालिक की गाड़ी आ गई. मैंने गेट खोला, तो मैडम ने मुझसे कहा- अभि, तुम गेट लॉक करके अन्दर आ जाना.
मैंने गेट बंद किया और वापस मुड़ कर देखा. आज मालिक अपने आप उतर कर जा रहे थे, ये देख कर मेरा मूड खराब हो गया और खड़ा लौड़ा सो गया.
फिर भी मैं हिम्मत करके अन्दर गया, तो मैडम ने कहा- अभि, आज हम तीनों साथ में करेंगे.
मेरी गांड फट गई कि आज नौकरी गई.
लेकिन मालिक ने मुस्कुराते हुए उनका साथ दिया . तो मुझे राहत की सांस आई.
मालिक ने कमरे में आने का इशारा किया, तो मैं उन दोनों के पीछे पीछे कमरे में घुस गया.
मालिक ने अपने कपड़े उतार दिए और अपने लौड़े को हाथ में पकड़ कर हिलाने लगे. मैडम ने भी अपने कपड़े उतार दिए. मैंने भी अपनी वर्दी उतार दी और मैडम ने मेरा लंड पकड़ लिया और बैठ कर चूसने लगीं. मैंने देखा साहब का लंड मुझसे काफी छोटा था.
मैंने पूछा- मैडम मालिक का लंड तो काफी छोटा है.
मैडम बोलीं- हां, इनका तो अन्दर ही नहीं जाता.
मैं चुप हो गया.
मैडम बोलीं- अभि, आज तुम ऊपर लेट कर करो.
नंगी मैडम बेड पर चित लेट गईं. मैं मैडम के ऊपर चढ़ गया और अपना लौड़ा मैडम की चुत के अन्दर डाल कर धक्के लगाने शुरू कर दिए.
तभी मालिक ने मेरे पीछे आ कर मेरी गांड में अपना लौड़ा घुसा दिया. मैं एकदम से कलप गया और रुक गया.
मैडम ने मेरी हालत समझी और मेरी कमर पकड़ कर खुद नीचे से धक्के लगाने लगीं.
उधर पीछे से मालिक मेरी गांड में धक्के लगा रहे थे.
मैडम बोलीं- अभि डरो मत . वो दो मिनट में झड़ जाएंगे.
मालिक मेरे ऊपर लेट से गए और तेज तेज धक्के लगाने लगे. नीचे से मैडम हिलती रहीं. मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था . पर इस सैंडविच चुदाई में मज़ा आ रहा था. कुछ देर बाद मालिक ने अपना पानी मेरे गांड में निकाल दिया और मेरे ऊपर गिर गए.
तभी मैडम बोलीं- जल्दी उठो यार . तुम तो झड़ गए . अब हम दोनों को तो करने दो.
मालिक तुरंत हाफते हुए उठ कर बेड पर लेट गए. मैंने मैडम की चुदाई फिर से शुरू कर दी. वो बड़ी मस्त आवाज निकाल कर चुदवा रही थीं. मैं भी पूरे जोश में उनको चोद रहा था.
फिर मैंने अपना पानी मैडम के अन्दर निकाल दिया. उसी समय मैडम भी झड़ कर मुझसे चिपक गईं.
अब मैं खड़ा होकर अपनी गांड को हाथ से देखने लगा.
मैडम हंस कर बोलीं- अभि अभी रुक जाओ . मैं टिशू पेपर से साफ कर देती हूं. इनका तुम्हारी तरह अन्दर तक नहीं जाएगा.
फिर मैडम ने अपनी चूत और मेरी गांड दोनों साफ कर दिया.
अब मैडम और मालिक के साथ ये बीच वाला सेक्स हफ्ते में दो तीन बार हो ही जाता है. बाद में मुझे मैडम ने बताया कि वे मेरे वीर्य से पेट से हो गई हैं.
मैंने उनकी तरफ हैरानी से देखा तो बोलीं- बस मुझे तुम पसंद आ गए थे. इसलिए ये बच्चा तुम्हारा ही है. यदि लड़का हुआ तो इसका नाम भी अभिषेक ही रखूंगी.
मैं खुश हो गया. मैडम भी मुझसे खुश थीं. मैं उनकी खूब सेवा करता था. अब तो मैं मैडम के बगल वाले कमरे में ही रहने लगा था.
दोस्तो, कैसी लगी मेरी चुदाई की कहानी . मुझे मेल करके जरूरी बताना.
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लेखक की पिछली कहानी: ट्यूशन टीचर के घर स्टूडेंट की चुदाई