फिर आखिर एक दिन वो मौका आ ही गया. मॉम डैड कोई काम से गांव गए थे और भाई अपने दोस्तों के साथ घूमने और फ़िल्म देखने गए थे. दोपहर के 2 बजे थे, पूरा घर सूना था. सब अपने अपने घर में सोये हुए थे. मैं भी टीवी देख रहा था.
तभी अचानक भाभी की आवाज़ आयी- राज खाना खा लिया तुमने?
मैंने उठ कर पीछे देखा, तो भावना भाभी ब्लू साडी में खड़ी थी. माय गॉड … कसम से क्या माल लग रही थी वो … मैं उसे नीचे से लेकर ऊपर तक देखता ही रहा गया. मेरे मन में ख्याल आया कि आज ये चोदने मिल जाए, तो मज़ा आ जाए.
मैंने कहा- हाँ भाभी, मॉम थेपले बना कर गई थी, तो चाय मैंने बना कर चाय और थेपले खा लिए.
भाभी ने कहा- ठीक है.
वो मुझे स्माईल देने लगी.
फिर भाभी ने कहा- अशोक भी घर में नहीं है, लालू भी सो रहा है और मैं बोर हो रही थी. एक काम करो ना, तुम मेरे घर पे आओ न … वहीं साथ में बात करते करते टीवी देखेंगे. तो मैं भी बोर नहीं होऊंगी.
उसके ऑफर से मेरे मन में तो लड़डू फूटने चालू हो गए थे. क्या मौका था, आज तो ये मौका किसी भी हाल में छूटना नहीं चाहिए.
मैंने कहा- ठीक है आप चलो, मैं फ़्रेश हो कर आता हूं.
मैंने फटाफट हाथ मुँह धोया, डियो लगाया और भाभी के घर सा गया. वो बेड पे लेटी थी और उसकी नाभि दिख रही थी खुला पेट दिख रहा था. मेरा लंड दरवाजे पे ही चड्डी से बाहर निकलने को हो गया था, इतना टाइट हो गया था.
भाभी ने कहा- आओ बैठो.
मैं उसके पास जा कर बैठ गया.
भाभी ने पूछा- पानी पिओगे.
मैंने कहा- नहीं भाभी.
भाभी ने कहा- क्या देखना है तुम्हें टीवी में?
मैंने कहा- आपको जो अच्छा लगे.
मेरी हालत टाइट थी, लंड काबू में नहीं था.
भाभी ने बेंगा ब्वॉय्स इंग्लिश गाना लगा लिया. उसमें सब लड़कियां ब्रा पेंटी में थीं. भाभी उसे देखते हुए मेरे सामने देख कर हंसने लगी.
फिर भाभी ने कहा- आराम से बैठो और टीवी देखो.
मैं कुछ नहीं बोल रहा था, मेरे मन में एक ही बात चल रही थी कि इसे कैसे चोदूं … कैसे चोदूं.
तभी भाभी ने पूछा- उस दिन क्या कर रहे थे?
मैं कुछ नहीं बोला.
भाभी ने अपना हाथ मेरे लंड पे रख दिया और कहा- दिखाओ … मैं भी तो देखूँ, हाथ से कैसे करते हैं.
भाभी के हाथ के स्पर्श से मेरी हिम्मत जग गई और मैंने भाभी के चुचों पे हाथ रख दिया.
‘हईई ईईई…’
क्या करंट लगा था मेरी पूरी बॉडी में.. मेरा पूरा शरीर झनझना गया था.
भाभी ने मुझे अपनी ओर खींच लिया. अब मैं अपने दोनों हाथों से उसके मम्मे दबा रहा था. भाभी भी मेरे लंड को ऊपर से हल्का हल्का सहला रही थी और मादक सिसकारियां ले रही थी- ऑईईई …
तभी भाभी बोली- पहले दरवाजे को कड़ी लगा दो.
मैंने जाकर कड़ी लगाई और सीधा भाभी ऊपर चढ़ गया. मैंने उनके होंठों को अपने होंठों से लगा लिया और चूसने लगा. भाभी ने साथ देते हुए मेरी टी-शर्ट को निकाल दिया. मैंने भी उनकी साड़ी का पल्लू हटा दिया और जोर जोर से उसके होंठों को चूसने लगा.
भाभी ने मेरी जीन्स की जिप खोल दी और निकाल दिया. मैंने भी भाभी के ब्लाउज़ के बटन खोल कर चुचों के दर्शन किए. भाभी ने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी. क्या चुचे थे गोल गोल … बड़े बड़े …
मैं एक को मुँह में दबा कर चूसने लगा. भाभी गर्मागर्म सिसकारियां ले कर मज़ा ले रही थीं- आह … और चूसो … ओऊऊन … और जोर से यस यस … उईईई.
भाभी के मुँह से आवाज़ निकलने लगी थी. मुझसे कन्ट्रोल नहीं हो रहा था. मैंने भाभी के पेटीकोट को ऊपर किया और उसकी पेंटी खींच कर निकाल दी. मुझे उसकी चूत के दर्शन हुए. भाभी की चूत पर हल्के हल्के से बाल थे. उसकी पिंक चूत बहुत अच्छी दिख रही थी. भाभी भी मेरा लंड अपने हाथ से सहला रही थी.
मेरा अब कन्ट्रोल खो चुका था. मैंने पहली बार चुत देखी थी. मैंने भाभी की टांगों को फैलाया और दोनों टांगों के बीच में आ गया. मैंने लंड को चुत के साथ मिला दिया.
भाभी गांड उठाते हुए बोल रही थी- आह डाल दो पूरा … मेरी चुत में आआह … फाड़ दो मेरी चुत को … आह राज प्लीज़ जल्दी डालो … आआह.
मेरी हालत भी कुछ ऐसी ही थी और एक झटके में मैंने आधा लंड पेल दिया. भाभी के मुँह से चीख निकल गई- ऊऊईई माँआआ … मर गई.
मैंने चोदना चालू कर दिया, मुझे ऐसा अहसास हो रहा था, जैसे मैंने जन्नत देख ली हो.
भाभी कमर उठा कर बोले जा रही थी- आआआह … और जोर से चोद दे … और जोर से … हईई … मजा आ गया … मेरी जान … राज लव यू … और जोर से पेल दे … यस यस आआहह.
मैंने भाभी को 15 मिनट तक चोदा. इसके बाद मेरा रस निकल गया. उधर भाभी भी शांत हो गई थी.
वो मुझे किस करके बोल रही थी- कैसा लगा मज़ा आया.
मैंने कहा- हां जानेमन.. बहुत मज़ा आया.
उस दिन हम दोनों ने 3 बार चुदाई की. इसके बाद जब भी हम दोनों को मौका मिलता था, हम चुदाई का मजा ले लेते थे.
एक साल तक हमने चोदने का बहुत मज़ा लिया, फिर वो दूसरी जगह पर शिफ्ट हो गई. वहां भी मौका मिलता, तो मैं भाभी को चोद लेता था.
तो दोस्तो, यह था मेरे जीवन का पहला सेक्स, मेरी पहली चुदाई की कहानी. आपको कैसी लगी, आप मुझे जरूर बताएं. मुझसे कहानी लिखने में कहां गलती हुई है, ये भी बताएं. आपके मेल मिलने के बाद मैं अपने जीवन की दूसरी कहानी भी आपके सामने रखना चाहूँगा.
धन्यवाद.